एक बेटी की करुण गुहार- सीएम अंकल! मुझे अनाथ होने से बचा लीजिए…

rohtash girl

बिहार की एक छोटी-सी लड़की ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर गुहार लगाई है कि -सीएम अंकल, मेरे पिताजी को बचा लीजिए नहीं तो मैं और मेरे भाई अनाथ हो जाएंगे।

सीएम अंकल ! मेरे पिता को बचा लीजिए। नहीं तो मैं अनाथ हो जाउंगी। अगर वे मर गए तो हम बच्चों को कौन संभालेगा? मुझे और मेरे भाई को कौन पढ़ाएगा? हम बच्चों की जिंदगी तबाह हो जाएगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजकर यह फरियाद लगाई है संझौली ग्राम की छठी कक्षा में पढऩे वाली 11 वर्षीय दलित बच्ची निशा ने। दरअसल निशा के पिता जतन पासवान को उसके पड़ोसियों ने शौचालय बनाने को लेकर उपजे विवाद में चाकू मार गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था।

जतन पीएमसीएच (पटना) में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। इस मारपीट के दौरान पड़ोसियों ने निशा के भी एक हाथ जख्मी कर दिया है।

सीएम को भेजे पत्र में निशा ने कहा है कि 31 जुलाई को शौचालय निर्माण को ले घटी घटना में उसके पिता के साथ मां शीला देवी के साथ ही वह भी जख्मी हो गई थी। घोर गरीबी में जी रहे पिता को ग्रामीणों ने करीब 30 हजार चंदा इकट्ठा कर इलाज के लिए वाराणसी भेजा था।

लेकिन निशा के पति जतन इतने जख्मी हैं कि इलाज में करीब ढाई लाख रुपये की जरूरत है। पैसों के अभाव में गांव के लोगों ने ही वाराणसी के अस्पताल से पटना पीएमसीएच में रेफर करा दिया है। घर में केवल वह और उसका नौ वर्षीय भाई राहुल है। 

निशा ने लिखा है – नीतीश अंकल ! पुलिस उन लोगों को भी नहीं पकड़ रही जिन्होंने मेरे पापा को मारा है। सुना है आप बड़े दयालु हैं। सबकी सुनते हैं। मुझ पर दया कीजिए, नहीं तो मेरे पापा मर जाएंगे। मैं और मेरा छोटा भाई दोनों अनाथ हो जाएंगे। साहबों से भी फरियाद की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।

निशा का पत्र तो यहीं समाप्त हो जाता है, लेकिन उसकी मासूमियत ने समाज के सामने कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

पुलिस की लापरवाही की भी बच्ची ने पोल खोल दी है। जतन पर शौचालय बनाने को लेकर पड़ोसियों ने ऐसा कहर बरपाया कि वह मौत से जंग लडऩे को विवश हो गया। 15 अगस्त तक संझौली प्रखंड को पूरी तरह निर्मल बनाने के अभियान ने इस दलित परिवार की जिंदगी को पूरी तरह अंधकार में धकेल दिया है। ग्रामीण किसी तरह चंदा इकट्ठा कर पैसा जुटा रहे हैं, लेकिन 10-20 रुपए के चंदे से जतन की जिंदगी की रोशनी नहीं लौट सकती…।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मासूम बच्ची के फरियाद को सुनना चाहिए और इसकी मदद करनी चाहिए।  यह पत्र तेजी से फैल रहा है।  उम्मीद है मुख्यमंत्री जी इसे जल्द पढेंगे।

 

Credit- Pramod Tagor, Sanjhauli (Dainik Jagran)

खुशखबरी: मोदी सरकार ने बिहार के तीन जिलों के लोगों को दिया बड़ा सौगात

दिल्ली: मोदी सरकार आज कर बिहार पर मेहरबान है।  कुछ दिनों से लगातार बिहार के लिए केंद्र सरकार बिहार के विकाश के लिए फैसले ले रही है।  

 

पहले गाँधी सेतु के लिए पैसे जारी किया फिर पटना हाईकोर्ट को फ्री वाई फाई और अब बिहार के तीन जिलों के अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाने का ऐलान किया।

 

बिहार दौरे पर आए केंद्रीय स्वास्थ मंत्री श्री जेपी नड्डा ने इसके आलावा कहा कि बिहार के तीन जिला अस्पतालों पुर्णिया, सारण और समस्तीपुर को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा. इसके लिए हर अस्पताल को 189 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. अगर पैसे की और भी जरूरत होगी तो उसे भी पूरा किया जाएगा. अब सरकार पर निर्भर करता है कि जितना जल्दी डीपीआर बनेगा, उतना जल्दी काम शुरू हो जाएगा.

 

बिहार के सिविल सर्जन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट की योजना को तैयार कर राज्य सरकार को भेजें. उसके बाद राज्य सरकार केंद्र सरकार को भेजेगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिहार में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए कृतसंकल्प है.

 

बिहार में खुलेगा दुसरा एम्स!! 

इसके अलाव नड्डा ने कहा कि अगर राज्य सरकार जमीन उपलब्ध करवाये तो बिहार में दुसरा एम्स खोला जाएगा।

 

मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्र सरकार बिहार में एक और एम्स खोलना चाहती है. यह बिहार सरकार तय करे कि दूसरा एम्स किस जिले और शहर में खुलेगा. जब दूसरा एम्स पूर्णिया में खोलने का सवाल किया गया तो मंत्री ने कहा कि पूर्णिया की महत्ता से इनकार नहीं, लेकिन इस का फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना है. केंद्र सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. राज्य सरकार जहां जमीन देगी वहीं पर नया एम्स बनेगा.