Ease of Living Index: राजधानी पटना देश के सबसे पसंदीदा शहरों में हुआ सामिल, नामी शहरों को छोड़ा पीछे

बिहार के राजधानी पटना शहर को लेकर एक सकारात्मक आकड़ा आया है| पटना रहन – सहन के मामले में सबसे अच्छे शहरों में से एक बन गया है| ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (Ease of Living Index) में पटना को पूरे भारत में 33वां स्थान हासिल हुआ और उसे 53.26 अंक मिला है| पिछले बार पटना का रैंक 109वां था|

 यानि कहा जाए कि पूरे देश में पटना उन शहरों में पहुंच गया है जहां जीवन जीने की बेहतर संभावना है और यहां एक व्यक्ति को रहने के लिए सभी साधन मौजूद हैं| ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में पटना अब देश के दूसरे शहरों यानि आगरा, मेरठ, नासिक, फरीदाबाद जैसे शहरों से कहीं आगे हैं|

फोटो साभार: दैनिक भास्कर

केन्द्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Union Ministry of Housing and Urban Affairs) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार बैंगलुरू ने पूरे भारत में पहला स्थान हासिल किया| बैंगलुरू के बाद पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई, सूरत, नबी मुंबई, कोयंबटूर, बड़ौदा जैसे शहरों ने टॉप 10 शहरों में अपनी जगह बनाई|

आर्थिक अवसर मुहैया कराने के मामले में पटना देश में पांचवें नंबर

गुरुवार को जारी हुए ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में आर्थिक अवसर मुहैया कराने के मामले में पटना की रैंकिंग लोगों के धरना के विपरीत है| पटना को बिना अवसर का शहर मानने वाले लोगों को यह जानना चाहिए कि आर्थिक अवसर मुहैया कराने के मामले में पटना का स्थान 5वां है| कोरोना काल में बिहार लौटे लाखों कदमों को देख छवि बनी थी कि रोजगार न होने के कारण लोग बाहर जाते हैं। जबकि आंकड़े बताते हैं कि लोग अपने हुनर का लाभ दूसरों को देने के लिए जाते हैं न कि आर्थिक अवसर के लिए।

आंकड़े बताते हैं कि केवल दिल्ली, बेंगलुरू, हैदराबाद और चेन्नई ही इस श्रेणी में पटना से आगे हैं, बाकी सब पीछे। इससे स्वत: सिद्ध होता है कि बिहार की प्रतिभा का इनसे इतर अन्य राज्यों में पलायन का उद्देश्य मात्र आर्थिक अवसर प्राप्त करना नहीं हो सकता। निश्चित ही इसके पीछे अपने हुनर से अन्य प्रदेशों को परिचित कराने की धारणा है। यह यथार्थ तथ्य भी कल ही इन आंकड़ों के साथ ही प्रकट हुआ। अब हम कह सकते हैं कि हम पूरी तरह से अपने पैरों पर खड़े हैं और आíथक स्वावलंबन के साथ खड़े हैं। हम रोजी-रोजगार मुहैया करा सकते हैं।

पटना

EoL इंडेक्स के 4 पैमाने हैं- क्वालिटी ऑफ लाइफ, इकोनॉमिक एबिलिटी, सस्टेनिबलिटी और सिटीजन परसेप्शन। इस बार पटना की रैंकिंग में क्रांतिकारी बदलाव का कारण देखा जाए तो आर्थिक क्षमता है। कोरोना के बावजूद इसमें हमारी रैंकिंग 14 रही। डोदरा, नवी मुंबई, नासिक, नागपुर, इंदौर, फरीदाबाद, भोपाल, गाजियाबाद, रायपुर, कानपुर, जोधपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, अमृतसर, आगरा, मेरठ, रांची, धनबाद, कोटा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, जबलपुर आदि हमसे पीछे हैं।

अच्छी जिंदगी के अवसर की उपलब्धता एक पैमाना है, जिसमें पटना 42वें नंबर पर रहा है। सस्टेनिबलिटी पैमाने पर पटना का नंबर 42 है| सिटीजन परसेप्शन के पैमाने पर पटना 22 नंबर पर है|

 

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