Bridges in Bihar

New Bridge in Bihar: जून में शरू हो जायेगा गाँधी सेतु समेत बिहार के ये 5 बड़े पुल

अगले महीने बिहार में यातायात को लेकर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है| राज्य के पांच नयें पुलों पर आवाजाही शुरू हो जाने की उम्मीद है| ये पंचों पुल का महत्व काफी ज्यादा है| वर्षों के इंतजार के बाद ये पुल बिहार के विकास के रफ़्तार को और तेज करने को तैयार है|

इन पांच पुलों में गंगा नदी पर पटना के महात्मा गांधी सेतु का पश्चिमी लेन, बंगरा घाट पुल, सोन नदी पर दाउदनगर-नासरीगंज, गंडक नदी पर धनहा घाट- रतवल घाट और गंगा नदी पर आरा-छपरा पुल शामिल हैं| इन सभी पुलों का काम अंतिम चरण में है| इसको पूरी तरह से चालू करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है| बिहार राज्य पथ परिवहन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सभी पुलों को अगले महीने तक शुरू कर दी जाएगी|

हालांकि महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन को 15 जून से चालू करने की घोषणा की जा चुकी है| 15 जून से वर्षों बाद इस लेन पर फिर से गाड़िया दौड़ने लगेगी|

 


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गाँधी सेतु

गंडक नदी पर 451 करोड़ रुपये के लगत से बनने वाला बंगरा घाट पुल एसएच 74 और एसएच 90 को जोड़ेगा| इस पुल का निर्माण 2014 में ही शुरू की गयी थी|  इसका भी काम ;लगभग पूरा हो चुका है|

इसके साथ ही सोन नदी पर दाउदनगर से नासरीगंज के बीच बनने वाले पुल का निर्माण कार्य करीब 94 फीसदी काम हो चुका है| इस पुल को बनाने की भी शुरुवात 2014 में ही हुई थी| इसके बनाने में 835 करोड़ रुपये की लगत आई है|

वहीं, गंगा नदी पर 2014 से ही  बन रहे आरा और छपरा के बीच पुल बनाने का काम लगभग ख़त्म होने वाला है| इसको बनाने में सरकार को करीब 849.33 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं|

ये सभी पुल अगले महीने यानी जून में शुरू हो जाने की उम्मीद है| इन पुलों के शुरू हो जाने पर करोड़ों लोगों को लाभ मिलेगा और आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक उन्नति में मदद मिलेगी|

खुशखबरी: गाँधी सेतु के सामानांतर पटना से हाजीपुर तक बनेगी न्यू महात्मा गाँधी सेतु

उत्तर बिहार को राजधानी पटना को जोड़ने वाली गाँधी सेतु पुल का तो कायाकल्प का काम तो चल ही रहा है उसके साथ ही पटना के जीरो माइल से हाजीपुर तक गाँधी सेतु के समान्तर न्यू महात्मा गाँधी सेतु पुल का निर्माण किया जायेगा| महात्मा गांधी सेतु के समानांतर 3000 करोड़ रुपए की लागत से गंगा पर नया पुल बनेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में जीरो माइल से रामाशीष चौक तक फोर लेन पुल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पुल की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार है।

तीन हज़ार करोड़ रुपए के लागत से बनने वाले इस पुल का निर्माण पहले पांच हजार करोड़ में होने वाला था|यह पुल गाँधी सेतु के बिलकुल करीब होगा| जीरो माइल से रामाशीष चौक तक बनने वाले इस पुल को नूतन गाँधी सेतु के रूप में विकसित किया जायेगा| गांधी सेतु के समानांतर 60-80 मीटर जमीन पहले से ही उपलब्ध है। पुल का प्रस्ताव जल्द ही केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। पटना आउटर रिंग रोड के अलाइनमेंट के रूप में एसएच- 78 पर कन्हौली से नौबतपुर, लखना, दनियावां, फतुहा और कच्ची दरगाह तक 50 किलोमीटर लंबा नया बाइपास बनेगा।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने इस वर्ष के बाढ़ के अनुभव को ध्यान में रखकर राज्य में नई बनने वाली सभी सड़कों में क्रॉस ड्रेन को अनिवार्य बनाने का आदेश दिया ताकि पानी आने पर सड़कों को कम से कम क्षति हो। इंडो-नेपाल बॉर्डर रोड को बाढ़ से जबरदस्त नुकसान हुआ है। परियोजना को नए सिरे से शुरू करने और इसमें क्रॉस ड्रेन व अतिरिक्त पुलों का प्रस्ताव केंद्र सरकार को नए सिरे से भेजा जाएगा। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि सड़क परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण में तेजी लाने के लिए राजस्व व भूमि सुधार विभाग में विशेष सेल खोला जाएगा।

मई तक चालू हो जाएगा गंगा पथ
मुख्य सचिव ने कहा कि गंगा पथ शून्य से आठ किलोमीटर तक मई 2018 तक चालू हो जाएगा।इससे दीघा से पीएमसीएच के पास कृष्णा घाट तक लोगों को आवागमन में आसानी हो जाएगी। गंगा पथ में 13वें से 20वें किलोमीटर के बीच चार किलोमीटर का एलिवेटेड पथ बनाने पर भी सहमति बन गई। मुख्यमंत्री ने बिहटा-सरमेरा रोड को भी जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश दिया।

1742 करोड़ के लागत से बदलेगा गाँधी सेतु के सुपर स्ट्रक्चर, तैयारी शुरु

आईआईटी रुड़की के इंजीनियर टीम ने किया गाँधी सेतु का निरिक्षण कहा, पायों की स्थिति है दुरुस्त।

पिछले दिनों आईआईटी रुड़की की टीम ने भी सुपर स्ट्रक्चर डालने से पहले पायों की जांच की है। रिपोर्ट में पायों की स्थिति दुरुस्त बताई गई है।

महात्मागांधी सेतु के पायों पर स्टील के सुपर स्ट्रक्चर का लोड होगा। इसके लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। सेतु के पायों को छोड़कर ऊपरी हिस्सों को तोड़कर नया स्वरूप दिया जाएगा। सेतु के पुराने सुपर स्ट्रक्चर को हटाकर नया स्टील का स्ट्रक्चर बनाने के लिए लगभग 1742 करोड़ रूपए की लागत तय की गई। 42 महीनों में कंपनी द्वारा करना है काम को पूरा।

जून के पहले सप्ताह से सेतु के सुपर स्ट्रक्चर को काटना शुरू होगा। कंपनी के प्रोजेक्टर मैनेजर पी.कृष्ण का कहना है कि सेतु के हिस्सों को काटने से पहले 15 दिन का समय व्यवस्था में लग जाएगा। काम को पूरा करने के लिए जर्मनी से विशेष मशीने लाई जाएगी।

जानकारी के मुताबीत सेतु के समान्तर एक और पीपा पल जल्द ही चालू किये जायेंगे। ताकि यातायात व्यवस्था ठीक से चलता रहे। साथ ही पीपा पुल पर वाहनों का परिचालन सामान्य बनाए रखने की चुनौती होगी।

गांधी सेतु का होगा जीर्णोद्धार, मसहूर कंपनी एफकॉन डालेगी स्टील का सुपरस्ट्रक्चर

उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाली जर्जर सेतु महात्मा गांधी सेतु के मरम्मत का कार्य कई वर्षों से तय चल रहा है. लेकिन अब इसके नवनिर्माण का का टेंडर मसहूर कंपनी एफकॉन को दे दिया गया जो की सेतु के पुराने पिलरों पर स्टील का सुपरस्ट्रक्चर डालेगी।

महात्मा गांधी सेतु के नवनिर्माण के लिए एजेन्सी का चयन कर लिया गया। सेतु के पुराने पीलरों पर नये सुपरस्ट्रक्चर डालने का काम एफकॉन कंपनी करेगी। तीन कंपनियों में इसका टेंडर सबसे कम दर का था।
जल्द ही वित्तीय टेंडर कमेटी की बैठक कर चयनित कंपनी को कार्यादेश दे दिया जाएगा। नया सुपरस्ट्रक्चर स्टील का बनेगा। अभी यह कंक्रीट का है। महात्मा गांधी सेतु को नये स्वरूप में बनाने के लिए तीन कंपनियां सामने आई थीं। दिल्ली में 20 दिन पहले सेतु के नवनिर्माण के लिए तकनीकी  टेंडर खोला गया था। बुधवार को वित्तीय टेंडर भी खोल दिया जाएगा।
इसी के साथ यह तय हो गया कि निर्माण का काम एफकॉन कंपनी को मिलेगा। इस कंपनी ने सबसे कम दर यानी 1383 करोड़ में निर्माण के लिए टेंडर डाला था। टेंडर कमेटी की बैठक के बाद चयनित कंपनी से सरकार करार करेगी। उसके बाद निर्माण शुरू होगा।
इटेंडर में गैमन इंडिया, हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्सन और एफकॉन ने भाग लिया। पहले टेंडर 15 जुलाई तक ही लेना था, लेकिन उस समय किसी कंपनी ने भाग नहीं लिया। लिहाजा टेंडर की तारीख पांच अगस्त तक बढ़ाई गई।  उत्तर बिहार को दक्षिण से जोड़ने वाले गंगा पर बने प्रमुख महात्मा गांधी सेतु की स्थिति जर्जर है। कई वर्षों से इसकी मरम्मत कर काम चल रहा है। पिछले दिनों हुई जांच में यह साफ हो गया था कि अब इस पुल का सुपर स्ट्रक्चर बदले बिना काम चलने वाला नहीं है। जांच जायका ने किया था। सरकार ने पीलरों की ताकत की जांच आईआईटी रुड़की से कराई। उसकी रिपोर्ट के अनुसार पीलर काफी मजबूत हैं।

गांधी सेतु पर एक नजर
5.575 किमी लंबा है पुल
1383 करोड़ में फाइनल हुआ टेंडर
1742 करोड़ स्वीकृत है नवनिर्माण को
35 वर्ष पुराना है पुल
47 पाये हैं गांधी सेतु में

खुशखबरी: केंद्र की मोदी सरकार ने गाँधी सेतु को दिया एक नया जीवनदान

पटना: उत्तर बिहार का लाईफ लाईन गाँधी सेतु पर अगर आप रोज – रोज के जाम से परेशान है तो आपके लिए एक बडी खुशखबरी है। 

 

केंद्र की मोदी सरकार ने कल एक बडा फैसला लिया। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को पटना और हाजीपुर को जोड़ने वाली महात्मा गांधी सेतु के जर्जर हालत के पुनरोद्धार के लिए 1742 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी।

 

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि महात्मा गांधी सेतु जर्जर स्थिति में और उस पर अक्सर जाम की स्थिति रहती है, इसलिए सरकार ने उसे फोर लेन बनाने और उसका पुनरुद्धार करने को मंजूरी दी है। 5.8 किलोमीटर लंबे इस पुल के कई खंभे अभी खराब स्थिति में हैं।

 

जल्द ही अगले महीने इसका टेंडर निकाला जाएगा और जिसे अगस्त तक स्वीकृति देते हुए काम शुरु कर दिया जाएगा।  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस काम ढाई सालों में पूरा कर लिया जाएगा।

 

इसके अलावा  गांधी सेतु के समानांतर भी एक और सेतु बनाया जाएगा। इसका डीपीआर तैयार कराया जा रहा है और इस पर लगभग 6000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

 

केंद्र सरकार यह फैसला बहुत ही सराहनीय है।  बिहार के पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने भी नीतीन गठकरी जी को इस फैसले लिए धन्यवाद दिया है।

गाँधी सेतु का एक पाया धसा। लगा महाजाम..

पटना: जिसका डर था वही हुआ।  उत्तर बिहार का लाईफ-लाईन गाँधी सेतु का 46 नंबर पाया धंस गया।  आननफानन में यातायात रोका गया। पुलिसकर्मियों ने कमान संभाली और फिर इंजीनियरों को खबर की गई।

 

तत्काल पुल निर्माण निगम से जुड़े अधिकारी मौका मुआयना के लिए पहुंच गए। तबतक यातायात पूरी तरह अवरूद्ध था। जांच के दौरान इंजीनियरों ने कहा कि पाया नहीं धंसा है, सुरक्षित है। स्पैम में गड़बड़ी आई है जिसे ठीक किया जाएगा।

अभियंताओं की हरी झंडी के बाद पुलिस ने पुल से आवागमन की अनुमति दे दी जिसके बाद वाहनों को धीरे-धीरे निकाला जाने लगा। कई किलोमीटर तक जाम की नौबत होने से आवागमन सुचारू होने में समय लगा।

 

बिहार की शान गाँधी सेतु का हाल दयनीय है,  कभी भी यह बडी हादसा का शिकार हो सकता है और इसके लिए तत्काल कोई विकल्प भी मौजूद नहीं है।

खुशखबरी: अब गाँधी सेतु पर नहीं लगेगा महा जाम!!!

पटना: लोगों जब मुजफ्फरपुर से पटना आना होता था तो वे लोग गाँधी सेतु पर लगने वाले महाजाम के बारे में सोच के ही डर जाते थे।  2-3 घंटों का सफर 5-6 घंटों में तय होती थी।  लोगों के पास कोई दुसरा विकल्प नहीं था।  

 

केंद्र और राज्य सरकार के गैर जिम्मेदार रवैये के कारण सेतु का हाल दयनीय हो चुका है।  गाँधी सेतु के सामांतर एक पुल बनाने के लिए प्रक्रिया तो चल रही है मगर इस में अभी समय लगेगा।

 

इसी बीच एक नई पहल की गई जिससे लोगों को जाम से कुछ मुक्ति मिलेगी।

24 मई,  सोमवार को ट्रकों को गंगा पार कराने की वैकल्पिक रेल सेवा रॉल ऑफ-रॉल ऑन का ट्रायल रन हुआ। ट्रकों को लादने के लिए विशेष प्रकार के वैगन वाली यह ट्रेन बिहटा से दिन के 11.20 बजे खुली और 11.50 बजे दानापुर पहुंची।

कोईलवरसे सोन का बालू लेकर आए ट्रक बारी-बारी से ट्रेन पर चढ़ाए गए और सवा घंटे के अंदर ही यह पहुंच गया गंगा पार करा दिया गया।

25 मई को रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु नई दिल्ली स्थित रेल भवन से रिमोट द्वारा इस सेवा का शुभारंभ किये। कोंकण रेलवे में ट्रेन से माल लदे ट्रकों को एक से दूसरी जगह ले जाने की यह सेवा 16 वर्षों से सफलतापूर्वक चल रही है। कोंकण रेलवे के बाद पूर्व मध्य रेल में इस सेवा की शुरुआत हुई है।

ट्रक पर लदे ट्रेन

ट्रक पर लदे ट्रेन

 

फायदा क्या है?

ट्रकरेल मार्ग से काफी कम समय में गंतव्य तक पहुंच जाएंगे। महात्मा गांधी सेतु पर अक्सर लगने वाले जाम में कमी आएगी। एक ट्रेन पर अधिकतम 44 ट्रकों को लादा जाएगा।

 

ट्रकऑनर खुश

बिहटाइलाके के कई ट्रक ऑनरों ने भी इस सेवा के शुरुआत पर खुशी जाहिर की है। बताया कि बिहटा से मुजफ्फरपुर जाने में एक तरफ से कम से कम 3 हजार का डीजल जलता है। जाम अन्य परेशानियां अलग से। अब डीजल भी बचेगा और समय भी। टायर भी कम घिसेगा और इंजन भी बचा रहेगा।

 

इससे सेतु पर रोज लगने वाली जाम में कमी के कारण आम लोगों को भी फायदा होगा।