टिड्डियों के हमले को लेकर बिहार में हाई अलर्ट, जानिए किन 10 जिलों में आक्रमण का खतरा

बिहार में कोरोना के बिच टिड्डी दलों का खौफ बढ़ने लगा है। राजस्थान के दौसा जिले में मंगलवार को नियंत्रण अभियान के बाद टिड्डी दलों ने उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे करौली जिले और अन्य क्षेत्र का रुख कर लिया है। मध्य प्रदेश में कई जगह टिड्डी दलों के हमले के बाद उनके महाराष्ट्र के नागपुर और वर्धा जिलों तक पहुंच जाने की सूचना है। इसके चलते उत्तर प्रदेश में मध्य प्रदेश, राजस्थान से लगे 10 जिलों में हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है। टिड्डी दलों के हमले से किसानों को बचाने के लिए सरकार ने कई फैसले लिए हैं।

टिड्डी दल के सम्भावित प्रकोप को देखते हुए उत्तर प्रदेश से सटे बिहार के 10 जिलों कैमूर, रोहतास, बक्सर, भोजपुर, गया, औरंगाबाद, सारण, सीवान, गोपालगंज एवं पश्चिमी चम्पारण में हाई अलर्ट जारी करते हुए आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इन जिलों में मॉक ड्रिल भी करवाई गई है। इन जिलों के लगभग सभी पंचायतों में टिड्डी दल के संभावित आक्रमण से संबंधित चेतावनी एवं आवश्यक समाधान हेतु एडवाईजरी भी जारी कर दी गयी है।  टिड्डी दल को नियंतरण में रखने के लिए हर मंगलवार और गुरुवार को कंट्रोल रूम में बैठक होती है।

कृषि मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने इस सिलसिले में आपात बैठक कर यूपी से सटे राज्य के दस जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। कृषि अधिकारियों को रात में भी सजग रहने को कहा गया है। यहां तक की कीटनाशक दवाओं की दुकानें को रात में भी खोले रखने के निर्देश दिये गए हैं। 

कहा – कहा जारी हुआ है हाई अलर्ट

कृषि मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने कहा कि टिड्डी दल का प्रकोप को देखते हुए उत्तर प्रदेश से सटे बिहार के 10 जिलों कैमूर, रोहतास, बक्सर, भोजपुर, गया, औरंगाबाद, सारण, सीवान, गोपालगंज एवं पश्चिमी चम्पारण में हाई अलर्ट जारी करते हुए आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

क्या -क्या फैसले लिए सरकार ने 

कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य से सटे बिहार के जिलों में लगभग 24 पंचायतों में मौक ड्रील संपन्न भी करा ली गयी है। प्रखंड एवं पंचायत स्तरों पर भी टिड्डी दल से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। चेतावनी एवं सावधानी से संबंधित लीफलेट/पम्पलेट का वितरण संभावित क्षेत्रों के किसानों के बीच कराया जा रहा है। कृषि अधिकारियों को रात में भी सजग रहने को कहा गया है। यहां तक की कीटनाशक दवाओं की दुकानें को रात में भी खोले रखने के निर्देश दिये गए हैं।

डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि टिड्डी दल के प्रकोप की दशा में अग्निशमन विभाग की भूमिका अधिक उपयोगी है, इसके लिए स्टैण्डवाई में अग्निशमन विभाग की गाड़ियां, ट्रैक्टर माउण्टेड स्प्रेयर्स एवं अन्य विभागीय गाड़ियों की व्यवस्था जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर की जा रही है। टिड्डी दल के संभावित आक्रमण को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केन्द्रों के कृषि वैज्ञानिकों एवं भारत सरकार के एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केंद्र के विशेषज्ञों से भी सहयोग लिया जा रहा है।

किसान कैसे करें टिड्डियों से मुकाबला

टिड्डी दल से बचने के लिए किसानो को ट्रेनिंग दी गयी है। पंचायत स्तर पर किसानों को टिड्डी दल के प्रकोप की दशा में एक साथ इकट्ठा होकर ढोल-नगारों, टीन के डिब्बों, थालियों आदि को बजाते हुए शोर मचाने हेतु प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि टिड्डी दल आस-पास के खेतों में आक्रमण नहीं कर पाये। संभावित प्रभावित क्षेत्रों के लिए कृषि रक्षा रसायनों, स्प्रेयर्स एवं ट्रैक्टर्स आदि की व्यवस्था कर ली गयी है। सर्वेक्षण दल का गठन कर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है एवं मौक ड्रील के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के बुधनी और नसरुल्लागंज क्षेत्रों में किसानों ने मंगलवार को टिड्डी दलों को भगाने के लिए थालियां बजाईं। इसके अलावा पेड़ों और फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव भी किया गया है।

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