कुछ काबिल लोग ही बिहार की छवि खराब करने में लगे है: CM नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि बिहार के ही कुछ काबिल लोग राज्य की छवि खराब करने में लगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गुरु गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव के सफल आयोजन के लिए तारीफ तो मिली, लेकिन इसमें केंद्र सरकार से कोई मदद नहीं मिली।मुख्यमंत्री ने ‘लोक संवाद कार्यक्रम’ के बाद बातचीत में कहा कि बिहार के बाहर बिहार के ही कुछ काबिल लोगों ने बिहार की छवि बिगाड़ी है। बाहर के लोग यहां प्रकाशोत्सव में आए और यह मानकर गए कि बिहार की छवि बेहतर है।

प्रकाशोत्सव के मुख्य समारोह में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को मंच पर स्थान नहीं दिए जाने को लेकर नीतीश ने कहा कि कौन कहां बैठेगा, यह फैसला तख्त हरमंदिर साहिब की समिति ने किया था। गुरुद्वारे में कोई कुर्सी पर नहीं बैठता, बल्कि सब जमीन पर ही बैठते हैं।

उन्होंने कहा, “बिहार अब दूसरे रास्ते पर चल पड़ा है, वह विकास का रास्ता है। वैसे लोग अब सुधर जाएं, जो अपने ही राज्य की छवि खराब बताने में लगे रहते हैं। प्रकाश पर्व पर मिली वाहवाही बिहार के ही कुछ लोगों को अच्छी नहीं लग रही है। इस कारण वे मीन-मेख (कमियां) निकाल रहे हैं, यह उनके नजरिये को दर्शाता है।”

लालू प्रसाद को मंच पर जगह न मिलने संबंधी सवाल दोहराए जाने पर नीतीश ने कहा, “गुरु दरबार में पूरी व्यवस्था राज्य सरकार के हिसाब से नहीं थी। तरह-तरह की बात हो रही है। लोग कुछ तो अपने में बदलाव लाएं। जमीन पर लालू जी को हम बैठाए थे क्या? कौन कहां बैठेगा यह फैसला तख्त हरमंदिर साहिब की समिति ने किया था।”

नीतीश कुमार ने कहा कि प्रकाशोत्सव को लेकर केंद्र सरकार द्वारा किसी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं मिली, जबकि उसमें प्रधानमंत्री भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सब कुछ राज्य सरकार ने अपने सामर्थ्य से किया। अधिकारियों ने उत्साह से काम किया, लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, इसलिए कार्यक्रम सफल हुआ।

जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश ने कहा कि 23 जनवरी को वह पहली बार महागठबंधन के कार्यकर्ताओं से बात करेंगे, साथ ही उसी दिन नोटबंदी पर जद (यू) कोर कमेटी की बैठक भी होगी। नीतीश ने 21 जनवरी को आयोजित मानव श्रृंखला में सभी राजनीतिक दलों से शामिल होने की अपील की।

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