‘द कपिल शर्मा शो’ में सुनील ग्रोवर के बाहर होने के बाद बिहार के लाल परितोष की हुई इंट्री

कपिल शर्मा के कॉमेडी शो से सुनील ग्रोवर के बाहर होने के बाद अब शो में एक बिहारी कॉमेडी  कैरेक्टर की एंट्री हुई है। इस कैरेक्टकर को निभा रहे हैं बिहार के गोपालगंज के बेलवां गांव के रहने वाले परितोष त्रिपाठी। परितोष एक नए कैरेक्टर  ‘ताऊजी’  के रूप में एंट्री हुई है।

ताउजी के कैरेक्टर में बिहार के परितोष

ताऊजी का कैरेक्टशर बहुत रंगीन मिजाज हैं। वे 55 की उम्र में भी लड़कियों पर लाइन मारने में वह पीछे नहीं रहते।ताऊजी को लगता है कि उम्र भले ही 55 की है, लेकिन दिल बचपन का है।

परितोष त्रिपाठी

परितोष कहते हैं कि ‘कपिल के शो से बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। उनकी टीम शानदार है और राइटर भी बेजोड़ हैं। कपिल मुझे बहुत सहयोग कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि कोई नया लड़का है तो अपने हिसाब से भी काम करे। कोई रोल जबरन प्ले करने के लिए नहीं बोलते हैं।
शो में सुनील ग्रोवर को रिप्लेस करने की बात पर परितोष ने कहा कि मेरा कैरेक्टर उनसे अलग है। सुनील बड़े कलाकार हैं। मैं उनकी जगह नहीं ले सकता। मेरे कपिल के शो का हिस्सा बनने की बात इस विवाद से पहले ही तय हो गई थी।
परितोष बताते हैं कि कॉमेडी करना बहुत टफ है। यह काम बेकाबू सांड़ को काबू करने की तरह मुश्किल है। हर वक्त मूड फ्रेश रखना पड़ता है। नहीं तो कॉमेडी नहीं हो पाएगी। कॉमेडी करते समय बिजली बिल जमा करना, प्रेमिका की लड़ाई और घर के टेंशन को भूलना पड़ता है। अगर ये दिमाग में आया तो कॉमेडी खत्म हो जाएगी। कॉमेडी में तुरंत रिएक्शन आता है। पसंद आया तो दर्शक हंसते हैं। नहीं तो मुंह लटका लेते हैं। कॉमेडी करते समय बहुत सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। शो का काम फिल्म और सीरियल की अपेक्षा कठिन है।

परितोष उर्फ सिप्पू का जन्म उनके ननिहाल यूपी के देवरिया जिले के नोनापर के समीप स्थित दनउर गांव में हुआ है। 55 साल के ताऊजी की भूमिका निभाने वाले परितोष की उम्र महज 29 वर्ष है। उनकी जन्म तिथि 6 फरवरी 1988 है।

परितोष की प्रारंभिक पढ़ाई उनके पैतृक गांव बेलवां स्थित प्राथमिक विद्यालय में हुई थी। इसके बाद उनके माता-पिता देवरिया जिले में मकान बना शिफ्ट हो गए। जहां उनका नामांकन प्रेस्टिज इंटर कॉलेज में हो गया। जहां परितोष ने 12 वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी ऑनर्स किया। वर्ष 2009 में मुंबई विश्वविद्यालय में एम ड्रामा का कोर्स करने के लिए पहुंचे परंतु उन्होंने नामांकन नहीं लिया।

परितोष ने कहा कि 12 वीं की पढ़ाई के दौरान थिएटर सीखने के लिए गोरखपुर जाता थे फिर दिल्ली आ गया। ग्रैजुएशन करने के दौरान थिएटर करने लगे। इसके बाद अपनी मंजिल की तलाश में मुंबई आ गए। मुंबई में सबसे बड़ी समस्या रहने की है। मैं भोजपुरी सिंगर और भाजपा नेता मनोज तिवारी के घर एक माह रहा था।कई महीने बाद एक काम मिला, डबिंग का। उस काम के पहले मुझे 500 रुपए मिले थे।

परितोष ने क्राइम पेट्रोल में 2011 से लेकर 2015 तक किया। इसमें सत्येंद्र दुबे हत्याकांड पर बनी एपीसोड में सत्येंद्र दुबे का छोटा भाई बना था। यह एपिसोड काफी चर्चित हुआ था। वे टीआरपी मामा और सुपर डांस शो में काम कर चुके हैं।

बिहार पर्यटन: कमाख्या से खुद चलकर थावे पहुंची थीं माँ दुर्गा !

गोपालगंज: वैसे तो बिहार में धार्मिक यात्राओं पर आने वाले या छुट्टियां मनाने आने वाले लोगों के लिए यहां कई धार्मिक और पौराणिक स्थल हैं, लेकिन यहां आने वाले लोग गोपालगंज जिले में स्थित थावे मंदिर में जाकर सिंहासिनी भवानी मां के दरबार का दर्शन कर उनका आर्शीवाद लेना नहीं भूलते. मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मां सभी मनोकामनाएं पूरा करती हैं.

 

बिहार के गोपालगंज जिले के जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर सीवान-गोपालगंज मुख्य पथ पर स्थित है मां दुर्गा भवानी का प्रसिद्ध शक्तिपीठ थावे मंदिर। मां थावे भवानी की महिमा अपरंपार है। मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मां की भक्ति में यहां सूबे व आसपास के कई राज्यों से भक्त पूजा-अर्चना करने आते हैं। सभी पहले मां भवानी के दर्शन व पूजन करते हैं और सच्चे दिल से मनोकामनाएं रखते हैं। इसके बाद सभी लोग मां के परमभक्त रहषु भगत के दर्शन व पूजन करते हैं।

 

 

थावे दुर्गा मंदिर, गोपालगंज

थावे दुर्गा मंदिर, गोपालगंज

 

मान्यता है कि यहां मां अपने भक्त रहषु के बुलावे पर असम के कमाख्या स्थान से चलकर यहां पहुंची थीं. कहा जाता है कि मां कमाख्या से चलकर कोलकाता (काली के रूप में दक्षिणेश्वर में प्रतिष्ठित), पटना (यहां मां पटन देवी के नाम से जानी गई), आमी (छपरा जिला में मां दुर्गा का एक प्रसिद्ध स्थान) होते हुए थावे पहुंची थीं और रहषु के मस्तक को विभाजित करते हुए साक्षात दर्शन दिए थे. देश की 52 शक्तिपीठों में से एक इस मंदिर के पीछे एक प्राचीन कहानी है.

 

 

मां के बारे में लोग कहते हैं कि मां थावेवाली बहुत ही दयालु और कृपालु हैं और अपने शरण में आये हुए सभी भक्तजनों का कल्याण करती हैं। हर सुख-दुःख में लोग इनके शरण में आते हैं और मां किसी को भी निराश नहीं करती हैं। किसी के घर शादी-विवाह हो या दुःख-बीमारी या फिर किसी ने कुछ नयि खरीद है तो सर्वप्रथम  मां का ही दर्शन किया जाता है। देश-विदेश में रहने वाले लोग भी साल-दो साल में घर आने पर सबसे पहले मां के दर्शनों को ही जाते हैं।

मां थावेवाली के मंदिर की पूरे पूर्वांचल तथा नेपाल के मधेशी प्रदेश में वैसी ही ख्याति है, जैसी मां वैष्णोदेवी की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर। वैसे तो यहां भक्त लोग पूरे वर्ष आते रहते है किन्तु शारदीय नवरात्रि एवं चैत्रमास की नवरात्रि में यहां काफ़ी अधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं। एवं सावन के महीने में बाबाधाम (देवघर में स्थित) जाने वाले कांवरियों की भी यहां अच्छी संख्या रहती है।

लेकिन अफसोस की बात यह है कि इतना महत्त्वपूर्ण स्थल होने के बाद भी यह स्थल विकास के मामले में राज्य सरकार के द्वारा उपेक्षित रह गया। कुछ विकास की थोड़ी बयार यहां भी दिखने लगी है, किन्तु यह अभी भी बहुत कम है। आशा है आने वाले आगामी वर्षों में यह स्थान आम जनता एवं प्रशासन के सहयोग से समुचित विकास करेगा एवं “मां थावेवाली” का पवित्र स्थल  विश्व-मानचित्र पर अपनी साख बना लेगा।