बिहार के इस लाल ने जीता प्रतिष्ठित ‘वीर पुत्र सम्मान’

आज शिक्षा, राजनीति, कला हो या समाज सेवा सभी क्षेत्रों में अपनी मेहनत के बल पर बिहार के लोग अपना पहचान बना रहें है। समाज के प्रति बिहार हमेशा जागरुक रहा है तभी तो बिहार से कई ऐसे सपूत हुए हैं जो लोगों के भलाई के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिये । ऐसा ही बिहार के एक और लाल का नाम है कुन्दन श्रीवास्तव।

 

प्रख्यात समाज सेवी कुन्दन श्रीवास्तव को हाल ही में लखनऊ शहर में एक समारोह में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन के द्वारा प्रतिष्ठित ‘वीर पुत्र सम्मान’ से सम्मानित किया गया । यह पुरस्कार उन्हें   आतंकवाद से वरिष्ठ नागरिक मां की गरिमा और गौरव को बचाने के लिए दिया गया। मौके पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक भी मौजूद थे।

कौन है कुन्दन श्रीवास्तव ?  

“कुन्दन श्रीवास्तव” एक जाना माना चेहरा जिसने मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में अब तक हजारों लोगों की आवाज़ बन के उनको न्याय दिलायी है । कुन्दन, रक्सौल, चंपारण (बिहार) मे जन्मे, तथा पले बढ़े हैं। पेशे से इंजीनियर कुन्दन देश के सबसे युवा समाजसेवियों मे शुमार हैं । इनके साहसिक कार्यों की वजह से इन्हे राष्ट्रपति पुरस्कार, यूनिवर्सल ह्यूमेनिटी, पीठाधीश पुरस्कार, ‪‎iVolunteer Award’ 2014, ग्लोबल डायमोण्ड अवार्ड, समेत कई और सामाजिक क्षेत्र के सम्मान तथा पुरस्कार से नवाजा जा चुका है । वे मात्र 14 साल के उम्र से ही समाज सेवा में लगे हुए है।

 

पढ़े कुन्दन श्रीवास्तव के बारे में विस्तार से और उनसे खास बातचीत

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