छपरा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया देश के पहले पीएम वाहन प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन

केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आज बिहार में एक दिवसीय दौरे पर हैं। नितिन गडकरी आज राज्य में कई योजनाओं का उद्घाटन करने वाले हैं।

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बिहार पहुंचने के बाद गडकरी ने छपरा में छपरा-सीवान-गोपालगंज एनएच-85 का शिलान्यास एवं प्रधानमंत्री मोटर चालक प्रशिक्षण केन्द्र का उद्घाटन किया।
छपरा के नगरा प्रखंड के अफौर गांव में आयाेजित कार्यक्रम का उद्घाटन गडकरी के साथ बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने किया। इसमें केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग एवं पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी उपस्थित हैं।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी आज बरौनी-मुजफ्फरपुर एनएच-28 का लोकार्पण करने वाले हैं।

विदित हो कि छपरा-सिवान एवं गोपालगंज एनएच-85 एवं छपरा-रेवा-मुजफ्फरपुर एनएच-102 का चौड़ीकरण का कार्य एक हजार 42 करोड़ की लागत से किया जायेगा। छपरा के नगरा प्रखंड के अफौर गांव के समीप करीब साढ़े चार एकड़ में देश का पहला वाहन प्रशिक्षण बनाया गया है। इस प्रशिक्षण केंद्र में प्रत्येक व्यक्ति पर औसतन 50 से 55 हजार रुपये सरकार खर्च करेगी।
छपरा के बाद गडकरी मुजफ्फरपुर जाएंगे, जहां व बरौनी-मुजफ्फरपुर एनएच 28 का लोकार्पण करेंगे। यह सड़क समस्तीपुर के रास्ते मुजफ्फरपुर पहुंचती है। यूपी को जोडऩे की वजह से भी यह सड़क खासी महत्वपूर्ण है। मुजफ्फरपुर से मोतीपुर, मेहसी और चकिया होते हुए यह सड़क मोतिहारी से दस किमी पहले पश्चिम की ओर मुड़ जाती है। गोपालगंज के कुचायकोट के समीप यह यूपी की सीमा में प्रवेश कर जाती है।

एनएच 102 यानी छपरा-रेवाघाट- मुजफ्फरपुर सड़क 65 किमी लंबी है। यह अभी जर्जर है। मुजफ्फपुर से वाराणसी जाने के लिए यह एक प्रमुख मार्ग है। गडकरी इस सड़क के अतिरिक्त एनएच 85 यानी छपरा-सीवान-गोपालगंज सड़क का भी शिलान्यास करेंगे। यह सड़क लगभग 90 किमी लंबी है। इसे भी दो लेन में विकसित किया जाना है।

केंद्र और राज्य सरकार मिल कर रही बिहार का विकास

पटना: लोग कहते है राजनीति बहुत बुरी चीज है! मगर यही राजनीति आरोप-प्रत्यारोप से उपय उठ जाए और राजनीति अगर विकास पर होने लगे तो वही राजनीति देश या राज्य के लिए वरदान सावित होती है। 

 

बिहार में नीतीश की नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार है तो केंद्र में नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार।  दोनो की विचारधारा अलग है, दो सिक्कें के दो पहलू है मगर बिहार के विकाश के मुद्दे पर दोनों सहमत और एकमत है।

 

हाल में एक उदाहरण आया है।  वर्षों से पटना और हाजीपुर के बीच बने गंगा नदी पर बने गाँधी सेतु का हालत केन्द्र और राज्य सरकार के लिए राजनीति राजनीति का एक अहम मुद्दा बनता जा रहा था , दोषारोपण का पुराना खेल चालू था …कोई गम्भीर पहल किसी भी ओर से होती नहीं दिख रही थी।  दशकों से इस सेतू के जीर्णोद्धार की बातें हो रही थीं , कुछ काम भी निरन्तर ही हो रहा था लेकिन सेतू की स्थिति बद से बदहाली की ओर ही बढ़ रही थी।

 

वक्त बीतता गया और सेतू किसी भी दिन ध्वस्त हो जाने की स्थिति में आ गया , इसी दरम्यान बिहार में एक और नयी सरकार आई और बिहार के युवा उप-मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव के जिम्मे सम्बंधित विभाग आया …युवा – जोश व् जज्बे के साथ राजनीति को दरकिनार करते हुए गम्भीरता से उप-मुख्यमंत्री ने सेतू के मुद्दे पर केंद्र की सरकार पर अपने पत्राचारों के माध्यम से दबाब बनाया , तदुपरांत केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी के साथ अपनी मुलाकातों के माध्यम से समन्वय स्थापित किया और साथ ही राजनीतिक मतभेद होने के वाबजूद केंद्रीय मंत्री ने भी इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाई और आज परिणाम सबके सामने है।

 

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केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को पटना और हाजीपुर को जोड़ने वाली महात्मा गांधी सेतु के जर्जर हालत के पुनरोद्धार के लिए 1742 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं. बैठक के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि साढ़े तीन साल में सेतु के पुनरोद्धार को कम्पलीट करने का लक्ष्य रखा गया है और इसपर कुल 1742 करोड़ रुपए की लागत आएगी.

 

इस से पहले का भी कई उदाहरण जो बताने के लिए काफी है कि राज्य और केंद्र सरकार मिल कर बिहार के विकाश में लगी है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी यह कह चुके है कि बिहार के विकाश से कोई समझौता नहीं होगा, और हम केंद्र के साथ मिल कर बिहार के विकाश के लिए काम करेंगे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने पिछले बिहार दौरे पर बिहार सरकार के सहयोगातमक रवैये की तारिफ कर चुके है।  केंद्रीय मंत्री पियूस गोयल और सुरेश प्रभू ने भी सहयोगात्म रवैये का स्वागत किया है।

 

राजनीतिक मतभेद हो सकते है, राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप और विरोध होता रहता है।  मगर देश और राज्यहित से समझौता नहीं होनी चाहिए।

 

बिहार के विकाश में लगे दोनों सरकार बधाई के पात्र है।

खुशखबरी: केंद्र की मोदी सरकार ने गाँधी सेतु को दिया एक नया जीवनदान

पटना: उत्तर बिहार का लाईफ लाईन गाँधी सेतु पर अगर आप रोज – रोज के जाम से परेशान है तो आपके लिए एक बडी खुशखबरी है। 

 

केंद्र की मोदी सरकार ने कल एक बडा फैसला लिया। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को पटना और हाजीपुर को जोड़ने वाली महात्मा गांधी सेतु के जर्जर हालत के पुनरोद्धार के लिए 1742 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी।

 

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि महात्मा गांधी सेतु जर्जर स्थिति में और उस पर अक्सर जाम की स्थिति रहती है, इसलिए सरकार ने उसे फोर लेन बनाने और उसका पुनरुद्धार करने को मंजूरी दी है। 5.8 किलोमीटर लंबे इस पुल के कई खंभे अभी खराब स्थिति में हैं।

 

जल्द ही अगले महीने इसका टेंडर निकाला जाएगा और जिसे अगस्त तक स्वीकृति देते हुए काम शुरु कर दिया जाएगा।  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस काम ढाई सालों में पूरा कर लिया जाएगा।

 

इसके अलावा  गांधी सेतु के समानांतर भी एक और सेतु बनाया जाएगा। इसका डीपीआर तैयार कराया जा रहा है और इस पर लगभग 6000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

 

केंद्र सरकार यह फैसला बहुत ही सराहनीय है।  बिहार के पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने भी नीतीन गठकरी जी को इस फैसले लिए धन्यवाद दिया है।