बिहार में उत्पादित बिजली से दौड़ती हैं मुंबई की लोकल ट्रेनें

मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश अक्सर यह कहते रहतें हैं कि अगर मुंबई में बिहारी लोग काम करना बंद कर दे तो मुंबई कि रफ्तार थम जायेगी। मगर क्या आपको पता है कि मुंबई की लाईफ-लाईन कही जाने वाली मुंबई लोकल ट्रेन भी बिहार में उत्पादित बिजली पर ही निर्भर है? 

जी हाँ, बिहार के नबीनगर में स्थित भारतीय रेल बिजली कम्पनी लिमिटेड के पॉवर प्लांट से मुंबई की लोकल ट्रेनों के लिए बिजली की आपूर्ति हो रही है। ज्ञात हो कि बिहार के नबीनगर में भारतीय रेल और एनटीपीसी के संयुक्त पॉवर प्लांट भारतीय रेल बिजली कम्पनी लिमिटेड से अगस्त में मुंबई में चलने वाली लोकल ट्रेनों को बिजली की आपूर्ति शुरू की गई। इस प्लांट की 90 प्रतिशत बिजली पर रेलवे का अधिकार होता है और शेष दस प्रतिशत बिहार सरकार खरीदती है। फिलहाल इस पॉवर प्लांट से 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. अगले साल नवंबर महीने तक दो और इकाइयों में जब उत्पादन शुरू होगा तब 500 मेगावाट और बिजली उपलब्ध होगी।

नीतीश कुमार ने इस प्लांट की रखी थी आधारशिला

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस प्लांट की आधारशिला तब रखी थी जब वे रेल मंत्री थे। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. तब बिहार में बाढ़ में एक पावर प्लांट की आधारशिला रखी जा चुकी थी। रेलवे ने अपना पावर प्लांट लगाया ताकि राज्यों से ट्रेनों के परिचालन के लिए बिजली खरीदने के लिए निर्भरता खत्म हो जाए।

 

Source: NDTV

राज ठाकरे पर मुंबई जाकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने साधा निशाना।

बिहार के मुखिया श्री नितीश कुमार ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (म.न.से.) के अध्यक्ष राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने मुंबई में बिहार स्थापना दिवस समारोह का कभी विरोध किया था, वो अब शांत हो गए हैं।

मैथिली समन्वय समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कहा कि बिहारियों ने देश में हर जगह अपने ज्ञान और क्षमताओं से नाम कमाया। नितीश कुमार ने कहा, ‘‘देशभर के लोग बिना बिहारियों के कोई काम नहीं करा सकते। नीतीश ने कहा कि, ‘बिहार के लोग किसी पर निर्भर नहीं हैं और न ही वे किसी पर बोझ हैं।’’ उन्होंने राज ठाकरे का नाम लिए बिना कहा, ‘‘कुछ लोगों ने यहां बिहार स्थापना दिवस का विरोध किया। अब वे शांत पड़ गए हैं।’’

मुख्यमंत्री 2012 में शहर में 100 वें बिहार स्थापना दिवस समारोह मनाने के लिए मुंबई में बिहारियों के खिलाफ ठाकरे द्वारा चलाए गए अभियान का उल्लेख कर रहे थे। नितीश कुमार ने तब कहा था कि उन्हें मुंबई में आने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है। म.न.से. की राजनैतिक ताकत अब काफी घट गई है।

नितीश कुमार ने कहा कि वह अपनी उपलब्धियों का प्रचार करने की आवश्यकता नहीं महसूस करते। उनके राज्य में बदलाव खुद महसूस किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी की नकल नहीं करते। हमारे विकास के काम को देखा जा रहा है।’’ समाज में आखिरी व्यक्ति तक विकास पहुंचे इस बात को सुनिश्चित करने के लिए सभी क्षेत्रों के विकास की आवश्यकता है।’’

“2012 में मुंबई में राज ठाकरे की पार्टी म.न.से. के नेतृत्व में बिहार के लोगों का जबर्दस्त विरोध हुआ था। मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई इलाकों में परीक्षा देने आए बिहार के छात्रों पर हमला किया गया था। यही नहीं मुंबई में काम करने वाले बिहारियों को भी निशाना बनाया गया था।”