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बिहार बोर्ड: मैट्रिक और इंटर के परीक्षा पैटर्न में हुआ बड़ा बदलाव, जानें क्या होगा नया पैटर्न

सीबीएसई की तर्ज पर बिहार बोर्ड के छात्रों को भी ज्यादा अंक मिल सके इसलिए बिहार बोर्ड ने मैट्रिक व इंटर के परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने का फैसला लिया है । अगले साल होनेवाली वार्षिक परीक्षा नए पैटर्न पर होगी। बिहार बोर्ड के प्रश्नों में अब ऑब्जेक्टिव प्रश्न, सेमी ऑब्जेक्टिव प्रश्न ज्यादा होंगे और सब्जेक्टिव प्रश्न कम होंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि छात्रों को ज्यादा से ज्यादा अंक मिले।

 

बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि प्रश्नों के पैटर्न बदलने पर काम चल रहा है। इसे स्टूडेंट फ्रेंडली बनाया जाएगा। प्रश्नों का पैटर्न क्या हो, इसके लिए सीबीएसई, आईसीएसई समेत देश के अन्य राज्य के बोर्डों के प्रश्नों के पैटर्न का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भी प्रश्नों के पैटर्न बदलने का निर्देश दिया गया था, ताकि छात्रों को अंक ज्यादा आएं।

गौतरलब है की इस साल इंटर का रिजल्ट बहुत खराब हुआ था। 65% छात्र फेल हो गए थे। मैट्रिक में भी ग्रेस देने के बाद 50% छात्र ही पास हो सके थे जिसके बाद स्कूलों की व्यवस्था पर कई तरह के सवाल उठाए जाने लगे थे। बिहार बोर्ड में मैट्रिक व इंटर को मिलाकर 30 लाख छात्र शामिल होते हैं।

मॉडल प्रश्न पत्र भी पहले होगा उपलब्ध : मैट्रिक और इंटर के प्रश्नों के प्रारूप में बदलाव के अलावा छात्रों को मॉडल प्रश्न पत्र का कई सेट वेबसाइट पर पहले ही उपलब्ध करा दिया जाएगा। ताकि छात्र पहले से ही बेहतर तरीके से तैयारी कर सकेंगे।

 

मूल्यांकन के लिए परीक्षकों को भी ट्रेनिंग :

प्रश्नपत्र के पैटर्न बदलने के साथ- साथ बिहार बोर्ड परीक्षकों को भी बेहतर तरीके से मूल्यांकन के लिए ट्रेनिंग देगा। स्टेपवाइज मूल्यांकन किया जाएगा। यदि जवाब गलत है पर पहला और दूसरा स्टेप सही है तब भी नंबर मिलेगा। अब शिक्षकों को नंबर काटने की बजाय देने की प्रवृत्ति विकसित करने की ट्रेनिंग दी जाएगी।

 

बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि परीक्षा में अब पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी ही सफल होंगे।कदाचार के सभी रास्ते बंद होंगे। इसके साथ- साथ छात्र अधिक अंकों से उत्तीर्ण हों, इसके लिए मैट्रिक और इंटर के प्रश्नपत्र के पैटर्न में बड़े स्तर पर बदलाव किया जाएगा। बोर्ड की कमेटी इसके लिए सीबीएसई, आइसीएसई, विभिन्न राज्यों के बोर्ड के साथ- साथ विकसित देशों के स्कूली परीक्षा पैटर्न की समीक्षा कर रही है।