Lockdown: गृह मंत्रालय ने दुसरे राज्य में फसे लोग को घर जाने की इजाज़त, मगर ये हैं शर्ते

कोरोना वायरस के कारण देश में एक महीने से भी ज्यादा से लॉकडाउन जारी है| इसके कारण बहुत सारे लोग अपने घर दे दूर किसी दुसरे राज्यों में फस गए हैं| फसने वाले लोगों में मजदूर, छात्र, पर्यटक समेत कई तरह के लोग हैं| इनमें से बहुत सारे लोगों को खाने और रहने तक की दिक्कत हो गयी है|

इस दौरान सबसे ज्यादा परेशानी की खबर छात्रों और देहारी मजदूरों को लेकर आ रही है| प्रधानमंत्री के देश के मुख्यमंत्रियों से विडियो कांफ्रेंस पर बातचीत के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज एक बड़ी घोषणा किया है|

गृह मंत्रालय ने फंसे हुए लोगों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है| नई गाइडलाइन के तहत फंसे हुए लोग अपने घर जा सकेंगे, मगर उसमें कुछ शर्तें हैं जिनका पालन किया जाना अनिवार्य होगा।

गृह मंत्रालय ने बुधवार को गाइडलाइंस जारी करते हुए राज्‍यों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहां लोगों को वापस बुलाने और उन्‍हें भेजने के लिए नोडल प्राधिकरण और नियम बनाएं| यह नोडल प्राधिकरण अपने राज्‍यों में फंसे लोगों का पंजीकरण भी करेंगी| इसके साथ ही राज्‍य सरकारें उनकी बसों की व्‍यवस्‍था भी कराएंगी|

वहीं एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजे जा रहे लोगों की जांच करना अनिवार्कीय होगा जिसके बाद ही उनको भेजने की अनुमति मिलेगी|अपने राज्य पर पहुंचने पर ऐसे लोगों को स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के देख रेख में क्वारनटीन किया जाएगा| साथ ही इन सभी लोगों को आरोग्य सेतु ऐप के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा|

मगर यह तभी हो पायेगी जब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के इच्छुक लोगों के लिए राज्य आपस में बात करें| ज्ञात हो कि कोटा में फसे बच्चों को घर भेजने को लेकर राजस्थान और बिहार सरकार में मतभेद हो चुके हैं| गृह मंत्रालय के आदेश के बाद नीतीश कुमार को न सिर्फ कोटा में फसे छात्रों के लिए, बल्कि अनेक राज्यों में फसे लाखों बिहारी मजदूरों को भी बिहार लाने की व्यवस्था करनी होगी|

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