56 भोग की भारतीय परंपरा की रखवाली कर रहा है बिहार के पटना स्थित यह होटल

आदित्य नारायण जी पेशे से जर्नलिस्ट हैं। महादेव की भक्ति इनकी पहचान है तो खाना-पीना और घूमना इनका जूनून। समय-समय पर ब्लॉगिंग भी करते हैं और अपना लिखा हुआ लोगों तक पहुँचाने के लिए ‘हंग्री राइटर’ नाम का फेसबुक पेज भी चलाते हैं। आदित्य हमारे साथ साझा कर रहे हैं बिहार के पटना में स्थित इस रेस्टुरेंट का अनुभव जहाँ अभी भी भारत के 56 भोग की थाली का आनंद भारतीय तरीके से लिया जा सकता है।
“वाकई जिंदगी का मजा तो स्वाद में है, आप निश्चित ही इससे सहमत होंगे। हमारे देश में खाने-खिलाने की पुरानी परंपरा रही है इसलिए लोग जहां कहीं भी रहते हैं वहां उन्हें इसके बेहतरीन ठिकानों की तलाश रहती है। हर किसी को खाने—पीने का शौक तो होता ही है, थोड़ा कम या ज्यादा। बात अगर डाइट की हो तो कोई अधिक खाना पसंद करता है तो कोई कम, लेकिन अच्छे स्वाद की तलाश तो सभी को रहती है। आज बिहारी थाली का स्वाद चखने की बारी है। बात थाली की इसलिए क्योंकि यह भोजन का मुकम्मल पैकेज होता है। आपको अलग से कुछ और तलाशने की जरूरत महसूस नहीं होती है और आप एक थाली लेकर मन, पेट और स्वाद तीनों को तृप्त कर लेते हैं। थालियों में परोसे जाने वाले व्यंजनों में स्वाद और पोषण दोनों का समुचित संतुलन होता है।
पटना में ऐसे कई रेस्तरां हैं, जो थालियों में भी वेरायटी परोसते हैं, जिसमें प्रमुख है— नार्थ इंडियन थाली, मारवाड़ी थाली, नाॅन वेज थाली और साउथ इंडियन थाली। आपको जिस किसी भी थाली का स्वाद लेना हो बस आर्डर करें और जमकर लुत्फ उठाएं, जी भरकर छकें और स्वादेंद्रीय को तृप्त करें।
खाने को लेकर इतनी बातें इसलिए कर रहा कि दरअसल मैं ‘पाटलिपुत्रा राजधानी’ में गया था। क्लाइंट मीटिंग थी। मेन्यू के बारे में पूछा तो बताया गया यहाँ 56 भोग थाली चलती है। यानि 56 प्रकार के पकवान! ठीक पढ़ा आपने एक-दो नहीं पूरे 56! वहां पहुँचते ही स्वागत ठंडी छाछ और आम पन्ना से किया गया। फिर परोसी गई कटहल कबाब, कॉर्न टिक्की, चिल्ली इडली और लिट्टि-चोखा स्टार्टर्स में। मेन कोर्स के आइटम्स लिख नहीं सकता, क्योंकि लिस्ट बहुत लंबी है। मेन कोर्स को चट करते ही, वेटर मीठी जलेबी, कद्दू खीर, मालपुआ और गर्म गुलाबजामुन सर्व करने को खड़ा था। बस, मजा आ गया! पटना में इस तरह के और रेस्टोरेंट खुलने चाहिए। सबसे खास बात यह है कि आपकी स्वाद कलिकाओं को इन सब चीजों का आनंद 199 रूपये में मिलता है। इसका अर्थ यह हुआ कि आप एक शानदार वातावरण में खाने का अनुभव मात्र 199 रूपए में ले सकते हैं, एक्जीविशन रोड स्थित ‘पाटलिपुत्रा राजधानी’ रेस्तरां में। यहाँ हर दिन के अलग-अलग मेन्यू हैं। इतना ही नहीं, बच्चों को साथ लिए जा रहे हैं तो उनके लिए भी खास थाली का इंतजाम है, सिर्फ 129 में। हैं न लाजवाब?

हालाँकि ये 56 भोग की परंपरा भारत की प्राचीन परंपरा रही है और इस तरह परोसा जाना भी अन्य शहरों के लिए पुरानी बात ही है, पर यदि आप बिहार से हैं और बिहारी थाली का मज़ा आपको ऐसे मिले तो आनंद से जी तो भर आता ही है। तो…आप कब जा रहे है?”

Search Article

Your Emotions