Industry in Bihar: 36 सालों से अपनी खोई रौनक वापस पाने की बाट जोह रहा रोहतास का डालमियानगर

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए मार्च 1938 में डालमियानगर के रोहतास उद्योग समूह परिसर का उद्घाटन किया था

Dalmia Nagar Industry in Bihar, Industry in Bihar, Revival of Industry in Bihar, Investment in Bihar

करीब 40 साल तक बिहार के उद्योग जगत का चिराग रहा डालमिया नगर समूह पिछले 36 सालों से अपनी खोई हुई रौनक वापस पाने की बाट जोह रहा है। 2008 में यहाँ एक औद्योगिक परिसर का शिलान्यास भी किया गया लेकिन बात उससे आगे नहीं बढ़ सकी। शक्कर, कागज, वनस्पति तेल, सीमेंट, रसायन और एस्बेसटस उद्योग के लिए विख्यात डालमियानगर समूह ने 40 साल तक इस क्षेत्र में रौनक बनाए रखी थी। लेकिन वर्ष 1984 में डालमियानगर समूह के नाम से मशहूर 240 एकड़ क्षेत्र में फैले रोहतास उद्योग पुंज समूह का चिराग जब बुझा तो बिहार के उद्योग जगत में अंधेरा छा गया।

रोहतास की उम्मीदों को एक नई रोशनी तब मिली जब पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी अपने वार्षिक दौरे के क्रम में डिहरी पहुंचे। और बताया कि यहां रेल वैगन कारखाने की निर्माण की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।

क्या कहते हैं सांसद-विधायक

ललित चंद्र त्रिवेदी जी ने जानकारी दी कि डालमियानगर उद्योग समूह को रेलवे ने अधिग्रहण किया है और अभी पुराने उद्योग के स्क्रेप तथा मलबे को हटाने का काम चल रहा है, जो लगभग खत्म होने पर है। उन्होंने बताया कि सहयोगी संस्था ‘राइट्स’ को यह निर्देश दिया गया है कि वह टेंडर लाने की प्रक्रिया में तेजी लाएं और जल्द से जल्द रेल फैक्ट्री निर्माण काम को शुरू करें। उन्होंने कहा कि इसमें तेजी इसलिए भी लाने की कोशिश जारी है क्योंकि यह स्थानीय लोगों के रोजी-रोटी से जुड़ा हुआ मामला है।

काराकाट के सांसद महाबली सिंह का कहना है कि उनकी सरकार कृतसंकल्प है कि इस कारखाने की जल्द से जल्द शुरुआत की जाए। वहीं डिहरी के भाजपा विधायक सत्यनारायण यादव ने कहा है कि बिहार तथा केंद्र सरकार दोनों के संयुक्त प्रयास से इस पूरे इलाके को एक बड़ी सौगात मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि जल्द ही रेल वैगन कारखाना निर्माण की प्रक्रिया में तेजी आएगी।


यह भी पढ़ें: कोरोना काल में बदहाल हुए डुमरांव के सिंधोरा कारीगर


डालमियानगर उद्योग के शुरू होने से प्रवासियों को फायदा

देशभर से प्रवासी मजदुर घर लौट रहे है। ऐसे में प्रवासी श्रमिकों के सामने एक बहुत बड़े विकल्प के रूप में यह उद्योग समूह नजर आ रहा है। अगर सरकार ने समय रहते इस उद्योग समूह को जागृत कर दिया तो इस इलाके के हजारों श्रमिकों के हाथों को काम मिल सकता है। आज से 36 साल पहले विभिन्न राजनीतिक कारणों से डालमियानगर का उद्योग समूह बंद कर दिया गया था। जिसके बाद हजारों श्रमिक बेरोजगार हो गए थे। स्थिति यह हुई कि इस इलाके से भारी संख्या में लोग पलायन कर गए।

लेकिन अब पूरे देश में जब लोक डाउन लागू हुआ है तथा श्रमिक दूसरे प्रांतों से बिहार लौट रहे हैं, ऐसे में रोहतास के लोगों को उम्मीद है कि यहां बंद पड़ा डालमियानगर का उद्योग समूह शायद शुरू हो जाए और लोगों को यहां से बाहर काम की तलाश में न जाना पड़े।

नेताजी की स्मृति डालमियानगर को सहेज रही है मोदी सरकार

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए मार्च 1938 में डालमियानगर के रोहतास उद्योग समूह परिसर का उद्घाटन किया था। नेताजी सुभाषचद्र बोस की स्मृति को संजोए आज भी डालमियानगर सीमेंट कारखाना का ढांचा खड़ा है। रोहतास उद्योग समूह 1984 में बंद हो परिसमापन में चला गया। लेकिन साल 2014 में मोदी सरकार के लौटने के बाद नेताजी की इस याद को सहेजने का काम शुरु हो गया है।

इस उद्योग परिसर को रेलवे ने क्रय कर लिया हैं। जहां अब रेल बैगन मरम्मत, रेल बैगन निर्माण व कॉप्लर के कारखाना लगाने की प्रक्रिया चल रही है। सितंबर 2018 में यहां लगे सभी कारखाने का लोहा काटकर हटा दिया गया था। यहां के हजारों टन कबाड़ की बिक्री कर दी गई थी। लेकिन अब भी परिसर में कई टन कबाड़ फैला हुआ है। जिसे हटाने का कार्य अब भी चल रहा है। हालांकि ये अपने अंतिम चरण में है। देखा जाये तोह जल्दी ही डालमियानगर में रेलवे की फैक्ट्री शुरु हो जाएगी। जिसके बाद पूरे इलाके का आर्थिक तौर पर कायाकल्प हो जाएगा।


यह भी पढ़ें: क्या बिहार में टेक्नोलॉजी एजुकेशन और आइटी इंडस्ट्री नहीं फल फूल सकता है?


Search Article

Your Emotions