‘सर, कम से कम सेकेंड डिवीजन से पास करवा दीजिए….: रूबी

पटना: बोर्ड औफिस इंटरव्यू देने पहुंची रूबी राय को एसआईटी ने वही से गिरफ्तार कर लिया।  

बोर्डऑफिस से गिरफ्तारी के बाद एसआईटी की पूछताछ में आर्ट्स टॉपर रही रूबी राय अचानक भावुक हो गई।

‘सर, कम से कम सेकेंड डिवीजन से पास करवा दीजिए। हमको फर्स्ट डिवीजन नहीं चाहिए। कईसे फेल कर गए। हम परीक्षा दिए थे। रोज जाते थे सेंटर पर।…’

 

बकौलरूबी ‘बच्चा राय ने मुझे टॉप करा दिया। पापा बच्चा राय से मिलते थे पर टॉपर कराना नहीं चाहते थे। इसके लिए कभी बातचीत नहीं हुई थी। परीक्षा के समय पापा ने मेरा ध्यान रखने को कहा तो बच्चा राय ने रिजल्ट में टॉप करा दिया। वे मेरे रिश्तेदार नहीं है।’ कोर्ट से जारी वारंट के आधार पर हुई गिरफ्तारी के बाद बीती रात रूबी को गांधी मैदान इलाके में स्थित महिला थाने में रख कर पूछताछ की गई थी। इसके बाद दोपहर बाद उसे थाने से पेशी के लिए कड़ी सुरक्षा में कोर्ट ले जाया गया।

 

कभी-कभी ही कॉलेज जाने के अलावा परीक्षा केंद्र पर जाकर इंटर की परीक्षा देने की बात तो रूबी ने स्वीकारी, पर एसआईटी के सवालों की बौछार के बीच टॉपर गेम में खुद के साथ ही अभिभावक का भी बचाव करने की कोशिश की। कुछ सवालों में उलझी तो सफाई से कह दिया कि हमको नहीं मालूम।

 

रुबी राय के गिरफ्तारी के बाद यह मामला फिर से सोशल साईटों पर ट्रेंड करने लगा।  रूबी राय के गिरफ्तारी पर बहुत प्रतिक्रिया आई मगर अधिकतर लोग अभिवावक और बोर्ड के गलती के कारण रूबी को गिरफ्तार करने को गलत मान रहे है तो कुछ इसे सही भी मान रहें।

तो वही रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि इंटर टॉपर घोटाले की नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेनी चाहिए। छात्र-छात्राओं की गिरफ्तारी अनुचित है। वे मीडिया से बात कर रहे थे।

मनु महाराज का कमाल, बिना लाठी-डंडे के ही बच्चा राय ने कबूला अपना जुर्म

पटना: एक बार फिर मनु महाराज के सुझ-बुझ के बदौलत पटना पुलिस ने मुश्किल काम को असान बना दिया।  

 

बिहार के बहुचर्चित टॉपर घोटाले के आरोपियों ने पुलिस के प्लानिंग में फस कर सबने खुद एक-दुसरे की पोल खोल दी।  पुलिस ने बल, छल और दिमाग से आरोपियों से सबकुछ उगलवा लिया जो कि जोर जबर्दस्ती से उगलवाना मुश्किल हों सकता था. एसआईटी ने टॉपर्स घोटाले के तीनों मुख्य आरोपियों को एक साथ रिमांड पर लेकर पूछ ताछ शुरू किया. ऐसे सवाल दागे गये कि आरोपी आपस में भी उलझ गये और एक दुसरे को निर्दोष साबित करने के लिए सबकुछ बकते गये जो कि उन्हें आसानी से उगलवाना टेड़ी खीर साबित हों रहा था.

 

पूछताछ में टर्निंग प्वाइंट तब आया जब लालकेश्वर व उषा सिन्हा पर आरोप लगा रहे बच्चा राय से उषा सिन्हा उलझ गई।  उषा को बच्चा के आरोप बरदाश्त नहीं हुए।  वह अपना गुस्सा रोक नहीं पाई और अपनी जगह से उठ बच्चा राय को लगातार गाल पर दो थप्पड़ लगा दी।  इससे बच्चा राय गुस्से तिलमिला उठा और और खुद सबकी पोल खोल दी।

 

इन आरोपों के बिच अब तब बिहार होने का नाटक कर रहे लालकेश्वर ने भी मुंह खोला और उसने बच्चा से सवाल दागे,  कहा ‘यह बताओ 2015 की इंटर की परीक्षा के दौरान में तम्हारे स्कूल से 222 उत्तर पुस्तिका एक ही राईटिंग की कैसे मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचागयी थी?  इसके लिए कदाचार समिती को हमने रिपोर्ट भी किया था,  मगर कदाचार समिती ने इस पर रिपोर्ट नही दिया।  इस पर बच्चा ने जवाब दिया, तो क्यों नहीं एफआईआर करवा दिये? कैसे मैनेज हुआ यह भी बताईये?

 

दरअसल जब पूछताछ के दौरान लडाई का माहौल बना तो पुलिस सबको डांट-फटकार जरूर  रही थी पर पूरी सख्ती नहीं बरत रही थी।  यह पुलिस की प्लानिंग थी।  जब उषा ने थप्पड़ जड़ दिया तो तब पुलिस सतर्क हो गई।  इस दौरान बच्चा ने कबूल किया कि वह रिजल्ट के लिए उषा सिन्हा को पैसे देता था। आमने-सामने बिठाकर 10 घंटे तक चली पूछताछ में कई मामलों का खुलासा हो गया.

 

बिहार बोर्ड के नये अध्यक्ष आनंद किशोर के बनते ही बोर्ड में हरकंप मचा हुआ है

पटना: इंटर बोर्ड परीक्षा के परिणाम में हुई गड़बडी और टॉपर घोटाले के लिए पूरे देश में बदनामी झेल रहे बिहार बोर्ड  अभी पूरे सिस्टम को क्लीन करने में लगे है। नए बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर इसका नेतृत्व कर रहे है।  

 

इसी क्रम में जो कर्मचारी तीन साल से ज्यादा समय से कार्यालय में बने हुए थे, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद किशोर ने  वैसे 218 कर्मचारियों का तबादला कर दिया है।

आनंद किशोर ने टॉपर घोटाला सामने आने के बाद वैसे कर्मचारियों को पहले ही निलंबित कर दिया है, जिनका जरा सा भी कनेक्शन घोटाले में सामने आया था. आनंद किशोर की इस कार्यवाही के बाद बोर्ड ऑफिस के कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है.

 

उधर खबर आ रही है कि टॉपर घोटाला के मुख्य आरोपी के खिलाफ पुलिस के पास पुख्ता सबूत है।

 

एसआइटी की टीम ने बच्चा राय को दो दिनों के रिमांड पर लेकर शुक्रवार को पहले दिन पूछताछ की. एसआइटी की टीम ने इंटर मेधा घोटाले के संबंध में पूछा तो उसने पहले ही तरह ही रटा-रटाया जबाव दिया कि वह निर्देाष है और उसे फंसाया जा रहा है. जिस दिन बच्चा राय पकड़ा गया था, उस समय पुलिस के पास उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं था मगर वहीं एसआइटी ने जैसे ही पुलिस की टीम ने विशुन राय कॉलेज परिसर व अन्य ठिकानों से बरामद समानों की जानकारी देने के साथ ही उसे जब दिखाया तो उसकी बोलती बंद हो गयी और उसके मुंह से जवाब तक नहीं निकला. इसके बाद एसआइटी टीम ने प्रश्नों की बौछार कर दी. एक तरह से एसआइटी टीम ने उससे पूछताछ के बाद मान लिया कि बच्चा राय ही इंटर मेधा घोटाले का मुख्य आरोपित है और वह बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह के साथ मिलकर गोरखधंधा कर रहा था.

 

 

ये हैं असली टॉपर, इन्‍हें सलाम कीजिए

कुमुद सिंह/पटना: पत्रकारिता पेशा नहीं है। पत्रकारिता जूनून है। हर दिन हजारों लाखों खबरें हमारे आपके सामने से गुजर जाती है, लेकिन दशकों में कोई एक ऐसी खबर होती है जो हमें वर्षों तक याद रहती है।

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आज बिहार में हजारों पत्रकार हैं, लेकिन जिन दो पत्रकारों के कारण हजारों पत्रकार अपनी पत्रकारिता पर गर्व कर रहा है वो यही हैं। टॉपर मामले के असली जमीनी हीरो।

 


चारा घोटाला हो या कोयला घोटाला, अक्‍सर जब मामले राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चले जाते हैं, तो बडे और प्रसिद्ध पत्रकरों की भीड में वो पत्रकार कहीं दब जाता था, जिसकी नजर सूचना के बदले समचार पर पहुंची थी। जिस प्रकार वर्षा की हर बूंद मोती नहीं बनती है, वैसे ही हर सूचना में समाचार नहीं होता है।

अभी बिहार के दो बडे पत्रकार अमिताभ ओझा अौर इंदुभूषण जी के वाल पर इन दो नायकों के संबंध में पोस्‍ट दिखा तो शेयर करने से खुद को नहीं रोक पायी। ये दो चेहरे वही है जिन्‍होंने मेहनत कर एक ऐसी खबर ( बिहार बोर्ड इंटर टॉपर घोटाला ) सबके सामने लायी है, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। अगर इनका लिय हुआ इंटरव्यू नहीं आया होता, तो इतने बड़े घोटाले का पर्दाफाश नहीं हो पाता।

 


जी हां, ये हैं बिहार के वैशाली जिले के दो पत्रकार जिसे न्यूज की दुनिया में स्ट्रिंगर कहते हैं। गुलाबी शर्ट में इंडिया न्यूज के चन्द्रमणि और उनके बगल में सहारा समय के प्रकाश मधुप हैं। गौरतलब है कि न्‍यूज चैनलों के मुकाबले अखबारों के पत्रकार बिहार में दस गुणा ज्‍यादा हैं।
लेकिन जहां अखबार के पत्रकार सूचना समेटते रहे, वहीं, रिजल्ट के दो दिन बाद साइंस के टॉपर सौरभ से चन्द्रमणि ने अपने मित्र प्रकाश के साथ इंटरव्यू किया। चन्द्रमणि को विज्ञान की जानकारी थी, सो उन्होंने पूछा कि पीरियॉडिक टेबल में मोस्ट रिएक्टिव एलिमेंट क्या होता है। इसपर सौरभ ने जवाब दिया ‘एल्युमिनियम’।

फिर पूछा कि सोडियम के इलेक्ट्रॉनिक स्ट्रक्चर के बाहरी कक्षा में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं। वह नहीं बता पाया। इस सवाल के बाद सौरभ के माता –पिता अपने बेटे के बचाव में आ गये और कहने लगे कि अभी यह बच्चा है।

 

इंटर आर्ट्स की टॉपर रूबी से प्रकाश मधुप ने सवाल पूछा कि उसका कौन-कौन सा सब्जेक्ट था, साथ में कैमरा खुद कर रहे थे। रूबी बताने लगी- इंग्लिश, ज्योग्राफी, म्यूजिक, प्रोडिकल साइंस। रुबी राय ज्योग्राफी भी ठीक से नहीं बोल पा रही थी। जब रूबी का जवाब आया तब वह खुद भी हंसने लगे जिसकी वजह से कैमरा भी हिलने लगा। ये सच वीडियो में देखा जा सकता है। फिर उससे पूछा गया कि यह ‘प्रोडिकल साइंस’ क्या होता है? यह नया विषय कौन सा है और इसमें किस चीज की पढ़ाई होती है। रुबी राय बोली— खाना बनाने के बारे में पढ़ाया जाता है। जब उनसे यह पूछा गया कि होम साइंस में क्या पढ़ाया जाता है, तो उसका भी जवाब नहीं दे सकी। रुबी राय के जवाब से उनके मां–बाप भी हंस पड़े थे।

 


अब मैं कुमुद सिंह भरतीय मीडिया का हिस्‍सा बनते हुए दावा करती हूं कि यह पूरी कहनी मेरी एक्‍सक्‍लूसिव है..सिर्फ मेरे वाल पर…। दूसरे के काम का नंबर कैसे अपने मार्कशीट में दर्ज कर लिया जाता है यह कोई भारतीय मीडिया के टॉपरों से सीखे।

 

सभार- कुमुद सिंह