2021 के बाद भी स्वास्थ्य क्षेत्र में बिहार सरकार का समर्थन करेगी बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन

अंतरर्राष्ट्रीय वुमेन डिलीवर कांफ्रेंस के दौरान कनाडा के वैंकूवर सिटी में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) की सह-अध्यक्ष मिलिंडा गेट्स ने स्वास्थ्य प्रणाली सुधारों के लिए सरकार की दीर्घकालिक योजना के आधार पर 2021 के बाद भी स्वास्थ्य क्षेत्र में बिहार सरकार को समर्थन जारी रखने का आश्वासन दिया।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय द्वारा चल रहे समर्थन के विस्तार के लिए किए गए अनुरोध के बाद फाउंडेशन के सह अध्यक्ष ने कहा कि फाउंडेशन 2021 के बाद भी बिहार सरकार को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन राज्य सरकार का दीर्घकालिक स्वास्थ्य योजना तैयार होना चाहिए।

सरकार की योजना के आधार पर यह स्पष्ट हो जाएगा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार की क्या जरूरतें हैं और बीएमजीएफ इसमें समर्थन कहां तक प्रदान कर सकती है। कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से श्री पांडेय ने श्रीमती गेट्स और श्री बिल गेट्स को राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए परिवर्तनों को देखने के लिए बिहार आने का निमंत्रण दिया।

उनके बिहार यात्रा के दौरान सरकार को बीएमजीएफ नेतृत्व के साथ दीर्घकालिक परिवर्तन योजना साझा करने में प्रसन्नता होगी। पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य प्रणाली परिवर्तन एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है और 2030 तक सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस वजह से फाउंडेशन को 2021 के बाद भी या कम से कम 2025 तक तकनीकी समर्थन बिहार सरकार को जारी रखना चाहिए।

सह अध्यक्ष का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि श्रीमती मिलिंडा ने बिहार प्रतिनिधिमंडल को बताया कि राज्य में चल रही परियोजना उनके और श्री गेट्स के दिल के बहुत करीब है। कई प्रतिस्पर्धी प्राथमिकताओं के कारण, वे हाल के दिनों में बिहार का दौरा करने में सक्षम नहीं थे, लेकिन भारत में गेट्स फाउंडेशन टीम के माध्यम से उन्हें प्रगति के बारे में नियमित रूप से अपडेट प्राप्त होता है।

उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को सूचित किया कि हर साल वे बिहार परियोजना में हुई प्रगति की समीक्षा करते हैं। श्री पांडेय ने बिहार में स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार के लिए बीएमजीएफ और उसके सहयोगियों जैसे केयर इंडिया द्वारा प्रदान किए गए समर्थन की सराहना की। मौके पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बीएमजीएफ प्रतिनिधियों के साथ अपनी बात रखी। कहा कि 2017 के लिए हाल ही में जारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (एसआरएस) के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 38 से घटकर 35 हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि नवजात मृत्यु दर आईएमआर का लगभग 75 फीसदी है और राज्य उसी पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा।

मौके पर ग्लोबल विकास डिवीजन बीएमजीएफ के अध्यक्ष डॉ क्रिस एलियास, डिप्टी डायरेक्टर, बिहार प्रोग्राम, इंडिया कंट्री ऑफिस, उषा किरण तारिगोपुला और केयर इंडिया के पार्टी प्रमुख डॉ हेमंत शाह भी बैठक में शामिल हुए।

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