अपराधियों पर डंडा भी चलाते हैं तो ‘शाम की पाठशाला’ में गरीब बच्चे-बूढ़े को कलम चलाना भी सिखाते हैं बिहार के ये पुलिसवाले

शैलेश | पुर्णिया : आपने पुलिस वाले के हाथ में डंडे और बंदूक तो बहुत देखें होगें, अपराधियों पर डंडे बरसाते और लोगों पर वर्दी का रौब दिखाने की खबर सुनते या देखते तो जरुर होगें मगर आप पुलिस वाले को  वर्दी में पाठशाला लगा कलम चलाते शायद ही कभी देखा और सुना होगा।

 

बिहार के पूर्णिया में पुलिसकर्मियों ने बच्चों और वयस्कों को शिक्षा देने के लिए एक अनोखा तरीका ढुंढ निकाला है.

“शाम की पाठशाला” शाम को स्कूलों में पुलिसकर्मियों की टीम अपने पुलिस के काम के बिहार के पूर्णिया के इंटीरियर गांवों में बच्चों और वयस्कों के लिए बुनियादी शिक्षा प्रदान करने के लिए खड़ा हो गया है। पुर्णिया एसपी निशांत तिवारी के नेतृत्व में अन्य पुलिसवाले को आप हरदा, बैसी और अन्य गांवों में शाम की पाठशाला में बच्चों और वयस्कों के लिए प्राथमिक शिक्षा देते हुए देख सकते हैं।

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पुर्णिया पुलिस के तरफ से यह बहुत ही सराहनीय काम किया जा रहा है जिसकी चारों तरफ चर्चा है। अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए समाज के बारे में भी कुछ करने की यह सोच पुलिस और आम लोगों के बिच बने एक दिवार को भी तोड़ने का काम करेगी और साथ ही अनोखे प्रयास से दुसरे लोगों को भी समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलेगी ।

इस पर पुर्णिया एसपी निशांत तिवारी कहते है

“मुझे विभिन्न गांवों में शाम की पाठशाला में भाग लेने के लिए जब भी समय मिलता है तो मैं बच्चों और निरक्षर वयस्कों को शिक्षित करने के लिए जरुर जाता हूँ ।”

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