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प्रकाश पर्व: गुरु नानक देव जी अपनी पहली धार्मिक यात्रा के दौरान आये थे बिहार

सिख पंथ के प्रथम गुरु नानक देव ने अपने जीवन दर्शन के माध्यम से लोगों को जीने का सही मार्ग बताया। नानक जी ने आमजन को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करने के लिए चार धार्मिक यात्राएं कीं। अपनी पहली धार्मिक यात्रा में अनेक शहरों से गुजरते हुए नानक देव पटना साहिब भी पहुंचे थे। वे यहां चार महीने तक रहे। जिन-जिन स्थानों से गुरु नानक गुजरे वे आज तीर्थस्थल का रूप ले चुके हैं। इन्हीं में एक सिखों का दूसरा सबसे बड़ा तख्त श्री हरिमंदिर साहिब भी है।

पटना साहिब में पड़े थे चरण

गुरु नानक देव ने भारत के कोने-कोने का भ्रमण किया। 30 वर्ष की उम्र में गुरु नानक देव ने पंजाब स्थित सुल्तानपुर में अपने परिवार से अनुमति ली और मरदाना के साथ पूर्व की ओर अपनी प्रथम उदासी यात्रा के लिए प्रस्थान किए। वर्ष 1506 में गुरु नानक ने पूर्व की प्रथम उदासी यात्रा के दौरान बिहार में कदम रखे। तभी वे पटना साहिब भी आए थे।

ज्ञान और मोक्ष की इस भूमि “गया’ में भी हुआ था आगमन 

सन् 1508 ई में सासाराम होते हुए वे गया आए थे। ब्राह्मणी घाट पर डेरा डाला, साथ ही देवघाट स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा “देवघाट संगत’ की नींव रखी थी। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा कोर कमेटी के उपाध्यक्ष सरदार प्रीतम सिंह बग्गा ने बताया कि गया आने पर यहां के पंडितों ने गुरुजी को जनेऊ भेंट किया और पितरों के उद्वार के लिए फल्गु में स्नान व पिंडदान करने को कहा।

नानक जी ने पिंडदान तो नहीं किया पर देश का पश्चिमी हिस्सा हरा-भरा रहे, इसके लिए फल्गु में पूरब के बजाए पश्चिम में जल दिया। इसके बाद नानक जी ने ज्ञान का उपदेश भी दिया। कहा अपने हाथों से किया हुआ दान कभी समाप्त नहीं होता। अपने हाथों से दान करना ही लोक-परलोक में सहायक होता है। पंडों को उपदेश देकर नानकजी गया से पटना की ओर चले। इनके साथ दो शिष्य बाला-मर्दाना भी साथ चल रहे थे। एक शिष्य हिंदू और दूसरा मुस्लिम था।

वर्ष 1952 में स्टेशन रोड स्थित गुरुद्वारा का हुआ था निर्माण
गया के स्टेशन रोड स्थित गुरुद्वारा का निर्माण वर्ष 1952 में किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान से काफी संख्या में सिख समुदाय के लोग गया आए थे, जिन्होंने इस गुरुद्वारा का निर्माण कराया था। इसके निर्माण में चाचा करतार सिंह, चाचा सरदार सिंह, सरदार हीरा सिंह, सरदार मल, सरदार प्रीतम सिंह के अलावे कई ने योगदान दिया। गुरुद्वारा के निर्माण के बाद यह इलाका गुरुद्वारा रोड से प्रसिद्ध हो गया।

 

देवघाट गुरुद्वारा में हैं नानक जी के पुत्रों की तस्वीर
देवघाट गुरुद्वारा में आज भी गुरुनानक देव जी महाराज के पुत्र श्री चंद्र और लक्ष्मी चंद्र की तस्वीरें उपलब्ध हैं। श्री बग्गा ने बताया कि यह गुरुद्वारा सिख सर्किट से जोड़ा गया है। जिन-जिन स्थानों पर गुरुनानक देव जी गए है, वहां पर वृहद कार्य योजना सरकार द्वारा बनाई गई है। राजगीर में इस दिशा में कार्य हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्टेशन रोड गुरुद्वारा वर्ष 1952 में बना था।

वे बिहार पहुंचने से पूर्व सैय्यदपुर (पाकिस्तान में आधुनिक इमीनाबाद), हरिद्वार, प्रयागराज और बनारस में रुके थे। गुरुनानक देव यात्रा के क्रम में बिहार पहुंचने के बाद गया के विष्णुपद मंदिर के समीप देवघाट में रुके थे। यात्रा के क्रम में रजौली, राजगीर, अकबरपुर, मुंगेर, भागलपुर समेत अन्य स्थानों पर जाने के प्रमाण हैं। हाजीपुर व लालगंज में भी नानकशाही सिख निवास करते हैं।

 

 

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बिहार पर्यटन: झारखंड की कुल आबादी से भी अधिक पर्यटक पहुंचे बिहार

बिहार की छवि दिन पर दिन बदल रही है। इसके साथ ही बिहार की सुंदर प्राकृतिक वादियां, धार्मिक स्थलें, एतिहासिक धरोहरें और बिहार संस्कृति भी अब लोगों को खूब लोभा रही है।

सात समुंदर पार से भारी संख्या में लोग बिहार घूमने आ रहे हैं और हर साल एक नया किर्तिमान बन रहा है। इस बार भी वर्ष 2016 की तुलना में रिकॉर्ड पर्यटक बिहार आए। देसी और विदेशी सैलानियों को मिलाकर 3 करोड़ 34 लाख 96 हजार 768 पर्यटक आए। यह 2016 से लगभग 14 फीसदी अधिक है।

आपको यह जानकर खुशी होगी की यह संख्या पड़ोसी राज्य झारखंड की जनसंख्या (3.29 करोड़) से भी अधिक है।

 

विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

इस बार पितृपक्ष मेला (गया) में पिछले साल की तुलना में कम श्रद्धालु पहुंचे। पिछली बार जहां 8 लाख 31 हजार से अधिक श्रद्धालु आए थे वहीं इस बार 6 लाख 35 हजार 600 ही आए। यानी लगभग दो लाख कम लोग आए। हालांकि श्रावणी मेले में आने वाले भक्तों की संख्या में इस बार ढाई लाख तक की वृद्धि हुई। इसी तरह सोनपुर मेले में भी इस बार 15 हजार 839 लोग अधिक आए।
विदेशी पर्यटकों की संख्या 70 हजार बढ़ी
विदेशी सैलानियों को भी बिहार लुभा रहा है। वर्ष 2016 की तुलना में 2017 में विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। 2016 में जहां 10 लाख 10 हजार 531 सैलानी आए थे, वहीं बीते साल 10 लाख 82 हजार 705 पर्यटक आए। विदेशी पर्यटकों के मामले में गया अव्वल रहा। गया में 3 लाख 13 हजार 817, जबकि बोधगया में 2 लाख 83 हजार 116 पर्यटक आए। अगर 2016 की बात करें तो यहां कुल 5 लाख 30 हजार 428 पर्यटक आए थे। नालंदा इस मामले में दूसरे व वैशाली तीसरे नंबर पर रहा।

14 फीसदी अधिक पर्यटक आए 2016 की तुलना में

2012 से अगर हम बिहार पर्यटन का आंकड़ा देखें तो लगातार बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या हर साल बढ़ रही है। मगर इस साल की वृद्धि सबसे ज्यादा है।

बिहार पहुंचे पर्यटक

2012 – 22544032

2013 – 22354141

2014 – 23373885

2015 – 28952855

2016 – 29528850

2017 – 33496768

Source: Hindustan

बिहार में प्रकाशोत्सव से होगा, 200 करोड़ का बिजनेस।

बिहार ने जीता सबका दिल, श्रद्धालुयों ने कहा नही भूलेंगे ये अपनापन!

350वाँ प्रकाश पर्व ने खोली बिहार की तरक्की की राह, होगा 200 करोड़ का बिजनेस।

महज 3-4 दिनों में पटना में सीधे तौर से 200 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शनल बिजनेस होना है। इसके साथ ही पंजाब से आए कई श्रद्धालुओं का मन गुरु की इस नगरी में ऐसे रमा कि वे बिहार में अपने लिए बिजनेस के अवसर तलाश रहे हैं।

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प्रकाशपर्व पर पटना आईये जरूर, समारोह की भव्यता और तैयारी देख दिल खुश हो जायेगा

लुधियाना के इंडस्ट्रियल इस्टेट के ए-ब्लॉक में एमटीबी बाइक्स,ई-बाइक्स,रोडस्टर और बच्चों की साइकिल बनाने वाली कंपनी के हाबार्ड बाइसाइकिल कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर शोधी चड्‌ढ़ा बताते हैं कि बिहार में पटना के बाहर साइकिल कंपोनेंट की बड़ी मांग है। कई स्तर पर यहां एसेंबलिंग होती है,लेकिन करीब 95 फीसदी आपूर्ति लुधियाना की कंपनी से होती है। गुरुनानक एग्रीकल्चर खेती के टूल बनानेवाली कंपनी है। ग्रुप से जुड़े लोगों का एक जत्था पटना आया है। ग्रुप वाहे गुरु के दर्शन के बाद पटना में दो दिन रुकेगी। पूरे परिवार के साथ 20 लोगों का दल चाहता है कि पटना में भी उनका डिस्ट्रीब्यूशन चैनल बढ़े। कंपनी अभी 120 करोड़ का व्यापार करती है। ऐसे हजारों श्रद्धालु हैं,जिनकी आस्था पटना से इस कदर जुड़ी है कि वे अपना कारोबार पटना से करना चाहते हैं। बिहार में बीते कुछ वर्षों में आए बदलाव को वे सकारात्मक भी मानते हैं। प्रकाशोत्सव के लिए पटना से लेकर पटना साहिब से सफाई व्यवस्था और सरकारी संस्थानों की सकारात्मक पहल की तारीफ करते वे नहीं थक रहे।

जालंधर के फुटबॉल चौक पर छोटी-सी फैक्ट्री चलाने वाले शिवेंद्र सिंह अपने परिवार के साथ आए हैं। उनके दोनों बेटे भी साथ हैं। विक्की और शैली पटना में तैयारियों से खुश हैं। वे हर दूसरे व्यक्ति से जानना चाहते हैं कि बिहार में स्पोर्ट्स गुड की कितनी खपत है। शिवेंद्र कहते हैं कि वाहे गुरु की कृपा होगी तो उनके व्यापार का विस्तार गुरु के द्वार पटना से ही होगा।

सिख श्रद्धालुओं से पटना के सभी होटल हुए फुल

प्रकाशोत्सव के कारण पटना के होटल फुल हो चुके हैं। होटल मौर्या,होटल चाणक्या इन,होटल पाटलिपुत्र अशोक समेत तमाम बड़े होटलों में पहले ही बुकिंग हो चुकी है। इनमें बड़ी संख्या इंटरनेट से बुकिंग करवाने वालों की है। फ्रेजर रोड की होटल गली में करीब 350 श्रद्धालु रुके हैं। यहां के अलग-अलग होटलों के 80 से अधिक कमरे आने वाले 3 दिनों के लिए बुक हैं। इसके अलावा होटल एग्रीगेटर कंपनियों के माध्यम से भी बजट होटलों की बुकिंग हुई है। पटना साहिब क्षेत्र में होटलों की संख्या बेहद कम है। हर श्रद्धालु परिवार की जरूरतें टेंट सिटी में पूरी नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में लोग होटलों में ठहर रहे हैं। हालांकि,शहर के लगभग दो दर्जन गेस्ट हाउस जो पटना जंक्शन और करबिगहिया क्षेत्रों में हैं,उनमें अब भी कुछ खाली कमरे हैं। गौरतलब है कि शराबबंदी और नोटबंदी के बाद पटना में होटलों का व्यवसाय ठप-सा हो गया था।
बिहार चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने बताया कि बिहार में प्रकाशोत्सव की तैयारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है। यह सिर्फ एक समुदाय विशेष का नहीं बल्कि बिहार का पर्व बन चुका है। टूरिस्ट के आने से बिहार को आर्थिक फायदा भी होगा।

बिहार ने जीता सबका दिल, श्रद्धालुयों ने कहा नही भूलेंगे ये अपनापन!

बिहार में 350वें प्रकाशोत्सव के लिए ऐसी व्यवस्था देख, बिहार आये सारे लोगो ने कहा, मैं सोच भी नही सकता, ऐसी है यहाँ व्यवस्था, ये अपनापन कभी भूल नही पाएंगें।

जग मग करता पटना साहिब

जग मग करता पटना साहिब

पंजाब के भिन्न-भिन्न जगहों से बिहार आये श्रद्धालुयों ने कहा:-

  • बिहार और बिहारियों को लेकर मेरे मन में बहुत अच्छी छवि नहीं थी। यहां की गुंडागर्दी और टूटी सड़कों के बारे में सुना था, लेकिन मैं गलत था।
  •  लोगों और पुलिस का सिख श्रद्धालुओं के प्रति व्यवहार बहुत ही सहयोग करने वाला है। यहां की साफ-सफाई अच्छी है। सड़कें बेहतर हैं। राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं की सुख-सुविधा का बहुत ध्यान रखा है।लोगों और पुलिस का सिख श्रद्धालुओं के प्रति व्यवहार बहुत ही सहयोग करने वाला है। यहां की साफ-सफाई अच्छी है। सड़कें बेहतर हैं। राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं की सुख-सुविधा का बहुत ध्यान रखा है।
  • बिहार के बारे में हमारी जो धारणा थी, वह निराधार निकली। यहां आकर हमने उल्टा पाया। बिहार की मेजबानी पर हम फिदा हो गए।
  • यहां की सड़कें, पुलिस का व्यवहार और लोगों द्वारा की जा रही खिदमत ने हमलोगों का दिल जीत लिया है।
  • नांदेड़ के हुजूर साहिब और आनंदपुर साहिब भी जाता रहा हूं। लेकिन पटना साहिब में आकर मैंने जैसी मेहमाननवाजी देखी, पहले कहीं और नहीं देखी थी। सभी सुविधाएं यहां बहुत ही अच्छी है।
  • यहां लंगर की भी बहुत अच्छा है। स्वादिष्ट भोजन मिल रहा है। ठहरने के इंतजाम बहुत अच्छे हैं। गुरुद्वारा से टेंट सिटी अथवा कहीं और जाने के लिए नि:शुल्क बस सेवा है।
  • मैं यहां दो दिनों के लिए आया था, लेकिन यहां की अच्छी व्यवस्था देख 5 जनवरी के बाद ही जाने की सोच रहा हूं।

तख्त हरिमंदिर प्रबंधन कमेटी के अधीक्षक दलजीत सिंह ने कहा कि एक से 5 जनवरी के बीच 5 लाख से अधिक सिख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

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तख्त हरिमंदिर व बाल लीला गुरुद्वारा में रोज 65-70 हजार लोग लंगर छक रहे हैं। सुबह दस बजे से देर रात तक यह व्यवस्था रहती है। लंगर खाने वालों की कतार पूरे दिन खत्म नहीं होती। शनिवार को आधा किमी लंबी कतार थी लंगर छकने वालों की।

सज गया पटना साहिब.. पहुंचने लगे श्रद्धालु

दशमेश गुरु श्री गुरु गोविंद सिह के 350वें प्रकाशोत्सव को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। इसके लिए तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब को सतरंगी रोशनियों से सजाया गया है। पटना सिटी से लेकर गांधी मैदान रौशनी से जगमगा रहा है। पटना साहिब, पटना घाट, राजेंद्र नगर, पटना जंक्शन, दानापुर और पाटलिपुत्र स्टेशन को भी आकर्षक रोशनी से सजाया गया है। रंग-बिरंगी लाइटिंग में रेलवे स्टेशनों की रंगत निखर रही है।

Patna sahib

देश-विदेश से श्रद्धालु पटना पहुंचने लगे हैं। इनके ठहरने के लिए गांधी मैदान, बाइपास और कंगन घाट में बने टेंट सिटी को भी आकर्षक रूप दिया गया है। तीनों टेंट सिटी रोशनी से जगमगा रही हैं। यहां सभी तरह की अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 350वें प्रकाशोत्सव के लिए पटना घाट स्टेशन तैयार है। आज से ट्रेनें भी चल रही है। हर डेढ़ घंटे पर पटना जंक्शन से पटना घाट के लिए ट्रेन है। प्रकाशोत्सव में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा के लिए रविवार से पटना साहिब स्टेशन के पास अस्थायी थाना शुरू हुआ। स्टेशन पर मेगा फोन होगा, जिससे लोग एक-दूसरे से जुड़ सकेंगे। महिला आरक्षियों को भी सुरक्षा में लगाया गया है। भाषा को लेकर संगत को कोई कठिनाई न हो, इसके लिए पंजाबी के जानकार जवान केंद्र पर तैनात होंगे।

पहुंचने लगें लोग

पहुंचने लगें लोग

प्रकाशोत्सव में लगभग 12 सौ दंडाधिकारियों और 13 सौ पुलिस पदाधिकारियों की चौबीसों घंटे की ड्यूटी लगाई गई है। टेंट सिटी, गुरुद्वारा के आसपास के इलाके की निगरानी के लिए कुल 85 वाॅच टावर भी बनाए गए हैं, जहां से निगरानी शुरू कर दी गई है। सिर्फ पटना सिटी के लिए अलग से 69 गश्ती दल की नियुक्ति भी की गई है। प्रकाशोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए विभिन्न स्थलों पर बनाए गए 75 हेल्प डेस्क भी काम करने लगे हैं। भीड़ के नियंत्रण के लिए सीसीटीवी और वीडियो कैमरे की भी मदद ली जा रही है। गांधी मैदान टेंट सिटी, बाइपास टेंट सिटी, गुरुद्वारा के आसपास के क्षेत्र में तैनात कर्मी को हैंड हेल्ड माइक, वायनाकूलर व ड्रेगन लाइट से लैस कर दिया गया है।

गांधी मैदान टेंट सिटी

गांधी मैदान टेंट सिटी

गांधी मैदान में अब गुरुवाणी की गूंज सुनाई देने लगी है। टेंट सिटी गुरुद्वारा-सा चमक रहा है। हर ओर चहल-पहल है। हर गेट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम है। लोग सड़क पर रुक कर सेल्फी लेना नहीं भूल रहे। पंजाब, अमृतसर, कोलकाता आदि शहरों से आए श्रद्धालु इंतजाम देख गदगद हैं। गांधी मैदान में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर कोई रोक-टोक नहीं रहेगी। इंट्री के लिए पास की भी जरूरत नहीं होगी। अपने परिवार और बच्चे के साथ आराम से यहां देखने के लिए सकते हैं।

वाच टॉवर

वाच टॉवर

कंगन घाट

कंगन घाट

सभी लोगों की इंट्री सुरक्षा जांच के बाद की जाएगी। सुरक्षा जांच के लिए हर गेट पर डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर है। हर गेट पर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। गांधी मैदान की टेंट सिटी में ठहरने वाले श्रद्धालुओं के साथ- साथ आम लोगों के लिए भी मुफ्त में लंगर की व्यवस्था रहेगी।

Prakash parv

प्रकाशोत्सव में कला संस्कृति विभाग का बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम पंजाबी फिल्मों का प्रदर्शन करेगा। तीन और चार जनवरी को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स में छह पंजाबी फिल्में दिखाई जाएंगी। इनमें पंजाब की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इस पूर्व दो जनवरी को इस फिल्म प्रदर्शन समारोह का उद्घाटन किया जाएगा। प्रकाशोत्सव के दौरान बिहार म्यूजियम में पंजाब डिजिटल लाइब्रेरी के सहयोग से एक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में सिख धर्म से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेजों, फोटो आदि को देखा जा सकेगा। इस प्रदर्शनी के माध्यम से पंजाब और सिख संस्कृति को जाना-समझा जा सकता है।

प्रकाश पर्व को लेकर ऑटो की दर में कटौती की गई है। इस बाबत बिहार राज्य ऑटो रिक्शा चालक संघ की बैठक के बाद एक्टू के उपाध्यक्ष नवीन मिश्रा एवं सचिव जगन्नाथ झा के मुताबिक किराए की नई दर 25 दिसंबर से पांच जनवरी तक ही मान्य होगी। प्रकाश पर्व में सिख श्रद्धालुओं को परेशानी न हो, इसके लिए पटना जंक्शन के टाटा पार्क टेंपो स्टैंड में 200 ऑटो शेयर एवं प्री-पेड व कॉल सर्विस के लिए कार्य करेंगे। श्रद्धालु 8409352222 पर कॉल कर ऑटो ले सकते हैं। सभी ऑटो पर संगठन का परिचय पत्र एवं डीटीओ की ओर से जारी स्टीकर लगी रहेगी।

प्रकाशपर्व पर पटना आईये जरूर, समारोह की भव्यता और तैयारी देख दिल खुश हो जायेगा

Prakash parv gandhi maidan

मौंका मिले तो पटना आईए और गुरु गोविन्द सिंह के जंयती समारोह में शामिल होईए क्या तैयारी है दिल खुश हो जायेगा|गांधी मैंदान क्या कहना है लगता जैसे अमृतसर पहुंच गये हैं दरवार हांल क्या भव्यता है एक लाख लोगों के बैंठने कि व्यवस्था कि गयी है। पूरा मैंदान इस कार्यक्रम का मुख्य आयोजन स्थल है पीएम मोदी सहित तमाम बडे नेता इसी दरबार हांल से सम्बोधित करेगे बड़े सास्कृतिक कार्यक्रमों भी इसी दरबार हांल में होगा। अशोक राजपथ पहचान नही पाईएगा पटना साहेब गुरुद्वारा तक पहुंचने वाली सड़कों के दोनों और दो किलोमीटर तक निर्मित भवन उजले रंग से रंगे गये है।

धार्मिक आय़ोजन पटना साहेब गुरुद्वारा

Prakash parv patna sahib

बाल गुरुद्वारा और कंगनघाट के साथ साथ बाग का गुरुद्वारा में हो रहा है। यहां आयेगे तो आपको धार्मिक आस्था के साथ साथ इतिहास को भी महसूस कर सकते हैं। गुरु गोविन्द सिंह से जुड़े कई ऐतिसाहसिक साक्ष्य के साथ साथ उनकी यादे अब भी उसी तरह सुरक्षित और संरक्षित है,,वह कुंआ जहां से पानी लेकर महिलाए जब घर को लौटती थी तो अक्सर गुरु गोविन्द सिंह महिलाओं का मटका फोड़ देते थे ,वो पत्थर तीर और कमान जिससे वो मटका फोड़ते थे सब कुछ मौंजूद है ,उनके बचपन का पलना ,कपड़ा सरिखे कई चीजे आज भी उनके होने का एहसास कराता है ३५० वर्ष पहले उनका जन्म हुआ लेकिन आज भी आप उऩके होने का एहसास कर सकते है जितनी जुवाने उतनी कहानी औऱ साथ में साक्ष्य भी ।

टेंट सिटी

टेंट सिटी

मुख्य कार्यक्रम २ से ५ जनवरी तक होगा लेकिन अभी से ही लोग के आने का सिलसिला शुरु हो गया है। उम्मीद कि जा रही है कि देश और दुनिया से कम से कम पांच लाख सिख इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होने आयेगे।बिहार को अपनी छवि बदलने औऱ राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्री स्तर पर अपनी खोयी प्रतिष्ठा फिर से स्थापित करने का इससे बेहतर मौंका नही मिलेगा इसलिए जहां कही भी आप है इस महाउत्सव में किसी ना किसी रुप में भागीदारी जरुर निभाईए। आज काश्मीर पंजाब,लंदन औऱ अमेरिका से आये दर्जनो सिख परिवार से बात करने का मौंका मिला सच कहिए तो इस कार्यक्रम के माध्यम से नीतीश कि पहचान राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय पर एक कुशल प्रशासक और विकास करने वाले राजनेता के रुप में स्थापित हो गया हर किसी के जुवान पर नीतीश कि तारीफ सूनने को मिला। किसी ने भी व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करते हुए नही दिखे हलाकि इसकी एक वजह बिहार के छवि भी है लोग उम्मीद नही कर रहे थे और यहां उम्मीद से अधिक व्यवस्था देखने को मिल रहा है। रात के एक बजे तक अशोक रात पथ पर लोग घूमते रहते हैं लाईटिंग कि व्यवस्था मौंका मिले तो एक बार जरुर देखने आईए।

Prakash parv

ईश्वर ने मुझे वो दिया है जो दुनिया में किसी के पास नही है बुद्ध,जैन,सिख धर्म का जन्म और कर्मभूमि फिर मेरा ऐतिहासिक विरासत सच कहे तो हमलोग अपने इस विरासत का ही सही तरीके सा मार्केटिंग कर ले तो फिर किसी उधोग कि जरुरत नही है।।।

सभार: (संतोष सिंह, कशिश न्यूज के फेसबुक अकाउंट से लिया गया है)

नोट: प्रकाशपर्व का महा लाईव कवरेज देखने के लिए Aapna Bihar के फेसबुक पेज को लाईक करें । 

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पटना में 90 एकड़ में बसी “मिनी पंजाब” ,350वें प्रकाशोत्सव में टेंट सिटी में होंगे ये सुविधाएं

350वें प्रकाशोत्सव की सारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। पटना बाइपास में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 90 एकड़ में टेंट सिटी बसाई गई है। दो हजार टेंटों के भीतर सारी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। गांधी मैदान व कंगन घाट में भी टेंट सिटी बनकर लगभग तैयार है। यहां दिन-रात काम चल रहा है।

  • सीएम ने तैयारियां देखीं,दिए निर्देश…
  • सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को प्रकाश उत्सव से जुड़े स्थलों का निरीक्षण किया। तैयारियां देखीं। निर्देश दिए। आवागमन की व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने को कहा।
  • उत्सव के इंतजाम का रविवार को जायजा लेने के दौरान तख्त श्री हरिमंदिर साहिब के पास की गलियों में रहने वालों से उन्होंने कहा-सरकार इतना काम करा रही है। आप भी अपना योगदान दीजिए।
  • यह आपका भी आयोजन है। प्रकाशोत्सव में दुनिया भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। ये हम सब के अतिथि हैं। आप लोग साफ-सफाई के अलावा वह सबकुछ कीजिए,ताकि आने वाले लोगों को कोई असुविधा न हो।
  • नीतीश ने अफसरों से कहा-इंतजाम ऐसा हो कि बाहर से आए लोगों को बिहार हमेशा याद रहे। वे यहां की सुखद याद को हमेशा संजो कर रखें। 

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खुद फोल्डिंग खाट पर बैठे
सीएम गांधी मैदान में हो रहे ठहरने के इंतजाम से वाकिफ हुए। खुद फोल्डिंग खाट पर बैठे। दरबार हॉल को देखा। यहीं पर्यटन विभाग ने उनको तैयारियों का प्रेजेंटेशन दिखाया। उन्होंने सारे काम समय पर पूरा करने को कहा।
मोबाइल पर मैसेज से मिलेगी बेड कन्फर्म होने की जानकारी 
  • बेड की बुकिंग किस टेंट सिटी में हुई है,इसकी जानकारी श्रद्धालुओं को मोबाइल पर मैसेज से मिलेगी।
  • ऑनलाइन बुकिंग कराने पर 24 घंटे में बेड कन्फर्म होने का मैसेज आ जाएगा,जिसे दिखाकर वे टेंट सिटी में बेड ले सकेंगे।
  • वहीं,टोल फ्री नंबर से बुकिंग कराने पर दो दिन के अंदर बेड कन्फर्म होने की जानकारी मिलेगी।
  • श्रद्धालु वेबसाइट  http://www.takhatpatnasahib.com पर आनॅलाइन बुकिंग करा सकते हैं। इसके अलावा दो टोल फ्रीनंबर(18001238150/51)पर भी कॉल कर सकते हैं।
पंजाबी व्यंजन से महकेगी रेल, जाने प्रकाशोत्सव का MENU
Narendra modi package

बिहार में इस विशेष अवसर पर पीएम मोदी सहित जुटेंगे देश और दूनिया के कई नामचीन दिग्गज और सितारे

पटना साहिब में 5 जनवरी 2017 को दशमेश पिता साहिबश्री गुरु गोविंद सिंहजी का 350 वां प्रकाश पर्व आयोजित होने जा रहा है। प्रकाश पर्व को लेकर तख्त परिसर को भव्य बनाया गया है। अभी से गुरुघर जगमग करने लगा है। वहीं परिसर में अंडरग्राउंड पार्किंग व तीन मंजिले भवन का निर्माण कराया गया है। मौके पर लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गांधी मैदान में टेंट सिटी बसायी जा रही है। बाइपास और कंगन घाट में भी श्रद्धालुओं के आवास व लंगर की व्यवस्था रहेगी।

Narendra modi

वही गुरु गोबिन्द सिंह की जयंती पर होने वाले 350 वें प्रकाश पर्व में शामिल होने के न्योता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वीकार कर लिया है। आज तख्त श्री हरमंदिर जी, पटना सहिब के एक प्रतिनिधिमंडल ने पीएम से मिलकर उन्हें जनवरी 2017 में होने वाले प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री ने सहर्ष ही आमंत्रण स्वीकार कर लिया।

इस दिन भारत के राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक एक साथ आयेंगे बिहार!

“बिहार”, तीन धर्मों का उद्गम स्थल और हर धर्म का संगम स्थल| बौद्ध, जैन और सिक्ख धर्म का जन्म बिहार से ही माना जाता है| सीता माँ की जन्मस्थली भी बिहार में ही है| वहीं मखदूम बाबा की मजार भी बिहार में ही है|

 

कुल मिला के कितनी सारी चीजें हैं बिहार में, जो इसे खासमखास बनाती हैं| अजीब बात है कि हम उन चीजों, उन मुद्दों पर कभी बात ही नहीं करना चाहते| अजीब बात है कि हम हर बात को राजनैतिक बना देते हैं| अजीब बात है कि हम बिहार की असली तस्वीर हमेशा छुपाते हैं| हममें से ही कई लोग हैं जो इस हीनता के शिकार हैं, और हममें से ही कई लोग हैं जो बिहार की स्पष्ट छवि सबके सामने लाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं| इसमें हमारा कोई राजनैतिक, आर्थिक या अन्य स्वार्थ नहीं छिपा| बस “बिहार”, अपनी जन्मभूमि ही वो वजह बन के सामने है, जिसके लिए हम सकारात्मक बातें आपको बताने को उत्सुक और इच्छुक रहते हैं|
हम अपने बिहारी होने पर गर्व करते हैं और चाहते हैं कि आप भी शर्म महसूस ना करें| सरकार या सरकारी काम-काज हमारे वश में नहीं| ये हमारी जिम्मेदारी भी नहीं कि हम किसी को जवाब दें और बताते चलें कि हमारी सरकार जिन फलाना मुद्दों पर नाकाम हो रही है, उसकी वजह क्या है, उसका समाधान क्या है| ये सरकारी मसले हैं, उच्चाधिकारी इसपर बात करते रहेंगे| बिहार की जनता जागरूक है, और हम थोड़ा ज्यादा जागरूक रहने/करने का प्रयास कर रहे हैं| जो सरकार काम न करेगी, उम्मीदों पर खरा न उतरेगी, उसको वोट के जरिये टाटा-बाय-बाय न करना पड़े तो कहना| हम जरुर उन सभी बातों को आपके सामने लायेंगे जो सच में सामने आने चाहियें – चाहे वो पढ़ने-सुनने में सरकारी अधिकारियों, मंत्रियों को सुखद न ही लगें| अगर सरकार हमारी बात सुन कर बिहार के विकास की ओर एक छोटा सा कदम भी उठाती है तो इस से बढ़ कर हमारे मकसद की पूर्ति और कहाँ होगी|
हम सकारात्मक ऊर्जा चाहते हैं, हर किसी के दिल में| यही वो चीज़ है जो, आज या कल हमारी परिस्थितियों में सुधार लाएगा| यही वो विषय है जो आज या कल हमें अपनी क्षमता के अनुसार परिभाषित करेगा|
तो…! आज एक खबर लायें हैं आपके लिए| आप बिहारी हैं या गैर-बिहारी, कोई फर्क नहीं पड़ता| बिहार में रहते हैं, भारत के अन्य कोने में रहते हों या विदेश में रहते हों, कोई फर्क नही पड़ता| आप हिन्दू हैं, मुस्लिम या बौद्ध-जैन या सिक्ख-इसाई, कोई फर्क नहीं पड़ता| इस बार बिहार आपके स्वागत की तैयारियां कर रहा है| आपको न्योता दे रहा है| सपरिवार आमंत्रण है| किसलिए?
5 जनवरी 2017 को सिक्खों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविन्द सिंह जी का प्रकाशपर्व है| 350वां प्रकाश पर्व| उनकी जन्मस्थली, पटना के पटनासाहिब में शानदार उत्सव का आयोजन है| एक और सकारात्मक पहल|
बिहार पर्यटन विभाग की तरफ से जारी किये गये इन वीडियोज में आप देख सकते हैं, कई फ़िल्म और टेलीविज़न से जुड़े एवं अन्य सितारे आपसे आग्रह कर रहे हैं| क्रिकेटर शिखर धवन, कपिल की बुआ के किरदार से मशहूर उपासना सिंह, भेजा फ्राई फेम विनय पाठक, अभिनेता जावेद जाफरी एवं जाकिर हुसैन, CID में ACP बने शिवाजी सतम एवं दया बने आदित्य श्रीवास्तव एवं अन्य आपको बिहार आने का आमंत्रण दे रहे हैं|

 

 

 

 

 

 

 

 


साथ ही “नूर-ए-गोविन्द” के नाम से बनाया गया यह विडियो भी बिहार पर्यटन मंत्रालय से जारी हुआ है, जिसमे आप गुरु गोविन्द सिंह जी की जीवनी की झलकी पा सकते हैं|


कार्यक्रम में देश-विदेश के लोगों के आने  की उम्मीद की जा रही है| भारत के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री सहित अन्य मंत्रियों का आना तय हुआ है| इसके अलावा बॉलीवुड से जुड़े तमाम सितारे एवं बिहार के कई कलाकारों के आने की भी सूचना है|
विभाग की तरफ से हुए इस पहल का हम हार्दिक स्वागत करते हैं| आप सब सादर एवं सप्रेम आमंत्रित हैं| ‘गुरु तख़्त साहिब जी, पटनासाहिब’ आईये, इस जश्न का आनंद लीजिये और बिहार को जरा करीब से देखिये|