Coronavirus: गया में एक संदिग्ध की मौत के बाद डॉक्टर ने चिता पर रखे शव से सैंपल लिया

मृतक जिन-जिन लोगों के संपर्क में आया था, उन्हें क्वारैंटाइन किया जा रहा है

जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं कोरोना वायरस को लेकर बिहार सरकार की पोल खुलती हुई नजर आ रही है| रविवार से पहले बिहार से कोरोना वायरस का एक भी केस सामने नहीं आया था मगर रविवार को अचानक खबर आई कि एक व्यक्ति कि मौत हो गयी और दो केस पॉजिटिव निकले हैं|

पहले यह अनुमान लगाय जा रहे थे कि बिहार में कोरोना नहीं पहुंचा है मगर हकिकत कुछ और है| वास्तव में बिहार में पर्याप्त संख्या में लोगों की टेस्टिंग ही नहीं हो पा रही है और जितने लोगों का हो रहा उसका रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है| Indian Council of Medical Research के अनुसार 10 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले बिहार में मात्र एक टेस्टिंग सेंटर आरएमआरआई, पटना में कोरोना वायरस की जांच हो रही है| हालत का अनुमान इस से लगाईये की मरने के बाद पता चल रहा है कि मरने वाले का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव है| बिहार के गया से तो एक ऐसा भी मामला आया कि मरने के बाद उस आदमी का सैंपल लिया गया|

गया में एक संदिग्ध की मौत के बाद जब उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तब डॉक्टर उसका सैंपल लेने पहुंचे। डॉक्टरों ने चिता पर रखे शव से सैंपल लिया। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि मृतक जिन-जिन लोगों के संपर्क में आया था, उन्हें क्वारैंटाइन किया जा रहा है।

गया में एक संदिग्ध की मौत के बाद जब उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा था, तब डॉक्टर उसका सैंपल लेने पहुंचे। डॉक्टरों ने चिता पर रखे शव से सैंपल लिया। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि मृतक जिन-जिन लोगों के संपर्क में आया था, उन्हें क्वारैंटाइन किया जा रहा है।

जिस संदिग्ध की कोरोना से मौत, उसके परिजनाें को ही जबरन सौंप दिया शव

मुंगेर के एक 38 साल के युवक को एम्स में 20 मार्च को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। 21 मार्च की सुबह 9:28 में मौत हो गई। कोराेना की रिपोर्ट रविवार को आई। एम्स के निदेशक डॉ. पीके सिंह ने इसकी पुष्टि की। मरीज की दोनों किडनी भी फेल्योर थी। वहीं, एम्स के आइसोलेशन वार्ड में 19 मार्च से भर्ती दीघा के पोलसन रोड की 45 साल की महिला की भी रविवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके अलावा एनएमसीएच में भर्ती  मरीज की भी प्राथमिक रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, हालांकि आरएमआरआई की ओर से दोबारा मरीज की जांच कराई जा रही है। वह 3 दिन पूर्व एम्स से बिना भर्ती हुए निकल गया था। इधर, मुंबई से आए विशेष ट्रेन के 3990 यात्रियों की दानापुर में स्क्रीनिंग कराई गई। जिनमें 24 संदिग्ध मिले। इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

छात्र भागकर घर चला गया, अब रिपोर्ट पॉजिटव

स्काॅटलैंड से फुलवारीशरीफ आया छात्र एम्स पहुंचा तो उसे आइसोलेशन के लिए कहा गया, लेकिन वह वहां से भागकर घर आ गया। जब इसकी जानकारी प्रशासन को हुई तो उसे घर से पकड़कर एनएमसीएच में भर्ती करा दिया। रविवार को उसकी कोरोना वायरस की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। उसे आइसोलेशन वार्ड से अलग कर दिया गया है। वह 19 मार्च को मुंबई होते पटना एयरपोर्ट पहुंचा था।

इधर, रविवार की शाम उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने की सूचना के बाद उसके गांव और आसपास में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने उसके परिजनों को घर में ही रहने को कहा है।

उसके पड़ोस के लोगों को भी एहतियात बरतने और घर में ही रहने को कहा गया है। वह स्कॉटलैंड में कंप्यूटर साइंस का छात्र है। स्थानीय मुखिया के पति व उसके गांव के लोगों ने कहा कि जिस दिन वह आया, उस दिन भी कई लोगों से मिलते हुए घर गया। फिर जब घर से एम्स के लिए निकला तो भी आठ-दस लोगों से मिलते गया।

बिहार सरकार के लापरवाही रवैया करोड़ों लोगों की जिन्दगी खतरे में डाल रही है| बिहार में स्वास्थ आपातकाल की स्थिति पहली बार नहीं है और न ही सरकार की नाकामी पहली बार दिख रही है। हालांकि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई राज्यों की तर्ज पर बिहार में भी 31 मार्च तक लॉकडाउन करने का फैसला किया है। रविवार को बिहार में भी एक कोरोना पीड़ित की मौत हुई है। इसके अलावा चार केस पॉजीटिव पाए गए हैं। सीएम नीतीश कुमार के आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया है| देश में कोरोना के कुल संक्रमित मामलों बढ़कर 341 तक पहुंच गए हैं। भारतीय रेलवे ने भी 31 मार्च तक सभी यात्री ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है।

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