वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक होना ट्रेन के तत्काल टिकट बुक कराने से कम नहीं है मुश्किल
इस रफ्तार से अगर टीकाकरण हुआ तो राज्य को सिर्फ अपने 18+ आबादी को पहला ही डोज देने में तीन साल लग जायेगा.
8 दिनों के देरी के बाद आखिरकार बिहार में 18 से ज्यादा उम्र वालों का टीकाकरण शुरू हुआ। मगर जिस स्तर पर टीकाकरण की उम्मीद थी, उस स्तर पर नहीं हुआ। स्लॉट बुकिंग का ऑप्शन खुलते ही सभी स्लॉट बुक हो गया।
बिहार के 5.5 करोड़ 18+ आबादी को टीका लगाना है। वही इस पुरे महीने के लिए बिहार को मात्र 16.1 लाख डोज एलॉट किया गया है।
सभी व्यक्ति को दो डोज देना है मगर इस रफ्तार से अगर टीकाकरण हुआ तो राज्य को सिर्फ अपने 18+ आबादी को पहला ही डोज देने में तीन साल लग जायेगा।
लोग टीका लगाने के लिए उत्साहित है मगर वैक्सीन के कमी के कारण स्लॉट नहीं बुक कर पा रहे। कल इंस्टाग्राम पर एक व्यक्ति ने स्लॉट फुल होने पर दुःख जताते हुए लिखा कि वैक्सीन का स्लॉट बुक करना मानो ट्रेन का तत्काल टिकट बुक करने जैसा हो गया है।
उधर देश के मुख्य व्यज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने कोविड 19 का तीसरा आंधी आने की भी चेतवानी दे दी है। व्यज्ञानिकों के अनुसार तीसरा वेव बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। इधर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बच्चों को भी टीका लगाने की संभावना तलाशने की बात कही है।
सरकार कोविड के दूसरे वेव को रोकने में नाकाम रही है। तीसरा वेव भी आने को तैयार है मगर सरकार की तैयारी नाकाफी नजर आ रही है। कई देशों ने अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को वैक्सिनेट करके कोरोना के खतरे को कम करके दिखाया है। भारत दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता होने के बाद भी अपने लोगों को टीका लगाने के मामले में पिछड़ गई। हालांकि मोदी सरकार ने इस दौरान वैक्सीन डिप्लोमेसी के नाम पर 93 देशों में 5 करोड़ से भी ज्यादा डोज को निर्यात किया है। इसको लेकर देश का विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावार है।
– अविनाश कुमार