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खुशखबरी: बिहार के दरभंगा में बनेगा राज्य का दूसरा AIIMS

कुछ दिन पहले ही पटना के एक बड़े मंच से मिथिला में एम्स और आईआईटी जैसी संस्था नहीं होने का मामला उठा था| अब खबर आ रही है कि मिथिला को जल्द ही एम्स का तोहफा मिल सकता है| दरभंगा स्थित डीएमसीएच को अपग्रेड कर AIIMS बनाया जा सकता है. इसके लिए बिहार सरकार ने पहल शुरू कर दी है| इसी के तहत सोमवार को चीफ सेक्रेटरी दीपक कुमार की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की अहम बैठक हुई| बैठक में बिहार में प्रस्तावित दूसरे एम्स को दरभंगा में बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का फैसला लिया गया|

केंद्र सरकार की अनुमति मिलते ही एम्स के निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी|

ज्ञात हो कि 2015-16 के बजट में ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिहार के हिस्से दूसरे एम्स की घोषणा की थी| जगह को लेकर बिहार सरकार को फैसला लेना था, जो कि लगभग दो वर्षों से लंबित था|

दरभंगा में एम्स निर्माण के फैसले पर खुशी जताते हुए जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार प्रकट किया है| उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार लगातार इस बात का जिक्र करते रहे हैं कि मिथिला के विकास के बिना बिहार का विकास अधूरा है| दरभंगा में एम्स हो, यह उनकी भी भावना रही है|

मिथिला का हृदय क्षेत्र है दरभंगा
बड़ी बात ये है कि दरभंगा ,उत्तर बिहार के केंद्र में है और केंद्र सरकार द्वारा अन्य एम्स जो बनाए जा रहे हैं उससे बिल्कुल दूर है| ज्ञात हो कि एम्स गोरखपुर, एम्स पटना और बनारस कैंसर संस्थान और सुपर-स्पेसियलिटी सेंटर से उत्तर बिहार दूर पड़ता है और उन केंद्रों का लाभ पश्चिमी, मध्य और केंद्रीय बिहार को मिलेगा| उत्तर बिहार की सघन आबादी के लिए दूर-दूर तक ऐसा कोई केंद्रीय अस्पताल नहीं है| साथ ही दरभंगा, मिथिलांचल का हृदय क्षेत्र भी है, जिसका फायदा नेपाल के मिथिला क्षेत्र के मरीजों को भी मिलेगा|

इसके साथ ही रेलवे, फोर लेन सड़क के बाद अब बहुत जल्द ही यहां से हवाई जहाज की सुविधा भी मिलने जा रही है| आपात स्थिति में यहां से एयर एंबुलेंस तक की सुविधा मिल सकती है|

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के एक पत्र के मुताबिक, एम्स के लिए लगभग 200 एकड़ जमीन की आवश्यक्ता है| डीएमसीएच के पास लगभग 240 एकड़ के आसपास जमीन है| सरकार को एम्स के लिए अलग से जमीन अधिग्रहण करने की आवश्यक्ता नहीं पड़ेगी|

 

खुशखबरी: मोदी सरकार ने बिहार के तीन जिलों के लोगों को दिया बड़ा सौगात

दिल्ली: मोदी सरकार आज कर बिहार पर मेहरबान है।  कुछ दिनों से लगातार बिहार के लिए केंद्र सरकार बिहार के विकाश के लिए फैसले ले रही है।  

 

पहले गाँधी सेतु के लिए पैसे जारी किया फिर पटना हाईकोर्ट को फ्री वाई फाई और अब बिहार के तीन जिलों के अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाने का ऐलान किया।

 

बिहार दौरे पर आए केंद्रीय स्वास्थ मंत्री श्री जेपी नड्डा ने इसके आलावा कहा कि बिहार के तीन जिला अस्पतालों पुर्णिया, सारण और समस्तीपुर को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा. इसके लिए हर अस्पताल को 189 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. अगर पैसे की और भी जरूरत होगी तो उसे भी पूरा किया जाएगा. अब सरकार पर निर्भर करता है कि जितना जल्दी डीपीआर बनेगा, उतना जल्दी काम शुरू हो जाएगा.

 

बिहार के सिविल सर्जन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट की योजना को तैयार कर राज्य सरकार को भेजें. उसके बाद राज्य सरकार केंद्र सरकार को भेजेगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिहार में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए कृतसंकल्प है.

 

बिहार में खुलेगा दुसरा एम्स!! 

इसके अलाव नड्डा ने कहा कि अगर राज्य सरकार जमीन उपलब्ध करवाये तो बिहार में दुसरा एम्स खोला जाएगा।

 

मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्र सरकार बिहार में एक और एम्स खोलना चाहती है. यह बिहार सरकार तय करे कि दूसरा एम्स किस जिले और शहर में खुलेगा. जब दूसरा एम्स पूर्णिया में खोलने का सवाल किया गया तो मंत्री ने कहा कि पूर्णिया की महत्ता से इनकार नहीं, लेकिन इस का फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना है. केंद्र सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. राज्य सरकार जहां जमीन देगी वहीं पर नया एम्स बनेगा.

 

 

एक जरुरी सूचना: बिहार समेत सात राज्यों ने NEET के तहत आने का फैसला किया : जेपी नड्डा

मेडिकल प्रवेश परीक्षा पर चल रहे चर्चा एक बीच एक बिहार के बच्चों के लिए एक बहुत ही जरुरी खबर आ रही है NEET से सम्बंधित।

स्वास्थ मंत्री जे. पी.  नड्डा ने यह जानकारी दी कि सात राज्यों की परीक्षा NEET के तहत हो रही है। बिहार ने भी NEET के तहत आने का फैसला किया है। दिल्ली ने अभी तक NEET पर फैसला नहीं किया है। वह आना चाहे तो आ सकता है। कुछ राज्यों ने विकल्प चुना यूपी बाहर हो गया और बिहार NEET के दायरे में आ गया।

सभी निजी संस्थान NEET के दायरे में होंगे। इस साल दिसबंर में पीजी की परीक्षा NEET के तहत ही होगी।

 

इससे पहले राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर कानूनी सलाह मांगी थी। राष्ट्रपति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से पूछा था कि आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सहमति जताने के बाद अब सरकार इस मामले में पलटी मार रही है।

 

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी सवालों के समाधान के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के पहुंचने के बाद राष्ट्रपति ने आज सुबह इस अध्यादेश को लागू कर दिया।