बिहार के इस गाँव में एक भी मुस्लिम नहीं, पर मस्जिद में रोज होती है अजान और पांच वक्त की नमाज

जिस समय देश में मस्जिद बनाम मंदिर की कानूनी लड़ाई चल रही है, देश में सांप्रदायिक तनाव चरम पर है और लोगों में दुसरे धर्मो के प्रति नफरत बढ़ रही है| उस समय बिहार का एक गाँव सबके सामने मिसाल कायम कर रहा है| नालंदा जिले के बेन प्रखंड के माड़ी गांव में सिर्फ हिन्दू समुदाय के लोग रहते हैं मगर जिले का यह गांव हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहा है|

यह जानकर किसी को भी आश्चर्य होगा कि इस गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, परंतु यहां स्थित एक मस्जिद में नियमानुसार पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है और अजान होती है| यह सब कुछ हिंदू समुदाय के लोग करते हैं|

गांव वासी बताते हैं कि वर्षों पूर्व यहां मुस्लिम परिवार रहते थे, परंतु धीरे-धीरे उनका पलायन हो गया और इस गांव में उनकी मस्जिद भर रह गई है| लेकिन यहां एक मस्जिद भी है| और यह मस्जिद मुसलमानों की अनुपस्थिति में उपेक्षित नहीं है, बल्कि हिंदू समुदाय इसकी बाकायदा देख-रेख करता है, यहां पांचों वक्त नमाज अदा करने की व्यवस्था करता है. मस्जिद का रख-रखाव, रंगाई-पुताई का जिम्मा भी हिंदुओं ने उठा रखी है|

इस मस्जिद का निर्माण कब और किसने कराया, इसे लेकर कोई स्पष्ट प्रमाण तो नहीं है, परंतु स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने जो उन्हें बताया है, उसके मुताबिक यह करीब 200-250 साल पुरानी है| मस्जिद के सामने एक मजार भी है, जिस पर लोग चादरपोशी करते हैं|

गांव के हंस कुमार कहते हैं, “हम हिंदुओं को अजान तो आती नहीं है, परंतु पेन ड्राईव की मदद से अजान की रस्म अदा की जाती है|” गांव वालों का कहना है कि यह मस्जिद उनकी आस्था से जुड़ी हुई है|

मस्जिद की साफ-सफाई की जिम्मेदारी संभाल रहे गौतम कहते हैं कि किसी शुभ कार्य से पहले हिंदू परिवार के लोग इस मस्जिद में आकर दर्शन करते हैं|

गांव के जानकी पंडित आईएएनएस से कहते हैं, “मस्जिद में नियम के मुताबिक सुबह और शाम सफाई की जाती है, जिसका दायित्च यहीं के लोग निभाते हैं| गांव में कभी भी किसी परिवार के घर अशुभ होता है तब वह परिवार मजार की ओर ही दुआ मांगने पहुंचता है|”

बहरहाल, माड़ी गांव की इस मस्जिद से भले ही मुस्लिमों का नाता-रिश्ता टूट गया हो, परंतु हिंदुओं ने इस मस्जिद को बरकरार रखा है| सांप्रदायिकता को लेकर बिहार हमेशा सतर्क रहा है| हालांकि हाल ही के दिनों में कई सांप्रदायिक शक्ति बिहार का राज्य का शांतिपूर्ण और धर्मनिर्पेक्ष माहौल को बिगाड़ने की नाकाम कोशिश की है, मगर बिहार ने अपनी गंगा-जमुनी तहजीब बरकार रखी है| यह गाँव बिहार की वही चरित्र दिखा रही है|

Source:  आईएएनएस

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