बिहार बोर्ड में फिर गड़बड़ी, 9346 छात्रों का रिजल्ट रोका गया, फिर से होगी जांच

बिहार बोर्ड में एक पर धांधली सामने आ रही है।  टॉपर घोटाले की आग बुझी भी नहीं कि एक और मामला सामने आ गया।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति प्रशासन ने स्क्रूटनी के रिजल्ट में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए 9346 परीक्षार्थियों का रिजल्ट रोक लिया है। इस बार स्क्रूटनी कर रहे शिक्षक लोग शक के घेरे में है।  बोर्ड को सूचना मिली है कि स्क्रूटनी के दौरान कॉपियों से छेड़छाड़ हुई है। कॉपियों में अलग-अलग हैंडराइटिंग भी मिली है। अंक घटाने का भी मामला सामने आया है।

– इंटर के 3690 और मैट्रिक के 5656 परीक्षार्थियों के कॉपियों की स्क्रूटनी हुई थी।
– इसमें 5 अंक तक देने थे, लेकिन बोर्ड ने पाया कि अधिकांश छात्रों को 7 से 8 अंक दिए गए हैं।
– इसके बाद रिजल्ट रोकने का फैसला लिया गया। बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि जांच समिति बना दी गई है।

जांच में अगर वर्तमान रिजल्ट में गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित शिक्षक को तत्काल निलंबित कर दिया जाएगा और स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा। अगर उचित जवाब नहीं दिया गया तो उन पर विभागीय कार्रवाई चलेगी। मार्क्स फ्वायल, उत्तर पुस्तिका की जांच करने के बाद ही अंक देने पर निर्णय लिया जाएगा। तब रिजल्ट मिल पाएगा।

अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि शिक्षक पर भी कार्रवाई होगी। स्क्रूटनी करने वाले शिक्षकों से पूछताछ शुरू की जा रही है। अंक देने व काटने के खेल के पीछे का उद्देश्य भी जांच समिति पता करेगी। जो शिक्षक दोषी होंगे, उन्हें ब्लैकलिस्टेड किया जाएगा।

ऐसे होती है स्क्रूटनी

– बोर्ड प्रशासन की ओर से मैट्रिक व इंटर की कॉपियों की स्क्रूटनी में उत्तर की जांच नहीं की जाती।
– परीक्षा नियमावली के आधार पर कॉपियों में मूल्यांकन के दौरान प्राप्तांक जोड़ने में हुई गड़बड़ी को देखा जाता है।
– स्क्रूटनी के केंद्र निदेशक को कॉपी में किसी प्रकार की गड़बड़ी की जानकारी दी जाती है।
– स्क्रूटनी को बोर्ड प्रशासन दूसरे शब्दों में री-टोटलिंग ही मानता है।

 

 

टॉपर घोटाले में हुई बड़ी बदनामी, पढ़ाई कर हर अपमान का बदला लेगी रूबी राय

टॉपर घोटाला में दुनिया भर से बदनामी का दंश सह रहे रूबी राय फिर एक बार चर्चा में है। 

पॉलिटिकल साइंस को ‘प्रोडिकल साईंस’ कहने वाली फर्जी इंटर आर्ट्स टॉपर रूबी राय इन दिनों महिला सुधार गृह में बंद है। वह पढ़ कर अपने अपमान का बदला लेना चाहती है और अपने उपर लगे दाग को साफ करना चाहती है।  वह फिर से एग्जाम देना चाहती है। इसके लिए वह इन दिनों दिन-रात मेहनत कर रही है। वह अपने अपमान का हर हाल में बदला लेना चाहती है। उसकी एक ही इच्छा है कि मेहनत की दम पर एक बार फिर से लोग उसे जाने। 

rubi rai

जेल में बदल गया रुटीन, दिन भर कॉपी किताब में रहती है मग्न…

जेल में बंद स्टूडेंट रूबी राय का रुटीन इन दिनों बदल गया है। वह सुबह 6 बजे महिला सुधार गृह आश्रम की वार्डेन के कमरे में किताब-कॉपी लेकर पहुंच जाती है। वार्डेन संगीता को वह पिछले दिन की पढ़ी हुई चीजों को पहले सुनाती है फिर नया होम वर्क लेकर अपने कमरे में चली जाती है। रूबी पूरे दिन में कई बार वार्डेन के कमरे में आकर जो नहीं समझ में आता है उसे समझती है। कुछ ही दिनों में उसने पढ़ाई की अच्छी रफ्तार पकड़ ली है। फिलहाल वह अंग्रेजी और मैथ पर विशेष ध्यान दे रही है।

ऐसा है रूबी का रुटीन
सुधार गृह के कमरे में रूबी अकेले रहती है। कोर्ट के निर्देश के अनुसार उसकी सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाता है। उसकी सुरक्षा में तैनात महिला सुरक्षाकर्मी के अनुसार रूबी पूरे दिन में तीन चार बार ही अपने कमरे से बाहर निकलती है। सबसे पहले सुबह छह बजे। वो इस समय अपने कमरे से निकल कर सीधे वार्डेन के कमरे में जाती है और वहां से सात साढ़े सात बजे लौटने पर अपने काम में लग जाती है।

नौ बजे वह पढ़ने बैठती है और दिन के 12 बजे तक पढ़ाई करती है। इसके बाद खाना खाकर थोड़ा आराम कर फिर पढ़ती है। शाम में वह कमरे से बाहर निकलती है तो 8 बजे खाना खाकर कमरे में वापस लौटती है। कमरे में आने पर वह फिर से पढ़ने बैठ जाती है और तब तक पढ़ती है, जब तक थक नहीं जाती। इसके बाद वह सो जाती है।

कुछ लोग इतना सब होने के बाद अपना हौसला खो देते हैं मगर रूबी राय ने अपने कमजोरी को ही ताकत बनाने की ठानी है।  यह वाकई काबिले तारिफ है।

ये हैं असली टॉपर, इन्‍हें सलाम कीजिए

कुमुद सिंह/पटना: पत्रकारिता पेशा नहीं है। पत्रकारिता जूनून है। हर दिन हजारों लाखों खबरें हमारे आपके सामने से गुजर जाती है, लेकिन दशकों में कोई एक ऐसी खबर होती है जो हमें वर्षों तक याद रहती है।

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आज बिहार में हजारों पत्रकार हैं, लेकिन जिन दो पत्रकारों के कारण हजारों पत्रकार अपनी पत्रकारिता पर गर्व कर रहा है वो यही हैं। टॉपर मामले के असली जमीनी हीरो।

 


चारा घोटाला हो या कोयला घोटाला, अक्‍सर जब मामले राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चले जाते हैं, तो बडे और प्रसिद्ध पत्रकरों की भीड में वो पत्रकार कहीं दब जाता था, जिसकी नजर सूचना के बदले समचार पर पहुंची थी। जिस प्रकार वर्षा की हर बूंद मोती नहीं बनती है, वैसे ही हर सूचना में समाचार नहीं होता है।

अभी बिहार के दो बडे पत्रकार अमिताभ ओझा अौर इंदुभूषण जी के वाल पर इन दो नायकों के संबंध में पोस्‍ट दिखा तो शेयर करने से खुद को नहीं रोक पायी। ये दो चेहरे वही है जिन्‍होंने मेहनत कर एक ऐसी खबर ( बिहार बोर्ड इंटर टॉपर घोटाला ) सबके सामने लायी है, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। अगर इनका लिय हुआ इंटरव्यू नहीं आया होता, तो इतने बड़े घोटाले का पर्दाफाश नहीं हो पाता।

 


जी हां, ये हैं बिहार के वैशाली जिले के दो पत्रकार जिसे न्यूज की दुनिया में स्ट्रिंगर कहते हैं। गुलाबी शर्ट में इंडिया न्यूज के चन्द्रमणि और उनके बगल में सहारा समय के प्रकाश मधुप हैं। गौरतलब है कि न्‍यूज चैनलों के मुकाबले अखबारों के पत्रकार बिहार में दस गुणा ज्‍यादा हैं।
लेकिन जहां अखबार के पत्रकार सूचना समेटते रहे, वहीं, रिजल्ट के दो दिन बाद साइंस के टॉपर सौरभ से चन्द्रमणि ने अपने मित्र प्रकाश के साथ इंटरव्यू किया। चन्द्रमणि को विज्ञान की जानकारी थी, सो उन्होंने पूछा कि पीरियॉडिक टेबल में मोस्ट रिएक्टिव एलिमेंट क्या होता है। इसपर सौरभ ने जवाब दिया ‘एल्युमिनियम’।

फिर पूछा कि सोडियम के इलेक्ट्रॉनिक स्ट्रक्चर के बाहरी कक्षा में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं। वह नहीं बता पाया। इस सवाल के बाद सौरभ के माता –पिता अपने बेटे के बचाव में आ गये और कहने लगे कि अभी यह बच्चा है।

 

इंटर आर्ट्स की टॉपर रूबी से प्रकाश मधुप ने सवाल पूछा कि उसका कौन-कौन सा सब्जेक्ट था, साथ में कैमरा खुद कर रहे थे। रूबी बताने लगी- इंग्लिश, ज्योग्राफी, म्यूजिक, प्रोडिकल साइंस। रुबी राय ज्योग्राफी भी ठीक से नहीं बोल पा रही थी। जब रूबी का जवाब आया तब वह खुद भी हंसने लगे जिसकी वजह से कैमरा भी हिलने लगा। ये सच वीडियो में देखा जा सकता है। फिर उससे पूछा गया कि यह ‘प्रोडिकल साइंस’ क्या होता है? यह नया विषय कौन सा है और इसमें किस चीज की पढ़ाई होती है। रुबी राय बोली— खाना बनाने के बारे में पढ़ाया जाता है। जब उनसे यह पूछा गया कि होम साइंस में क्या पढ़ाया जाता है, तो उसका भी जवाब नहीं दे सकी। रुबी राय के जवाब से उनके मां–बाप भी हंस पड़े थे।

 


अब मैं कुमुद सिंह भरतीय मीडिया का हिस्‍सा बनते हुए दावा करती हूं कि यह पूरी कहनी मेरी एक्‍सक्‍लूसिव है..सिर्फ मेरे वाल पर…। दूसरे के काम का नंबर कैसे अपने मार्कशीट में दर्ज कर लिया जाता है यह कोई भारतीय मीडिया के टॉपरों से सीखे।

 

सभार- कुमुद सिंह