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स्नो स्कल्पचर कॉम्पिटिशन में भारत को प्रथम स्थान दिला, बिहार के रवि ने जापान में लहराया तिरंगा

देश के हर नागरिक का सपना होता है कि एक दिन वह अपने काम से देश का नाम रौशन करें| विदेशी धरती पर शान से देश का तिरंगा फहराने का अनुभव सबसे अलग होता है| इसके लिए जरुरी नहीं कि आप सिर्फ भारतीय सेना में जाकर ही देश की सेवा कर सकते हो| कोई भी इन्सान किसी भी क्षेत्र में चाहे तो देश का नाम रौशन कर सकता है|

बिहार के कैमूर जिले के रहने वाले देश के उभरते युवा मूर्तिकार रवि प्रकाश ने ऐसा ही एक एतिहासिक काम किया है| रवि प्रकाश ने जापान में भारत का परचम लहरा है|

जापान के नयोरो में आयोजित इंटरनेशनल स्नो स्कल्पचर कॉम्पिटिशन ‘जापान कप 2019, नयोरो’ में रवि ने न सिर्फ प्रथम स्थान लाकर भारत का परचम लहराया बल्कि जापान की जमीं पर भारत का तिरंगा फहराया|

बता दें कि यह पहली बार हुआ जब कोई भारतीय टीम इस प्रतियोगिता में भाग लिया| भारतीय टीम के स्पोंसर के रूप में ‘विश्व समन्वय संघ’,सन्निधि ,राजघाट, नई दिल्ली का पूर्ण सहयोग रहा| टीम अभ्युदय ने भारतीय संस्कृति से जुड़ी भगवान विष्णु के वराह अवतार जीवंत मूर्ति बनाकर देश का गौरव बढ़ा दिया|

गौरतलब है कि जापान में पांच फरवरी से नौ फरवरी तक इंटरनेशनल स्नो स्कल्पचर प्रतियोगिता ‘जापान कप 2019, नयोरो’ का आयोजन किया गया था| जिसमें प्रथम स्थान भारत, दूसरा स्थान रूस व तीसरा स्थान थाईलैंड को मिला| जिसमें भारत की तरफ से कैमूर जिले के पकड़ीहार गांव का रवि प्रकाश, यूपी के लखिमपुर खिरी का रजनीश वर्मा व दिल्ली के सुनील कुमार कुशवाहा ने हिस्सा लिया था|

टीम के कप्तान रवि ने बताया कि अन्य देशों से एक से अधिक टीमें काफी अनुभवी प्रतिभागियों के साथ हिस्सा ली थी| हम भारतीय कलाकारों के लिए इस तरह के प्रतियोगिता में नया अनुभव था| फिर भी हमलोग पूरे जुनून के साथ अपनी संस्कृति को रखने का काम किया| जापान में अपने देश जैसा कुछ भी नहीं दिख रहा था, लेकिन हमलोग प्रतियोगिता स्थल के पास लहराता हुआ तिरंगा झंडा हमें बहुत कुछ संदेश दे रहा था|

मालूम हो कि रवि प्रकाश इसके पूर्व जनवरी माह में चीन में आयोजित 24वें इंटरनेशनल स्नो स्कल्पचर प्रतियोगिता में चौथा अंक लाकर देश को एक्सीलेंस आवार्ड दिलाया था| जबकि इसके पूर्व रवि प्रकाश देश के नाम कई आवार्ड ला चुके है|

साभार: रोहतास डिस्ट्रिक्ट

जापान में भी मिथिला पेंटिंग की धूम, नीतीश कुमार ने किया प्रर्दशन का उद्घाटन

विश्व प्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग या मधुबनी पेंटिंग अब किसी पहचान की मोहताज नहीं है। बिहार के मिथिला क्षेत्र में तथा नेपाल के कुछ हिस्सों में प्रचलित इस कला ने संसार भर के कलाप्रेमियों को आकर्षित किया है।

अंगुलियों, लकड़ी के टुकड़ों, ब्रश, माचिस की तीली आदि से किया जाने वाला यह पेंटिग आखिर होता ही इतना आकर्षक कि लोग देखते ही रह जाते हैं

जापान के कलाप्रेमियों के लिए भी मिथिला की इस धरोहर को प्रदर्शित किया गया। भारतीय दूतावास, टोक्यो के विवेकानंद कल्चरल सेंटर मे कल मिथिला पेंटिंग पर प्रदर्शनी लगाई गई जिसका उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जापान में भारतीय राजदूत सुजान आर चिनाॅय, मंत्री नंदकिशोर यादव, मिथिला म्युजियम के निदेशक टोकियो हासेगावा ने संयुक्त रूप से किया।

दर्शकों ने मिथिला पेंटिंग की प्रदर्शनी की काफी सराहना की। जापान में भारतीय दूतावास के औफिसियल हैंडल ने कुछ तस्वीरें भी साझा की है आप भी देखें।

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मोदी के बाद नीतीश जा रहें हैं जापान, बिहार में भी चलेगी बुलेट ट्रेन

प्रधानमंत्री मोदी के मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन ड्रीम प्रोजेक्ट के तर्ज पर अब बिहार में भी बुलेट चलाने के लिए पहल हो रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 18 फरवरी से चार दिनों के लिए जापान दौरे पर जा रहे है। इसके लिए बिहार सरकार और जापान सरकार के बीच औपचारिक समझौते होने की उम्मीद है।

पटना से बोधगया के बीच लगभग 100 किलोमीटर के बीच यह ट्रेन चलेगी। इस रूट का पर्यटन के लिहाज से भी काफी महत्व है। पूरे विश्व के बौद्ध लोगों के लिए बोधगया सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है। इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट को जापान सरकार फंड देगी।

बिहार सरकार का दावा है कि इस ट्रेन समझाैते के अलावा जापान से रेकार्ड निवेश के भी प्रॉजेक्ट्स को बिहार में लाने के लिए भी अंतिम रूप दिया जाएगा।

एनबीटी की वेबसाइट पर चल रही खबर में सूत्रों के अनुसार बताया गया है कि पटना-बोधगया के बीच 100 किलोमीटर की यात्रा में राजगीर, नालंदा स्टेशन होंगे. यह पूरा रूट अंडरग्राउंड होगा। इस प्रॉजेक्ट से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इस ट्रेन का स्वरूप मेट्रो और बुलेट की तर्ज पर बनेगा। जापान दौरे में विशेषज्ञों के साथ बातचीत कर इसे अंतिम रूप दिया जायेगा। दावा है कि बिहार का यह अब तक का सबसे महंगा प्रॉजेक्ट और निवेश हो सकता है। नीतीश कुमार के साथ बिहार सरकार का एक हाई लेवल प्रतिनिधिमंडल भी जापान जा रहा है. इस बड़े प्रॉजेक्ट के अलावा राज्य सरकार जापान सरकार के साथ करोड़ों रुपये के दूसरे निवेश पर भी समझौता कर सकती है। हाल के वर्षों में नीतीश कुमार की अपने राज्य में निवेश लाने के लिए पहली विदेश यात्रा है।

बिहार में निवेश करने को इच्छुक है जापान

शुक्रवार को जापान के कॉन्सुलेट जेनरल इन कोलकाता माशायूकी तागा से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री को माशायूकी तागा ने बताया कि बिहार में निवेश करने को जापान इच्छुक है। जापान के लोगों की इस क्षेत्र में आने की काफी अभिरुचि है।
एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री निवास पर वे मिलने आये थे। तागा ने उन्हे  बताया कि जापानी पयर्टक बिहार के बोधगया, राजगीर, नालंदा, पावापुरी आदि पर्यटन स्थलों में आने के लिए  विशेष दिलचस्पी दिखाते हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि बिहार में ऊर्जा, आधारभूत संरचना और पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने उन्हें अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह आदि उपस्थित थे।

बिहार के विकास में सहयोग और निवेश करेगा जापान !

पटना| महामहिम राज्यपाल राम नाथ कोविन्द से कल (गुरूवार) कॉन्सुल जेनरल ऑफ जापान इन कोलकाता माशायूकी तागा ने राजभवन पहुँचकर शिष्टाचार मुलाकात की। राज्यपाल से मुलाकात के दौरान श्री तागा ने कहा कि भारत और जापान के बीच अत्यन्त सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध रहे हैं और दोनों देशों की जनता के बीच भी बराबर सांस्कृतिक विचारों के आदान-प्रदान होते रहते हैं।

जापान के कॉन्सुल जेनरल श्री तागा ने राज्यपाल श्री कोविन्द को बताया कि जापान भारत के पूर्वी राज्यों-खासकर बिहार, पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा आदि राज्यों के आर्थिक विकास में सहयोग को उत्सुक है। उन्होंने बताया कि जापान इन राज्यों में आर्थिक निवेश के लिए इच्छुक है और इस दिशा में सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। श्री तागा ने बताया कि बिहार के बोधगया, राजगीर, नालन्दा, पावापुरी आदि पर्यटकीय स्थलों में जापानी पर्यटकों की गहरी अभिरूचि है।

 

राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने भारत के पूर्वी राज्यों में जापान की आर्थिक निवेश की उत्सुकता की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि बिहार के पर्यटकीय विकास में जापान सहयोग कर सकता है. राज्यपाल ने कॉन्सुल जनरल को बताया कि भगवान बुद्ध से जुड़े विभिन्न धार्मिक स्थल बिहार में मौजूद हैं, जिनके विकास के लिए ‘बौद्ध सर्किट’ की स्थापना की गयी है.
इन सभी पर्यटन स्थलों के सम्यक विकास के लिए चरणबद्ध प्रयास किये जा रहे हैं. राज्यपाल ने राजगीर के विश्व शांति स्तूप का उल्लेख करते हुए कहा कि फ्यूजी गुरुजी जैसे जापानी धार्मिक महात्मा के नेतृत्व में बना यह मंदिर बिहार का गौरव है. राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि जापान बिहार के विकास में अपेक्षा के अनुरूप सहयोग करेगा.

भगवान बुद्ध से प्रभावित जापान की मिहो बिहार के इस गांव में खोल रही हैैं इंटरनेशनल स्कूल

जापान की महिला समाजसेवी मिहो तनबरा भारत-जापान रिश्तों का एक नया अध्याय लिख रही है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सुदूर गांव चोचहां में मिहो तनबरा 5.5 करोड़ रुपये की लागत से एक इन्टरनेशनल प्लस टू स्कूल खोल रही है. मंगलवार को उन्होंने खुद अपने हाथों से आधारशिला रखी.
भगवान बुद्ध और मदर टेरेसा के आदर्शों से प्रभावित मिहो जापान से बार बार वैशाली आती रहती है. पेशे से उद्योगपति और स्वभाव से समाजसेवी मिहो बुद्ध के देश के लिए कुछ करना चाहती है।
अपनी इसी सोच को साकार करने के लिए मिहो मुजफ्फरपुर की संस्था बुद्धा एजुकेशनल फाउन्डेशन के साथ मिलकर फिलहाल एक प्लस टू स्कूल और एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल खोल रही है.
मिहो की योजना स्कूल के साथ साथ एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल खोलने की भी है. जापान की समाजसेवी की इस पहल से गांव के लोग के लोग काफी खुश हैं. भारतीय ड्रेस में सजी संवरी मिहो तनवरा पंचशील इंटरनैशनल स्कूल का आधारशिला रखी.
स्कूल भवन का निर्माण शुरु हो गया है जिसकी पूरी लागत 5.5 करोड़ रुपये का वहन मिहो की संस्था कर रही है. संस्था नें इसके लिए 1.3 करोड़ की राशि का भूगतान कर भी दिया है.

गांव में मिहो तनबरा का भव्य स्वागत किया गया जिसमें बुद्धिजीवी महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए. मिहो भी भारतीय अतिथि सत्कार से गदगद हैं. मिहो की संस्था भारतीय कृषि के क्षेत्र में बेहतरी के लिए भी योजना बना रही है.

मिहो तनबरा के कहा कि मैं भारत देश की काफी इज्जत करती हूं क्योंकि भारत का इतिहास काफी पुराना है. मैं भगवान बुद्ध, दलाई लामा और मदर टेरेसा की काफी इज्जत करती हूं. भारत के लिए कुछ करने में मैं गर्व महसूस कर रही हूं. भारत एक महान देश है. मेरी दो योजनाएं हैं एक है स्कूल बनाना और दूसरा अस्पताल. मैं बार बार भारत आना चाहूंगी.