पटना [जेएनएन]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन) यानी 2018 के नतीजों की घोषणा कर दी गई है। कुल 231024 अभ्‍यर्थी इस परीक्षा में सफल हुए हैं। जनरल कैटोगरी से 111275 अभ्‍यर्थी, ओबीसी से 65313 अभ्‍यर्थी, एससी से 34425 अभ्‍यर्थी, एसटी से 17256 अभ्‍यर्थी व दिव्‍यांग कोटे से 12755 अभ्‍यर्थी उर्तीण हुए हैं। अभयानंद सुपर 30 के रवि कुमार सुमन को एससी कैटगरी में देशभर में 35 स्थान व सत्येश राज को पीडब्ल्यूडी कैटेगरी में देश भर में 30वां स्थान मिला है।

सबसे खास बात यह है कि बिहार के पटना में चलने वाले अभ्यानंद सुपर-30 का दावा सही साबित हुअा है। सुपर 30 के 26 छात्रों ने सफलता प्राप्‍त की है। सुपर 30 पर किसी तरह का सवाल न उठे, इसलिए शनिवार को ही जेईई मेन-2018 में शामिल विद्यार्थियों की सूची संवाददाता सम्मेलन में जारी कर दी गई थी। मेंटर अभ्यानंद और कोऑर्डिनेटर पंकज कुमार ने विद्यार्थियों के नाम, मोबाइल नंबर और पता के साथ-साथ आंसर-की के आधार पर प्राप्त अंकों को भी सार्वजनिक किया। कोऑर्डिनेटरने बताया कि द्वितीय बैच में 29 विद्यार्थी मेन की परीक्षा में शामिल हुए हैं।

आंसर-की के अनुसार 22 बच्चों का अंक 100 से अधिक है। वहीं, 80 से कम अंक प्राप्त करने वालों छात्रों की संख्या केवल तीन है।

सफलता प्राप्‍त करने वाले छात्रों में अरवल जिले के किसान पुत्र प्रेम कुमार, बेगूसराय के आकाश कुमार, रवि कुमार सुमन, हर्षवर्धन, रितिक राज, कृष्ण मुरारी, सिद्धार्थ वारसी, उद्दीप्त शांडिल्य, शांभवी सिन्हा, श्रीनिवास भारद्वाज, एकांश रॉय, मानस कश्यप, नीरज कुमार, सत्येश राज, शुभम आनंद, अंशु कुमार, आयुष कुमार, अंशु राज, चंदन राज, वत्सल राज, राज कुमार, शैलेश कुमार, कुमार सौरभ, शाश्वत, आनंद कुमार पांडेय, हिमांश नंदन शामिल हैं। वहीं, अनिकेत कुमार, अरिजीत कुमार तथा निशांत राज को सफलता नहीं मिली।

इनमें से आठ के अभिभावक किसान, छह के शिक्षक, दो पुलिस जवान तथा शेष कम आय वाले हैं। पिछले साल भी अभ्यानंद सुपर-30 ने जेईई मेन में शामिल विद्यार्थियों की सूची रिजल्ट से पहले जारी की थी। रिजल्‍ट जारी होने के बाद सुपर 30 में उत्‍साह का माहौल है। सभी छात्र जश्‍न मना रहे हैं।

पारदर्शिता के लिए जारी की सूची: अभ्यानंद

पूर्व डीजीपी सह मेंटर अभ्यानंद ने कहा कि पारदर्शिता के लिए छात्रों की सूची पूरे प्रमाण के साथ जारी करना जरूरी है। समाज यदि हमें किसी कार्य के लिए सम्मान दे रहा है तो उसमें धोखाधड़ी नैतिकता नहीं है। जो भी रिजल्ट के बाद सफलता का दावा करते हैं, उन्हें छात्रों की सूची पूर्व में सार्वजनिक कर पारदर्शिता का परिचय देना चाहिए।

Source: Dainik Jagran