एक भतार के दू लुगाई- बिहार में चुनाव में भाजपा “भतार” है और जदयू- लोजपा उसकी लुगाई

बिहार के चुनाव में एनडीए गठबंधन को अगर एक लाइन में समझना हो तो इस से बेहतर लाइन नहीं हो सकती है – एक भतार के दू लुगाई।

आप कह रहे होंगे ई क्या बक रहे हो बे? यहां बात राजनीति की हो रही है और तुम परिवारिक मैटर डिस्कस कर रहे हो? तो भईया बिहार में इस बार चुनाव में इस नए राजनीतिक सिद्धांत का जन्म हुआ है।

भाजपा का लोजपा और जदयू दोनों से गठबंधन है। दोनों पार्टी बिहार के चुनावी मैदान में है और वो भी एक दूसरे के खिलाफ। चुनाव में इनकी लड़ाई ठीक वैसे ही होगी जैसे दो सौतन की होती है।

भाजपा एक को दिल्ली वाले घर में रखी है तो दूसरे को पटना में। फिलहाल बिहार चुनाव और मौके के नज़ाकत को देखते हुए भाजपा का झुकाव जदयू के तरफ है मगर लोजपा को तलाक का पेपर भेजा नहीं है। उधर लोजपा भी ‘ भतार’ को खुश करने और उसके करीब आने की पूरी कोशिश कर रही है।

अरे भईया समाज में भयंकर पितृसत्ता कायम है – यहां शादी बचाने कि जिम्मेदारी लुगाई की ही होती है। लोजपा हो या जदयू – चुनाव में अच्छा प्रदर्शन की तो उसका क्रेडिट भाजपा को जाएगा और अगर हार गई तो इन दोनों की ही किस्मत फूटी थी।

सबके सामने भाजपा जदयू का हाथ पकड़कर अपने प्रेम का इज़हार (प्रेस वार्ता) बार – बार कर रहा है और जदयू को खुश करने के लिए फेसबुक पर लोजपा को साथ वाला सेल्फी (चुनाव प्रचार में मोदी जी का फोटो) डालने से मना भी किया है और अगर लोजपा अपने जिद पर अड़ी रही तो कानूनी करवाई करने का भी धमकी दिया है।

हालांकि जदयू को भाजपा के बेवफ़ाई का हमेशा डर बना हुआ है। लोजपा के साथ केंद्र में सगाई और राज्य में लड़ाई वाली बात उसे पच नहीं रहा और अन्दर ही अन्दर खाए जा रही है।

देखना दिलचस्प होगा कि लोजपा खुद को चुनाव में साबित कर के फिर से भाजपा के करीब आ पाएगी? या फिर से नीतीश कुमार अपने अदाओं से भाजपा को अपने बस में कर लेगी।

इस बार का चुनाव मजेदार है न??

– अविनाश कुमार (लेखक aapnabihar.com के संपादक हैं)

बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल, उनकी पत्नी और उनकी मां को भी हुआ कोरोना

चुनाव जीतने के चक्कर में नेता खुद को और अपने परिवार को खतरे में डाल ही रहे हैं, इसके साथ अन्य लोगों को भी कोविड- 19 के चपेट में ला रहे रहें। ताज़ा उदाहरण बिहार बीजेपी का मुख्यालय है, जहां अभी तक 70 से भी ज्यादा पॉजिटिव केस निकल चुका है। अभी खबर आ रही है कि – प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। संजय जायसवाल की पत्नी और मां की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है।

इससे पहले पार्टी के पांच अन्य पदाधिकारी भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ज्ञात हो इसके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास से भी कोविड- 19 के कई मामले आए चुके हैं। बिहार के मुख्य सचिव के कार्यालय में पॉजिटिव केस मिलने के बाद वे आज कल अपने घर से काम कर रहे हैं।

इस सब के बावजूद बीजेपी अपने कार्यालय से वर्चुअल रैली जारी रखी हुई है। सरकार के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान के साथ विपक्ष के तमाम नेता राज्य में विधानसभा टालने की बात कह रही है। मगर कोरोना के इतने गंभीर स्थिति होने के बाद भी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।

इधर, नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि बिहार प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व विधायकों समेत कई बड़े नेता संक्रमित हो चुके हैं। उन्होंने बिहार में कोराना संक्रमण फैलाने का भाजपा के ऊपर आरोप लगाया है।ते ने अपने ट्वीट में स्वास्थ्य मंत्री पर भी निशाना साधा है।

बाढ़ दर्शन: हमारा गांव नेपाल के सीमा से सटल है, बाढ़ से हमलोगों का पुराना याराना है

हमारा गांव नेपाल के सीमा से सटल है. बाढ़ से हमलोगों का पुराना याराना है. लगातार बारिश आ नेपाल के पानी छोड़ला से गाँव में पानी घुसना शुरू हो गया है. बाढ़ का पानी महंगा शराब के तरह धीरे-धीरे चढ़ता है. भोर में देखने गए तो पुल के उसपार थोड़ा-बहुत पानी चल रहा था. सांझ को घूमने गए तो पुल के इस पार भी पानी हरहरा रहा है. एकदम गन्दा पानी. खर-पतवार आ झाग से भरल. बह रहा है अपना गति में. उसको कोई मतलब नहीं कि लॉकडाउन है, कोरोना का आफतकाल है, आगे थाना का गाड़ी लागल है. केकरो से कोई मतलब नहीं. बहना है तो बहना है. एकदम अपना मौज में. आप रोक लीजिएगा..?

बाढ़ देखने के लिए लोग सब का आना-जाना बढ़ गया है. मोटरसायकिल पर बैठ-बैठ के सपरिवार आ रहा है सब बाढ़ देखने. किसी को अपना खेत का चिंता है तो किसी को अपना गाछी का. सब सड़क पर खड़ा होकर माथा पर हाथ रखले देख रहा है.

दू गो नया खून वाला लईका अपना पल्सर ऊ बाढ़ के बहाव में धो रहा है. देखादेखी एगो टेम्पू वाला भी बीच में टेम्पू खड़ा करके हाथे से धोने लगा. पुलिया से चार ठो लंगटा बच्चा नाक बंद करके सीधा धार में पलटी मार दे रहा है. ई सबको स्विमिंग का सही प्रैक्टिस करवाया जाए ता भारत को केतना पदक दिलवाएगा. उधर मछुआरा सब पानी में जाल पर जाल फेंक रहा है. सावन का महीना हो चाहे भादो का, आज मछरी लेकर ही घरे जाना है. उधर चाची घरे सिलौटी पर सरसों पिस रही होगी आ इधर तीन बार जाल से खाली कीचड़ में सनाएल गोल्डस्टार का फटल जूता आ पेप्सी का बोतल निकला है. पिसायल मसल्ला पर जे ई परोर चाहे कद्दू लेकर घरे पहुँचे ता सिलौटी पर इनको पीस दिया जाएगा. बेचारे इसी डर से बीस बार जाल फेंक दिया है..!

वाह रे जमाना. बाढ़ के साथ सेल्फी लिया जा रहा है. तुरन्त फेसबुक पर फीलिंग एंजोयिंग विद बाढ़ इन माय भिलेज के नाम से चेपा जाएगा. लोग कमेंट भी कर देगा नाइस बाढ़ डियर.

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चलिए अब घर चला जाए. भीगी-भीगी सड़कों पे केंचुआ सब ससरने लगा है. झींगुर ब्रो सब का झन-झन डीजे शुरू हो रहा है. लौटते समय खेत के आड़ी पर महेन चा भेंटा गए. कमर में गमछा बन्हले, कंधा पर कुदाल रखले किसी को डीलिंग दे रहे है. “सब साला ई नेपाल का खचरपनी है. कल रात तक एक बूंद पानी नहीं था. आज देखिए, राता-रात पानी ठेल दिया ससुरा..”

महेन चा का गुस्सा वाजिबो था. परसों ही देखे थे केतना मेहनत से दिन भर खेत में बीचड़ा लगाए थे. आज सब डूब गया.

हम बोले चचा ई ता गड़बड़ा गया. चचा खैनी रगड़ते बोले “का गड़बड़ाएगा बबुआ, पानी ससर गया ता ठीक है आ कहीं चार दिन ठहर गया तो सारा बीचड़ा सड़ जाएगा.” हम फिर टप्प से पूछ दिए “सड़ जाएगा तब का होगा.?” चचा हंसते बोले “होगा का बचवा, होइहें वही जो राम रची राखा..” चचा खैनी मुंह में दबाए, गमछा टाइट किए आ कंधे पर कुदाल रखकर गुनगुनाते चल दिए “भँवरवा के तोहरा संघे जाई..”

– Aman Aakash

Shramik Express

बिहार में प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही है मुफ्त अंतर जिला श्रमिक ट्रेन

दूसरे राज्य से बिहार पहुँच रहे प्रवासी मजदूरों को अपने गृह जिलें में पहुँचाने क लिए बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है| सरकार राज्य में 26 अंतर जिला श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रही है| ये ट्रेने बिल्कुल मुफ्त है| इसके लिए मजदूरों को कोई पैसा नहीं देना होगा| विभिन्न जिलों के बीच ये ट्रेने प्रतिदिन चलती है| रोज लगभग 40 हज़ार प्रवासी मजदूर इससे अपने गृह राज्य के स्टेशन पर पहुँच रहे हैं| वहां से जिला प्रशासन उनको अपने गृह प्रखंड के क्व़ारंटीन सेंटरों में बस से ले जाते हैं|

सरकार की तरफ से बरौनी, बेतिया, बक्सर, दानापुर, जलालपुर, कर्मनाशा, कटिहार, मधुबनी, सीवान और सुपौल स्टेशन से विभिन्न जिलों के लिए ट्रेन चलाई जा रही है|


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दानापुर, जलालपुर और कर्मनाशा स्टेशन से हर दिन 5-5 ट्रेने राज्य के अलग-अलग जिलों के लिए खुलती हैं| वहीं बरौनी से तीन, बेतिया से दो, कटिहार, गया, बक्सर, मधुबनी, सीवान और सुपौल से एक-एक अंतरजिला श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल रही है|

राज्य के परिवहन सचिव संजय अग्रवाल के अनुसार इन ट्रेनों से अपने गृह स्टेशन पहुँच रहें मजदूरों को अपने प्रखंड क्व़ारंटीन सेंटर पहुँचाने के लिए 1200 से अधिक मुफ्त बसें चलाई जा रही है| वहीं सरकार ने मजदूरों को पैदल नहीं चलने की अपील की है| उन्होंने बताया की जो मजदूर पैदल बिहार पहुँच रहे हैं वे अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन और बस पड़ाव में जाकर बस पकड़े| इस संबंध में सभी जिला अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि मजदूरों को बसों के माध्यम से उन्हें अपने प्रखंड पहुंचाए|


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Indian Railway, 200 Special train for Bihar

आज से 200 ट्रेनों की बुकिंग शुरू, ज्यादातर ट्रेनें बिहार होकर गुजरेगी, देखिये पूरा लिस्ट

आज 10 बजे से रेलवे 200 स्पेशल ट्रेनों (100 जोड़े) के लिए बुकिंग शुरू करने जा रही है| ये ट्रेनें 1 जून से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पटना, जयपुर, वाराणसी, अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलुरु, सिकंदराबाद और तिरुवनंतपुरम सहित प्रमुख शहरों से चलेगी|

जबकि पुरानी दिल्ली के चार स्टेशनों से प्रतिदिन 34 ट्रेनें शुरू होंगी, एक दर्जन से अधिक मुंबई से और 11 हावड़ा और सियालदह से रवाना होंगी। वहीं इन ट्रेनों में सबसे ज्यादा 24 जोड़ी बिहार में जाएगी या वहां से खुलेगी|

इन ट्रेनों में एसी और नॉन-एसी दोनों कोचों का मिश्रण होगा, सिर्फ पांच दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों को छोड़कर| जिसमें केवल गैर-एसी कोच होते हैं|

ये ट्रेने पहले के तरह ही चलेगी| उसका टाइमिंग, स्टॉपेज और रूट सब लॉकडाउन से पूर्व के तरह ही होगा| रेलवे ने कहा कि यह सवारी ट्रेनों को फिर से चालने के तरफ पहला कदम है| किराया भी सामान्य होगा मगर अभी सामान्य कोच के लिए भी रिजर्वेशन करवाना होगा, इसलिए द्वितीय श्रेणी के बैठने का किराया लिया जाएगा।

कहाँ मिलेगा टिकट?

इन ट्रेनों का टाइमिंग से लेकर रूट तक पहले जैसा होगा मगर टिकट को लेकर थोड़ी पाबन्दी अभी जारी रहेगी| टिकट सिर्फ ऑनलाइन बुक किया जा सकता है| इसके लिए यात्रियों को IRCTC के वेबसाइट और उसे एप के माध्यम से ही टिकट बुक कराई जा सकेगी| अभी स्टेशन पर टिकट नि बिकेगी| ट्रेन के तारीख से अधिकतम 30 दिन पहले से रिजर्वेशन शुरू होगी|

इन ट्रेनों में भी अभी तत्काल टिकट और प्रीमियम तत्काल टिकट काटने की व्यवस्था नहीं दी गयी है|

ये रही 200 ट्रेनों को लिस्ट –

  1. 01016/15: गोरखपुर से लोकमान्यतिलक (टी) – कुशीनगर एक्सप्रेस
  2. 01019/20: मुंबई सीएसटी से भुवनेश्वर – कोणार्क एक्सप्रेस
  3. 01061/62: लोकमान्यतिलक (टी) से दरभंगा – दरभंगा एक्सप्रेस
  4. 01071/72: लोकमान्यतिलक (टी) से वाराणसी – कामायनी एक्सप्रेस
  5. 01093/94: मुंबई सीएसटी से वाराणसी – महानगरी एक्सप्रेस
  6. 01139/40: मुंबई सीएसटी से गदग – एक्सप्रेस
  7. 01301/02: मुंबई सीएसटी से केएसआर बेंगलुरु – उदयन एक्सप्रेस
  8. 02156/55: एच। निजामुद्दीन से हबीबगंज – भोपाल एक्सप्रेस
  9. 02230/29: नई दिल्ली से लखनऊ जंक्शन – लखनऊ मेल
  10. 02296/95: दानापुर से क्षर बेंगलुरु – संघमित्रा एक्सप्रेस
  11. 02377/78: सियालदह से न्यू अलीपुरद्वार – पाडटिक एक्सप्रेस
  12. 02392/91: नई दिल्ली से राजगीर – श्रमजीवी एक्सप्रेस
  13. 02394/93: नई दिल्ली से राजेंद्र नगर – सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस
  14. ०२४१ :/१:: प्रयागराज के लिए नई दिल्ली – प्रगति एक्सप्रेस
  15. 02420/19: नई दिल्ली से लखनऊ – गोमती एक्सप्रेस
  16. 02407/08: एज़आर टू एनजेपी – करमभूम आई ऍक्स्प
  17. 02357/58: अमृतसर से कोलकाता – एक्सप्रेस
  18. 02452/51: नई दिल्ली से कानपुर तक – श्रम शक्ति एक्सप्रेस
  19. 02463/64: जोधपुर से दिल्ली एस रोहिल्ला – संपर्क क्रांति
  20. 02477/78: जयपुर से जोधपुर – एक्सप्रेस
  21. 02479/80: बांद्रा (टी) से जोधपुर – सूर्यनगरी एक्सप्रेस
  22. 02533/34: लखनऊ जंक्शन से मुंबई सीएसटी – पुष्पक एक्सप्रेस
  23. 02555/56: हिसार से गोरखपुर – गोरखधाम एक्सप्रेस
  24. 02560/59: नई दिल्ली से मंडुआडीह – शिवगंगा एक्सप्रेस
  25. 02618/17: एच। निजामुद्दीन से एर्नाकुलम तक – मंगला एक्सप्रेस
  26. 04009/10: आनंद विहार से बापूधाम मोतिहारी – चंपारण सत्याग्रह एक्सप्रेस
  27. 02629/30: नई दिल्ली से यवंतपुर – कर्नाटकसम्प्रक क्रांति एक्सप्रेस
  28. 02701/02: मुंबई सीएसटी से हैदराबाद – हुसैन सागर एक्सप्रेस
  29. 02703/04: हावड़ा से सिकंदराबाद – फलकनुमा एक्सप्रेस
  30. 02715/16: एच। एस। नांदेड़ से अमृतसर – सचखंड एक्सप्रेस
  31. 02724/23: नई दिल्ली से हैदराबाद – तेलंगाना एक्सप्रेस
  32. 02792/91: दानापुर से सिकंदराबाद – एक्सप्रेस
  33. 02801/02: पुरी से नई दिल्ली – पुरुषोत्तम एक्सप्रेस
  34. 02810/09: हावड़ा से मुंबई सीएसटी – एचडब्ल्यूएच-मुंबई मेल
  35. 02833/34: अहमदाबाद से हावड़ा – एक्सप्रेस
  36. 02904/03: अमृतसर से मुंबई सेंट्रल – स्वर्ण मंदिर मेल
  37. 02916/15: दिल्ली से अहमदाबाद – आश्रम एक्सप्रेस
  38. 02926/25: अमृतसर से बांद्रा (T) – पश्चिम एक्सप्रेस
  39. 02933/34: मुंबई सेंट्रल से अहमदाबाद – कर्णावती एक्सप्रेस
  40. 02963/64: एच। निजामुद्दीन से उदयपुर सिटी – मेवाड़ एक्सप्रेस
  41. 08183/84: टाटानगर से दानापुर – एक्सप्रेस
  42. 05484/83: दिल्ली से अलीपुरद्वार – महानंदा एक्सप्रेस
  43. 06345/46: मुंबई (LTT) से तिरुवनंतपुरम सेंट्रल – नेत्रवती एक्सप्रेस
  44. 02805/06: विशाखापत्तनम से नई दिल्ली – एपी एक्सप्रेस
  45. 02182/81: एच। निजामुद्दीन से जबलपुर – एक्सप्रेस
  46. 02418/17: नई दिल्ली से वाराणसी – महामना एक्सप्रेस
  47. 02955/56: मुंबई सेंट्रल से जयपुर – एक्सप्रेस
  48. 07201/02: गुंटूर से सिकंदराबाद – गोलकुंडा एक्सप्रेस
  49. 02793/94: तिरुपति से निजामाबाद – रायलसीमा एक्सप्रेस
  50. 09165/66: अहमदाबाद से दरभंगा – साबरमती एक्सप्रेस
  51. 09167/68: अहमदाबाद से वाराणसी – साबरमती एक्सप्रेस
  52. 09045/46: सूरत से छपरा – ताप्ती गंगा एक्सप्रेस
  53. 03201/02: पटना से लोकमान्यतिलक (टी) – एक्सप्रेस
  54. 02553/54: सहरसा से नई दिल्ली – वैशाली एक्सप्रेस
  55. 02307/08: हावड़ा से जोधु / बीकानेर – एक्सप्रेस
  56. 02381/82: हावड़ा से नई दिल्ली – पूर्वा एक्सप्रेस
  57. 02303/04: हावड़ा से नई दिल्ली – पूर्वा एक्सप्रेस
  58. 02141/42: लोकमान्यतिलक (टी) से पाटलिपुत्र – एक्सप्रेस
  59. 02557/58: मुजफ्फरपुर से आनंद विहार – सप्त क्रांति एक्सप्रेस
  60. 05273/74: आनंद विहार – सत्याग्रह एक्सप्रेस को रक्सौल
  61. 02419/20: आनंद विहार से गाजीपुर – सुहेलदेव एक्सप्रेस
  62. 02433/34: आनंद विहार से गाजीपुर – एक्सप्रेस
  63. 09041/42: बांद्रा (टी) से गाजीपुर – एक्सप्रेस
  64. 04673/74: अमृतसर से जयनगर – शहीद एक्सप्रेस
  65. 04649/50: अमृतसर से जयनगर – सरयू यमुना एक्सप्रेस
  66. 02541/42: गोरखपुर से लोकमान्यतिलक (टी) – एक्सप्रेस
  67. 05955/56: डिब्रूगढ़ से दिल्ली – ब्रह्मपुत्र मेल
  68. 02149/50: पुणे से दानापुर – एक्सप्रेस
  69. 02947/48: अहमदाबाद से पटना – अजीमाबाद एक्सप्रेस
  70. 05645/46: लोकमान्यतिलक (टी) से गुवाहाटी – एक्सप्रेस
  71. 02727/28: हैदराबाद से विशाखापट्टनम – गोदावरी एक्सप्रेस
  72. 09083/84: अहमदाबाद से मुजफ्फरपुर – वाया सूरत
  73. 09089/90: अहमदाबाद से गोरखपुर – वाया सूरत
  74. 02245/12246: हावड़ा (1050) से यसवंतपुर (1600) – दुरंतो एक्सप्रेस
  75. 02201/22202: सियालदह (2000) से पुरी (0435) – दुरंतो एक्सप्रेस
  76. 02213/22214: शालीमार (2200) से पटना (0640) – दुरंतो एक्सप्रेस
  77. 02283/12284: एर्नाकुलम (2325) से निजामुद्दीन (1940) – दुरंतो एक्सप्रेस
  78. 02285/12286: सिकंदराबाद (1310) से निजामुद्दीन (1035) – दुरंतो एक्सप्रेस
  79. 02073/74: हावड़ा जंक्शन (1325) से भुवनेश्वर (2020) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  80. 02023/24: हावड़ा जंक्शन (1405) से पटना जंक्शन (2245) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  81. 02365/66: पटना (0600) से रांची (1355) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  82. 02091/92: देहरादून (1545) से काठगोदाम (2335) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  83. 02067/68: गुवाहाटी (0630) से जोरहाट टाउन (1320) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  84. 02053/54: हरिद्वार (1445) से अमृतसर (2205) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  85. 02055/56: नई दिल्ली (1520) से देहरादून (2110) तक – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  86. 02057/58: नई दिल्ली (1435) से ऊना हिमाचल (2210) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  87. 02065/66: अजमेर (0540) से दिल्ली सराय रोहिल्ला (1135) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  88. 02069/70: रायगढ़ (0620) से गोंदिया (1325) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  89. 02021/22: हावड़ा (0620) से बारबिल (1305) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  90. 02075/76: कालीकट (1345) से त्रिवेंद्रम (2135) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  91. 02081/82: कन्नूर (0450) से त्रिवेंद्रम (1425) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  92. 02079/80: बेंगलुरु (0600) से हुबली (1345) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  93. 02089/90: यशवंतपुर (1730) से शिवमोगा टाउन (2155) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  94. 2059/60: कोटा (0555) से निजामुद्दीन (1230) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  95. 02061/62: हबीबगंज (1740) से जबलपुर (2255) – जन शताब्दी एक्सप्रेस
  96. 09037/38: बांद्रा (टी) से गोरखपुर – अवध एक्सप्रेस
  97. 09039/40: बांद्रा (टी) से मुजफ्फरपुर – अवध एक्सप्रेस
  98. 02565/66: दरभंगा से नई दिल्ली – बिहार संपर्क क्रांति
  99. 02917/18: अहमदाबाद से निजामुद्दीन – गुजरात संपर्क क्रांति
  100. 02779/80: वास्को डी गामा से निजामुद्दीन – गोवा एक्सप्रेस

 

 

शर्मनाक: मगध मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टर ने किया विवाहिता का रेप, पीडि़ता की मौत

दुष्कर्मी लोगों का कोई जात या धर्म नहीं होता, वे कभी भी, कही भी मिल सकते हैं| एक तरफ जहाँ पूरी दुनिया में कोरोना के ईलाज में लगे डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जा रहा है, उनके लिए सम्मान में लोग ताली बजा रहे हैं, तो दूसरी तरफ बिहार के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के एक डॉक्टर के करतूत ने डॉक्टरों के साथ पूरे समाज को शर्मसार कर दिया है|

दैनिक जागरण में प्रकाशित एक खबर के अनुसार अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती विवाहिता से एक चिकित्सक द्वारा दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। अस्पताल से छुट्टी के बाद घर लौटी विवाहिता की मौत हो गई है।

रोशनगंज थाना क्षेत्र के एक गांव की 24 वर्षीय विवाहिता लॉकडाउन के कारण अपने पति के साथ बीती 25 मार्च को पंजाब प्रांत के लुधियाना से ससुराल लौटी थी। वह दो माह की गर्भवती थी। लुधियाना में उसे अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण गर्भपात कराना पड़ा था। जब वह गांव लौटी, तब भी ब्लीडिंग हो रही थी।

इस कारण उसके पति ने उसे 27 मार्च को मगध मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया था। यहां इलाज के बाद उसे एक अप्रैल को कोरोना संक्रमण की आशंका को लेकर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया था। वह वार्ड में अकेली रहती थी। यहीं नियमित जांच करने आने वाले एक चिकित्सक ने दुष्कर्म किया। इसी बीच तीन अप्रैल को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। जांच में उसकी रिपोर्ट निगेटिव मिली थी। ससुराल लौटने के बाद उसकी सोमवार को मौत हो गई।

सोशल मीडिया पर खबर प्रसारित होने पर मेडिकल थानाध्यक्ष फहीम खां आजाद ने उसके स्वजनों से संपर्क साधा तो सास ने चिकित्सक व सुरक्षाकर्मी पर दुष्कर्म का आरोप लगा कार्रवाई की मांग की है।

इसके बावजूद थानाध्यक्ष का कहना है कि अभी तक कोई सच्चाई नहीं मिली है। अभी कोई लिखित आवेदन नहीं मिला है। आवेदन मिलते ही आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मृतका की सास के अनुसार, घर लौटने पर उनकी बहू बहुत डरी-सहमी रहती थी। किसी से कोई बात नहीं करती थी। कारण पूछने पर उसने बताया था कि –

आइसोलेशन वार्ड में माथे पर टीका लगाकर आने वाले एक डॉक्टर ने एक रात अकेली पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। बहू ने यह बात सुरक्षाकर्मी को बताई थी, लेकिन उसने इज्जत की खातिर शांत रहने की बात कही थी। इसके बाद चिकित्सक ने दूसरी रात भी उसके साथ दुष्कर्म किया।

वहीं मगध मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने कहा कि प्रथमदृष्टया मामला गंभीर है। हालांकि अभी सत्यता नहीं मिली है, लेकिन जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रशासन व अस्पताल दोनों ही स्तर से जांच कराई जा रही है। आइसोलेशन वार्ड के सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा। जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

Source: Dainik Jagran 

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Bihar Board Results 2020: जानें कब आयेगी बिहार बोर्ड मेट्रिक और इंटर का रिजल्ट?

 बि‍हार बोर्ड (Bihar Board) कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं समाप्‍त हो चुकी हैं और अब मूल्‍यांकन का काम भी लगभग समाप्‍त हो चुका है| हालांक‍ि बोर्ड ने मूल्‍यांकन का काम समाप्‍त करने के ल‍िये 12 मार्च तक का लक्ष्‍य रखा था| लेक‍िन श‍िक्षकों की कमी के कारण इसमें कुछ समय और लग रहा है| छात्र उम्‍मीद कर सकते हैं क‍ि मार्च के आख‍िरी सप्‍ताह तक बि‍हार बोर्ड, मैट्र‍िक और इंटरमीडिएट के पर‍िणाम जारी कर सकता है| सूत्रों की मानें तो बोर्ड ने कक्षा 10वीं की कॉप‍ियां 26 फरवरी से 8 मार्च 2020 के बीच जांच ली थीं और स‍िर्फ इंटरमीडिएट की कॉप‍ियां ही जांच के ल‍िये बाकी रह गई थीं|

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन ने मंगलवार को कहा कि कोरोना को लेकर मैट्रिक व इंटर के मूल्यांकन (कापी जांच) पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। दोनों ही परीक्षाओं के रिजल्ट अपने तय समय पर ही आएंगे। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों के सहयोग से ही संभव हो रहा है। इंटर की कापियों का मूल्यांकन समय पर चल रहा है। पुराने शिक्षक, अतिथि शिक्षक, वित्तरहित संस्थानों के शिक्षक और कुछ नियोजित शिक्षक मूल्यांकन कार्य में जुटे हैं। मैट्रिक का भी मूल्यांकन आरंभ हो चुका है। कापियों के मूल्यांकन में कोई विलम्ब नहीं हुआ है।

हालांक‍ि बोर्ड ने अब तक यह खुलासा नहीं क‍िया है कि‍ परीक्षा के पर‍िणाम की घोषणा कब तक कर दी जाएगी और आध‍िकार‍िक वेबसाइट पर इसे कब तक चेक क‍िया जा सकेगा| परीक्षा के पर‍िणाम से संबंधित ज्‍यादा जानकारी Biharboardonline.gov.in पर चेक क‍िया जा सकता है|

इंटरमीडिएट परीक्षा पास करने के लिए, एक उम्मीदवार को प्रत्येक विषय के कुल अंकों का 30 प्रतिशत और प्रत्येक विषय के थ्योरी में कुल अंकों का 40 प्रतिशत अंक लाना होगा| फर्स्ट डिवीजन को प्राप्त करने के लिए, एक छात्र को 300 अंक प्राप्त करने होते हैं, जबकि दूसरे डिवीजन के लिए यह 225 अंक लाने होते हैं|

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हमारे लिए बिहार में बाढ़ है तो बिहार में ही बहार भी है

नमस्कार!

हम बिहारी हैं भाई साहब! वही बिहारी जिसके बारे में सोचते ही आपका ही नहीं, नेताओं का मन भी “कइसन-कइसन” हो जाता है। वही बिहारी जिसको आप पहचान जानने के बाद पहले की तरह नहीं स्वीकार पाते, न जाने क्यों? वही बिहारी जो देश-विदेश के तमाम प्रतियोगिताओं में आपको कड़ी टक्कर ही नहीं देता, विजेता बनकर सामने भी आता है। हम बिहारी हैं भाई साहब! बिहारी, जिसकी भाषाएं तक आपको भाषाएं नहीं लगतीं। बिहारी, जिसके पास पहाड़ तोड़ने भर का सब्र तो है, पर इस सब्र के पीछे की जिजीविषा आप तक कभी पहुँच नहीं पातीं।

जन्म के साथ ही ये बिहारी वाला टैग हमारे साथ चिपक जाता है और हमारे पास एक किलोमीटर लंबी लिस्ट भी होती है महान बिहारियों की। पर… पर… पर! बिहारी होना क्या इतना भर ही होता है?

शायद नहीं! बिहार वह क्षेत्र है जो हर साल 6 महीने बर्बाद होने में और 6 महीने अपने ही देश के अन्य हिस्सों से जूझने में बिताता है। बिहार वह क्षेत्र है जो हर साल बिखर जाने के बाद भी हर साल खड़े होकर देश के प्रति अपना उत्तरदायित्व निभाता है। बिहार वह क्षेत्र है जो अपने इतिहास पर इठलाता है तो देश के वर्तमान हेतु भागीदारी भी दिखाता है। बिहार वह क्षेत्र है जो प्रकृति के परम् सत्य से परिचित है, यह जानता है “परिवर्तन ही संसार का नियम है” का मर्म!

बिहार की गाथा में नेतृत्वकर्ता से अधिक महत्व है लोक-मानस का, लोक संस्कृति का, लोक-रंग का! यहाँ का नेता होली में आम लोगों की ही तरह कुर्ता फाड़ हुड़दंग करता है, यहाँ के अमीर घर में जमीन पर ही आसन लगाकर खाते हैं। यहाँ के लोगों के लिए भद्दे कमैंट्स तो आप ट्रेन में सीट देते हुए भी कर ही देते हैं और हमारे पास उससे सुनने के अलावा कोई चारा भी नहीं होता। ‘चारा’ सुनकर भी हमपर हंसने वाले हाज़िर हो जाएंगे! पर क्या यह देश कभी समझ पायेगा बिहारियों के चुप रह जाने के पीछे छुपे दर्द को? क्या इस देश के लोग अपने ही साथी राज्य की खामोशी को कभी पढ़ने की कोशिश करेंगे? क्या हम कभी स्वीकार किये जायेंगे इस देश के अभिन्न अंग की तरह?

जानते हैं! बाढ़ और सुखाड़ आपके यहाँ तो कभी-कभी आती है, हम तो बिना इसके साल के गुज़र जाने की कल्पना ही नहीं कर सकते। आपके यहाँ महामारी तो दशकों बाद आती है, हम तो उसमें हर साल जान झोंकने को तैयार रहते हैं। आपके यहाँ अनुकूल परिस्थितयों में आगे बढ़ने के तमाम अवसर हैं, हमारे यहाँ आगे बढ़ने का एक ही मकसद है, अपने लिए परिस्थितयों को अनुकूल करना या परिस्थितयों के अनुकूल हो जाना।

आपकी विकट समस्यायों के लिए देश के पास लाखों की संख्या में बुद्धिजीवी वर्ग खड़ा मिलता है। राजनैतिक पार्टी विशेष तो रोने-धोने को तैयार हो जाती है। बिहार खुद भी आपके दर्द में आपको कंधा देता है, तेल-मालिश का जुगाड़ करता है। इसके बाद बिहार को क्या मिलता है?

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केरल, महाराष्ट्र, उत्तराखंड में शहरी बाढ़ की विपदा हो या किसानों के लिए आकाल की स्थिति, आपको डोनेशन की ज़रूरत पड़ ही जाती है। आप समझने लगते हैं इसके फायदे। पर क्या आप उतने ही तैयार होते हैं बिहारियों के लिए भी?
बिहार आपके डोनेशन की फिक्र करता भी नहीं। यह जनता अपने नेताओं की नीतियों व घोटालों की मारी हुई जनता है, यह जानती है आपके डोनेशन का सिर्फ ‘न’ ही इन तक पहुंचेगा!

इन्हें सम्भलना खुद है! इन्हें अपनी बर्बादी का मंजर भी खुद ही दिखाना है और खुद ही अपने को आबाद भी करना है! इनके पास साधन कम हैं, ये उपलब्ध साधनों में स्थिति सामान्य कर देने का धैर्य लेकर जीते हैं।

आपको लगने लगा होगा कि बिहारियों को जलन क्यों हो रही आख़िर, कि अन्य राज्यों में मदद पहुंचाई जा रही पर यहां नहीं। पर ऐसा नहीं है। हमारे अंदर कोई जलन नहीं। आकर देखिए सब बिहारी अपनी परिस्थितियों, अपनी विवशता से लड़ने, जूझने और झूमने के लिए तैयार बैठा है।

पर साहब! हॉस्पिटल के दो बिस्तर पर दो मरीज़ एक ही तरह की बीमारी से ग्रसित हों। एक के पास सर्वोत्तम व्यवस्था पहुंचाई जा रही हो, उससे मिलने वालों का तांता लगा हुआ हो और दूसरे बिस्तर की तरफ कोई देखे तक नहीं। ऐसे में वो अपने दर्द को ज़ाहिर तो करेगा न! ऐसे में उसके दर्द को थोड़ा और दर्द तो होगा न! ऐसे में उसके दर्द की कीमत उसको पता तो चलेगी न! उसके दर्द में विवशता तो दिखेगी न! बस इत्ती सी बात है!

बाकी हम तो बिहारी हैं भाई साहब! दिल नहीं, जिगरा वाले बिहारी! हम तो रोते भी बरसात में हैं और अपने आंसुओं के बाढ़ का जश्न भी मनाते हैं! हम ज़िंदाबाद हैं, ज़िंदाबाद ही रहेंगे! हमारे लिए बिहार में बाढ़ है तो बिहार में ही बहार भी है! जय बिहार! जय हिंद!

– नेहा नुपुर 

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बिहार के एक ऐसे CM जो जमीन पर कंबल बिछाकर अफसरों के साथ निपटाते थे फाइल

बिहार में व्यक्तित्वों की विविधता रही है और उसी कड़ी के एक विशेष व्यक्तित्व रहे हैं बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री  रहे स्वर्गीय भोला पासवान शास्त्री भोला पासवान शास्त्री को बिहार की राजनीति का विदेह कहा जाता है। भोला पासवान शास्त्री सादा जीवन और उच्च विचार के व्यक्तित्व के थे और हमेशा सादगी से जीते रहे| उन्होंने कभी भी निजी तौर पर धन नहीं बनाया और इसी कारण से बिहार की राजनीति (Politics) के वे विदेह कहे गए|

भोला पासवान शास्त्री का जन्म 21 सितंबर 1914 को पूर्णिया जिले के बैरगाछी गांव में एक साधारण दलित परिवार में उनका जन्म हुआ| दरभंगा संस्कृत विवि से शास्त्री की डिग्री लेने के कारण उनकी टाइटिल में शास्त्री लगा था| शास्त्री जी नेहरू जी के निकटतम नेता थे और वे बाबा साहब अम्बेडकर के नेहरू जी से मतान्तर होने के बाजजूद नेहरू जी के साथ रहे|

बिहार में भोला पासवान शास्त्री आठवें सीएम थे और उनका तीन मुख्यमंत्रीत्व काल रहा है| फरवरी 1968 से जून 1968 और जून 1969 से जुलाई 1969 फिर जून 1971 से जनवरी 1972 तक|

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शास्त्री जी के समकालीन पूर्णिया के सांसद फणि गोपाल सेन थे और दोनों सादगी भरे जीवन शैली के लिए जाने जाते थे. बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे भोला पासवान शास्त्री की जयंती पूर्णिया में और पटना में राजकीय स्तर पर आज के दिन मनाई जाती है।

भोला पासवान शास्‍त्री को ऐसे मुख्यमंत्री के रूप में याद किया जाता है जो पेड़ के नीचे जमीन पर कंबल बिछाकर बैठने में संकोच नहीं करते थे| उन्होंने कोई धन संग्रह नहीं किया| उनके परिजन आज भी समान्य जीवन जीते हैं जिन्हें सरकार ने समय-समय पर थोड़ी मदद भी दी है| अब उनके गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क बन गई है|

उनकी जयंती के मौके पर भोला पासवान शास्त्री के गांव बैरगाछी और उनके स्मारक स्थल काझा कोठी में माल्यार्पण और सर्वधर्म प्रार्थना सभा की जाती है| वे सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और सार्वजनिक संपत्ति से खुद को दूर रहने के कारण बिहार की राजनीति के ‘विदेह’ कहे गए| वे 1972 में राज्यसभा सांसद भी मनोनीत हुए और केन्द्र सरकार में मंत्री भी बने| उनका निधन 4 सितंबर 1984 को हुआ था|

नहीं जमा की कोई संपत्ति, भोला पासवान शास्त्री ने मिसाल पेश करते हुए पूर्णिया अथवा अपने गांव बैरगाछी में कोई संपत्ति जमा नहीं की और आम आदमी की तरह जिंदगी जी. यहां तक लाभ के पद से परिजनों को दूर रखा।

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उनका गांव घर और उनके परिजन आज भी सामान्य जिंदगी जी रहे हैं| वे मंत्री और मुख्यमंत्री रहते हुए भी पेड़ के नीचे जमीन पर कंबल बिछाकर बैठने में संकोच नहीं करते थे और वहीं पर अधिकारियों से मीटिंग कर शासकीय संचिकाओं का निपटारा भी कर दिया करते थे| अब बिहार की राजनीति में ऐसे ‘विदेह’ की मौजूदगी, सिर्फ शब्दों, भावों, फूलों और आयोजनों और उनके विचारों को याद करने तक ही सिमट कर रह गई है|

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जारी हुआ बिहार बोर्ड दसवीं और बारहवीं कक्षा के डमी ऐडमिट कार्ड, गलती है तो सुधारें

बिहार बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं कक्षा के डमी ऐडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के दौरान डीटेल्स भरने में कोई गलती हो गई है तो छात्र इसमें सुधार कर सकते हैं। बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने इन ऐडमिट कार्ड को ऑनलाइन जारी किया है और इन्हें आप बीएसईबी की ऑफिशल वेबसाइट या नीचे दिए डायरेक्ट लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं।

अपना ऐडमिट कार्ड डाउनलोड करने के लिए आवेदकों को स्कूल कोड, रजिस्ट्रेशन नंबर और डेट ऑफ बर्थ की जरुरत पड़ेगी। इसलिए ऐडमिट कार्ड डाउनलोड करने से पहले इन्हे पहले से तैयार रखें। डमी ऐडमिट कार्ड में छात्रों का नाम, रोल नंबर, परीक्षा का नाम, विषय आदि की जानकारी होती है। अगर इनमें से किसी में कुछ गलत जानकारी चली गई है तो उसमें सुधार किया जा सकता है। दसवीं और बारहवीं के डमी ऐडमिट कार्ड के लिए अलग-अलग लिंक दिए गए हैं।

डमी ऐडमिट कार्ड के जरिए छात्र इस बात से सुनिश्चित हो जाएंगे कि उनकी डीटेल्स ठीक से भरी हुई है क्योंकि इन्हीं डीटेल्स के आधार पर आगे उनके सर्टिफिकेट बनेंगे और गलत जानकारी होने पर आगे उन्हें कहीं भी ऐडमिशन लेने में दिक्कत हो सकती है।

Bihar Board Dummy Admit Card 2020 10th डाउनलोड करने के लिए(http://103.197.120.5/adminpanel/Exam2020/SearchAdm.html) क्लिक करें

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अमेरिका में ‘द एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड 2019’ से सम्मानित हुये आनंद कुमार

बिहार के आनंद कुमार एक फिर अपने कामों के लिए सम्मानित किये गायें हैं| मगर इस बार उन्हें अपने देश में नहीं बल्कि विदेश में सम्मानित किया गया है|

सुपर-30 के संस्थापक और  IIT प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने वाली कोचिंग संस्था ‘सुपर 30′ (Super 30) के संस्थापक और गणित के विख्यात शिक्षक आनंद कुमार (Anand Kumar) को अमेरिका में शिक्षण से जुड़े एक प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया है।

आनंद कुमार को ‘फाउंडेशन फॉर एक्सीलेंस’ (एफईई) संगठन ने ‘द एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड 2019’ पुरस्कार से नवाजा। इस संगठन के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर कैलिफोर्निया के सैन जोस में आयोजित एक समारोह में कुमार को इस पुरस्कार से सप्ताहांत में नवाजा गया।

आनंद ने इस कार्यक्रम में अपने भाषण में कहा, ”लोगों तक गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की पहुंच होने से विश्व में बड़ा बदलाव आएगा क्योंकि इससे गरीबी, बेरोजगारी, जनसंख्या विस्फोट, पर्यावरण क्षरण सहित कई अन्य समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी।

आनंद कुमार का स्वागत लोगों ने तालियां बजाकर किया और इस समारोह में कई दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं। कुमार ने कहा, ”भारतीय अमेरिका सहित पूरे विश्व में विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहे हैं और अगर वह अपने समाज को वापस कुछ देते हैं तो यह उनके लिए बेहद संतुष्टिजनक होगा और शिक्षा से ज्यादा कीमती कोई उपहार नहीं हो सकता है।

कुमार ने कहा कि शिक्षित दुनिया बेहतर दुनिया होगी क्योंकि उसमें समझ और करूणा ज्यादा होगी। उन्होंने कहा, ”मौजूदा समय में खालीपन बढ़ता जा रहा है और इस खालीपन को सिर्फ शिक्षा ही भर सकती है। किसी को भी अच्छा अवसर दें तो वह अच्छा करके दिखाएगा। अंतत: अवसर ही मायने रखता है। हाल ही में कुमार पर बनी फिल्म ‘सुपर 30’ रिलीज हुई थी। इसमें ऋतिक रोशन मुख्य भूमिका में थे।

आनंद पिछले 18 सालों से भारत में सुपर-30 प्रोग्राम चला रहे हैं। जिसमें 30 छात्रों को एक साल के लिए आवासीय मुफ्त कोचिंग प्रदान किया जाता है। ये सभी बच्चे भारत के इंजीनियरिंग के उच्च संस्थान आईआईटी की परीक्षा आईआईटी-जेईई के लिए तैयार करते हैं।

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सरकारी नौकरी: बिहार सरकार 46, 000 पदों पर कर रही है बहाली, ऐसे करें आवेदन

सरकारी नौकरी की अगर तलाश में है तो आपके लिए बड़ी खबर है| बिहार सरकार हजारों पदों पर  बहाली करने जा रही है| बिहार टेक्नीकल सर्विस कमीशन (BTSC) ने छह हजार से ज्यादा पदों पर आवेदन निकाले हैं। इसके साथ 40,000 शिक्षकों की भी भर्ती होने जा रही है|

करीब 40,000 पदों पर होगी टीचरों की भर्ती

बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने राज्य में शिक्षकों के लिए बंपर भर्तियां निकाली हैं। बोर्ड (BSEB) ने राज्य के सेकेंडरी (9वीं एवं 10वीं कक्षा) और सीनियर सेकेंडरी (11वीं एवं 12वीं कक्षा) बता दें कि राज्य सरकार स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षक (टीजीटी और पीजीटी) के कुल 37,335 पदों के लिए भर्ती अधिसूचना जारी कर चुका है।

बोर्ड ने इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो उम्मीदवार इस भर्ती के इच्छुक हैं वो आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in है जहां जाकर कैंडिडेट्स आसानी से आवेदन कर सकते हैं। वेबसाइट पर भर्ती का पूरा नोटिफिकेशन भी मौजूद है। नोटिफिकेशन से उम्मीदवार भर्ती के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

बिहार टेक्नीकल सर्विस कमीशन के कुल 6437 पदों पर बहाली

बिहार टेक्नीकल सर्विस कमीशन (BTSC) ने कुल 6437 पदों पर आवेदन प्रक्रिया बुधवार से शुरू कर दिया है और उम्मीदवारों के पास इन पदों पर आवेदन करने के लिए 18 अक्टूबर, 2019 तक का समय है।

कमीशन ने कुल 6437 पदों के लिए आवेदन मांगे हैं, जिनमें से 2425 पद मेडिकल ऑफिसर के लिए हैं जबकि 4012 पद स्पेशलिस्ट मेडिकल ऑफिसर के पद शामिल हैं। जिन उम्मीदवारों के पास मांगी गई योग्यता है वो जल्द ही इसेक लिए आवेदन कर दें।

पात्रता मापदंड (Eligibility Criteria)-

इन पदों पर आवेदन के लिए उम्मीदवार का पास मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) से मान्यता प्राप्त संस्थान से एमबीबीएस की डिग्री होना आवश्यक है। इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार नोटिफिकेशन भी पढ़ सकते हैं।

ऐसे करें आवेदन (How to Apply)-

इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन मोड में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों के पास 18 अक्टूबर, 2019 तक का समय है। उम्मीदवार अंतिम तिथि से पहले आवेदन कर दें। इसके साथ ही उम्मीदवार आवेदन सब्मिट करने के बाद इसका प्रिंट लेना ना भूलें।

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बिसकरमा पूजा के दिन साइकिल के इसपोक से लेकर घंटी तक को सरेस पेपर से चमका देते थे..

आज से दस-बारह साल पहीले बिसकरमा पूजा के भोरे-भोरे उठ के सबसे पहीले अपना साइकिल दूरा पर निकालते थे. एक घंटा तक उसके रीम को सरेस पेपर से रगड़-रगड़ कर जंग छोड़ाते थे. साइकिल के इसपोक से लेकर घंटी तक को चमका देते थे. अपने पसीने-पसीने होअल रहते थे लेकिन घर के सब लोहा-लक्कड़ को पोछ-पाछ के ललका चंदन लगा देते थे. आटा आ चीनी वाला परसादियो बाँट देते थे. हमारे लिए बिसकरमा पूजा का ईहे मतलब था.

बिसकरमा पूजा का माने कि आज मशीन सब को आराम देना है. भोरे साइकिल में ताला मार देते थे, आज कोई साइकिल नहीं छूएगा चाहे केतनो एमरजेंसी हो जाए. तहिया आदमी मशीन सब को चलाता था..

आज भोर में 8 बजे नींद खुला है. एक घंटा तक बिछौना पर मोबाइल लेकर पड़े हुए थे. पिताजी के दस रेड़ी पर नौ बजे उठे हैं, मोटरसाइकिल उठाएं हैं आ चल दिए हैं गरेज में धोआने. गरेज वाला भी किलनिक प्लस शेम्पू लगाकर पाइप के छुरछुरी से गाड़ी धो दिया है. हम दूरे से उसको डायरेक्शन दे रहे थे

“ए भईया, सफाई हाथ मत मारिए”, “तनी मोडगार्ड के नीचो में पानी का प्रेशर दीजिए”, “भक्क मरदे, रीम को तो पोछबे नहीं किए”..

पांच मिनट में गाड़ी धोआ गया, इस्टाट किए आ दू मिनट में घरे आकर फेर मोबाइल लेकर पड़ गए. इंतजारी में हैं कि लाइट आएगा ता मोटर चालू करके नहा लेंगे आ वाशिंग मशीन में कपड़ा धोआइए जाएगा..

आज मशीन आदमी को चला रहा है.. मशीन धड़ाधड़ चल रहा है, आदमी सुस्ता रहा है.. आदमी के शरीर में आ बुद्धि में जंग लग रहा है.. हम इंतज़ार में हैं कि कहिया ऊ बिसकरमा पूजा आएगा जहिया भोरे उठ कर सरेस पेपर से अपना जंग छोड़ाएंगे.. मशीन को आराम देंगे आ अप्पन हाथ-गोर आ दिमाग का इस्तेमाल करेंगे..

जय बाबा विश्वकर्मा..

– अमन आकाश

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केंद्रीय टीम की रिपोर्ट: बिहार में चमकी बुखार से 200 मौतों के पीछे हीट स्ट्रोक था, लीची नहीं

इस साल बिहार में तीव्र एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामलों में वृद्धि की समीक्षा के लिए केंद्र द्वारा गठित विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय टीम का मानना ​​है कि लगभग 200 मौतों के पीछे कड़ी गर्मी (हीट स्ट्रोक) एक कारक था, जिससे 2014 के बाद एईएस फैलने का यह सबसे बड़ा कारण बना।

केंद्रीय टीम का नेतृत्व करने वाले डॉ. अरुण सिंह कहते हैं कि प्रभावित जिलों में कई दिनों तक तापमान 40 डिग्री से अधिक रहा। “हम जानते हैं कि बच्चे तेज गर्मी में खेलते थे … अत्यधिक गर्मी, थकावट और सूक्ष्म पोषण की कमी का संयोजन घातक हो सकता है,” वे कहते हैं, “इस त्रय पर अधिक शोध होना चाहिए|” 

एईएस संक्रमण एक बड़ा शब्द है जो मस्तिष्क में सूजन का कारण बनता है। मुज़फ़्फ़रपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, शेहर और सीतामढ़ी इस समय सबसे अधिक प्रभावित जिले थे, जहाँ श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH), मुज़फ़्फ़रपुर, अकेले 60 प्रतिशत से अधिक लोगों के जान चले गायें|

“मैं कई वर्षों से एईएस के प्रकोपों ​​का अवलोकन कर रहा हूं,” डॉ जी एस साहनी कहते हैं, जो एसकेएमसीएच बाल रोग इकाई के प्रमुख हैं और इस विषय पर पत्र लिख चुके हैं। “मुझे लीची सिद्धांत के साथ असहमति थी, जब इसे पोस्ट किया गया था
2014 के प्रकोप के बाद। लीची में विषाक्त पदार्थों को प्रभावित बच्चों के लीवर-फंक्शन टेस्ट में दिखना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं दिखता। मेरी समझ यह है कि यह कुपोषण से प्रभावित बच्चों में हीट स्ट्रोक का मामला है।”

इस वर्ष बिहार में गर्मी, बारिश नहीं के साथ अविश्वसनीय थी| पटना के एक चिकित्सक और जन स्वास्थ्य अभियान के कार्यकर्ता डॉ. शकील बताते हैं, “कुपोषित बच्चे ऐसी गर्मी से निपटने के लिए बीमार हैं। उनका थर्मो-रेगुलेटरी मैकेनिज्म अच्छा काम नहीं करता है।”

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डॉ. सिंह कहते हैं कि उन्होंने पाया कि शोध समूहों में “फैलने पर पूर्व निर्धारित धारणायें” थी। मुजफ्फरपुर की गोरखपुर (उत्तर प्रदेश में) से निकटता के कारण, कुछ शोधकर्ताओं ने जापानी एन्सेफलाइटिस के बारे में बात की, जबकि अन्य ने अब प्रसिद्ध लीची सिद्धांत को दोहराया … हमने कोई सामान नहीं लिया और मंत्रालय ने हमारे खुले दिमाग का समर्थन किया। हमारा पहला काम जीवन को बचाना और उद्देश्य के लिए संसाधन स्थापित करना था। और जहां तक ​​बीमारी के कारण का सवाल है, हम मरीज को रास्ता दिखाने देते हैं। ”

वह कहते हैं, “बच्चों का इलाज करते हुए, हमने पाया कि उनका लिवर बड़ा हो गया है, मांसपेशियों की टोन कम है, और उनके दिल की धड़कन कम है … (हम) एक से अधिक अंगों की शिथिलता से जूझ रहे थे। मांसपेशियों की बायोप्सी से पता चला कि माइटोकॉन्ड्रिया प्रभावित थे … हमने रक्त के नमूने NIMHANS को भेजे। उन्होंने बताया कि बच्चों में गंभीर कार्निटाइन की कमी थी। कार्निटाइन का काम फैटी एसिड को माइटोकॉन्ड्रिया में पहुंचाना है, जो सेल की ऊर्जा का उत्पादन करता है … हमने दो बच्चों को कार्निटाइन दिया, और उनकी चयापचय दर सामान्य की।

लीची सिद्धांत के समर्थकों के बारे में डॉ. सिंह कहते हैं, ” मेटाबोलिक संबंधी पहलू पर जोर देने के बाद, वे उस चीज़ के करीब थे जो हमने पाया। लेकिन यह एक साधारण तथ्य है कि सभी फलों में टॉक्सिन्स होते हैं। एक बच्चे को विषाक्त पदार्थों के कार्य करने के लिए 1.5 किलोग्राम से अधिक अनरिच लीची और 5 किलो पके फल का सेवन करने की आवश्यकता होती है। और इसके अलावा, यह भी न भूलें कि लीची में पोषक तत्व भी होते हैं।

मुजफ्फरपुर के बाल रोग विशेषज्ञ और लीची सिद्धांत के लेखकों में से एक डॉ. अरुण शाह कहते हैं कि वे नए शोध के लिए खुले हैं। “देखो, हमने कभी नहीं कहा कि लीची एईएस का प्राथमिक कारण है। और हम मानते हैं कि कुपोषण इसका मुख्य कारण है। एक स्वस्थ बच्चा जो अनियंत्रित लीची खाता है, वह कभी भी इस बीमारी का अनुबंध नहीं करेगा। ”

अगर हीट स्ट्रोक मुख्य कारण था, तो वह कहते हैं, “ऐसा क्यों है कि बिहार के 12-15 जिलों में यह बीमारी प्रभावित हुई है, जब पूरे राज्य में गर्मी की लहर चल रही थी?” मैं यह भी नहीं कहता कि सभी बच्चे जो एईएस से अनुबंधित हैं? लीची थी। लेकिन अगर उन्हें हीट स्ट्रोक का सामना करना पड़ा, तो ऐसा क्यों है कि लक्षण दिन के शुरुआती घंटों में प्रकट होते हैं? कुपोषण से ग्रस्त बच्चों में अधपके लीची के सेवन से मेताबोल्लिक फंक्शन में खराबी का सिद्धांत बांग्लादेश, वियतनाम और जमैका (जिसका मूल फल, एकेई, लीची के समान है) जैसे देशों में सिद्ध होता है।

एईएस का वास्तव में क्या कारण है इसपर भ्रम को मानते हुए बिहार के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य, संजय कुमार ने कहा, “यह एक प्रमुख कारण है कि राज्य इस वर्ष के प्रकोप की जांच करने में विफल रहा।”

मुज़फ़्फ़रपुर के सहपुर में सहायक नर्स मिड-वाइफ के रूप में तैनात शुषमा, बीमारी से बचाव की पहली पंक्ति में थी| वह कहती है, “शोधकर्ताओं को हमें यह बताना चाहिए कि एईएस का क्या कारण है|”

SKMCH के अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही कहते हैं, “मानसून की शुरुआत राहत देती है। अब बाल चिकित्सा वार्ड में गिने-चुने बच्चे ही इंसेफेलाइटिस के मरीज हैं। ”

Source: Indian Express

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बड़े बॉलीवुड स्टार और अंतरराष्ट्रीय खिलाडियों को फिटनेस ट्रेनिंग देती है बिहार की प्रतिभा

बिहारी लोगों के बारे में देश में कई गलत धारणायें हैं| ज्यादातर धारणायें नकारात्मक हैं तो कुछ सकारात्मक किस्म के भी हैं| उसी में से एक बिहारी लोगों के प्रतिभा को लेकर है| जब भी बिहारी प्रतिभा की बात आती है तो ज्यादातर लोग उसे प्रतियोगिता परीक्षा में सफल होने से जोड़ देते हैं| मगर ऐसा बिलकुल भी नहीं है| बिहारी लोग सिर्फ यूपीएससी में सफल नहीं होते बल्कि प्रतिभा हर क्षेत्र में अपनी क़ाबलियत का लोहा मनवा रही है|

ऐसी ही एक उदाहरण है बिहार की बेटी प्रतिभा प्रिया उर्फ शिल्पी| बिहार के सीतामढ़ी जिले के एक छोटे से गाँव से निकलकर प्रतिभा आज देश में फिटनेस ट्रेनर के रूप में आज एक बड़ा नाम बन चुकी है| वे दिल्ली के जनपथ स्थित हाई प्रोफाइल पाँच सितारा होटल ली मीरीडियन में सेलिब्रेटी फिटनेस इंस्ट्रक्टर हैं|

वे रोजाना बड़े-बड़े बॉलीवुड स्टार, नेशनल खिलाडियों को फिटनेस ट्रेनिंग और टिप्स देती हैं| जिन सेलिब्रेटियों को शिल्पी फिटनेस ट्रेनिंग दे चुकी है उसमें बॉलीवुड अभिनेता टाइगर श्रॉफ, अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी और स्पेन की ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता कैरोलिना मैरीन, साइना नेहवाल, पीवी सिंधू के साथ कई अन्य राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी और अन्य सेलिब्रेटी हैं|

शिल्पी आज अपने जिले में रोल मॉडल बन चुकी है| वहां के लोगों के लिए शिल्पी ने सफलता की नयी परिभाषा गढ़ रही है| वह लड़कियों के लिए आदर्श बन चुकी है|

यही कारण है कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी जिला प्रशासन ने उसे ‘युथ आईकन’ घोषित किया था| यही नहीं, अपनी प्रतिभा के लिए शिल्पी गोवा के राज्यपाल डॉ. मृदुला सिन्हा से भी सम्मानित हो चुकी है|

ज्ञात हो कि शिल्पी राज्यस्तरीय बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी हैं । नेशनल में ईस्ट जोन में बीआर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय को दो बार प्रतिनिधित्व कर चुकी है। शिल्पी एनसीसी की भी बेस्ट कैडेट रही है। दिल्ली के थल सैनिक कैम्प और आगरा के एडवांस्ड लीडरशिप कैम्प में मैप रीडिंग कॉम्पिटिशन में भी शिल्पी को गोल्ड मेडल मिल चुका है। शूटिंग में भी अवार्ड मिला और एनसीसी में बेहतर प्रदर्शन के लिए बिहार झारखण्ड के एनसीसी निदेशालय द्वारा भी शिल्पी को सम्मानित किया जा चुका है।

बिहार की लड़कियां लड़कों से कतई कम नहीं है| उन्हें जब-जब मौका मिला है, उन्होंने राज्य और देश का नाम रौशन किया है| बिहार की शिल्पा उसकी एक उदाहरण है|

Input by: Ranjeet Purbey 

 

 

 

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बिहार के इस गाँव में एक भी मुस्लिम नहीं, पर मस्जिद में रोज होती है अजान और पांच वक्त की नमाज

जिस समय देश में मस्जिद बनाम मंदिर की कानूनी लड़ाई चल रही है, देश में सांप्रदायिक तनाव चरम पर है और लोगों में दुसरे धर्मो के प्रति नफरत बढ़ रही है| उस समय बिहार का एक गाँव सबके सामने मिसाल कायम कर रहा है| नालंदा जिले के बेन प्रखंड के माड़ी गांव में सिर्फ हिन्दू समुदाय के लोग रहते हैं मगर जिले का यह गांव हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहा है|

यह जानकर किसी को भी आश्चर्य होगा कि इस गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, परंतु यहां स्थित एक मस्जिद में नियमानुसार पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है और अजान होती है| यह सब कुछ हिंदू समुदाय के लोग करते हैं|

गांव वासी बताते हैं कि वर्षों पूर्व यहां मुस्लिम परिवार रहते थे, परंतु धीरे-धीरे उनका पलायन हो गया और इस गांव में उनकी मस्जिद भर रह गई है| लेकिन यहां एक मस्जिद भी है| और यह मस्जिद मुसलमानों की अनुपस्थिति में उपेक्षित नहीं है, बल्कि हिंदू समुदाय इसकी बाकायदा देख-रेख करता है, यहां पांचों वक्त नमाज अदा करने की व्यवस्था करता है. मस्जिद का रख-रखाव, रंगाई-पुताई का जिम्मा भी हिंदुओं ने उठा रखी है|

इस मस्जिद का निर्माण कब और किसने कराया, इसे लेकर कोई स्पष्ट प्रमाण तो नहीं है, परंतु स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने जो उन्हें बताया है, उसके मुताबिक यह करीब 200-250 साल पुरानी है| मस्जिद के सामने एक मजार भी है, जिस पर लोग चादरपोशी करते हैं|

गांव के हंस कुमार कहते हैं, “हम हिंदुओं को अजान तो आती नहीं है, परंतु पेन ड्राईव की मदद से अजान की रस्म अदा की जाती है|” गांव वालों का कहना है कि यह मस्जिद उनकी आस्था से जुड़ी हुई है|

मस्जिद की साफ-सफाई की जिम्मेदारी संभाल रहे गौतम कहते हैं कि किसी शुभ कार्य से पहले हिंदू परिवार के लोग इस मस्जिद में आकर दर्शन करते हैं|

बिहार का एक गांव, जहां नहीं है एक भी मुस्लिम, पर मस्जिद में रोज होती है अजान और पांच वक्त की नमाज

गांव के जानकी पंडित आईएएनएस से कहते हैं, “मस्जिद में नियम के मुताबिक सुबह और शाम सफाई की जाती है, जिसका दायित्च यहीं के लोग निभाते हैं| गांव में कभी भी किसी परिवार के घर अशुभ होता है तब वह परिवार मजार की ओर ही दुआ मांगने पहुंचता है|”

बहरहाल, माड़ी गांव की इस मस्जिद से भले ही मुस्लिमों का नाता-रिश्ता टूट गया हो, परंतु हिंदुओं ने इस मस्जिद को बरकरार रखा है| सांप्रदायिकता को लेकर बिहार हमेशा सतर्क रहा है| हालांकि हाल ही के दिनों में कई सांप्रदायिक शक्ति बिहार का राज्य का शांतिपूर्ण और धर्मनिर्पेक्ष माहौल को बिगाड़ने की नाकाम कोशिश की है, मगर बिहार ने अपनी गंगा-जमुनी तहजीब बरकार रखी है| यह गाँव बिहार की वही चरित्र दिखा रही है|

Source:  आईएएनएस