राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति के संभावित उम्मीदवारों में भी हो रही है इन बिहारियों की चर्चा

देश को नया उपराष्ट्रपति 5 अगस्त को मिल जाएगा। गुरुवार को चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम को जारी कर दिया। चुनाव के लिए 4 जुलाई को अधिसूचना जारी होगी और नॉमिनेशन 18 जुलाई तक चलेगा। अगर एक से ज्यादा उम्मीदवार चुनाव में खड़े होते हैं तो इसके लिए 5 अगस्त को चुनाव होगा। उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं, जिसमें नॉमिनेटेड सदस्य भी होते हैं। यानी सचिन तेंडुलकर और रेखा भी देश के नए उपराष्ट्रपति के चयन में भागीदार बनेंगे। गौरतलब है कि हामिद अंसारी लगातार दो टर्म से उपराष्ट्रपति हैं।

 

उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा होने के बाद एक बार फिर से सियासी गलियारों में संभावित नामों पर चर्चा शुरू हो चुकी है। राष्ट्रपति उम्मीदवार के उम्मीदवार के तरह उपराष्ट्रपति के संभावित नामों को लेकर एक बार फिर बिहार चर्चा के केन्द्र में है।

 

आंकड़ों के हिसाब से देखा जाये तो तो एनडीए का उपराष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है। उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डालते हैं लिहाजा एनडीए का आंकडा विपक्ष पर भारी पड़ने वाला है।

 

दरअसल, उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है। उसके ऊपर सदन की कार्यवाही चलाने की भी जिम्मेदारी होती है. लिहाजा रणनीति उसी हिसाब से बनाई जा रही है। राज्यसभा के भीतर अभी भी बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की ताकत ज्यादा नहीं है। राज्यसभा के भीतर सरकार अभी भी विपक्ष की तुलना में संख्या बल में काफी पीछे है।

 

बीजेपी को लग रहा है कि किसी भी कीमत पर 2022 के पहले राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत संभव नहीं है। ऐसे में बीजेपी और एनडीए की तरफ से विशेष रणनीति पर विचार किया जा रहा है, जिसमें एक एेसे व्‍यक्ति के चेहरे को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर सामने लाया जाए जो ऊपरी सदन की कार्यवाही को ठीक ढंग से संचालित कर सके। साथ ही विपक्षी दलों को साध भी सके।

 

 

 

मौजूदा हालात में उपराष्ट्रपति पद के दावेदार के तौर पर भी कई नामों पर चर्चा शुरू हो गई है। चर्चा इस बात पर हो रही है कि अब दलित समुदाय से राष्ट्रपति बनाने के बाद सत्ता पक्ष उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी गैर दलित समुदाय के नेता का चुनाव करेगा।

 

सूत्रों के मुताबिक उपराष्ट्रपति पद पर जिन नामों पर फिलहाल चर्चा हो रही है उनमें गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल, मणिपुर की गवर्नर नजमा हेप्तुल्लाह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय मंत्री बकैया नायडू, बिहार के मधुबनी से बीजेपी सांसद हुकुमदेव नारायण यादव और बिहार से राज्‍यसभा सांसद सीपी ठाकुर शामिल हैं।

 

बिहार के मधुबनी से बीजेपी सांसद हुकुमदेव नारायण यादव का नाम भी उपराष्ट्रपति के संभावित उम्‍मीदवारों में से है। संसद में ये अपने बयानों और बोलने के तरीकों के लिए प्रसिद्ध हैं। समय समय पर विपक्ष की खिंचाई भी करते रहते हैं। ऐसे में इनसे उम्‍मीद लगायी जा रही है कि ये राज्‍यसभा की कार्यवाही को सही तरीके से संचालित भी कर सकेंगे और विपक्ष को सही तरीके से साध सकेंगे। इनके बहाने भाजपा बिहार में अतिपिछड़ा वोट को भी साधने की कोशिश करेगी, जिस पर फिलहाल लालू यादव की मजबूत पकड़ है।

 

 

 

साथ ही बिहार से एक और संभावित उम्‍मीदवार है बिहार से राज्‍यसभा सांसद डा. सीपी ठाकुर। इनकों उम्मीदवार बनाये जाने के पीछे यह संभावना जतायी जा रही है कि राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा दलित समुदाय को मौका दिया। अब सवर्ण को उपराष्‍ट्रपति बनाकर इनके वोटों पर अपनी पकड़ मजबूत बनाये रखना चाहती है। साथ ही सीपी ठाकुर की छवी भी स्वच्छ है और काफी योग्य व्यक्ति भी हैं।

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