सिन्हा ने बताया कि दोनों मरीजों की जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी दोनों की ट्रैवल हिस्ट्री थी।  एक स्कॉटलैंड से आया था तो दूसरा गुजरात से बिहार आया था। दोनों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया गया था और अब दोनों की अंतिम जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है और दोनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उसकी दूसरी रिपोर्ट आज नेगेटिव आई है और उसे छुट्टी दे दी गई है।

विदेशों की तरह बिहार में नहीं है कोरोना का असर

बिहार में वायरस का मल्टीपल स्वरूप यहां नहीं दिखा है। यहां के मरीज लगभग एक हफ्ते में ठीक हो जा रहे हैं। यहां कोरोना के अपेक्षाकृत माइल्ड वायरस का प्रकोप हुआ है।

कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे डॉक्टरों की मानें तो अब तक बिहार में कोरोना के गंभीर मरीज सामने नहीं आए हैं। यह बिहार के लिए एक अच्छा संकेत है।

कोरोना के इलाज के लिए विशेष अस्पताल के रूप में चिह्नित एनएमसीएच के कोरोना जांच के नोडल पदाधिकारी डॉ. अजय सिन्हा ने बताया कि स्पेन, इटली, जर्मनी, चीन सहित अन्य देशों से मीडिया के माध्यम से मिल रही जानकारी काफी भयावह और डरावनी है। जबकि हमारे यहां उस प्रकार के मरीज अबतक नहीं मिले हैं। विदेशों से लौटने वाले जो भी मरीज हैं वह युवा हैं। यह भी अबतक की जांच में स्पष्ट हो चुका है कि युवाओं में कोरोना का प्रभाव उतना नहीं है जितना अबतक बताया जा रहा था।