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शरद यादव हुए बागी, जनता दल यूनाईटेड का टूटना लगभग तय

बिहार में महागठबंधन में टूट के बाद अब कई पार्टियों के अंदरखाने की राजनीति अब सतह पर है. यह दो दल हाल में बिहार में बने महागठबंधन में शामिल थे. जदयू और कांग्रेस. दल के अंदर उठे तूफान को सियासी शब्दों के नजरिये से देखें, तो यह शब्द सामने आते हैं. स्टैंड की राजनीति, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, पूर्व का इतिहास, नैतिकता, जनता का हित, सत्ता के लिए सिद्धांत के साथ समझौता, विद्रोह, नाराजगी और निलंबन. सत्ताधारी दल जदयू अब एनडीए के साथ है, लेकिन सियासी हलकों में चल रही चर्चा के मुताबिक, जनता दल यूनाइटेड में से अब ‘यूनाइटेड’ दूर होने लगा है. बिहार की धरती पर, जनता से संवाद के बहाने भ्रमण पर निकले पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बयान बगावती तेवर की अलग कहानी बयां कर रहे हैं. शरद यादव बिहार के तूफानी दौरे पर हैं और यूनाइटेड के सिद्धांत को किनारे रखकर घूम-धूम कर लोगों को बता रहे हैं कि कैसे नीतीश कुमार ने बिहार की 11 करोड़ जनता के विश्वास पर कुठाराघात किया है.

 

तो वही दूसरी तरफ जदयू में पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार के विरोध का झंडा थामे पूर्व अध्‍यक्ष शरद यादव के खिलाफ पार्टी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। बताया जाता है कि शुक्रवार को दिल्‍ली में हुई जदयू की हाई लेवल बैठक में इसपर गहन चर्चा हुई। इसके बाद पार्टी ने शरद को 19 अगस्‍त को हो रही राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपना पक्ष रखने के लिए शरद को तलब किया है। पार्टी ने राज्‍यसभा सांसद अली अनवर को भी जदयू संसदीय दल से निलंबित कर दिया है।

जद (यू) अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बगावती तेवरों पर दो टूक कहा है कि वे अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने साफ किया कि जद (यू) ने जो भी फैसला लिया है पूरी पार्टी से विचार विमर्श करने के बाद ही लिया है। उप राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भाग लेने दिल्ली आए नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ भी मुलाकात की है।

संसद भवन परिसर में नीतीश कुमार ने पत्रकारों से चर्चा में शरद यादव पर कार्रवाई के सवाल पर कोई जबाब नहीं दिया। मगर, शरद यादव के महागठबंधन के साथ रहने व विपक्ष में खड़े रहने के सवाल पर साफ किया कि शरद यादव वरिष्ठ हैं और वे चाहे तो अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन राजग के साथ जाने का फैसला सभी की राय से लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार 19 अगस्त को पटना में होने वाली पार्टी कार्यकारिणी की बैठक से पहले शरद यादव पर कार्रवाई नहीं करेंगे। वे सारी बातों को पार्टी मंच पर रखेंगे और उसके बाद बागी नेताओं पर कार्रवाई की जाएगी।

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