​बिहार के करिश्माई लाल इशान किशन का जन्मदिन आज दीजिए बधाई

बिहार के करिश्माई लाल और श्री प्रणव पांडे एवं सुमित्रा सिंह के छोटे पुत्र ईशान जिस नाम से आज भारत का कोई क्रिकेट-प्रेमी अंजान नहीं है। अपने शानदार नेतृत्व के बदौलत फ़रवरी 2016 में बांग्लादेश में आयोजित अंडर 19 विश्वकप में भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचाने वाला खिलाड़ी आज 19 वर्ष के हो गए हैं।
आईपीएल के इस सीजन में नवादा के इस तूफानी बल्लेबाज ने 11 मैचों में 27.70 की औसत और 134.46 के बढ़िया स्ट्राइक रेट के साथ 277 रन बनाए थे। उनका टूर्नामेंट में सर्वाधिक स्कोर 61 था। इशान के इस शानदार प्रदर्शन के लिए दक्षिण अफ्रीका में होने वाली आगामी त्रिकोणीय सीरीज के बाद होने वाली दो चार दिवसीय अभ्यास मैच के लिए चयन हुआ है। इस चार दिवसीय श्रृंखला में इशान को एकमात्र विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में शामिल किया गया है

ईशान बचपन में क्रिकेट सिर्फ मस्ती के लिए खेला करते थे उन्हें क्रिकेट में कोई खास दिलचस्पी नही थी जबकि उनके बड़े भाई राज किशन एक अच्छा क्रिकेटर बनना चाहते थे दोनों भाई शुरुआत के दिनों में पटना स्थित कोच उत्तम मजूमदार के कोचिंग में क्रिकेट खेला करते थे, उत्तम ईशान के खेल से काफी प्रभावित हुए और उन्हें लगा ये भविष्य में एक अच्छा क्रिकेटर बन सकता है इसके लिए उत्तम ने ईशान के पिता से मिलकर उन्हें झारखण्ड भेजने का सलाह दिया चुकी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) का मान्यता बीसीसीआई द्वारा रद्द कर किया जा चूका है। क्रिकेट में अपना भविष्य संवारने के लिए ईशान वर्ष 2013 में रांची चले गए।

 

ईशान को झारखंड की ओर से पहला रणजी मैच खेलने का मौका 2014 के अंत में असम के खिलाफ मिला। इस मैच में उन्होंने ओपनिंग की। ईशान ने टिककर खेलने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए 126 गेंदों में 60 रन बनाए, जिसमें 9 चौके शामिल थे। द्रविड हुए ईशान से प्रभावित दिया कफ्तानी का जिम्मा

अंडर-19 टीम के कोच और टीम इंडिया के दिग्गज ब्लेबाज रहे राहुल द्रविड़ वर्ल्ड कप से पहले टीम के खिलाड़ियों को भलीभांति परख लेना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने रोटेशन पॉलिसी अपनाई और न केवल खिलाड़ियों को रोटेट किया बल्कि कप्तान भी बदले। द्रविड़ ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ खेली गई त्रिकोणीय सीरीज में जहां विराट सिंह और रिकी भुई को कप्तान के रूप में मौका दिया, वहीं हाल ही में भारत, श्रीलंका और इंग्लैंड के बीच खेली गई सीरीज में ऋषभ पंत और ईशान किशन को कप्तान के रूप में परखा। वे ईशान किशन की नेतृत्व क्षमता और खेल से प्रभावित हुए और संभवत: उनकी ही रिपोर्ट पर वेंकटेश प्रसाद की अध्यक्षता वाली जूनियर चयन समिति ने ईशान को अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए कप्तान चुन लिया।

अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे इशान 7 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे इशान किशन की मां उन्हें डॉक्टर बनाना चाहती थी। वह चाहती थी कि बेटा खेल छोड़ पढ़ाई करे। वहीं, इशान दिनभर क्रिकेट खेलते रहते थे। वह सोते भी बैट साथ लेकर, जिससे मां को लगता था कि बेटे के सिर पर कोई भूत सवार है। इस भूत को हटाने के लिए उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया था। बैट-बॉल साथ लेकर सोते थे इशान…

”इशान के इसी जुनून के चलते उसे बचपन में स्कूल से निकाल दिया गया था।”

– ”वह पढ़ते वक्त टीचर की नजर से छुपकर कॉपी पर मैथ की जगह क्रिकेट की पिच का फोटो बनाते और फील्डिंग सजाते थे।”

दक्षिण अफ्रीका में होने वाले आगामी सीरीज के लिए भारतीय ए टीम में हुआ बिहार के लाल इशान का चयन

​आईपीएल में गुजरात लायन्स की टीम की ओर से खेलते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चूके बिहार के लाल और तुफानी बल्लेबाज इशान किशन का चयन दक्षिण अफ्रीका में होने वाली आगामी त्रिकोणीय सीरीज के बाद होने वाली दो चार दिवसीय अभ्यास मैच के लिए हुई है। इस चार दिवसीय श्रृंखला में इशान को एकमात्र विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में शामिल किया गया है। इससे पहले भी नवादा के इशान जनवरी में इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय और टी-20 मैचों से पहले होने वाले अभ्यास मैचों के लिए भारत ए टीम का हिस्सा बने थे ।

रणजी ट्रॉफी के इस सत्र में वह सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में 10वें स्थान पर थे। उन्होंने 10 मैचों में 57.07 की औसत से 799 रन बनाए थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 83.92 रहा जो चोटी का 20 बल्लेबाजों में तीसरा सबसे तेज स्ट्राइक रेट था।

मालूम हो कि इशान किशन पिछले साल अंडर-19 विश्वकप में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं। और उनकी शानदार कफ्तानी के बदौलत भारतीय अंडर 19 टीम विश्व कप में फाइनल तक का सफर की। उन्हें आईपीएल की टीम गुजरात लांयस की ओर से भी खेलने का मौका मिला था और उन्होंने  इस आईपीएल सीजन में 11 मैचों में 27.70 की औसत और 134.46 के बढ़िया स्ट्राइक रेट के साथ 277 रन बनाए थे। उनका टूर्नामेंट में सर्वाधिक स्कोर 61 था।

बिहार के छोटे शहर के बड़े करिश्माई लाल ने ठोका आईपीएल का पहला अर्धशतक

गुजरात लायंस के युवा बल्लेबाज और बिहार के छोटे से शहर नवादा के बड़े करिश्माई लाल ने आखिरकार आईपीएल में अपना पहला अर्धशतक लगा लिया। इशान किशन ने शनिवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ धुआंधार पारी खेलते हुए  महज 27 गेंदों पर हाफ सेंचुरी ठोकी और 40 गेंदों पर 61 रन की तेज पारी खेलकर आउट हुए, उन्होंने अपनी पारी में 5 चौके और 4 छक्के जड़े।

18 वर्षीय किशन ने अपनी पारी के दौरान राशिद खान के खिलाफ एक हाथ से छक्का जड़ दिया। गुजरात की पारी के 9वें ओवर की दूसरी गेंद पर राशिद खान की गुगली पर इशान किशन ने जो पुल शॉट खेला वह थोड़ा सा उनसे मिसटाइम हो गया लेकिन फिर भी उन्होंने महज एक हाथ से ही करार शॉट खेलते हुए गेंद को छह रन के लिए बाउंड्री के पार पहुंचा दिया।

बाउंड्री पर हैदराबाद के मोहम्मद नबी ने उस गेंद को कैच करने की कोशिश भी की थी लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाए और गेंद छह रन के लिए बाउंड्री के पार निकल गई।

गुजरात लायंस के लिए ओपनिंग करने वाले ईशान किशन अपना दूसरा आईपीएल सीजन खेल रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी और ईशान किशन में समानता की बात की जाए तो वो ये है कि दोनों ही झारखंड की ओर से बतौर विकेटकीपर रणजी मैच खेल चुके हैं। साथ ही धोनी एक ओर जहां ‘हेलीकॉप्टर शॉट’ जैसे नायाब अंदाज में छक्के लगाते हैं वहीं माही को अपना आदर्श मानने वाले ईशान का भी सिक्स लगाने का एक खास अंदाज है।

किशन ने अपनी पारी के दौरान राशिद खान के खिलाफ एक हाथ से छक्का जड़ दिया. गुजरात की पारी के 9वें ओवर की दूसरी गेंद पर राशिद खान की गुगली पर इशान किशन ने जो पुल शॉट खेला वह थोड़ा सा उनसे मिसटाइम हो गया लेकिन फिर भी उन्होंने महज एक हाथ से ही करार शॉट खेलते हुए गेंद को छह रन के लिए बाउंड्री के पार पहुंचा दिया.

 

बाउंड्री पर हैदराबाद के मोहम्मद नबी ने उस गेंद को कैच करने की कोशिश भी की थी लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाए और गेंद छह रन के लिए बाउंड्री के पार निकल गई

बिहार के लाल इशान किशन ने रणजी टूर्नामेंट में लगाया रिकार्डों का झड़ी


रणजी ट्रॉफी के 5वें राउंड के मैच में झारखंड की तरफ से खेलते हुए बिहार के लाल व भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान ने इतिहास रच दिया. उन्होंने रणजी मैच में ऐसी पारी खेली जो झारखंड की तरफ से अब तक किसी भी खिलाड़ी ने नहीं किया था.

ग्रुप बी में खेले जा रहे दिल्ली और झारखंड के मुकाबले में अंडर-19 कप्तान ईशान किशन ने तूफानी दोहरा शतक लगाया.रणजी ट्रॉफी मुकाबले में झारखंड की तरफ से ये अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है. दिल्ली के खिलाफ खेलते हुए ईशान ने 336 गेंदों पर 273 रन बनाए। इस पारी के दौरान उन्होंने 21 चौके और 14 छक्के भी लगाए. इसके अलावा ईशान झारखंड रणजी टीम की तरफ से 250 से ज्यादा रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज भी बन गए हैं.
​ बिहार के नवादा के इशान एमएस धोनी की ही तरह विकेटकीपर बल्लेबाज है  ईशान किशन ने हाल ही में रणजी में जबर्दस्त खेल दिखाते हुए झारखंड की ओर से वह कारनामा कर दिया, जो धोनी जैसे दिग्गज भी नहीं कर सके थे. उन्होंने थुंबा में खेले जा रहे झारखंड और दिल्ली के रणजी ट्रॉफी ग्रुप बी मैच में शानदार दोहरा शतक लगाया. यह झारखंड की ओर से खेली गई अब तक की सबसे लंबी पारी है. इसके साथ ही उन्होंने छक्के लगाने के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली. हम आपको भारतीय क्रिकेट के इस उभरते हुए सितारे से परिचित करा रहे हैं, जो एमएस धोनी की तरह उम्मीद जगा रहा है…
रणजी में छक्कों के रिकॉर्ड की बराबरी

सबसे पहले बात ईशान किशन के हाल ही के रणजी प्रदर्शन की करते हैं. किशन ने इस मैच में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 336 गेंदों का सामना किया और 273 रन ठोक दिए. खास बात यह कि उन्होंने एमएस धोनी की तरह ही लंबे-लंबे छक्के भी लगाए. उन्होंने अपनी पारी में कुल 14 छक्के उड़ाए और 21 चौके लगाए. भी लगाए. किशन ने रणजी मैच की एक पारी में सबसे ज्यादा छक्के लगाने के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली. इससे पहले हिमाचल प्रदेश के क्रिकेटर शक्ति सिंह ने 1990 में 128 रन की पारी में 14 छक्के लगाए थे.
जबर्दस्त टर्निंग विकेट पर जडेजा की भी कर चुके हैं पिटाई

ईशान किशन ने ऐसी पारी पहली बार नहीं खेली है. वह अक्टूबर, 2015 में सौराष्ट्र के खिलाफ खेले गए रणजी मैच में राजकोट की पिच पर भी बेहतरीन पारी खेली थी. राजकोट की पिच पर पहली ही गेंद से धूल उड़ रही थी और गेंद काफी घूम रही थी. ईशान ने ओपनिंग करते हुए स्पिनरों के खिलाफ जबर्दस्त तकनीक का प्रदर्शन किया था और 69 गेंदों में 87 रन की पारी खेली थी, जिसमें उन्होंने 8 छक्के और 4 चौके लगाए थे, जबकि इसी पिच पर सौराष्ट्र के आगे त्रिपुरा की टीम नतमस्तक हो गई थी. इस मैच में किशन ने टीम इंडिया के ऐसी पिचों पर बेहद खतरनाक माने जाने वाले स्पिनर रवींद्र जडेजा का भी बखूबी सामना किया और उनकी गेंदों की भी पिटाई की थी.
किसी भी पोजिशन पर खेलने में सक्षम

ईशान आमतौर पर मध्यक्रम में खेलते हैं, लेकिन वह झारखंड के लिए ओपनिंग भी कर चुके हैं, हालांकि उन्हें किसी भी पोजिशन पर खेलने में कोई भी परेशानी नहीं होती. अंडर-19 के कोच राहुल द्रविड़ उन्हें ओपनिंग के साथ-साथ मध्यक्रम में भी आजमा चुके हैं. ईशान को झारखंड की सीनियर टीम में लाने वाले टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाज सुब्रतो बैनर्जी ने एक अखबार से बातचीत में कहा था कि उन्होंने ईशान को पहली बार झारखंड टीम की नेट प्रैक्टिस के दौरान कई सीनियर गेंदबाजों की पिटाई करते हुए देखा था. उनके अनुसार ईशान जिस तरह से खेल रहे थे, उससे वे आश्चर्यचकित रह गए थे. बिल्कुल धोनी की ही तरह वे भी गेंदबाज के स्तर को नहीं देखते, बल्कि गेंद को देखते हैं और उसे सही अंजाम देते हैं.
अंडर-19 वर्ल्ड कप में रहे कप्तान

18 जुलाई 1998 को जन्मे ईशान ने रणजी ट्रॉफी में झारखंड की टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने पदार्पण मैच में ही 60 रनों की बेहतरीन पारी खेली. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.अंडर-19 टीम के कोच और टीम इंडिया के दिग्गज ब्लेबाज रहे राहुल द्रविड़ अंडर-19 वर्ल्ड कप से पहले टीम के खिलाड़ियों को भलीभांति परख लेना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने रोटेशन पॉलिसी अपनाई और न केवल खिलाड़ियों को रोटेट किया बल्कि कप्तान भी बदले. द्रविड़ ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ खेली गई त्रिकोणीय सीरीज में जहां विराट सिंह और रिकी भुई को कप्तान के रूप में मौका दिया, वहीं हाल ही में भारत, श्रीलंका और इंग्लैंड के बीच खेली गई सीरीज में ऋषभ पंत और ईशान किशन को कप्तान के रूप में परखा. वे ईशान किशन की नेतृत्व क्षमता और खेल से प्रभावित हुए और संभवत: उनकी ही रिपोर्ट पर वेंकटेश प्रसाद की अध्यक्षता वाली जूनियर चयन समिति ने ईशान को अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए कप्तान चुन लिया. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची थी. हालांकि खिताब से वह वंचित रह गई.
क्रिकेट के कारण स्कूल से निकाला गया

ईशान किशन पटना के दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ते थे. धीरे-धीरे क्रिकेट से उन्हें इतना लगाव हो गया कि वह पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते थे. उनके क्रिकेट के प्रति जुनून को इसी से समझा जा सकता है कि इसके कारण उन्हें स्कूल से निष्कासित तक कर दिया गया था, फिर भी उन्होंने क्रिकेट खेलना नहीं छोड़ा. इसमें उनके भाई राज किशन ने भरपूर साथ दिया. उन्हीं की बदौलत ईशान आज यहां तक पहुंचे हैं. ईशान पटना से तीन साल पहले क्रिकेट खेलने झारखंड की राजधानी रांची चले गए. यहां उन्होंने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) की ओर से खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे क्रिकेट की बारीकियों को सीखते हुए 17 दिसंबर 2014 को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया.
वर्ल्ड कप के बाद मिले कई करार

ईशान ने फरवरी, 2016 में टायर बनाने वाली कंपनी सिएट के साथ तीन साल का करार किया था. इस करार के मुताबिक अब ईशान क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में सिएट लिखे बल्ले से खेलेंगे. खबरों के मुताबिक ईशान और सिएट के बीच एक करोड़ रुपये में करार हुआ था.
ईशान किशन को अपने आदर्श महेंद्र सिंह धोनी के साथ विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने का मौका मिल चुका है. वह आईपीएल में सुरेश रैना की टीम गुजरात लॉयन्स में हैं. ईशान ने फॉर्स्ट क्लास क्रिकेट के 14 मैचों में 926 रन बनाए हैं, जिसमें 2 शतक और 5 हाफ-सेंचुरी शामिल है.

बिहार के लाल ईशान किशन ने रणजी मैच में कर्नाटक के खिलाफ खेली नाबाद 159 रन की पारी

ग्रेटर नोएडा में चल रहे झारखंड बनाम कर्नाटक रणजी मैच में बिहार के लाल ईशान किशन ने नाबाद 159 रन की पारी खेलकर झारखण्ड के लिए संकटमोचक साबित हुए।
ईशान किशन के इस बेहतरीन पारी के बदौलत झारखंड रणजी टीम कर्नाटक से मात खाने से बच गयी। इससे पहले कर्नाटक की टीम ने रविकुमार समर्थ के शानदार दोहरे शतक के बदौलत 577 रनों के विशाल स्कोर पर अपनी पारी घोषित किया था।जवाब में झारखंड ने सभी विकेट खोकरें 374 रन बना लिए। ईशान किशन अपने टीम के लिए अंत तक डटे रहे और उन्होंने 211 गेंद में 16 चौके एवं 7 छक्के की मदद से 159 रन की शानदार पारी खेली, झारखण्ड की ओर से सौरभ तिवारी 91 और आनंद सिंह ने 45 रन की पारी खेली। वंही कर्नाटक के श्रेयस गोपाल व कृष्णप्पा गौतम ने तीन-तीन व अभिमन्यु मिथुन दो विकेट लेने में सफल रहे।
दोबारा बल्लेबाजी करने उतरी कर्नाटक की टीम ने अंतिम दिन के खेल खत्म होने पर तीन विकेट खोकर 162 रन बनाये।
मैच ड्रा रहने के कारण झारखंड टीम अपने ग्रुप टेबल में चौथे स्थान पर है।

ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में झारखंड व कर्नाटक के बीच रणजी मैच खेला जा रहा है। कर्नाटक ने पहली पारी में छह विकेट पर 577 रन बना कर पारी घोषित कर दी थी। जवाब में झारखंड पहले दिन के शुरूआत में पांच ओवर खेल कर नौ रन बनाए थे। दूसरे दिन शनिवार को सलामी बल्लेबाज शिव गौतम एक रन के निजी स्कोर पर मिथुन के गेंद पर मयंक अग्रवाल के हाथों कैच आउट हो गए। आनंद सिंह ने सात चौके जड़ कर 45 रन बनाए। सौरभ तिवारी ने पारी को संभालने का प्रयास किया। वह संभल कर खेलते हुए छह चौके व तीन छक्के जड़ कर 91 रन के निजी स्कोर पर रन आउट हो गए। नौ रनों से वह शतकीय परी खेलने से चूक गए।

इशांक जग्गी के 18 रन पर आउट होने के बाद ईशान किशन ने टीम को संभाला। उसने तीसरे दिन के खेल खत्म होने तक नाबाद 118 रन बनाकर क्रीज पर डटे थे। उसने 13 चौके व पांच छक्के जड़े। शाहबाज नदीम नाबाद 13 रन बनाकर क्रीज पर थे। तीसरे दिन के खेल खत्म होने तक झारखंड ने छह विकेट खोकर 309 रन बना लिए हैं। कर्नाटक के गेंदबाज अभिमन्यु मिथुन ने दो व स्टूअर्ट बिन्नी, कृष्णाप्पा गौथम व श्रेयस गोपाल ने एक-एक विकेट लिए।

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18 के हुए बिहार के लाल और भारतीय अंडर 19 टीम के कफ्तान ईशान किशन

राजधानी पटना में 18 जुलाई 1998 को जन्मे भारतीय अंडर 19 टीम के कफ्तान ईशान किशन मुख्यतः बिहार के नवादा जिले के निवासी हैं।

भारतीय अंडर 19 कफ्तान ईशान किशन

भारतीय अंडर 19 कफ्तान ईशान किशन

श्री प्रणव पांडे एवं सुमित्रा सिंह के छोटे पुत्र ईशान जिस नाम से शायद भारत का कोई क्रिकेट-प्रेमी अंजान नही होगा, अपने शानदार नेतृत्व के बदौलत फ़रवरी 2016 में बांग्लादेश में आयोजित अंडर 19 विश्वकप में भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचाने वाला खिलाड़ी आज 18 वर्ष के हो गए हैं।

ईशान बताते है की वो बचपन में क्रिकेट सिर्फ मस्ती के लिए खेला करते थे उन्हें क्रिकेट में कोई खास दिलचस्पी नही थी जबकि उनके बड़े भाई राज किशन एक अच्छा क्रिकेटर बनना चाहते थे दोनों भाई शुरुआत के दिनों में पटना स्थित कोच उत्तम मजूमदार के कोचिंग में क्रिकेट खेला करते थे, उत्तम ईशान के खेल से काफी प्रभावित हुए और उन्हें लगा ये भविष्य में एक अच्छा क्रिकेटर बन सकता है इसके लिए उत्तम ने ईशान के पिता से मिलकर उन्हें झारखण्ड भेजने का सलाह दिया चुकी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) का मान्यता बीसीसीआई द्वारा रद्द कर किया जा चूका है। क्रिकेट में अपना भविष्य संवारने के लिए ईशान वर्ष 2013 में रांची चले गए।

  • विश्व कप के लिए बांग्लादेश रवाना होने से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस के दौरान

    विश्व कप के लिए बांग्लादेश रवाना होने से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस के दौरान

शुरआती मैचों में ही किया कमाल

ईशान को झारखंड की ओर से पहला रणजी मैच खेलने का मौका 2014 के अंत में असम के खिलाफ मिला। इस मैच में उन्होंने ओपनिंग की। ईशान ने टिककर खेलने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए 126 गेंदों में 60 रन बनाए, जिसमें 9 चौके शामिल थे। उन्होंने अभी तक प्रथम श्रेणी के 10 मैच खेले हैं, जिनमें 736 रन बनाए हैं। उनका औसत 40.88 है। ईशान के खाते में एक सेंचुरी और पांच फिफ्टी हैं, जबकि विकेटकीपर के रूप में उन्होंने अब तक 13 कैच और 5 स्टम्पिंग की हैं।

द्रविड हुए ईशान से प्रभावित दिया कफ्तानी का जिम्मा

अंडर-19 टीम के कोच और टीम इंडिया के दिग्गज ब्लेबाज रहे राहुल द्रविड़ वर्ल्ड कप से पहले टीम के खिलाड़ियों को भलीभांति परख लेना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने रोटेशन पॉलिसी अपनाई और न केवल खिलाड़ियों को रोटेट किया बल्कि कप्तान भी बदले। द्रविड़ ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ खेली गई त्रिकोणीय सीरीज में जहां विराट सिंह और रिकी भुई को कप्तान के रूप में मौका दिया, वहीं हाल ही में भारत, श्रीलंका और इंग्लैंड के बीच खेली गई सीरीज में ऋषभ पंत और ईशान किशन को कप्तान के रूप में परखा। वे ईशान किशन की नेतृत्व क्षमता और खेल से प्रभावित हुए और संभवत: उनकी ही रिपोर्ट पर वेंकटेश प्रसाद की अध्यक्षता वाली जूनियर चयन समिति ने ईशान को अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए कप्तान चुन लिया।

बांग्लादेश में खेले गए विश्वकप टूर्नामेंट में ईशान भले ही बल्ले से कमाल नही दिखा पाये पर अपने कफ्तानी के बदौलत भारतीय टीम को फाइनल तक पहुंचकर कोच राहुल द्रविड़ का दिल जीत लिया, फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज के हाथों मिली हार का जिम्मा ईशान ने अपने ऊपर लिया और देश के तमाम खेलप्रेमियों से माफ़ी मांगी।

टूर्नामेंट के दौरान ही ईशान का चयन आईपीएल 9 में गुजरात लायंस ने की। ईशान को गुजरात लायंस के मालिक केशव बंसल ने 35 लाख रुपयों में खरीदा।

क्रिकेट विशेषज्ञों की माने तो ईशान भविष्य में महेंद्र सिंह धोनी का जगह ले सकते हैं, ईशान और धोनी में कई समानताएं भी हैं ईशान धोनी के तरह ही झारखण्ड से रणजी खेलते हैं और उनके ही तरह आक्रमक विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। ईशान पूर्व आस्ट्रेलियाई कफ्तान एडम गिलक्रिस्ट को अपना आदर्श मानते हैं और उनके ही तरह भविष्य में एक अच्छा क्रिकेटर बनना चाहते हैं।

ईशान किशन के कफ्तान बनने के बाद उप-मुख्यमंत्री तेजस्वीतेजस्वी यादव भी बिहार में क्रिकेट को बढ़ावा देने में जुट गए हैं और बीसीसीआई से कई बार बीसीए की सम्बद्धत्ता के लिए अपील भी कर चुके हैं।

आपन बिहार की ओर से बिहार के लाल ईशान को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

 

बिहार क्रिकेट को मिले जल्द से जल्द मान्यता : ईशान किशन

 

भारतीय अंडर 19 कफ्तान ईशान किशन

भारतीय अंडर 19 कफ्तान ईशान किशन

भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में रविवार से तीन दिवसीय अंगिका कप की आगाज में भाग लेने पहुंचे बिहार के लाल और भारत के अंडर – 19 के कप्तान ईशान किशन ने कहा कि बीसीए (बिहार क्रिकेट एसोसिएशन) को जल्द से जल्द मान्यता मिलना चाहिए. बिहार में क्रिकेट का भविष्य यहां की मान्यता पर आधारित है। यदि बिहार के क्रिकेट को मान्यता मिल जाए तो यहां के प्रतिभाशाली किक्रेटर बाहर के राज्यों में पलायन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा की बिहार में प्रतिभाशाली क्रिकेटरों की भरमार है।

उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि वे जिस काम में रुचि रखें। उसी दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करें।

शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी दी गयी कि इस कप में चार टीमें भाग ले रही है। इसमें झारखंड रणजी टीम, बंगाल टीम, पटना टीम और भागलपुर की टीमें हिस्सा ले रही है। अंगिका कप के अध्यक्ष रवि दुबे, सचिव बंटी शर्मा समेत अन्य खिलाड़ियों ने जर्सी जारी किया। इसमें झारखंड के लिए पीली जर्सी, बंगाल के लिए नारंगी जर्सी, पटना के लिए स्लेटी जर्सी और भागलपुर के लिए नीली जर्सी चुना गया।

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