Coronavirus: कोरोना से ठीक होने वालों का राष्ट्रीय औसत 12% है तो बिहार का है 46%

कुल मिलाकर अब तक प्रदेश में 37 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं

12 करोड़ के आवादी वाले बिहार राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली जगजाहिर है मगर राहत की बात है कि कोरोना संक्रमण के मामले में महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु जैसे प्रदेशों की तुलना में बिहार की स्थिति फिलहाल काफी बेहतर नजर आ रही है| देश भर में कोरोना पॉजिटिव के मामले 13,387 पहुँच चुका है और 437 लोगों की इससे मौत हो चुकी है मगर इनमें से बिहार में अबतक सिर्फ 83 पॉजिटिव मामले हैं और मात्र एक व्यक्ति की मौत हुई है| हालांकि एक ही दिन में राज्य में 11 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं|

बिहार के लिए एक और अच्छी खबर है| बिहार में कोरोना से फिर आठ मरीजों ने जंग जीत ली है। इससे पहले 29 मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज हाे चुके हैं। कुल मिलाकर अब तक प्रदेश में 37 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं।

इस तरह प्रदेश में स्वस्थ्य हाेकर लाैटने वालाें का प्रतिशत 46 है।वहीं ठीक हाेने वालाें का राष्ट्रीय औसत 12.5 है। गुरुवार को एनएमसीएच में भर्ती इन आठ मरीजों काे अस्पताल प्रशासन ने घर के लिए रवाना किया है।

छह केंद्रों पर 633 सैंपल की हुई जांच

स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को छह जांच केंद्र मिलाकर कुल 633 सैंपल की जांच की गई। इसमें राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में 400, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में 150, दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 6, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 35, श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 36 और एम्स पटना में 16 सैंपल की जांच हुई। अब तक राज्य में कुल 8834 सैंपल की जांच की जा चुकी है और अब तक 1,72,456 ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग हुई है।

वही बिहार के चार जिलों सीवान, बेगूसराय, नवादा और नालंदा (बिहारशरीफ) में गुरुवार से पल्स पोलियो की तर्ज पर मेडिकल टीम ने घर-घर जा कर कोरोना की जांच (स्क्रीनिंग) शुरू कर दी। यह प्रक्रिया दो चरणों में अगले आठ दिनों में संपन्न करायी जाएगी। बिहार पहला राज्य है, जहां घर-घर जाकर कोरोना संदिग्धों की जांच की जाएगी।

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