छोटा-पैकेट बड़ा धमाल, 3.6 फीट के बिहारी लिटिल इंजीनियर को मिला 10 लाख का पैकेज

 

असामान्य लोगों का समाज में मज़ाक बनना सामान्य घटना है। कई बार तो ऐसी बातें हौसला ही तोड़ दिया करती हैं। शरीर से असामान्य होने के साथ अगर शख्स गाँव का हो, गरीब हो, तब तो बात ही कुछ और हो जाती है।
लेकिन इस असामान्य बालक ने न सिर्फ अपनी काबिलियत से सबकी तारीफ बटोरी है, बल्कि उन मज़ाक बनाने वालों को तगड़ा जवाब भी दिया है, उनकी सोच भी बदली है।
महज 3 फ़ीट 6 इंच के विकास पोद्दार अब 10 लाख के पैकेज पर काम करेंगे। एनआईटी से इंजीनियरिंग करने वाले ये सबसे कम लम्बाई के शख्स हैं। एनआईटी में 8.2 सीजीपीए के साथ इंजीनियरिंग करने के पश्चात् कैंपस सेलेक्शन में अच्छा प्रदर्शन करते हुए 10 लाख के पैकेज वाला जॉब ले चुके हैं।
अब वह दूरसंचार विभाग के सी-डॉट सेंटर (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स) में रिसर्च एंड डिवेलपमेंट विभाग में काम करेंगे। रविवार को एनआईटी जालंधर के दीक्षांत समारोह में जैसे ही विकास को डिग्री मिली दोस्तों ने ताली बजाकर उन्हें इनकरेज किया। इस अवसर पर विकास ने कहा-आइ एम ए कंप्लीट मैन!

 
बिहार के समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय ग्राम निवासी विकास क्लाउड कंप्यूटिंग में रिसर्च कर रहे हैं। जन्म से ही जेनेटिक समस्या ने लंबाई नहीं बढ़ने दी और विकास ने लंबाई या गरीबी को सफलता के रास्ते का रोड़ा नहीं बनने दिया। विकास के पिता दिनेश पोद्दार बरतन की दुकान चलाते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उन्होंने बताया कि न्यूज पेपर में जब उनकी खबरें छपीं तो एक बिजनेसमैन और बैंकर ने मिलकर उनकी आर्थिक मदद की।

2012 में डॉ. भीमराव अम्बेडकर एनआईटी जालंधर में कंप्यूटर साइंस विषय के लिए दाखिल हुए विकास को 12वें दीक्षांत समारोह में डायरेक्टर डॉक्टर एलके अवस्थी ने डिग्री दी। बता दें इनकी शुरुआती पढ़ाई गाँव से ही हुई है।

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