खुशखबरी: बिहार में नौ नये मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की चल रही है तैयारी

मेडिकल कॉलेज के कमी से जूझ रहे बिहार और बिहार के छात्रों के लिए जल्द ही राहत मिलने वाली है। राज्य में नौ नये मेडिकल काॅलेज अस्पतालों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से कराने की तैयारी चल रही है। वर्ष 2007-08 में नींव रखा जानेवाला राजकीय मेडिकल काॅलेज अस्पताल मधेपुरा में विद्यार्थियों का नामांकन कार्य 2018-19 में संभावित है. शेष अन्य मेडिकल काॅलेज अस्पतालों में नामांकन का कार्य उसके बाद ही होगा. राज्य में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लंबे अरसे बाद तीन नये मेडिकल काॅलेज अस्पतालों के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ की गयी. इसमें राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, बेतिया, वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान, पावापुरी और राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, मधेपुरा की स्थापना की घोषणा वर्ष 2007-08 में सरकार द्वारा की गयी. इन तीन मेडिकल काॅलेज अस्पतालों में बेतिया और पावापुरी में विगत चार वर्षों से 100-100 एमबीबीएस सीटों पर नामांकन का कार्य आरंभ हो चुका है. राज्य सरकार द्वारा घोषित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, मधेपुरा के निर्माण का कार्य जारी है. 2007-08 से इसका निर्माण कार्य जारी है.

 

राज्य सरकार द्वारा तीन अन्य मेडिकल काॅलेज अस्पतालों के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ करने जा रही है. इसमें छपरा, पूर्णिया और समस्तीपुर में नये मेडिकल काॅलेज की स्थापना का कार्य शामिल है. इन मेडिकल काॅलेजों को जमीन उपलब्ध हो चुकी है साथ ही बजट का आवंटन और प्रशासनिक स्वीकृति भी दी जा चुकी है। इसके अलावा राज्य मंत्रिपरिषद ने 15 जुलाई, 2014 को छपरा, समस्तीपुर और पूर्णिया में प्रस्तावित मेडिकल काॅलेजों के लिए अलग और अस्पताल के लिए अलग-अलग पदों की स्वीकृति भी प्रदान कर दी है.

कैबिनेट ने अपने निर्णय में 100 एमबीबीएस सीटों पर नामांकन के लिए प्रति मेडिकल काॅलेज अस्पताल 309 पद, जबकि 348 पद अस्पतालों के लिए स्वीकृत कर दिया है. इस तरह से मेडिकल काॅलेज के लिए कैबिनेट ने 2014 में ही 657 पदों की स्वीकृति दे दी है. इन मेडिकल काॅलेजों को संचालित करने के लिए पड़ोस के मेडिकल काॅलेजों के प्राचार्यों को अतिरिक्त प्रभार भी सौंप दिया गया है.

 

सात निश्चयों के तहत पांच नये मेडिकल काॅलेज की मंजूरी 

महागठबंधन सरकार के सात निश्चय के तहत भी पांच नये मेडिकल कॉलेज बनाने की कवायद की जा रही है। सात निश्चयों के तहत राजकीय मेडिकल काॅलेज अस्पताल महुआ (वैशाली), राजकीय मेडिकल काॅलेज अस्पताल मधुबनी, राजकीय मेडिकल काॅलेज अस्पताल सीतामढ़ी, राजकीय मेडिकल काॅलेज अस्पताल बेगूसराय और राजकीय मेडिकल काॅलेज अस्पताल भोजपुर की स्थापना का काम चल रहा है साथ ही अन्य मेडिकल काॅलेज अस्पतालों के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी आरंभ की गयी है.

 

Source : Prabhat Khabar

 

 

खुशखबरी: मोदी सरकार ने बिहार के तीन जिलों के लोगों को दिया बड़ा सौगात

दिल्ली: मोदी सरकार आज कर बिहार पर मेहरबान है।  कुछ दिनों से लगातार बिहार के लिए केंद्र सरकार बिहार के विकाश के लिए फैसले ले रही है।  

 

पहले गाँधी सेतु के लिए पैसे जारी किया फिर पटना हाईकोर्ट को फ्री वाई फाई और अब बिहार के तीन जिलों के अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाने का ऐलान किया।

 

बिहार दौरे पर आए केंद्रीय स्वास्थ मंत्री श्री जेपी नड्डा ने इसके आलावा कहा कि बिहार के तीन जिला अस्पतालों पुर्णिया, सारण और समस्तीपुर को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा. इसके लिए हर अस्पताल को 189 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. अगर पैसे की और भी जरूरत होगी तो उसे भी पूरा किया जाएगा. अब सरकार पर निर्भर करता है कि जितना जल्दी डीपीआर बनेगा, उतना जल्दी काम शुरू हो जाएगा.

 

बिहार के सिविल सर्जन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट की योजना को तैयार कर राज्य सरकार को भेजें. उसके बाद राज्य सरकार केंद्र सरकार को भेजेगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिहार में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए कृतसंकल्प है.

 

बिहार में खुलेगा दुसरा एम्स!! 

इसके अलाव नड्डा ने कहा कि अगर राज्य सरकार जमीन उपलब्ध करवाये तो बिहार में दुसरा एम्स खोला जाएगा।

 

मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्र सरकार बिहार में एक और एम्स खोलना चाहती है. यह बिहार सरकार तय करे कि दूसरा एम्स किस जिले और शहर में खुलेगा. जब दूसरा एम्स पूर्णिया में खोलने का सवाल किया गया तो मंत्री ने कहा कि पूर्णिया की महत्ता से इनकार नहीं, लेकिन इस का फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना है. केंद्र सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. राज्य सरकार जहां जमीन देगी वहीं पर नया एम्स बनेगा.