IPS Shivdeep Lande, Bihar, Bihar Police

बिहार कैडर के लोकप्रिय आईपीएस शिवदीप लांडे को महाराष्ट्र सरकार ने बनाया ATS का DIG

बिहार कैडर के IPS शिवदीप लांडे को प्रमोशन देते हुए महाराष्ट्र सरकार ने एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (Anti Terrorist Squad ) का डीआईजी बनाया है| आईपीएस लांडे का बिहार कैडर से संबंध के साथ उनका बिहार के साथ एक अटूट रिश्ता है| बिहार से महाराष्ट्र गये उनके 4-5 साल हो गये मगर राज्य के लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता अभी भी बनी हुई है| यही कारण है कि लांडे के प्रमोशन की खबर सुनकर बिहार में लोग खुशी जाहिर कर रहे हैं|

आपको बता दें कि शिवदीप लांडे की पहली पोस्टिंग मुंगेर जिले के नक्सल प्रभावित इलाके जमालपुर में हुई थी। बिहार में पोस्टिंग के बाद से ही वे अपने काम को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहें| कभी वे नक्सालियों के खिलाफ अभियान को लेकर चर्चा में रहे तो कभी कोयला माफियों पर करवाई को लेकर अख़बारों की शुर्खिया बने|

बिहार की राजधानी पटना के एसपी के तौर पर अपनी अनोखी कार्यशैली की वजह से शिवदीप पूरे देश में मशहूर हो गए। अपराधियों पर लगाम लगाने के साथ उन्होंने लड़कियों को छेड़ने वाले मनचलों की खूब खबर ली| यही कारण है कि बिहार के लड़कियों के बीच शिवदीप लांडे की छवि एक फिल्मी हीरो से कम नहीं है|

अपने गृह राज्य महाराष्ट्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले लांडे बिहार एसटीएफ के एएसपी के रूप में शानदार काम किया| उनके कार्यकाल के दौरान एसटीएफ ने कई कामयाब मिसन को अंजाम दिया| उन्होंने बिहार एसटीएफ को गुमनामी से निकाल कर बिहार पुलिस का एक मजबूत अंग बना दिया| हालांकि उनके जाने के साथ ही एसटीएफ की वह रौनक भी चली गयी|

ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अकोला जिले के निवासी शिवदीप वामन राव लांडे नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में एसपी के पद पर तैनात थे और इस दौरान उन्होंने नशे के सौदागरों के खिलाफ मुहिम चलाकर कई सफल आपरेशन को अंजाम दिया था| इस दौरान करोड़ों का मादक पदार्थ पकड़कर एक रिकॉर्ड भी बनाया| वर्तमान में वह हैदराबाद में 1 महीने की ट्रेनिंग ले रहे हैं| 9 अक्टूबर को ट्रेनिंग खत्म होने के बाद वह नए पद पर योगदान देंगे|

अपने जन्मदिन पर मशहूर आईपीएस शिवदीप लांडे ने बिहार को किया याद, हुए भावुक

सही कहा गया है कि अच्छे लोगों को लोग कभी नहीं भूलते| उन्ही में से एक है बिहार कैडर के सबसे मशहूर और देश के सबसे इमानदार अफसरों में से एक आईपीएस शिवदीप लांडे| शिवदीप लांडे का एक साल पहले बिहार से महाराष्ट्र ट्रान्सफर हो गया चुका है मगर बिहार में आज भी लोग उनको याद करते हैं और उनकी मिशाल देते हैं| अभी शिवदीप लांडे मुम्बई के ऐंटि नार्कोटिक सेल के डिप्टी कमिश्नर हैं और आज उनका जन्मदिन है|

वह अभी मुंबई में हैं मगर आज उनके जन्मदिन पर पुरे बिहार से लोग उनको शुभकामना सन्देश भेज रहें हैं| सोशल मीडिया पर लाखों लोग उनको जन्मदिन की बधाई दे रहें हैं| बिहार से दूर जानें के बाद भी लोगों का यह प्यार देख खुद शिवदीप लांडे भावुक हो गएँ और “अपना बिहार” से खास बातचीत में उन्होंने बिहार के लोगों को धन्यवाद दिया और कहा –

वैसे मैं बचपन से ही अपना जन्मदिन नहीं मनाया है और न मानता हूँ मगर आज ढेर सारे लोगों का शुभकामना सन्देश मिल रहें हैं। एक साल पहले मेरा ट्रान्सफर बिहार से महाराष्ट्र हो गया मगर फिर भी बिहार से इतनी संख्या में लोगों का शुभकामना सन्देश देख लग रहा है जैसे मैं आज भी पटना में हूँ| बिहार के लोगों को इस प्यार के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद| बिहार मेरी कर्मभूमि रही है और मेरी हर सांस के साथ बिहार की यादें हमेशा जुड़ी रहेंगी|

शिवदीप लांडे को देखने के लिए लगी भीड़

गौरतलब है कि शिवदीप लांडे हमेशा अपने इमानदारी और बहादुरी के लिए पुरे देश में जानें जाते हैं। बिहार में रहते हुए उन्होंने कई एसा बहादुरी वाला काम किया है जिसे लोग आज भी याद करतें हैं| यही नहीं बिहार से जानें के बाद महाराष्ट्र में भी उन्होंने अपना यह काम जारी रखा है| बिहार में खनन माफिया के बाद उन्होंने मुंबई में ड्रग माफिया का जीना हराम कर दिया है और आय दिन उनकें कारनामें अखबारों की सुर्खियाँ बनती रहतीं हैं| लांडे ने दुसरे पुलिस अफसरों के लिए भी एक मिशाल कायम कर दिया है।

भले आज लांडे मुंबई में हैं मगर अभी भी लोगों को पूरी उम्मीद है कि 3 साल पुरे होनें के बाद बिहार का सिंघम फिर लौटेगा अपने कर्मभूमि बिहार|

बिहार के बाद महाराष्ट्र में भी प्रसि़द्ध आईपीएस शिवदीप लांडे का हो रहा चर्चा

बिहार कैडर के प्रसिद्ध आईपीएस शिवदीप लांडे बिहार के बाद महाराष्ट्र में भी अपने अनोखे अंदाज के लिए चर्चा में है ।

जिस देश में एक साधारण दरोगा भी सार्वजनिक परिवहन के साधनों का उपयोग करना अपने शान के खिलाफ समझते हैं वहीं आईपीएस शिवदीप लांडे आज कल मुंबई की लाईफ लाईन माने जाने वाली लोकल ट्रेन से आम लोगों के तरह सफर कर रहे है। हाल ही में उन्होंने अपने अधिकारिक फेसबुक एकाउंट पर एक सेल्फी पोस्ट किया है।

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फोटो में आप देख सकते है शिवदीप लांडे आम लोगों के साथ खचाखच भरे ट्रेन के बोगी में सफर कर रहे है। शिवदीप लांडे खुद बहुत गरीबी से आए हुए है और वें न सिर्फ आम लोगों के दुख-दर्द और परेशानियों को समझते है बल्कि उनको उसका अनुभव भी है और उसको महसूस भी करते है । इसलिए शायद वह खुद को आम लोगों से इतना जोड़ पाते है और उनमें में इतना लोकप्रिय है।

इस पर काफी लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है । बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक और वरिष्ठ आईपीएस अरविंद पांडे ने भी पोस्ट पर कमेंट कर लिखा कि

” आप सिर्फ पुलिस अफसर ही नहीं बल्कि सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए आदर्श है. . “

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ज्ञात हो बिहार कैडर के आईपीएस शिवदीप लांडे को हाल ही में तीन साल के प्रतिनियुक्ति पर महाराष्ट्र भेजा गया है । शिवदीप लांडे को बिहार का सिंघम कहा जाता है । बिहार में अपने कई कारनामों के लिए प्रसिद्ध है और देश के टॉप 10 इमानदार अफसरों में शामिल है।

महाराष्ट्र पुलिस के यूनिफार्म में

महाराष्ट्र पुलिस के यूनिफार्म में

बिहार से विदा लेते हुए शिवदीप लांडे हुए भावुक, कहा “मेरी हर सांस के साथ बिहार की यादें जुड़ी रहेंगी..

आखिरकार आज बिहार पुलिस के सबसे मशहूर एसपी शिवदीप लांडे का नम आखों के साथ विदाई हो गई। उनको तीन साल तक महाराष्ट्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है।

एयरपोर्ट पर उनके आने से पहले ही युवाओं का हुजूम फूल, माला औ और गुलदस्ता के साथ शिवदीप लांडे का इंतजार कर रहा था। लोगों के चेहरे पे उदासी और उनके जाने का गम चेहरे पर साफ झलक रहा था। अपने प्रति लोगों के अपार प्रेम देख और अपने कर्मभूमि बिहार को छोड़कर जाने का दर्द को वह भले काले चश्मा लगा के छुपाने में सफल हो गये मगर बिहार से जाने के बाद अपने भावना  को ज्यादा देर तक छुपा न सकें और अपने अधिकारिक फेसबुक आईडी से पोस्ट कर सबके सामने जाहिर कर दिये ।

“मैं  आज न चाहते हुए भी खुद को भावुक होने से न रोक सका, पर मेरे इस काले चश्मे ने मेरे नम आँखों को सबके सामने आने से रोक लिया। मुझे लोगों ने हमेशा एक टफ़ छवि में देखा है और मैं वैसा ही वहां से विदा होना चाहता था। बिहार मेरा परिवार है, सभी बिहारी मेरे दिल में बसते हैं और मैं वापस आकर अपने परिवार की हिफाज़त करता रहूँगा।”

-शिवदीप  

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माहौल पूरा इमोशनल था । एक पुलिस अफसर के लिए लोगों की यह दिवानगी शायद ही कभी दिखा होगा।

शिवदीप लांडे ने जाने से पहले “आपन बिहार” के कामों का सराहना किया तथा “आपन बिहार टीम” को शुभकामना दी और कहा आपन बिहार ने हमेशा मेरे एसटीएफ एसपी होने के तौर पे साथ निभाया है और जो भी महत्वपूर्ण अॉपरेशन हुए हैं उसको लोगों के सामने लाया है। उन्होंने कहा “जब-तक मेरी सांसे चलती रहेगी.. हर सांस के साथ बिहार की यादें जुड़ी रहेंगी”.

शिवदीप लांडे हमेशा अपने इमानदारी और बहादुरी के लिए बिहार में याद किये जायेंगे । उन्होंने दुसरे पुलिस अफसरों के लिए भी एक मिशाल कायम कर दिया है। इसमें  तो कोई दो राय नहीं कि बिहार ने एक बहादुर और ईमानदार अफसर को खो दिया।

लोगों को पूरी उम्मीद है कि 3 साल बाद बिहार का सिंघम फिर लौटेगा ।

कानून का एक सच्चा सिपाही उम्मीदों के शहर से अधूरी ख्वाहिश लेकर विदा हो गया!

पिछले 12 वर्षों से टीवी पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हूँ। जिले से लेकर राजधानी तक का एक छोटा सा सफर तय कर लिया जिस दौरान कई अनुभवों के साथ खट्टी मीठी यादें भी जुड़ गयी। एक अध्याय आईपीएस शिवदीप लांडे से भी जुड़ा है जिनके अंदाज से भले ही अपराधी और माफिया खौफजदा होते थे लेकिन पत्रकारों की नजर में इनकी बाजीगरी खबर बन जाती थी लेकिन आज नम आँखों से बड़े ही अफ़सोस के साथ कहना पर रहा है कि अब ऐसे ऑफिसर हम सबके बीच से यानि बिहार की सरजमीं से विदा हो गए और महाराष्ट्र के सफर पर निकल पड़े। इस ऑफिसर का गुनाह क्या था? ये हम नही जानते लेकिन इतना तय है कि सुर्ख़ियों में यूँ ही कोई नही आता बल्कि कुछ तो काम करना पड़ता है। लांडे ने भी खनन माफिया, अपराधी, नक्सलियों और सफेदपोश को बेनकाब करने की बीड़ा उठा ली थी और अंजाम कुछ भी हो इस ऑफिसर को परवाह नही होती थी।मिला क्या तो सियासत से इनाम की जगह सेंटिंग पोस्ट की सजा क्योंकि हुक्मरानों को ईमानदारी और वफ़ादारी हजम नही होता। आज लांडे की विदाई हो गयी लेकिन चर्चे नही हुए ,हमें शर्म आती है कि हमेशा सुर्ख़ियों में रहनेवाले की विदाई एक गुमनाम मुसाफिर की तरह हुई, अधिकारियों से लेकर समाजसेवियों और सियासत के रहनुमाओं के पास वक्त नही था या फिर बिहार की राजधानी पटना में फूलों की माला ख़त्म हो गयी थी। चला चली की उस बेला में शुक्र था कि मेरी मुलाकात इस ऑफिसर से हो गयी और कुछ बाते चलते चलते सुन लिये और एक तस्वीर भी खिंचवा लिए ताकि कोई बेईमान और चाटुकार अफसरों की कार्यप्रणाली से दीदार होना पड़े तो ये तस्वीरें ईमानदारी की गवाही देगी।चाणक्य की पंक्ति है कि किसी भी ब्यक्ति को अधिक ईमानदार नही होनी चाहिए क्योंकि सीधे पेड़ सबसे पहले काटे जाते है शायद लांडे के साथ भी यही हुआ क्योंकि एक ईमानदार ब्यक्ति ना तो प्रकाश से डरता है ना ही अंधकार से। सिटी एसपी हो या एसपी फिर प्रभारी एसएसपी चाहे एसटीएफ एसपी या गवर्नर एडीसी सभी जगहों पर अच्छे कार्यों से लांडे ने पहचान बनाई और लोगों के दिलो पर राज किया।ऐसे ऑफिसर का मनोबल तोडना मतलब अपराध को बढ़ावा देना, अपराधियों को सहानुभूति मिलना, माफियाओ का दबदबा बढ़ाना नही तो और क्या है। जब भी बड़े माफियाओं ,गुंडे के गिरेबां तक लांडे के हाथ पहुँचते थे सियासत में भूचाल मच जाती थी और इस ऑफिसर का ट्रांसफर पोस्टिंग कर तुरंत ही ठिकाना लगा दिया जाता था लेकिन आग और हवा को कब तक कैद रखोगे आखिर यही हुआ लांडे ने बिहारी सिस्टम से तौबा करने का जिद ठाना और महाराष्ट्र सरकार ने लांडे की सेवा पर मुहर लगा दी जिसके बाद आज बिहार के गृहविभाग ने विरमित होने की स्वीकृति दे दी और कानून का ये जावाज सिपाही हँसते हँसते बिहार की सरजमी से विदा हो गया और कई यादे छोड़ गया।ऐसे ऑफिसर और भी है जो अच्छे कार्यों का परिणाम भुगत रहे है क्योंकि उनके भी बुलंद चट्टानी इरादों को सियासत के सौदागरों ने तोड़ का रख दिया है अब ऐसे में बेचारे सिस्टम से लड़े तो कैसे लड़े,आईपीएस विकास वैभव की बात कर रहा हूँ जिनकी सादगी,शालीनता और पुलिसिंग किसी से छुपी नही है। मुझे जो कहना था कह दिया लेकिन सरकार अपने कर्मों का फल भुगत रही है और जनता चोट खा रही है अब भी अगर हीरे को नही तरासोगे तो मिटटी की तरह इंसानियत भी बेजान हो जायेगी और एक दिन कानून बेजान होकर खिलौना बन जायेगा और अपराध हम सभी के जीने का अधिकार छीन लेगा।

 

रजनीश कुमार (ETV, Bihar)

कल बिहार से विदा लेंगे बिहारी सिंघम शिवदीप लांडे, लोग हुए भावुक

बिहार में अपराधियों की नाक में दम करने वाले 2006 बैच के आइपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे 3 साल के लिए महाराष्ट्र जा रहे है. अब बिहार में रियल लाइफ के सिंघम शिवदीप लांडे का खौफ नहीं दिखेगा. लड़कियों के बीच इनका क्रेज हीरो जैसा था. उन्हें लड़कियों के हजारों लव मैसेज मिलते थे. बिहार सरकार ने महाराष्ट्र में उनकी प्रतिनियुक्ति को मंजूर कर लिया है. शिवदीप गुरुवार यानि कल  पटना से मुंबई के लिए निकलेंगे.

बिहार में खाकी वर्दी में रियल सिंघम नाम से चर्चित आईपीएस शिवदीप लांडे महाराष्ट्र में सेवा देने जा रहे हैं. इसकी चर्चा मात्र से अपराधियों में खुशी है तो लड़कियों में उदासी का माहौल है. विदित हो कि अपराधियों पर लगाम लगाने वाला वर्दी वाले इस हीरो के पीछे लड़कियां दीवानी रही हैं. उन्हें लड़कियां लव मैसेज भेजती रहीं हैं, हालांकि वे शादीशुदा है. इनके जाने से पुरे बिहार के लोग उदास है वही आज इनके टीम यानि एसटीएफ के सदस्य “अपना बिहार” से बात करते-करते भावुक हो गए. उनका कहना था कि शायद ही ऐसे साहब से अब आएंगे.

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शिवदीप लांडे ने अपना बिहार से कहा कि यहां के युवाओं में काम करने का जो जज्बा है वह किसी और प्रदेश में देखने को नहीं मिलता. मुझे जो काम दिया गया उसे मैंने पूरी ईमानदारी से पूरा करने का प्रयास किया. मेरी कोशिश थी कि जो कोई मेरे पास आए उसे पूरा न्याय मिले.

 

गौरतलब हो कि बेहद कड़क और अपराधियों के नंबर वन दुश्मन के रूप में जाने पहचाने गए अधिकारी हैं. शिवदीप ने पटना में अपने खास अंदाज में काम कर अपराधियों पर नकेल कसी. इसी कारण उन्हें ‘सिंघम’ के नाम से भी बुलाया जाने लगा. उन्होंने रोहतास में अवैध खनन के कारोबार को ध्वस्त कर दिया तथा मुंगेर, अररिया व पूर्णिया में भी अपराधियों के नाक में दम कर दिए. शिवदीप लांडे का नाम देश के टॉप टेन ईमानदार ऑफिसर के लिस्ट में हैं. शिवदीप अपने पेमेंट के 60% हिस्सा एनजीओ को दान में देते हैं.

 

शिवदीप लांडे अपने ऑफिसियल फेसबुक आईडी पर भी लिखा… 

‘बिहार’ ये महज़ एक राज्य का नाम नहीं है मेरे लिए पर मेरे जीवन का एक सबसे बड़ा और प्रिय अंश है। हम कहाँ और किसके यहाँ पैदा हो ये हमारे वश में नहीं, हमारा नाम भी हमारे होश के पहले तय कर दिया जाता है। बचपन का पहला समझ आने पे हम देश, राज्य, धर्म और विश्वाशों के बीच में खुद को पाते हैं।

बचपन से ही मुझे कुछ अलग हट कर करने का जुनून था। अत्यंत आभाव था घर में पर वो मजबूरियाँ भी कभी मेरे पैरों की बेरियाँ बनने की सफलता नहीं पा सकी। महाराष्ट के एक प्रसिद्ध कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी और फिर I.R.S. का पदभार भी मुझे बहुत दिनों तक रोक नहीं पाया। 2006 में I.P.S. की सफलता और फिर बिहार को बतौर राज्य मिलना मेरे जीवन का लक्ष्य तय करने वाला था।

बिहार ने मुझे इन आठ वर्षों के नियुक्ति में मुझे बहुत सारे याद संजोने को दिया है। मुंगेर से तबादले के बाद 6 k.m. तक फूलों से विदा करना, भीषण ठण्ड में पटना से मेरे तबादला में लोगो का भूख हड़ताल, अररिया से तबादले पे मुझे 48 घंटों तक लोगो ने मुझे जिला से बाहर न जाने दिया, रोहतास में पत्थर माफियों के खिलाफ मेरे मुहीम में सबका मेरा साथ और अनेकों मौकों पर सबका मेरे साथ खड़ा होना शायद हमेशा मेरे दिल में रहेगा। अनेकों बार मुझपे जानलेवा हमले हुए लेकिन फिर भी अगर मुझे बिहार के रक्षा में अपनी जान भी देनी होती तो शायद बहुत कम होता।

मेरी नियुक्ति जहाँ भी रही मुझे लोगों ने अपनाया है। मैं अपने अभिवावक तुल्य मेरे सीनियर्स, मीडिया के भाई, मेरे साथ काम कर रहे मेरे मित्र और मेरे सम्पूर्ण परिवार बिहार की जनता का मैं पुरे दिल से धन्यवाद देता हूं। मीडिया के भाइयों ने कभी मुझे ‘दबंग’, ‘सिंघम’, ‘रोबिन हुड’ और न जाने कितने उपनाम दिए पर मुझे ख़ुशी है कि मेरे मित्रों ने मुझे मेरे मेरे ‘शिवदीप’ नाम से बुलाना ज्यादा पसंद किया है। मैं हमेशा आपका अपना शिवदीप ही रहना चाहता हूँ।

मेरा प्रतिनियुकी आज अगले तीन वर्षों के लिए महाराष्ट हुआ है। जब मैंने पुलिस सर्विश को अपनाया तो फिर केंद्र सरकार के आह्वाहन पे मुझे कहीं भी अपना फ़र्ज़ को निभाना होगा। मैं जन्म से शायद महाराष्ट का हूँ पर अपने कर्म और मन से पूरा बिहारी हूँ। बिहार की शान को बढ़ाना ही मेरा शौभाग्य होगा।

जय हिंद।।

प्रसिद्ध आईपीएस शिवदीप लांडे छुट्टी में घर जाने के बजाए छठ पूजा में हुए सामिल, हुआ यह चमत्कार

आस्था एक इन्सान को सबल बनाती है तथा लोगों में आत्मविश्वास भरती है। अपने परिवार, समाज व् देश पर आस्था होना आवश्यक है | इसी प्रकार एक इन्सान को अपना आत्मबल बनाये रखने के लिए ईश्वर,भगवान, अल्लाह व् वाहे गुरु आदि में आस्था रखनी पड़ती है |

जब बात आस्था की हो तो आस्था के सबसे बड़े पर्व  छठ की बात तो जरूर सबके सामने आती है। क्या खास और क्या आम?  चार दिन तक चलने वाले आस्था के इस महापर्व में पूरा बिहार पूरे आस्था के साथ छठी मईया के भक्ति में लीन रहता है । बिहार का यह यह पर्व साल का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होता है।

 

छठ पर्व से ठीक दो दिन पहले बिहार के एसटीएफ के एसपी और प्रसिद्ध आईपीएस शिवदीप लांडे को अपनी बेटी का मुंबई से तबियत खराब होने की खबर मिली। उसके एक्सरे और खून की जांच हो रहे थे।

यह खबर सुनने के बाद किसी भी पिता की  तरह शिवदीप लांडे का भी पल भर केलिए मन किया की छूटी मिलते ही वह अपने बेटी के पास पहुंचे मगर तीन दिन के सरकारी छुट्टी होने के बावजूद शिवदीप ने छुट्टी में अपने परिवार के पास जाने के बजाए अपने कर्मभूमि  के सबसे बड़े आयोजन में उपस्थित रहने का निर्णय किया और छठ घाट जा कर भगवन सूर्य को अर्घ्य दिया और छठी मईया से अपने लिए प्राथना भी की । यह छठी मईया का चमत्कार कहिए या कुछ और,  कुछ ही देर में उन्हें अपनी बेटी के स्वास्थ्य में सुधार होने की  खबर मिल गई ।

 

इस बारे में शिवदीप लांडे ने अपने अधिकारिक फेसबुक प्रोफाइल (https://m.facebook.com/shivdeepwamanrao.lande) पर भी पोस्ट कर लिखा है ।

 मेरे इस बिहार ने ही मुझे पहचान दी है, बिहार ने ही सबसे पहले मुझे परिवार का प्यार दिया तो आज अपने परिवार के सबसे बड़े आयोजन से दूर कैसे चला जाऊं। अंतः मेरी पत्नी ने मुझे हिम्मत दिया की वो आरहा का ख्याल रख रही है और मुझे छट पूजा में शामिल होना चाहिये। मैं शोभाग्यशाली रहा की मुझे भगवन सूर्य को अरग्य देने का शौभाग्य प्राप्त हुआ। आज आरहा के स्वास्थ्य में भी बहुत सूधार भी आया है। 

-शिवदीप लांडे 

बिहार से विदा लेने से पहले गंगा मईया का आशिर्वाद लेने पहुंचे प्रसिद्ध आईपीएस शिवदीप लांडे

ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठता, बहादुरी और समाज सेवा के लिए प्रसिद्ध बिहार पुलिस के जांबाज आईपीएस अफसर शिवदीप लांडे अगले सप्ताह बिहार से महाराष्ट्र कैडर में विदा हो रहे हैं।

एक ओर जहाँ पुलिस वाले अपराधियों को पकड़ें या न पकड़ें, आम लोगों पर अपने वर्दी का रौब जरूर दिखाते नजर आ जाते हैं, अपने को वीआईपी समझने लगते हैं और लोगों से ठीक से बात तक नहीं करते, वहीं बिहार पुलिस के प्रसिद्ध व जाबाज आईपीएस श्री शिवदीप लांडे इस मामले में भी सबसे अलग हैं। बिहार से विदा लेने से पहले कल आईपीएस शिवदीप लांडे पटना के गांधी घाट गंगा आरती में पहुंचे। उनके पहुंचते ही गंगा आरती कमिटी द्वारा उनके लिए खास व्यवस्था किया गया, लेकिन शिवदीप ने मना कर दिया वे बोले मुझे खास व्यवस्था की जरुरत नहीं है और वो युवाओं के बीच गंगा घाट के सीढ़ियों पर जाकर बैठे। उनको देख वहां उनके सैकड़ों प्रशंसकों की भीड़ लग गई। युवा उनके साथ सेल्फ़ी लेने के लिए टूट गए। शिवदीप लांडे घंटों तक चली गंगा आरती में भाग लिए साथ ही गंगा को नमन किए। जरुरी कारणों से आरती खत्म होने के कुछ समय पहले ही वो वहां से चले गए। उनके जाते ही युवाओं की भीड़ गंगा घाट से चली गई।

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प्रायः युवा फिल्मी हीरो या क्रिकेटर्स के दिवाने होते हैं, उनको फॉलो करतें हैं और उनके जैसा बनने का सपना देखते हैं, मगर बिहार के युवा शिवदीप लांडे को अपना हीरो मानते हैं और उनके जैसा बनने का सपना देखते हैं। शिवदीप लांडे कहते है कि मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि ईश्वर ने मुझे बिहार को कर्मभूमि के रूप चुनने का मौका दिया। गौरतलब है कि शिवदीप लांडे का नाम देश के टॉप 10 सबसे ईमानदार अफसर के रूप में आता है। शिवदीप लांडे सिर्फ बिहार पुलिस की पहचान ही नहीं बल्कि बिहार पुलिस का ब्रह्मास्त्र हैं, जिनके पहुंच से कोई भी अपराधी दूर नहीं । बिहार के अपराधियों और अंडरवर्ल्ड में जहाँ शिवदीप लांडे के नाम का आतंक है तो बिहार के जनता में उनके लिए सम्मान और प्यार है।
इस अफसर के इमानदारी और बहादुरी के लिए ईनाम देने की बजाय सरकार ने इस ईमानदार अफसर को राजनीतिक कारणों से बार-बार परेशान और उपेक्षित करने का काम किया।

वहीं बिहार की लड़कियाँ भी लांडे की फैन हैं। पटना कार्यकाल के दौरान शिवदीप ने मनचलों को खूब सबक सिखाया। लड़कियाँ खुद को सुरक्षित महसूस करने लगी थीं। छात्राओं के मोबाइल में उनका नंबर जरूर होता था। तब उनके व्हाट्सएप्प पर सैकड़ों लड़कियों के शादी के प्रपोजल आते थे। अभी भी उनके फेसबुक पर कई लड़कियाँ प्रपोज करती हैं।

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शिवदीप लांडे मुंगेर, अररिया, पटना, रोहतास और एसटीएफ के कार्यकाल के दौरान हमेशा सुर्ख़ियो में रहे हैं। जहाँ-जहाँ भी वे कमान संभाले वहाँ के अपराधियों में भूचाल आ जाता था। अपराधी अंडरग्राउंड हो जाते। कई नामी और इनामी अपराधी उनके पोस्टिंग के दौरान पकड़े गये। लांडे अपनी ड्यूटी पर जितना सख्त नजर आते हैं, वह उतने ही विनम्र हैं। वह अपनी सैलरी का 60 फीसदी हिस्सा एनजीओ को दान कर देते हैं। इसके अलावा कई सामाजिक कार्यों में भी वह सहयोग करते हैं। उन्होंने कई गरीब लड़कियों की सामूहिक शादी भी करवाई है। लड़कियों की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

बिहार पुलिस की शान शिवदीप लांडे जा रहे है बिहार से !

अपने इमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा, बहादुरी और समाज सेवा के लिए प्रसिद्ध बिहार पुलिस के जाबाज आईपीएस अफसर शिवदीप लांडे बिहार से विदा लेने वाले है।  महाराष्‍ट्र आईपीएस लांडे का गृह प्रदेश है । नई दिल्‍ली से मिल रही खबरों के मुताबिक होम मिनिस्‍ट्री ने लांडे को महाराष्ट्र भेजने का निर्णय लिया है। अब मात्र बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही शिवदीप लांडे जैसे बहादुर अफसर को बिहार में रोक सकते है। फैसला मुख्यमंत्री के हाथ में है।

 

गौरतलब है कि शिवदीप लांडे का नाम देश के 10 सबसे इमानदार अफसर के रूप में आता है। शिवदीप लांडे सिर्फ बिहार पुलिस की पहचान ही नहीं बल्कि बिहार पुलिस का ब्रह्मास्त्र है जिसके पहुंच से कोई भी अपराधी दूर नहीं । बिहार के अपराधियों और अंडरवर्ल्ड में जहाँ शिवदीप लांडे के नाम का आतंक है तो बिहार के जनता में उनके लिए सम्मान और प्यार है।

इस अफसर के इमानदारी और बहादुरी के लिए  जहाँ उन्हें सरकार को इसका ईनाम देना चाहिए तो वही सरकार ने इस ईमानदार अफसर को राजनीतिक कारणों से बार-बार परेशान और उपेक्षित करने का काम किया है।

शिवदीप लांडे बिहार पुलिस की शान है। बिहार को ऐसे इमानदार अफसरों की जरूरत है । उम्मीद है की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी अंतर आत्मा की बात सुनेंगे और शिवदीप लांडे को बिहार से नहीं जानें देंगे।

दरभंगा मर्डर कांड के मास्टर माइंड और कुख्यात अपराधी मुकेश पाठक को शिवदीप ने दबोचा

बीते 26 दिसम्बर को दरभंगा के बहेड़ी में रंगदारी की मांग को लेकर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो इंजीनियरों की हत्या मामले में फरार चल रहे संतोष झा गैंग का कुख्यात शूटर मुकेश पाठक को आज पटना एएसटीएफ ने रामगढ़ रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया।

 

पूरे बिहार में अपने ईमानदारी और बहादुरी के लिए प्रसिद्ध एसटीएफ एसपी शिवदीप लांडे और उनकी टीम को आज फिर एक बडी कामयाबी मिली है।

मुकेश पाठक एवं उसके गिरोह के सदस्यों ने दरभंगा में सड़क निर्माण कार्य में लगी बीएससी-सीएंडसी ज्वाएंट वेंचर कंपनी से दो करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग की थी। कंपनी द्वारा रंगदारी देने से इनकार करने पर मुकेश पाठक व उसके एक साथी ने औरंगाबाद निवासी इस कंपनी के इंजीनियर ब्रजेश कुमार व बेगुसराय निवासी ठेकेदार की बीते 26 दिसम्बर को गोली मार कर उस वक्त हत्या कर दी थी जब दोनों निर्माण कार्य के साइट पर बैठे थे।

सोमवार को मुकेश पाठक टाटा-जम्मूतावी ट्रेन से यूपी भागने के फिराक में था तभी रामगढ़ स्टेशन पर उसकी घात में सादी वर्दी में लगी एसटीएफ की टीम ने उसे ट्रेन से ही गिरफ्तार कर लिया। इंजीनियर हत्याकांड के कुछ माह पूर्व ही मुकेश पाठक शिवहर जेल से जमानत पर बाहर आया था जहां वह अपनी पत्नी पूजा के साथ एक आपराधिक मामले में बंद था।

 

Exclusive pic: गिरफ्तारी के समय का मुकेश पाकठ का फोटो

Exclusive pic: गिरफ्तारी के समय का मुकेश पाकठ का फोटो

इंजीनियर हत्याकांड के बाद जेल में बंद मुकेश की पत्नी पूजा के गर्भवती होने का मामला प्रकाश में आया तब हड़कंप मच गया था। शिवहर के तत्कालीन जिलाधिकारी और मुजफ्फरपुर के जेल अधीक्षक की बनाई गई एक संयुक्त जांच दल ने जांच कर अपनी जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी वह भी चौंकाने वाली थी। रिपोर्ट में कहा गया कि ‘10 जून 2015 को शिवहर जेल के जेलर औरा चार काराकर्मी के सहयोग से जेलर कक्ष में मुकेश और पूजा को रालीला रचाने के लिए लगभग आधे घंटे के लिए अकेले छोड़ दिया गया था।’

 

गौरतलब है किमुकेश पाठक बिहार लिबरेशन आर्मी का कथित स्वंभू कमांडर संतोष झा गिरोह का शूटर है। इस घटना के बाद फरार हुए मुकेश पाठक व एक अन्य हत्यारों को दबोचने के लिए बिहार पुलिस जी जान से लगी थी।

शिवदीप लांडे: बिहार का सबसे लोकप्रिय पुलिस अफसर है, इनका रुतबा किसी सुपर स्टार से कम नहीं

सलमान खान के दबंग फिल्म का चुलबुल पांडे तो याद ही होगा जो बाहुबली छेदी सिंह को उसी के अंदाज में उसी को धूल चटा दिया।

आज हम आपको एक ऐसे ही पुलिस ऑफ़िसर के बारे में बता रहे हैं, जो सिंघम या दबंग तो नहीं पर सिंघम से कम भी नहीं है और दबंग से कम चुलबुला भी नहीं!

 

ये ऑफ़िसर किसी पर्दे पर या बॉलिवुड की फ़िल्म में नहीं बल्कि बिहार के पटना में मिला है.  बिहार का बच्चा भी अब शिवदीप लांडे बनने का सपना देखता है।  बिहार में शिवदीप लांडे का रूतवा किसी सुपर स्टार से कम नही है बस फर्क इतना सा है वह नकली है, और लांडे असली है।  लड़कियां तो लांडे की दिवानी है।  लोग फिल्म स्टार का औटोग्राफ लेता है मगर बिहार की लड़कियां लांडे का औटोग्राफ लेती है।

आऔटोग्राफ देते लांडे

आऔटोग्राफ देते लांडे

 

बिहार के जिस जिलों में इनको काम करने का मौका मिला, वहां के लोग इनके बहादुरी, ईमानदारी और काम देख लोग इनके फैन बन गये।

उनकी प्रसिद्धि का आलम यह है कि जब उनका ट्रांसफर पटना से अररिया हुआ तो लोगों ने अपने सिंघम की वापसी के लिए शहर में कैंडल मार्च निकाल दिया.

पटना से इनके ट्रान्सफर होने पर इनके मोबाईल पर  sms की लाईन लग गयी।  करीब 2000 लड़कियों ने इनको मैसेज किया था।

शिवदीप लांडे समर्थन में कैंडल मार्च..

शिवदीप लांडे समर्थन में कैंडल मार्च..

पटना के इस सिंघम ने अररिया में भी क्रिमिनलों और माफियाओं के अलावा भ्रष्ट अधिकारियों की नाक में दम कर दिया और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया. शिवदीप द्वारा चलाये गए अभियानों में निशाने पर वो लोग थे, जिनके डर से लड़कियां अपने घरों से निकलने में डरती थीं

 

इसके अलावा ये सिंघम अपनी समाज सेवा के लिए भी पहचाना जाता है.

अनाथ बच्चों के साथ लांडे

अनाथ बच्चों के साथ लांडे

शिवदीप अपनी सैलेरी का 60% एक NGO में दान कर देते हैं, जो गरीब बच्चों को आसरा प्रदान करने के अलावा गरीब लड़कियों की शादी करवाता है.

 

इलेक्ट्रिकल इंजीयरिंग में Graduation करने के बाद शिवदीप वमन लांडे देश सेवा करना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने UPSC का रास्ता चुना और एक आई.पी.एस अधिकारी के रूप में अपनी सेवा शुरू की. पटना के Special Task Force में बतौर SP नियुक्त हुए.