यह अपने बिहार का अकबर है, इंडियन ब्लाइंड क्रिकेट टीम का खिलाड़ी

ये अकबर है। पंजवार का अकबर। हमारे गांव का अकबर। हमारा अपना – अकबर अंसारी। इंडियन ब्लाइंड क्रिकेट टीम के ग्यारह खिलाड़ियों में से एक।

चौंकिए मत! यहीं सच है| और हां, सिर्फ जन्म का नाता नहीं है गांव से। यहीं के स्कूल में पढ़ा है। यहीं के मैदानों में दौड़ा है। यहीं के पोखर और तालाबों में तैरा है।

बचपन से हुड़दंगी। पढ़ने जाता था लेकिन हमेशा खेलने की फिराक में रहता था। घरवालों को चिंता लगी रहती थी क्योंकि दिखता कम था बच्चे को। एक दिन बड़ा हादसा हुआ। तालाब में तैरने के दौरान जहरीले पानी के कारण आंख की रोशनी पूरी तरह से गायब हो गई । आनन-फानन में देवरिया ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने आंखों के पर्दे फट जाने की बात कही। परिवार पर कहर टूट पड़ा।

किसी ने नेपाल ले जाने का सुझाव दिया। अकबर नेपाल गया। इलाज हुआ। आंखों की रोशनी वापस नहीं आ पाई। अकबर के पिताजी हारे नहीं। एम्स ले गए। डॉक्टर हार गये। शत-प्रतिशत ब्लाइंड डिक्लेयर कर दिया। किसी को कुछ सूझ नहीं रहा था। वहीं पर एक डॉक्टर ने ब्रेल लपि सीखने के लिए हॉस्टल में रखने का सुझाव दिया।

3 महीने का कोर्स छोरे ने 21 दिन में कंप्लीट किया। सबके लिए आश्चर्य था यह।

मैनेजमेंट ने बच्चे में संभावना देखी। 3 महीने के बाद भी हॉस्टल में रख लिया। अकबर पढ़ने लगा। पढ़कर सीखने लगा। हाई स्कूल..इंटर…किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक….अभी बी. एड. कर रहा है। पढ़ाकू भी ऐरा गैरा नहीं। हिंदी ऑनर्स में 67.2 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक बना है अपना चैंपियन ।

बच्चे की पढ़ाई शुरू हुई। लेकिन मन हमेशा खेल-मैदान की ओर भागने को होता। उठा, चला, दौड़ा, फिर भागना शुरू किया। जब भागा तो 200 मीटर की दौड़ में और जब उछला तो लांग जम्प में अपने इंस्टिट्यूट को मेडल दिला दिया। अब शुरू हुई मनमानी। जो ठाना वहीं किया|

किरोड़ीमल कॉलेज में भाला फेंक प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। फुटबॉल खेलते हुए दिल्ली टीम की ओर से नेशनल खेला। सबके बावजूद मन क्रिकेट में ही लगता था। खुद को एकाग्र करना शुरू किया। अपना सब कुछ क्रिकेट के लिये झोंक दिया। 2013 में पहला बड़ा मौका मिला। देहरादून में आयोजित टी 20 ब्लाइंड टूर्नामेंट में शानदार खेला। 2 बार मैन ऑफ द मैच रहा। सबसे महत्वपूर्ण रहा 2016 में दिल्ली नार्थ जोन टूर्नामेंट। इस टूर्नामेंट का “मैन ऑफ द सीरीज” चुना गया था हमारा अकबर।

एक और बात समझिए। यह खिताब और अहम हो जाएगा। ब्लाइंड क्रिकेट टीम में 4 खिलाड़ी पूर्णतः न देख सकनेवाले होते हैं। 3 खिलाड़ी 3 मीटर की दूरी तक देख सकने वाले होते हैं। 4 खिलाड़ी वैसे होते हैं, जो 6 मीटर तक देख सकते हैं। अकबर उन 4 खिलाड़ियों में से एक था जो बिल्कुल नहीं देख सकते थे।

दिल्ली टीम का ओपनर बॉलर है अपना खिलाड़ी। वन डाउन बैटिंग करने के लिए आता है। दिल्ली टीम का कप्तान रहा है।

श्रीलंका दौरे के लिये भारत को एक ऑल राउंडर की तलाश थी। अकबर भारतीय टीम के लिए चुना गया। हाल ही में 3 वनडे और 5 मैचों की टी -20 सीरीज खेलकर आया है। वर्ल्ड कप की तैयारी में जोर शोर से लगा है। निश्चित रूप से वर्ल्ड कप खेलेगा अकबर। उसे खेलना ही होगा। अपने लिए, अपने गांव के लिए, अपने देश के लिए और अपने जैसे हजारों स्वप्नदर्शियों के लिये।

बधाई जवान। गांव को गौरव के शिखर तक पहुंचाया है तुमने। आनंद रहो। मस्त रहो। देश का मान बढ़ाओ।

संजय सिंह
सिवान ।

बिहार के लाल “ईशान किशन” बने आरबीआई के असिस्टेंट मैनेजर

बिहार के लाल ईशान किशन को आरबीआई पटना में असिस्टेंट मैनेजर के रूप में नौकरी मिली, उन्होंने इस पद पर ज्वाइन भी कर लिया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईशान बीते दिनों इस काम के लिए वह पटना आये हुए थे और अपना योगदान दिया। इसके लिए उन्हें हैंडसम सैलरी मिलेगी। खबर है कि सत्तर हजार रुपए का मासिक वेतन उन्हें मिलेगा।

इस बार वे पहली बार विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में टीम में शामिल किये गए हैं। दक्षिण अफ्रीका ए और भारत ‘ए’ के बीच होने वाले दो चार दिवसीय मैच वाली टीम में उनको जगह मिली है। उनके दोस्त ऋषभ पंत इस टूर पर होने वाले त्रिकोणीय सीरीज में खेलने वाली इंडिया ए टीम में हैं।

 

मोइनुल हक स्टेडियम का जल्द होगा कायाकल्प साथ ही बीसीसीआई ने बीसीए के लोकपाल को दी मंजूरी

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने गुरुवार को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के लोकपाल को हरी झंडी दिखा दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढ़ा कमेटी के सीओए विनोद राय के द्वारा भेजे गए पत्र के आलोक में बीसीए सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह ने यह जानकारी दी ।

 

उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने उनके बोर्ड की बैठक में शामिल होने पर आपत्ति जताई थी, लेकिन लोकपाल की मंजूरी से न केवल बिहार में क्रिकेट को ट्रैक पर लाने में आसानी होगी, बल्कि वे बीसीसीआई के समक्ष मजबूती से अपना पक्ष रख सकेंगे । अब राज्य में क्रिकेट को लेकर किसी भी तरह की शिकायत बीसीसीआई के समक्ष नहीं , बल्कि बीसीए के लोकपाल हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त जज धरनीधर झा के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है ।

 

मोइनुल स्टेडियम के लिए एमओयू पर प्रक्रिया अंतिम दौर में 

 

मोइनुल हक स्टेडियम को अत्याधुनिक बनाने को लेकर बीसीए और सरकार के बीच एमओयू की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। सूत्रों के अनुसार, कला, संस्कृति व युवा विभाग और नगर निगम के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने संचिका को खेल मंत्री शिवचंंद्र राम के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है । खेल मंत्री के शनिवार को मॉरीशस से लौटने के बाद एमओयू को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास भेजा जायेगा । इसके बाद बीसीसीआई की मदद से स्टेडियम को अत्याधुनिक बनेना का काम शुरु होगा, जिससे भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मैच का आयोजन हो सके ।

दक्षिण अफ्रीका में होने वाले आगामी सीरीज के लिए भारतीय ए टीम में हुआ बिहार के लाल इशान का चयन

​आईपीएल में गुजरात लायन्स की टीम की ओर से खेलते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चूके बिहार के लाल और तुफानी बल्लेबाज इशान किशन का चयन दक्षिण अफ्रीका में होने वाली आगामी त्रिकोणीय सीरीज के बाद होने वाली दो चार दिवसीय अभ्यास मैच के लिए हुई है। इस चार दिवसीय श्रृंखला में इशान को एकमात्र विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में शामिल किया गया है। इससे पहले भी नवादा के इशान जनवरी में इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय और टी-20 मैचों से पहले होने वाले अभ्यास मैचों के लिए भारत ए टीम का हिस्सा बने थे ।

रणजी ट्रॉफी के इस सत्र में वह सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में 10वें स्थान पर थे। उन्होंने 10 मैचों में 57.07 की औसत से 799 रन बनाए थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 83.92 रहा जो चोटी का 20 बल्लेबाजों में तीसरा सबसे तेज स्ट्राइक रेट था।

मालूम हो कि इशान किशन पिछले साल अंडर-19 विश्वकप में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं। और उनकी शानदार कफ्तानी के बदौलत भारतीय अंडर 19 टीम विश्व कप में फाइनल तक का सफर की। उन्हें आईपीएल की टीम गुजरात लांयस की ओर से भी खेलने का मौका मिला था और उन्होंने  इस आईपीएल सीजन में 11 मैचों में 27.70 की औसत और 134.46 के बढ़िया स्ट्राइक रेट के साथ 277 रन बनाए थे। उनका टूर्नामेंट में सर्वाधिक स्कोर 61 था।

भारतीय अंडर-19 टीम में हुआ बिहार के लाल अनुकूल का चयन, अंग्रेजों की धरती पर मचायेगा धमाल

बिहार के लाल अनुकूल राय उर्फ छन्नू अंग्रेजों की धरती पर धमाल मचाने को तैयार है। झारखंड में होने वाले पांच वनडे मैचों की सीरीज के लिए भारतीय अंडर 19 टीम में किया गया है। इसकी शुरुआत सात जुलाई से होगी। शहर के पटेल मैदान में क्रिकेट का एबीसीडी सीखने वाले अनुकूल के क्रिकेट के प्रति समर्पण का ही यह परिणाम है कि उसे यह उपलब्धी मिली है।

अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर वह भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाला वह उत्तर बिहार का पहला खिलाड़ी है। इसके भारतीय टीम में चयन से समस्तीपुर खेल जगत के चेहरे खिल उठे हैं।  जिले के रोसड़ा प्रखंड अंतर्गत भिड़हा गांव निवासी भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष प्रो. रामविलास राय के पौत्र एवं अधिवक्ता सुधाकर राय के पुत्र अनुकूल को बचपन से ही क्रिकेटर बनने का जुनून सवार था। बारह पत्थर में रहते हुए समस्तीपुर के पटेल मैदान में अपने कोच व क्रिकेट गुरु ब्रजेश कुमार झा की देख रेख में समस्तीपुर क्रिकेट अकादमी में नियमित रूप से अभ्यास करने लगा। उसने आरआईसीसी क्रिकेट क्लब की ओर से जिला लीग में अपने हरफनमौला प्रदर्शन के बल पर जिला टीम में अपना स्थान बनाया। वह राज्य स्तर पर आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट में भी बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर बिहार क्रिकेट टीम में जा पहुंचा। बाद में बिहार में क्रिकेट का भविष्य न देख इसने अपने गुरु ब्रजेश के सहयोग झारखंड का रुख किया और चाईबासा जिला अंतर्गत पश्चिम ¨सहभूम से क्रिकेट खेलने लगा। वहां से अपने हरफनमौला प्रदर्शन को जारी रखते हुए एक अलग पहचान बनाई। बाद में यह झारखंड क्रिकेट अंडर 19 टीम के कप्तान के रूप में चुना गया। इसके बाद अनुकूल को इंडिया ग्रीन टीम का कप्तान बनाया गया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में इंडिया कोल्ट की ओर से इंग्लैंड अंडर-19 कोल्ट टीम के खिलाफ खेलत हुए अनुकूल राय ने तीन विकेट लेकर नाबाद 62 रनों की बेहतरीन पारी खेली।

समस्तीपुर के अनुकूल ने भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम में बनाई अपनी जगह

बिहार का एक और क्रिकेटर भारतीय U-19 टीम में शामिल

समस्तीपुर के पटेल मैदान से खेल की शुरुआत करने वाला क्रिकेटर अनुकूल राय उर्फ़ छन्नु ने अपनी प्रतिभा की बदौलत भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम में अपनी जगह बना ली है।

अपनी अच्छी प्रदर्शन के बदौलत अनुकूल भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम में जगह बनाली है इसके भारतीय टीम में चयन से समस्तीपुर खेल जगत के चेहरे खिल उठे हैं।

अनुकूल का चयन इंग्लैंड की जूनियर टीम के खिलाफ होने वाले तीन टेस्ट मैच के लिए किया गया है। चयन की सूचना मिलते ही स्थानीय पटेल मैदान में रविवार को अनुकूल के नाना राम लखन झा, कोच ब्रजेश कुमार झा एवं साथी खिलाड़ियों ने अनूकुल की तस्वीर को तिलक लगाया एवं मिठाई खिलकर खुशी का इजहार किया। जिले के रोसड़ा प्रखंड अंतर्गत भिड़हा गांव निवासी भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष प्रो. रामविलास राय के पौत्र एवं अधिवक्ता सुधाकर राय के पुत्र अनुकूल को बचपन से ही क्रिकेटर बनने का जुनून सवार था। बारह पत्थर में रहते हुए समस्तीपुर के पटेल मैदान में अपने कोच व क्रिकेट गुरु ब्रजेश कुमार झा की देख रेख में समस्तीपुर क्रिकेट अकादमी में नियमित रूप से अभ्यास करने लगा। उसने आरआईसीसी क्रिकेट क्लब की ओर से जिला लीग में अपने हरफनमौला प्रदर्शन के बल पर जिला टीम में अपना स्थान बनाया। वह राज्य स्तर पर आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट में भी बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर बिहार क्रिकेट टीम में जा पहुंचा। बाद में बिहार में क्रिकेट का भविष्य न देख इसने अपने गुरु ब्रजेश के सहयोग झारखंड का रुख किया और चाईबासा जिला अंतर्गत पश्चिम ¨सहभूम से क्रिकेट खेलने लगा। वहां से अपने हरफनमौला प्रदर्शन को जारी रखते हुए एक अलग पहचान बनाई। बाद में यह झारखंड क्रिकेट अंडर 19 टीम के कप्तान के रूप में चुना गया। इसके बाद अनुकूल को इंडिया ग्रीन टीम का कप्तान बनाया गया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में इंडिया कोल्ट की ओर से इंग्लैंड अंडर-19 कोल्ट टीम के खिलाफ खेलत हुए अनुकूल राय ने तीन विकेट लेकर नाबाद 62 रनों की बेहतरीन पारी खेली। इसी प्रदर्शन के आधार पर अनुकूल को भारतीय टीम में स्थान दिया गया है। भारतीय टीम इंग्लैंड की जूनियर टीम के खिलाफ तीन टेस्ट मैच खेलेंगे।

खुशखबरी: बिहार के राजगीर में 6 अरब की लागत से बनेगा इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम

पटना: बिहारवासी अब अपने घर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट देखने का लुत्फ उठा सकेंगे। बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम बनाया जाएगा। बिहार कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार के राजगीर में सरकार छह अरब की लागत से वर्लड क्लास क्रिकेट स्टेडियम बनाने का फैसला लिया है।

राज्य खेल अकादमी और क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण का कार्य 2019-20 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है इसके लिए राजगीर में 90 एकड भूमि चिन्हित की जा चुकी है।

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इसके लिए विस्तृत परियोजना तैयार करने के लिए भवन निर्माण विभाग द्वारा मुख्य परामर्शी के रूप में नई दिल्ली के मेसर्स आर क्रॉप– एसोसियेट प्रा. लि. का चयन किया गया है। इसके लिए तैयार किए गए समेकित प्राकलन के मुताबिक राज्य मंत्रिपरिषद ने 6 अरब 33 करोड रूपये की आज प्रशासनिक मंजूरी दे दी।

इससे पहले राजधानी पटना में एख मात्र मोइनूल हक क्रिकेट स्टेडियम था जिसकी हालत काफी जर्जर है। वैसे इस स्टेडियम में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मैच आयोजित हो चुके हैं। बिहार में इंटरनेशनल लेवल का स्टेडियम नहीं होने के कारण से बिहार के लोग इंटरनेशनल मैच से वंचित रह जाते थे। अब नया स्टेडियम पटना से एक सौ किमी. दूर बौद्ध धार्मिक स्थल और पर्यटन स्थल राजगीर में बनाया जाएगा।

धोनी को कप्तानी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया :आदित्य वर्मा

बिहार क्रिकेट संघ के सचिव आदित्य वर्मा ने कहा धोनी को कप्तानी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।

गैर मान्यता प्राप्त बिहार क्रिकेट संघ के पदाधिकारी हैं आदित्य, बीसीसीआई के ज्वॉइंट सेक्रेटरी अमिताभ चौधरी को बताया वजह, कहा-धोनी पर दबाव डाला गया, जिसके कारण उन्होंने कप्तानी छोड़ी।

भारतीय क्रिकेट जगत में इस समय काफी उथल-पुथल हो हो रही है। ऐसे में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को लेकर एक बड़ी खबर आई है।

गैर मान्यता प्राप्त बिहार क्रिकेट संघ के सचिव आदित्य वर्मा ने इस बार महेंद्र सिंह धोनी को लेकर नया खुलासा किया है। उनके मुताबिक धोनी ने कप्तानी छोड़ी नहीं बल्कि उन्हें उनसे छुड़वाई गई है। वर्मा के अनुसार, धोनी पर दबाव डाला गया जिसके चलते उन्होंने कप्तानी त्याग दी।
आदित्य वर्मा इस सबके पीछे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के ज्वॉइंट सेक्रेटरी अमिताभ चौधरी को वजह बता रहे हैं। आदित्य वर्मा के मुताबिक, चौधरी ने धोनी से झारखंड के लिए सेमीफ़ाइनल खेलने के लिए कहा था लेकिन चूंकि माही पहले ही इस फ़ॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं इसलिए उन्होंने इससे इनकार कर दिया और टीम के साथ मेंटॉर के तौर पर जुड़ गए. वर्मा के अनुसार, झारखंड के गुजरात के हाथों सेमीफ़ाइनभारतीय क्रिकेट जगत में इस समय काफी उथल-पुथल हो हो रही है. ऐसे में पूर्व कप्तान नहेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को लेकर एक बड़ी खबर आई है. गैर मान्यता प्राप्त बिहार क्रिकेट संघ के सचिव आदित्य वर्मा ने इस बार महेंद्र सिंह धोनी को लेकर नया खुलासा किया है. उनके मुताबिक धोनी ने कप्तानी छोड़ी नहीं बल्कि उन्हें उनसे छुड़वाई गई है. वर्मा के अनुसार, धोनी पर दबाव डाला गया जिसके चलते उन्होंने कप्तानी त्याग दी.
आदित्य वर्मा इस सबके पीछे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के ज्वॉइंट सेक्रेटरी अमिताभ चौधरी को वजह बता रहे हैं. आदित्य वर्मा के मुताबिक, चौधरी ने धोनी से झारखंड के लिए सेमीफ़ाइनल खेलने के लिए कहा था लेकिन चूंकि माही पहले ही इस फ़ॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं इसलिए उन्होंने इससे इनकार कर दिया और टीम के साथ मेंटॉर के तौर पर जुड़ गए।

वर्मा के अनुसार, झारखंड के गुजरात के हाथों सेमीफ़ाइनल हारते ही अमिताभ ने मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को फ़ोन कर धोनी के भविष्य के बारे में पूछने को कहा और ऐसा होते ही धोनी ने कप्तानी से संन्यास की घोषणा कर दी।

यहाँ पर हम आपलोगों को यह बता देना चाहता हूँ की, आदित्य वर्मा द्वारा लगाए गए इन आरोपों की Aapna Bihar पुष्टि नहीं करता।

गौरतलब है कि धोनी ने बुधवार को भारतीय वन-डे और टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया था। उन्होंने इस बारे में बीसीसीआई को भी सूचना दे दी थी।

अपने इस फैसले की जानकारी देते हुए धोनी ने बताया था कि वे इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 मैचों की सीरीज़ के लिए खिलाड़ी के रूप में उपलब्ध रहेंगे। इस बारे में बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने कहा था ‘हर भारतीय क्रिकेट फैन की तरफ से मैं धोनी को बतौर कप्तान क्रिकेट के सारे फॉर्मेट में उनके योगदान के लिए शुक्रिया अदा करता हूं।

धोनी नेतृत्व में भारतीय टीम ने नई बुलंदियों को छुआ, भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम इतिहास में उनका नाम हमेशा दर्ज हो गया है’।

भारत रत्न सचिन के सबसे बड़े फैन सुधीर गौतम मोहाली स्टेडियम में प्रवेश से वंचित

शैलेश कुमार || भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रंग में रंगा सुधीर गौतम क्रिकेट प्रेमियों के सबसे प्रबल उत्सावर्ध्दक है। लेकिन बात यह है कि शरीर पर बिंद्रा रंग होने के कारण उसे पीसीए स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड शुरुआत शनिवार के बीच तीसरे टेस्ट मैच के आयोजन स्थल में प्रवेश करने से रोक दिया गया।

सुधीर अक्सर दुनिया भर के स्टेडियम में विशाल तिरंगा लहराते हैं, न सिर्फ खेल के दौरान लेकिन शुक्रवार को वह पीसीए स्टेडियम साइनबोर्ड सुरक्षा अधिकारियों ने उसे प्रवेश की अनुमति नहीं करने हवाला देते हुए स्टेडियम के बाहर खङा कर दिया। दर्शकों के एक सलाहकार में पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) से कहा है कि “सख्ती से राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम 2002 ध्वज संहिता के तहत ध्वज का अपमान पर रोकथाम लगें।

HAMILTON, NEW ZEALAND - MARCH 10: Sudhir Gautam attends the 2015 ICC Cricket World Cup match between Ireland and India at Seddon Park on March 10, 2015 in Hamilton, New Zealand. (Photo by Hannah Peters/Getty Images)

बीसीसीएल पीसीए ने पुष्टि की है कि इस से संबंधित एक निर्देश प्राप्त हुआ है। और इसे सीधे शब्दों में इसका पालन किया गया है।

सुधीर के बालों और शरीर पर पेंट होने कि वजह से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बताते हुए उन्हें दरवाजे पर रोक दिया गया। पीसीए सचिव जीएस वालिया ने बताया है स्थानीय पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है अब वे यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे कड़ाई से पालन किया जाय।

सुधीर के अनुसार,राजकोट और विशाखापत्तनम में चल रही श्रृंखला के पिछले दो टेस्ट मैचों के आयोजन स्थलों पर इस स्थिति का सामना नहीं किया।लेकिन मोहाली में उन्हें रोक दिया गया, जिससे वह हैरान है।सुधीर गेट स्टेडियम के बाहर ध्वज और शंख धारण करते हुए कहा।

उन्होंने कहा “मैं भारतीय टीम के सुरक्षा प्रभारी के ध्यान में लाया गया हूँ, और वह इस मामले पर गौर करने का वादा किया गया है।

बिहार के लाल इशान किशन ने रणजी टूर्नामेंट में लगाया रिकार्डों का झड़ी


रणजी ट्रॉफी के 5वें राउंड के मैच में झारखंड की तरफ से खेलते हुए बिहार के लाल व भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान ने इतिहास रच दिया. उन्होंने रणजी मैच में ऐसी पारी खेली जो झारखंड की तरफ से अब तक किसी भी खिलाड़ी ने नहीं किया था.

ग्रुप बी में खेले जा रहे दिल्ली और झारखंड के मुकाबले में अंडर-19 कप्तान ईशान किशन ने तूफानी दोहरा शतक लगाया.रणजी ट्रॉफी मुकाबले में झारखंड की तरफ से ये अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है. दिल्ली के खिलाफ खेलते हुए ईशान ने 336 गेंदों पर 273 रन बनाए। इस पारी के दौरान उन्होंने 21 चौके और 14 छक्के भी लगाए. इसके अलावा ईशान झारखंड रणजी टीम की तरफ से 250 से ज्यादा रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज भी बन गए हैं.
​ बिहार के नवादा के इशान एमएस धोनी की ही तरह विकेटकीपर बल्लेबाज है  ईशान किशन ने हाल ही में रणजी में जबर्दस्त खेल दिखाते हुए झारखंड की ओर से वह कारनामा कर दिया, जो धोनी जैसे दिग्गज भी नहीं कर सके थे. उन्होंने थुंबा में खेले जा रहे झारखंड और दिल्ली के रणजी ट्रॉफी ग्रुप बी मैच में शानदार दोहरा शतक लगाया. यह झारखंड की ओर से खेली गई अब तक की सबसे लंबी पारी है. इसके साथ ही उन्होंने छक्के लगाने के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली. हम आपको भारतीय क्रिकेट के इस उभरते हुए सितारे से परिचित करा रहे हैं, जो एमएस धोनी की तरह उम्मीद जगा रहा है…
रणजी में छक्कों के रिकॉर्ड की बराबरी

सबसे पहले बात ईशान किशन के हाल ही के रणजी प्रदर्शन की करते हैं. किशन ने इस मैच में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 336 गेंदों का सामना किया और 273 रन ठोक दिए. खास बात यह कि उन्होंने एमएस धोनी की तरह ही लंबे-लंबे छक्के भी लगाए. उन्होंने अपनी पारी में कुल 14 छक्के उड़ाए और 21 चौके लगाए. भी लगाए. किशन ने रणजी मैच की एक पारी में सबसे ज्यादा छक्के लगाने के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली. इससे पहले हिमाचल प्रदेश के क्रिकेटर शक्ति सिंह ने 1990 में 128 रन की पारी में 14 छक्के लगाए थे.
जबर्दस्त टर्निंग विकेट पर जडेजा की भी कर चुके हैं पिटाई

ईशान किशन ने ऐसी पारी पहली बार नहीं खेली है. वह अक्टूबर, 2015 में सौराष्ट्र के खिलाफ खेले गए रणजी मैच में राजकोट की पिच पर भी बेहतरीन पारी खेली थी. राजकोट की पिच पर पहली ही गेंद से धूल उड़ रही थी और गेंद काफी घूम रही थी. ईशान ने ओपनिंग करते हुए स्पिनरों के खिलाफ जबर्दस्त तकनीक का प्रदर्शन किया था और 69 गेंदों में 87 रन की पारी खेली थी, जिसमें उन्होंने 8 छक्के और 4 चौके लगाए थे, जबकि इसी पिच पर सौराष्ट्र के आगे त्रिपुरा की टीम नतमस्तक हो गई थी. इस मैच में किशन ने टीम इंडिया के ऐसी पिचों पर बेहद खतरनाक माने जाने वाले स्पिनर रवींद्र जडेजा का भी बखूबी सामना किया और उनकी गेंदों की भी पिटाई की थी.
किसी भी पोजिशन पर खेलने में सक्षम

ईशान आमतौर पर मध्यक्रम में खेलते हैं, लेकिन वह झारखंड के लिए ओपनिंग भी कर चुके हैं, हालांकि उन्हें किसी भी पोजिशन पर खेलने में कोई भी परेशानी नहीं होती. अंडर-19 के कोच राहुल द्रविड़ उन्हें ओपनिंग के साथ-साथ मध्यक्रम में भी आजमा चुके हैं. ईशान को झारखंड की सीनियर टीम में लाने वाले टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाज सुब्रतो बैनर्जी ने एक अखबार से बातचीत में कहा था कि उन्होंने ईशान को पहली बार झारखंड टीम की नेट प्रैक्टिस के दौरान कई सीनियर गेंदबाजों की पिटाई करते हुए देखा था. उनके अनुसार ईशान जिस तरह से खेल रहे थे, उससे वे आश्चर्यचकित रह गए थे. बिल्कुल धोनी की ही तरह वे भी गेंदबाज के स्तर को नहीं देखते, बल्कि गेंद को देखते हैं और उसे सही अंजाम देते हैं.
अंडर-19 वर्ल्ड कप में रहे कप्तान

18 जुलाई 1998 को जन्मे ईशान ने रणजी ट्रॉफी में झारखंड की टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने पदार्पण मैच में ही 60 रनों की बेहतरीन पारी खेली. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.अंडर-19 टीम के कोच और टीम इंडिया के दिग्गज ब्लेबाज रहे राहुल द्रविड़ अंडर-19 वर्ल्ड कप से पहले टीम के खिलाड़ियों को भलीभांति परख लेना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने रोटेशन पॉलिसी अपनाई और न केवल खिलाड़ियों को रोटेट किया बल्कि कप्तान भी बदले. द्रविड़ ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ खेली गई त्रिकोणीय सीरीज में जहां विराट सिंह और रिकी भुई को कप्तान के रूप में मौका दिया, वहीं हाल ही में भारत, श्रीलंका और इंग्लैंड के बीच खेली गई सीरीज में ऋषभ पंत और ईशान किशन को कप्तान के रूप में परखा. वे ईशान किशन की नेतृत्व क्षमता और खेल से प्रभावित हुए और संभवत: उनकी ही रिपोर्ट पर वेंकटेश प्रसाद की अध्यक्षता वाली जूनियर चयन समिति ने ईशान को अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए कप्तान चुन लिया. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची थी. हालांकि खिताब से वह वंचित रह गई.
क्रिकेट के कारण स्कूल से निकाला गया

ईशान किशन पटना के दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ते थे. धीरे-धीरे क्रिकेट से उन्हें इतना लगाव हो गया कि वह पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते थे. उनके क्रिकेट के प्रति जुनून को इसी से समझा जा सकता है कि इसके कारण उन्हें स्कूल से निष्कासित तक कर दिया गया था, फिर भी उन्होंने क्रिकेट खेलना नहीं छोड़ा. इसमें उनके भाई राज किशन ने भरपूर साथ दिया. उन्हीं की बदौलत ईशान आज यहां तक पहुंचे हैं. ईशान पटना से तीन साल पहले क्रिकेट खेलने झारखंड की राजधानी रांची चले गए. यहां उन्होंने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) की ओर से खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे क्रिकेट की बारीकियों को सीखते हुए 17 दिसंबर 2014 को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया.
वर्ल्ड कप के बाद मिले कई करार

ईशान ने फरवरी, 2016 में टायर बनाने वाली कंपनी सिएट के साथ तीन साल का करार किया था. इस करार के मुताबिक अब ईशान क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में सिएट लिखे बल्ले से खेलेंगे. खबरों के मुताबिक ईशान और सिएट के बीच एक करोड़ रुपये में करार हुआ था.
ईशान किशन को अपने आदर्श महेंद्र सिंह धोनी के साथ विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने का मौका मिल चुका है. वह आईपीएल में सुरेश रैना की टीम गुजरात लॉयन्स में हैं. ईशान ने फॉर्स्ट क्लास क्रिकेट के 14 मैचों में 926 रन बनाए हैं, जिसमें 2 शतक और 5 हाफ-सेंचुरी शामिल है.

मणिपुर को सेमीफाइनल मुकाबले में पारी और 335 रन से रौंदकर बिहार फाइनल में

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीई) द्वारा आयोजित एसोसिएट्स अंडर 16 दो दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट के सेमीफाइनल मुकाबले में बिहार की अंडर 16 टीम ने मणिपुर की अंडर 16 टीम को एक पारी और 335 रनों के बड़े अंतर से रौंदकर टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर ली है।
गोवाहाटी के जजेज कोर्ट क्रिकेट ग्राउंड में मंगलवार को खेले गए सेमीफाइनल के दूसरे दिन मणिपुर ने पहले दिन के स्कोर 24/4 से आगे खेलते हुए पूरी टीम 28 ओवर खेलकर सिर्फ 60 रनो पर ऑल आउट हो गई। बिहार के कप्तान अर्णव किशोर ने मणिपुर को फॉलो ऑन करवाया। दूसरी पारी में भी मणिपुर की टीम 32 ओवर में 95 रन बनाकर आॅल आउट हो गयी। यह जानकारी टीम मैनेजर सौरभ चक्रवर्ती ने दी। बताया कि टीम पूरी तरह से फाइनल मुकाबले के लिए तैयार है। बिहार टीम की इस सफलता पर बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी एवं सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह ने बधाई दी है।

मणिपुर को सेमीफाइनल मुकाबले में पारी और 335 रन से रौंदकर बिहार फाइनल में

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीई) द्वारा आयोजित एसोसिएट्स अंडर 16 दो दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट के सेमीफाइनल मुकाबले में बिहार की अंडर 16 टीम ने मणिपुर की अंडर 16 टीम को एक पारी और 335 रनों के बड़े अंतर से रौंदकर टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर ली है।
गोवाहाटी के जजेज कोर्ट क्रिकेट ग्राउंड में मंगलवार को खेले गए सेमीफाइनल के दूसरे दिन मणिपुर ने पहले दिन के स्कोर 24/4 से आगे खेलते हुए पूरी टीम 28 ओवर खेलकर सिर्फ 60 रनो पर ऑल आउट हो गई। बिहार के कप्तान अर्णव किशोर ने मणिपुर को फॉलो ऑन करवाया। दूसरी पारी में भी मणिपुर की टीम 32 ओवर में 95 रन बनाकर आॅल आउट हो गयी। यह जानकारी टीम मैनेजर सौरभ चक्रवर्ती ने दी। बताया कि टीम पूरी तरह से फाइनल मुकाबले के लिए तैयार है। बिहार टीम की इस सफलता पर बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी एवं सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह ने बधाई दी है।

बिहार के लाल ईशान किशन ने रणजी मैच में कर्नाटक के खिलाफ खेली नाबाद 159 रन की पारी

ग्रेटर नोएडा में चल रहे झारखंड बनाम कर्नाटक रणजी मैच में बिहार के लाल ईशान किशन ने नाबाद 159 रन की पारी खेलकर झारखण्ड के लिए संकटमोचक साबित हुए।
ईशान किशन के इस बेहतरीन पारी के बदौलत झारखंड रणजी टीम कर्नाटक से मात खाने से बच गयी। इससे पहले कर्नाटक की टीम ने रविकुमार समर्थ के शानदार दोहरे शतक के बदौलत 577 रनों के विशाल स्कोर पर अपनी पारी घोषित किया था।जवाब में झारखंड ने सभी विकेट खोकरें 374 रन बना लिए। ईशान किशन अपने टीम के लिए अंत तक डटे रहे और उन्होंने 211 गेंद में 16 चौके एवं 7 छक्के की मदद से 159 रन की शानदार पारी खेली, झारखण्ड की ओर से सौरभ तिवारी 91 और आनंद सिंह ने 45 रन की पारी खेली। वंही कर्नाटक के श्रेयस गोपाल व कृष्णप्पा गौतम ने तीन-तीन व अभिमन्यु मिथुन दो विकेट लेने में सफल रहे।
दोबारा बल्लेबाजी करने उतरी कर्नाटक की टीम ने अंतिम दिन के खेल खत्म होने पर तीन विकेट खोकर 162 रन बनाये।
मैच ड्रा रहने के कारण झारखंड टीम अपने ग्रुप टेबल में चौथे स्थान पर है।

ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में झारखंड व कर्नाटक के बीच रणजी मैच खेला जा रहा है। कर्नाटक ने पहली पारी में छह विकेट पर 577 रन बना कर पारी घोषित कर दी थी। जवाब में झारखंड पहले दिन के शुरूआत में पांच ओवर खेल कर नौ रन बनाए थे। दूसरे दिन शनिवार को सलामी बल्लेबाज शिव गौतम एक रन के निजी स्कोर पर मिथुन के गेंद पर मयंक अग्रवाल के हाथों कैच आउट हो गए। आनंद सिंह ने सात चौके जड़ कर 45 रन बनाए। सौरभ तिवारी ने पारी को संभालने का प्रयास किया। वह संभल कर खेलते हुए छह चौके व तीन छक्के जड़ कर 91 रन के निजी स्कोर पर रन आउट हो गए। नौ रनों से वह शतकीय परी खेलने से चूक गए।

इशांक जग्गी के 18 रन पर आउट होने के बाद ईशान किशन ने टीम को संभाला। उसने तीसरे दिन के खेल खत्म होने तक नाबाद 118 रन बनाकर क्रीज पर डटे थे। उसने 13 चौके व पांच छक्के जड़े। शाहबाज नदीम नाबाद 13 रन बनाकर क्रीज पर थे। तीसरे दिन के खेल खत्म होने तक झारखंड ने छह विकेट खोकर 309 रन बना लिए हैं। कर्नाटक के गेंदबाज अभिमन्यु मिथुन ने दो व स्टूअर्ट बिन्नी, कृष्णाप्पा गौथम व श्रेयस गोपाल ने एक-एक विकेट लिए।

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खुशखबरी : नए वर्ष में बिहार क्रिकेट को मिलेगा तोहफा, बीसीसीआई देगी बिहार क्रिकेट को मान्यता

आने वाला नया वर्ष बिहार के क्रिकेटरों के लिए बीसीसीआई तोहफा दे सकती है. 9 जनवरी को बीसीसीआई ओर बीसीए के अधिकारीयों के साथ पटना में बैठक है. इस बैठक में बीसीए के पूर्ण मान्यता की मांग रखी जाएगी.

नौ जनवरी को बीसीसीआइ, बिहार के क्रिकेट संघ और बिहार सरकार के उच्च अधिकारी पटना में बैठक करेंगे। इसमें बीसीसीआइ से बिहार को पूर्ण मान्यता देने की मांग रखी जाएगी।  कला, संस्कृति, युवा व खेल मामलों के मंत्री शिवचंद्र राम के कार्यालय में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। शिवचंद्र राम ने कहा कि बिहार में क्रिकेट की शुरूआत फिर से करने के लिए उनका मंत्रालय गंभीर है। उन्होंने बिहार क्रिकेट संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी और सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह से फोन पर बात की और उनसे नौ जनवरी को होने वाली बैठक में मौजूद रहने का आग्रह किया।  मंत्री ने कहा कि वे क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा से भी बात करेंगे। मिलजुल कर बिहार में क्रिकेट को फिर से नए सिरे से शुरु करने की पहल करेंगे।  एडहॉक कमेटी के सदस्य केवीपी राव ने बताया कि नौ जनवरी को होने वाली बैठक में बीसीसीआइ के जनरल मैनजर रत्नाकर शेट्टी भी मौजूद रहेंगे।  बिहार क्रिकेट के लिए की जा रही तैयारियां, एक नजर…  बीसीसीआइ के एसोसिएट सदस्यों के बीच होने वाले क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए बिहार के क्रिकेटरों का चयन एडहॉक कमेटी के सदस्य बिहार सरकार की मदद से करेंगे। अंडर 16 टूर्नामेंट के लिए अंडर 17 सीके नायडू क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले 20 क्रिकेटरों के अलावा अन्य 30 खिलाड़ियों को चुना जाएगा। इसी तरह अंडर 19 टूर्नामेंट के लिए वीनू मांकड क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए चुने जाने वाले 20 खिलाड़ियों के अलावा 30 अन्य खिलाड़ियों को चुना जाएगा। चयन में शामिल होने के लिए खिलाड़ियों को विज्ञापन के माध्यम से सूचित किया जाएगा। इसके बाद एडहॉक कमेटी मोइनुल हक स्टेडियम में अंडर 16 के 50 और अंडर 19 के 50 क्रिकेटरों का ट्रायल करेगी। ट्रायल के बाद दोनों वर्गों से अंतिम 20 खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा, जो एसोसिएट क्रिकेट टूर्नामेंट में बिहार टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे मान्यता के लिए लोढ़ा समिति से आग्रह  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से मान्यता हासिल करने के लिए लड़ रहे क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आरएम लोढ़ा की समिति के समक्ष अपना पक्ष रखा था।  सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने बताया, ‘‘लोढ़ा समिति अगले साल चार जनवरी को पेश करने वाली अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआइ के संविधान और उसकी कार्यप्रणाली में कई बदलाव के सुझाव दे सकती है। इसलिए मैंने समिति को लिखकर सीएबी को मान्यता प्रदान करने का मामला उठाया है।’’उन्होंने कहा कि मेरी बस यही तमन्ना है कि बिहार में किसी भी हाल में क्रिकेट शुरूआत हो जाए।

15 वर्ष का इंतजार खत्म बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को मिली मान्यता

बिहार के क्रिकेटरों एवं क्रिकेटप्रेमियों का 15 वर्ष का लंबा इंतजार अब खत्म हो गया है। कल सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया जिसमे बीसीसीआई को आदेश दिया है की आर एम लोढ़ा द्वारा पारित सभी नियमों को जल्द लागू किया जाए। इस फैसले के कारण अब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन बीसीसीआई का पूर्ण रूप से सदस्य बन गया है।

अब बिहार की टीम रणजी एवं अन्य राष्ट्रिय क्रिकेट टूर्नामेंट खेल पायेगी, जो की 2001 से तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया द्वारा प्रतिबंधित था।

आर एम लोढ़ा के फैसले के बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी को अपने पद से इस्तीफा देना होगा, चुकी अब्दुल बारी सिद्दीकी नीतीश कैबिनेट के मंत्री है।

15 वर्ष से प्रतिबंधित होने के कारण बिहार के कई प्रतिभावान क्रिकेटर चाह कर भी राष्ट्रिय स्तर पर कोई मैच नही खेल पाये, बिहार के क्रिकेटरों को अपने भविष्य संवारने के लिए कई बार झारखण्ड एवं बंगाल भी पलायन करना पड़ा।

बीसीए के अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा की बिहार में खेल का मतलब सिर्फ मनोरंजन नही है बल्कि ये राज्य के विकास काफी मददगार साबित होगा, बिहार में फ़िलहाल कोई एकदिवसीय या टेस्ट मैच नही हो सकता क्योंकि बिहार में अच्छे स्टेडियम, खिलाड़ियों के ठहरने के लिए अच्छे होटल की कमी है। बीसीए के मान्यता के बाद इन क्षेत्रों में विकास देखने को मिलेगा।

बीसीए के मान्यता के बाद राज्य के खिलाड़ियों में काफी उत्साह है बीसीए के सचिव ने बताया की बीसीसीआई के मदद से जल्द ही मोईन-उल-हक़ स्टेडियम का जीर्णोद्धार किया जायेगा इसके बाद किसी अंतराष्ट्रीय मैच का आयोजन भी बिहार में जल्द होगा।