बिहार के सिमरिया में हो रहा है कुंभ, लाखों लोग बिहार आ रहें हैं, पर अव्यववस्था फिर है हावी

वैसे तो 4 महाकुम्भों की बात की जाती है पर संत और श्रद्धालु देशभर में 12 जगह महाकुंभ स्नान के लिए लाखों की संख्या में जुटते हैं उसमे से एक सिमरिया भी है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री भी 19 अक्टूबर के शुभारंभ आए थे। पर आयोजन की तैयारी और श्रद्धालुओं के लिए हुए व्यवस्था पर अब सवाल उठ रहे हैं।

अगर कहीं धार्मिक आस्था से लोग जुटते हैं तो क्या सरकार की ये जिम्मेदारी नहीं की वहां शौचालय, टेंट, बिजली, पानी, राशन, सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करे?

सिमरिया में जो लोग वहाँ जुट रहे हैं उन्हें पानी, बिजली, राशन, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं में भी दिक्कत हो रही है, लोग बीमार पड़ रहे हैं। कल को कोई बड़ी अनहोनी होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

वहाँ व्यवस्था में इतनी चूक है कि श्रद्धालुओं को शौचालय, पानी, बिजली, भोजन आदि में भी दिक्कत हो रही है। शाही स्नान में करीब 2 से 3 लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है और उनके लिए सिर्फ 300 चापाकल और 700 शौचालय बनाया गया है। लोग कल्पवास के लिए पहुंचे हैं, करीब महीने भर रुकेंगे पर उनके टेंट्स में बिजली का पॉइंट तक नहीं है और वो डिबिया खरीद के काम चला रहे हैं। गंदा पानी पीके बीमार पड़ रहे हैं।

जिस सिमरिया में पर्यटन केंद्र की असीम सम्भवना है उसके स्टेशन क्षमता इतनी कम है की कभी भी भीड़ बढ़ने से दुर्घटना हो सकती है। ये एक बड़ा मौका हो सकता था पर्यटन के विकास के लिए और इसका भरपूर प्रचार होना चाहिए था। लेकिन आधिकारिक और प्रशासनिक लापरवाही के कारण व्यवस्था अस्त-व्यस्त है। 19 को शुभारम्भ और शाही स्नान है, हजारों लोग जुट चुके हैं पर सरकारी लापरवाही आस्था के इस विषय को कष्टकारी बना रही है।

रिपोर्ट – आदित्य झा

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