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परीच्छा-परिनाम: ऊ टाइम याद है जब रिजल्ट देखने के लिए लोग अखबार का इंतजार करते थे?

बच्चे थे हम. थोड़ा-थोड़ा याद है. तब ना साइबर कैफ़े जईसा कुछ था आ ना हाथे-हाथ मोबाइल. एग्जाम का रिजल्ट जानने के लिए एक दिन रूके पड़ता था. अगला दिन अखबार आएगा आ उसमें आएगा रिजल्ट. मैट्रिक परीच्छा का बड़ा भौकाल था ऊ टाइम. मल्लब यूपीएससियो ओकरा सामने फेल. रिजल्ट वाले भईया/दीदी भोरे से नहा के हनुमान जी के आरती उतार के एक्कदम रेडी. भईया का कहानी अब हमरे मुंह से सुनिए. तैंतीस करोड़ देवी-देवता में शायदे कोनो छूट गए हों, जिनकरा को गोहराया नहीं गया हो. अब बस अख़बार वाला आ जाए. कोनो काम में मन नहीं लग रहा है. नश्ता भी कर रहे हैं ता परांठा-भुजिया निगला नहीं जा रहा है. कान दरबज्जे पर लागल है. ई आ काहे नहीं रहा है! आज अख़बार का ज्यादा डिमांड है ना! दाम बढ़ाकर रस्ते में सब बेच लिया होगा! अरे अइसे-कइसे बेच लेगा! हमलोग परमानेंट वाले हैं, हमको तो देबे करेगा..!

बाबूजी कटनी करा के लौटे हैं. पसीना से माथा चपचपाएल है, चेहरा लाल पड़ गया है. भोरे से भूखे खेत पर लागल है लेकिन उनकरो के ध्यान रिजल्टे पर है. गमछा से माथा पोंछते हुए पूछे “परीच्छा परिणाम का कुछ पता चला? सुने हैं बगल वाला गाँव के पंडीजी का लइका सेकिंड डिबीजन लाया है! बहुत होसियार था पढ़े में! तुम भी पास करो नीमन से. कि हमरे नियन खेती-किसानी करोगे. अइसे ही पूरा जीवन कटनी-रोपनी में नहीं ना बीताना है?”

माई लोटा में पानी लाकर बाबूजी को देते हुए बोलती हैं “अरे काहे लइका को परेसान कर रहे हैं. भोरे से अलगे टेंसन में है ऊ. अपने ता दू अच्छर का गियान नहीं है आपको आ ओकरा का पीछा पड़ल हैं! चलिए आप खाना खाइए. ई अखबारो वाला आज कहाँ मर गया?”

तभी साइकल के घंटी का टनटन सुनाई पड़ा. कलेजा सन्न से रह गया. हन्न से दौड़े दरबज्जा के तरफ. सब का ध्यान उधरे चला गया. बुझा रहा है अब आ गया रिजल्ट.. ओह यार, ई ता कसाईपाड़े वाले सुलेमान चचा हैं. अरे बिटवा, खस्सी कटा है आज. एकदम ताजा गोश्त है. लेंगे तो भिजवा दें. बाबूजी बोले थे आपके पिछले हफ्ते! मने भिनभिना गया एक्कदम! कहाँ नहा धोआ के, चंदन लगाके रिजल्ट के इंतज़ार में बईठे हैं आ कहाँ चचा अपशकुन करने आ गया. ई अलग बात है कि मटन सबसे ज्यादा हमरे पसंद है मगर आज के दिन रिस्क नहीं. देवता नाराज़ नहीं करना.! ना-ना चचा, आज जाइए. आज कुछ नहीं. अगला संडे को दे जाइएगा. जाइए आज.

मुंह लटकाकर अंगना लौट गए. बाबूजी खाना खाकर कुल्ला कर रहे हैं. नहीं आया अखबार वाला? आने दो आज ओकरा खबर लेते हैं! छोटकी बहनिया अचार चाटते हुए टुभुक से बोली ‘भईया आज अखबार वाला नहीं आएगा. हम बोल दिए हैं उसको. पहीले तुम बोलो फस्ट करोगे ता हमको 50 रुपैया दोगे? रच्छोबंधन में तुम पईसा नहीं देते हो! बोलो दोगे तब हम अखबार वाले को जादू से बोलाएंगे!’ ठीक है हमरी अम्मा, 50 नहीं तुमको 100 रुपैय्या देंगे!

एतना बोले ही थे कि दरबज्जा से फिर साइकिल के घंटी का आवाज़ आया “अखबार ले लीजिए..” हम भागे. हबड़-हबड़ अखबार पलटना शुरू किए. करेजा ता रजधानी एक्सप्रेस हो गया. थर्ड डिबीजन से चेक करना शुरू किए. नहीं मिला. सेकिंड डिबीजन में भी रोल नंबर नहीं. आँख पनिया रहा था अब. या ता फस्ट आ नहीं ता फेल. रोल नम्बर 120008.. 120008.. 120008..

आंख का लोर गाल पर ढपढपा गया. हम चिल्लाए “माई फस्ट डिबीजन”.. इससे ज्यादा नहीं बोल पाए.. बहीनिया दौड़ते आयी आ गला पकड़ के लटक गयी. हमारा 100 रुपैय्या, हमारा 100 रुपैय्या. माई तुलसी जी में जल देते हुए सूरुज देवता को देर तक परनाम की. बाबूजी साइकिल का सीट पोंछते हुए बोले “अभी छेनुआ हलवाई के ईहाँ से जिलेबी लेले आते हैं!”

– अमन आकाश

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बिहार बोर्ड का एक और कारनामा, बिहार के 16 लाख छात्रों का भविष्य खतरे में

पहले मैट्रिक परिक्षा में खुलेआम नकल करवाना और उसके ठीक अगले वर्ष टॉपर घोटाला से देश-विदेश में पूरे बिहार को बदनाम करवाने के बाद भी लगता है बिहार बोर्ड को मन नहीं भरा है ।

 

परिक्षा में खुलेआम हुए नकल और टॉपर घोटाले से हुए फजीहत के बाद बोर्ड ने नकल रहित परिक्षा का आयोजन कर मिशाल कायम किया । मगर लगता है बोर्ड सिर्फ परिक्षा का आयोजन करने तक ही गंभीर थी । तभी तो इतना बदनामी कराने के बाद भी बोर्ड ने एक और कारनामा किया है । यह कारनामा सीधे 16 लाख छात्रों के भविष्य से जुड़ा है।

 

दरअसल, कॉपी जांचने के लिए शिक्षकों को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एक मॉडल एंसर शीट दिया था. इस मॉडल एंसर शीट में सभी सवालों के सही जवाब लिखे होने चाहिए थे, जिससे कॉपी जांचने वाले शिक्षक छात्रों की कॉपियों में लिखे उत्तरों के मिलान कर सही नंबर दे सकें. लेकिन इसी बीच ईटीवी/ न्यूज18 हिंदी की टीम को ऐसे कागजात मिले हैं जिससे बेहद ही बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है.

 

खुलासा ये है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के साइंस यानि फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के मॉडल एंसर शीट के 15 फीसदी उत्तर गलत हैं. मतलब ये कि बीएसईबी की नजर में एलपीजी खाना पकाने वाली गैस नहीं है और एड्स का फुल फॉर्म एक्वॉयर्ड इम्यून डिफिसिएंसी सिंड्रोम की जगह एक्वॉयर्ड ऐमीनो डिफिसिएंसी सिंड्रोम है.

 

विज्ञान की कॉपी जांचने वाले शिक्षक विनय आनंद ने कहा कि जो भी एंसर बीएसईबी ने दिया था उसमें सात प्रश्न के उत्तर गलत हैं लिहाजा शिक्षकों से भी गलती हुई होगी और सही रिजल्ट आने की संभावना नहीं है.

 

हर बार बिहार बोर्ड रिजल्ट में गड़बड़ी का ठीकरा बच्चों पर फोड़कर अपना मुंह छुपा लेती है । बोर्ड न तो अपना नाकामी स्वीकार करती है और न ही खुद में सुधार करती है। अगर इस बार भी रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला उठे तो वह आश्चर्य की बात नहीं होगी क्योंकि बिहार को बदनाम करने के लिए बिहार बोर्ड फिर से एक कारनामा कर चुका है।

 

Source: News 18 (ETV)

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बिहार बोर्ड के 10वीं और 12वीं के परीक्षा पैटर्न में होने जा रहें हैं ये बड़े बदलाव..

इस बार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित मैट्रिक व इंटर की परीक्षा के प्रश्नपत्र का पैटर्न बदल जाएगा। प्रश्नपत्र में आब्जेक्टिव प्रश्नपत्रों की संख्या ज्यादा रहेगी। इसको लेकर तैयारी शुरु हो चुकी है। पैटर्न में बदलाव को लेकर नवंबर में होने वाली बैठक में इसे अमली जामा पहना दिया जाएगा।

सिवान जिला शिक्षा पदाधिकारी विश्वनाथ प्रसाद विश्वकर्मा ने बताया कि नया पैटर्न 2016-17 सत्र में हर हाल में लागू हो जाने की संभावना है। ऐसे में अब छात्र छात्राओं को परीक्षा में शत प्रतिशत सफलता प्राप्त करने के लिए अपने विषय पर मजबूत पकड़ बनानी होगी ताकि वे सफल हो सकें।

जिला शिक्षाधिकारियों को दिए गए निर्देश

2017 की मैट्रिक व इण्टरमीडिएट की परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने की बिहार बोर्ड की तैयारी शुरु हो चुकी है। सूत्रों की मानें तो इसको लेकर सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी प्राप्त हो चुके हैं। सूत्रों की मानें तो 100 अंकों के प्रश्नपत्र में 35 नंबर वैकल्पिक विषय रखने की सहमति बन चुकी है। बस बोर्ड की अंतिम मुहर लगनी बाकी है।

पास मार्क क्या होगा इस पर का चल रहा है मंथन

सीवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी विश्वनाथ प्रसाद विश्वकर्मा ने बताया कि नए पैटर्न में पासिंग मार्क्स क्या होगा अभी इसपर कोई चर्चा नहीं हुई है इस पर विद्वानों का मंथन चल रहा है। नए परीक्षा पैटर्न के लागू हो जाने से बिहार बोर्ड के परीक्षार्थियों की अपने विषय पर मजबूत पकड़ रहेगी। इतना ही नहीं सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्टूडेंट की तरह बिहार बोर्ड के छात्र- छात्राओं की अलग पहचान बनेगी और वे प्रतियोगी परीक्षा में बेहतर साबित हो सकेंगे।

Bihar Board Results: शनिवार (28 मई) को इंटर आर्ट का रिजल्ट आ रहा है और मैट्रिक का रिजल्ट दिन…….

पटना: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बिहार बोर्ड मैट्रीक और इंटर आर्ट के बच्चों का रिजल्ट के लिए इंतजार खत्म हो जायगा। 

 

बिहार बोर्ड इंटर आर्ट्स स्ट्रीम का रिजल्ट शनिवार (28 मई) दोपहर 3 बजे जारी कर दिया जाएगा। वहीं, मैट्रिक का रिजल्ट रविवार को दोपहर तीन बजे जारी किया जाएगा।

छात्र अपना रिजल्ट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट biharboard.bih.nic.in और biharboardresult.co.in पर देख सकेंगे। बोर्ड का रिजल्ट खुद राज्य के शिक्षा मंत्री आशोक चौधरी करेंगे। सचिव हरिहर नाथ झा ने ये जानकारी दी है।

इन दोनों रिजल्ट के बाद बिहार बोर्ड के सभी रिजल्ट जारी हो जाएंगे। इसके बाद बोर्ड स्क्रूटनी और कंपार्टमेंटल परीक्षा में जुट जाएगा।

गौरतलब है कि इंटर साइंस और कौमर्स का रिजल्ठ बोर्ड पहले ही जारी कर चुका है।  आर्ट का रिजल्ट पूरी तरह तैयार नहीं होने के कारण इस में विलंब हुआ।

 

इस साल बिहार बोर्ड की परीक्षा पूरी तरह कदाचारमुक्त कराया गया है जिसकी हर तरफ चर्चा है।  इसका असर हाल ही में जारी हुए रिजल्ट में भी दिख रहा है। इस साल इंटर साइंस परीक्षा के रिजल्ट में बीते वर्ष की तुलना में 22.26 फीसद की गिरावट आई तो तो इंटर कॉमर्स की परीक्षा में कुल 80.87 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। यह सफलता पिछली बार की तुलना में 09.68 फीसद कम रही।