ऐसे देगी बिहार सरकार गरीब मजदूरों को पैसा, ये रही जानकारी

बिहार के मुख्यमंत्री ने घोषण किया है कि बिहार के मजदूरों को ट्रेन का किराया देने कि जरुरत नहीं

राज्य के बहार फसे देहारी मजदूरों को घर लाने का सिलसिला शुरू हो चुका है| हर रोज लगभग 10 स्पेशल ट्रेने मजदूरों को लेकर बिहार पहुँच रही है| श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिहार आ रहे मजदूरों को ट्रेन का किराया देने पर सियासी बवाल खड़ा हो गया| शुरुवात में मजदूरों से ही ट्रेन का किराया लेने कि बात हो रही थी मगर विपक्ष के आक्रामक हमले के बाद सरकार ने किराया देने का ऐलान कर दिया|

बिहार के मुख्यमंत्री ने घोषण किया है कि बिहार के मजदूरों को ट्रेन का किराया देने कि जरुरत नहीं है| बिहार सरकार मजदूरों का किराया भरेगी| मगर उसके लिए कुछ शर्त है| मिल रही जानकारी के अनुसार मजदूरों को पहले खुद ही किराया देना होगा बाद में 21 दिनों के क्वारंटीन पीरियड के बीत जाने के बादही मजदूरों को किराये कि राशी दी जाएगी|


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ट्रेन के किराये के अवाला भी जब वे क्वारंटीन सेंटर से वापस घर जाएंगे तो उन्हें आने जाने के खर्च के साथ अलग से पांच सौ रुपये भी दिए जाएंगे।

विपक्ष का है दवाब

राजद के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार का विपक्ष नितीश सरकार पर लगातार हमलावर है| तेजस्वी लगातार मजदूरों और छात्रों को बिहार वापस लाने की मांग करते आये हैं| उन्होंने यहाँ तक सरकार को कह दिया था कि अगर सरकार के पास पैसे नहीं है तो हा, देंगे बिहार सरकार को ट्रेन और बसों का किराया|

सोमबार को तेजस्वी ने भी फेसबुक पर लाइव आकर नितीश कुमार को घेरा| तेजस्वी ने कहा कि ट्रेन का किराया 21 दिन बाद देने से क्या फायदा| मजदूरों के पास पैसा नहीं है, वो कैसे पहले ट्रेन का किराया देंगे| सरकार को पहले ही मजदूरों को ट्रेन का किराया दे देना चाहिए|


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क्या है क्वारनटाइन कैंप की व्यवस्था?

ट्रेन से बिहार आने के बाद लोगों का स्वास्थ जाँच करवाया जाता है| उनकी स्क्रीनिंग के बाद उन्हें अपने जिले के क्वारनटाइन कैंप भेज दिया जाता है| प्रधान सचिव के अनुसार अभी-तक 2450 क्वारनटाइन कैंप तैयार कर लिए गए हैं। अभी इन कैंपों में 8968 लोग रह रहे हैं। इनकी क्षमता बढ़ाई जा रही है।

कैम्प में अभी स्टील के वर्तन में खाना दिया जा रहा है| तीन टाइम खाने के साथ लोगों को पीने के लिए दूध भी दे रही है| साबुन, तेल, कपड़े आदि भी उन्हें उपलब्ध कराए गए हैं। कैंपों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं।

 

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