एक गाने वाली लड़की जो अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर पाती

एक फिल्म को लेकर बॉलीवुड में बिहार की सरगर्मियाँ फिर तेज़ हैं। पिछले दिनों लैक्मे फैशन शो के बाद अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी अपनी इस फिल्म का ज़िक्र की है। 20 वर्षों से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एक पत्रकार और लेखक की जिम्मेदारी निभाते आ रहे अविनाश दास द्वारा निर्देशित यह फिल्म कुछ खास पहलुओं को लेकर सुर्खियों में है।
फिल्म का शीर्षक ही इन सुर्ख़ियों की शुरुआत करता है- अनारकली ऑफ़ आरा। अविनाश दास जी की इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी, संजय मिश्रा और स्वरा भास्कर जैसे मंझे हुए कलाकारों की जोड़ी देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि यह फिल्म न सिर्फ कहानी, बल्कि अभिनय की दृष्टिकोण से भी उम्दा छाप छोड़ने वाली है।
हाल के सालों में शायद यह पहली फिल्म है जिसकी कहानी में सिर्फ बिहारी टोन नहीं, बिहारी पात्र भी हैं और कहानी बिहार पर ही आधारित भी है। बहुत कम ही देखा गया है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बिहार की कहानी लेकर आये। मगर अब ये प्रयोगधर्मिता कहें या बिहारी कलाकारों की हिम्मत का नतीजा जो इस फिल्म पर भरोसा करने वाले प्रोड्यूसर भी मिले हैं और मीडिया में चर्चाएँ भी।
फिल्म की कहानी बिहार के एक शहर ‘आरा’ में आर्केस्ट्रा में गाने वाली की है। कैसा होता है जीवन इस तरह गाने वाली लड़कियों का, क्या होती है सोच उन्हें लेकर समाज की या उनकी खुद की? क्या दिखाना चाहता है एक निर्देशक इस कहानी में? कहानी की प्रेरणा कहाँ से मिली? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब अविनाश दास जी से पूछे जा रहे हैं। 20 फरवरी से फिल्म के गाने एक-एक कर के रिलीज़ होंगे, जबकि फिल्म 24 मार्च को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी।


फिल्म के ‘आरा’ पर आधारित होने से कयास लगाये जा रहे थे कि क्या फिल्म भोजपुरी में है? जवाब में अविनाश जी कहते हैं, “अनारकली आॅफ आरा खांटी हिंदी फिल्म है। बिहारी ज़बान का फ्लेवर आपको इसमें ओरिजनल ढंग से मिलेगा।”
कहानी को एक लाइन में परिभाषित करते हुए निर्देशक कहते हैं, “एक गाने वाली लड़की की कहानी है, जो अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर पाती।”
फिल्म क्यों देखनी चाहिए के जवाब में निर्देशक का कहना है, “क्योंकि यह स्त्री अस्मिता की कड़ी में आने वाली एक अहम फिल्म है। समाज के तथाकथित फूहड़ पायदान पर दिखने वाली एक स्त्री के स्वाभिमान की कहानी है। इसलिए इसे ज़रूर देखना चाहिए।”
अविनाश जी खुद दरभंगा के रहने वाले हैं, फिल्म के वहाँ से नहीं होने का कारण बताते हुए वे कहते हैं, “क्योंकि दरभंगा मधुबनी में बाईजी के नाच की लोकप्रिय परंपरा नहीं रही है। पुराने मध्य बिहार में पीढ़ियों ने इसका आस्वाद लिया है और ले रही है। आरा से मेरी अच्छी वाक़फियत रही है। मैं यूपी के एक सिंगर से इंस्पायर्ड हुआ था – लेकिन चूंकि यूपी की ज़बान पर मेरी पकड़ नहीं थी – इसलिए मैंने बिहार के इस शहर का चयन किया। यह एक बहुत सही फ़ैसला था”।
फिल्म की प्रेरणा के बारे में वो बताते हैं, “2006 या ’07 में मैंने यूट्यूब पर ताराबानो फ़ैज़ाबादी का एक गाना सुना था – हरे हरे नेबुआ कसम से गोल गोल। इस म्यूज़िक वीडियो में कुछ सेकेंड के लिए ताराबानो का फुटेज़ है। उसमें उनके चेहरे के सपाट भाव ने मुझे एक स्ट्रीट सिंगर की कहानी कहने के लिए प्रेरित किया”।
वहीं एक अन्य सवाल के जवाब में वो कहते हैं, “स्वरा को इसलिए लिया क्योंकि स्वरा के अलावा इस किरदार को कोई और कर ही नहीं सकता था। फिल्म में नब्बे फ़ीसदी से ज़्यादा बिहार के ही कलाकार हैं”।
फिल्म का नाम पहले ‘अनारकली आरावाली’ था। गौरतलब हो कि पटना फिल्म महोत्सव में भी इसी नाम की चर्चा थी, फिर इसके ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ हो जाने का कारण अविनाश जी बताते हैं, “क्योंकि हमें यही नाम प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन से मिला। हां, हम ये लड़ाई वहां जीत गये कि नाम में आरा ज़रूर शामिल रहे। वरना हमें देसी पाॅप और द क्वीन जैसे नाम मिल रहे थे”।
बचपन से सिनेमा का शौक पालने वाले अविनाश दास ने मौका मिलते ही अपने शौक को परवाज़ दिया। इस शौक के बारे में वो बताते हैं, “सिनेमा करने की बात मन में बचपन से थी – लेकिन जीवन की परिस्थितियों के चलते मैं कुछ और कर रहा था। लेकिन जब चार-पांच साल पहले यह अंतिम तौर पर तय किया – तो ज़ाहिर है परिवार से दूर मुंबई आना पड़ा। मेरी पत्नी मुक्ता ने कहा – जा सिमरन, जी ले अपनी ज़िंदगी। सुर और हम दोनों एक दूसरे को बहुत मिस करते रहे। लेकिन अब दो-तीन महीनों में हम साथ साथ रहने जा रहे हैं”।

फिल्म जगत के साथ आमजन की भी इस फिल्म को लेकर उत्सुकता और उम्मीदें हैं। बताया जा रहा है कि आरा जिला का मशहूर डायलॉग “आरा जिला घर बा त कौन बात के डर बा” भी इस फिल्म में इस्तेमाल किया गया है। फिल्म प्रेमी अच्छे डॉयलोग्स, कहानी और कलाकारी देखने के लिए 24 मार्च का बेसब्री से इंतेजार कर रहे हैं, वहीं एक गायिका की जिंदगी की कहानी होने की वजह से संगीत से लगाव रखने वालों को इस फिल्म से अच्छे संगीत की उम्मीदें भी हैं। फिल्म से जुड़ी टीम के सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लगातार इससे जुड़ी ख़बरें और तस्वीरें भी आ रही हैं।

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