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निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना बिहार

पुरे देश में आरक्षण को लेकर बहस तेज है| सरकारी नौकरी के साथ निजी सेक्टर में भी आरक्षण की मांग चल रही है| इसी बहस के बीच बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण एवं चौकाने वाला फैसला लिया है| निजी क्षेत्र में आरक्षण देने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जहां निजी कम्पनियों को आरक्षण के दायरे में ला दिया गया है| यानी बिहार में अब निजी कंपनियों को आरक्षण के नियमों का पालन करना होगा| बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई| इसके अलावा नवनियुक्त 8 हजार महिला पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग के लिए आठ अलग-अलग बीएमपी में ट्रेनिंग सेंटर निर्माण की इजाजत भी दी गई|

हालांकि यह आरक्षण आउटसोर्सिंग के तहत दी जाने या मिलने वाली सेवाओं में ही लागू होगा| सरकारी विभागों और कार्यालय में ड्राइवर, कम्प्यूटर ऑपरेटर, डाटा इंट्री ऑपरेटर, सुरक्षाकर्मी, सफाईकर्मी, आईटी मैनेजर, ऑफिस ब्वॉय, मीडिया एडवाइजर, सॉप्टवेयर इंजीनियर की सेवा आउटसोर्सिंग वाली निजी कंपनियों के जरिए ली जाती है| और सरकार से फैसले के बाद इन सभी सेवाओं में आरक्षण लागू होगा|

एक अनुमान के मुताबिक बिहार सरकार के अलग अलग विभाग में 10 हजार के करीब कर्मचारी आउटसोर्स स्टॉफ के रुप में काम कर रहे हैं|

बिहार सरकार में पिछड़ा और अति पिछड़ा विभाग के मंत्री ब्रिज किशोर बिंद ने कहा कि हमलोग आरक्षण के पक्षधर हैं और आउटसोर्स नौकरियों में आरक्षण लागू करने का फैसला स्वागतयोग्य है| हमलोग चाहते हैं कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण को लागू हो ताकि इस तबके के युवाओं को फायदा हो|

नीतीश सरकार इससे पहले सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 फीसदी सीटें आरक्षित कर  चुकी है| इसके तहत अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 16 प्रतिशत में से महिलाओं को 35 प्रतिशत यानि 5.6 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित एक प्रतिशत में से .35 प्रतिशत, अति पिछडा वर्ग के लिए आरक्षित 18 प्रतिशत में से 6.3 प्रतिशत, पिछडा वर्ग के लिए आरिक्षत 12 प्रतिशत में से 4.2 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के लिए आरिक्षत 50 प्रतिशत में से 17.5 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है|

ये होगा कोटा लागू करने का फाॅर्मूला
अगर किसी विभाग या कार्यालय में आउटसोर्सिंग के जरिए पांच ड्राइवर की सेवा ली जानी है तो निजी कंपनी को सामान्य वर्ग, एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग का एक-एक उम्मीदवार चयन करके उपलब्ध कराना होगा। अगर विभाग को दो ही ड्राइवर की जरूरत होगी तो कंपनी एक सामान्य और एक एससी कर्मी की सेवा देगी। अगर बाद में विभाग को दो अतिरिक्त ड्राइवर की जरूरत हुई को सामान्य और एससी की बजाए एसटी, पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के ड्राइवर की सेवा उपलब्ध कराएगी।

केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल लाये, हम करेंगे समर्थन :  नीतीश कुमार 

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रविन्द्र भवन, पटना में जदयू के महिला प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित राज्यस्तरीय महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने कहा की महिलाओं का और सशक्तीकरण करने की जरूरत है. इसके लिए केंद्र सरकार संसद और विधानमंडलों में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को जल्द लाये, हम उसका समर्थन करेंगे. वह धित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने जदयू के महिला प्रकोष्ठ की सदस्यों को टास्क देते हुए कहा कि शराबबंदी, नशामुक्ति के साथ अब वे घर-घर जागरूकता अभियान चलाएं और लोगों को समझाएं कि बेटा हो या बेटी, किसी प्रकार की बीमारी होने पर उन पर एक समान ध्यान दें और समय पर उनका इलाज कराएं. मुख्यमंत्री ने 15 दिनों में इस अभियान की कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जहां तक बाल विवाह रोकने और दहेज प्रथा बंद करने का सवाल है, तो इसके लिए भी चेतना जगानी होगी. महिलाएं जगी रहेंगी, तभी यह संभव है. बच्चों का टीकाकरण, रजिस्ट्रेशन, आधार कार्ड निर्माण, सरकार की सहायता, जो सीधे खातों में जाती है, उसकी भी जानकारी दें.

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर घटी है, खासकर बच्चों की. नवजात अगर लड़का है और वह वजन से कमजोर है या सांस में तकलीफ है, तो अभिभावक इलाज करवा लेते हैं, लेकिन अगर नवजात लड़की है, तो अभिभावक उसका इलाज नहीं कराते हैं. जदयू इसे जागरूकता अभियान के रूप में चलायेगा और घर-घर जाकर लोगों को इस मानसिकता से निकलने की अपील करेगा. 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी लागू करने से पहले सशक्त अभियान चलाया. इसमें जीविका समेत अन्य ने सशक्त काम किया. 21 जनवरी को मानव शृंखला का विश्व रिकॉर्ड बना. अनुमान दो करोड़ का था, लेकिन चार करोड़ लोग शामिल हुए. इधर, कुछ धंधेबाज हैं, जो शराबबंदी में बाधा डाल रहे हैं. उन्हें बीच-बीच में पुलिस पकड़ भी रही है. इसके लिए लोगों को भी जागृत रहना होगा. साथ ही दूसरे मादक पदार्थों की ओर लोग न जाये, इस पर भी नजर रखनी होगी. 

 

जो महिला शक्ति को नहीं पहचान रहें, यह उनकी गलती

नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू राजनीतिक पार्टी है, लेकिन दूसरों से अलग है. जदयू  सिर्फ चुनाव ही नहीं लड़ता, बल्कि सामाजिक बदलाव के लिए अभियान भी चलाता  है. जदयू ने महिलाओं की शक्तियों को पहचाना है. स्कूली लड़कियों को पोशाक योजना, साइकिल योजना, पंचायत व नगर निकाय चुनाव में महिलाओं को 50% आरक्षण, नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति में 50% आरक्षण, पुलिस की नौकरी में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया जा रहा है# जो लोग महिला शक्ति को नहीं पहचान रहे हैं, यह उनकी गलती है.

 

शिक्षा से प्रदेश में आया अहम बदलाव

मुख्यमंत्री  ने कहा कि 2005-06 में नवजात शिशु मृत्यु दर 61 प्रति हजार थी, जो 2015-16 में घट कर 48 हो गयी है. वहीं, पांच साल तक के बच्चों की मृत्यु दर पहले 84 थी, जो अब 58 हो गयी है. लिंगानुपात में भी  सुधार हुआ है. प्रति 1000 नवजात लड़कों पर 893 लड़कियां होती थीं, जो अब 934  हैं. यह राष्ट्रीय औसत 919 से बेहतर है. प्रजनन दर भी 3.9 थी,  जो अब घट कर 2.2 हो गयी है. यह सब शिक्षा की वजह से ही संभव हो सका है.