मजदूर दिवस: सो जाते हैं फुटपाथ पे अखबार बिछाकर, मजदूर कभी नींद की गोली नहीं खाते

सो जाते हैं फुटपाथ पे अखबार बिछाकर, मजदूर कभी नींद की गोली नहीं खाते।

मुनव्वर राना की ये शायरी बता देती है कि मजदूर क्या है? मजदूर दिवस उन लोगों का दिन है जिन्होंने अपने खून पसीने से दुनिया को सींचा है। किसी भी देश, समाज, संस्था और उद्योग में मजदूरों, कामगारों और मेहनतकशों की अहम भूमिका होती है।

मजदूरों और कामगारों की मेहनत और लगन की बदौलत ही आज दुनिया भर के देश हर क्षेत्र में विकास कर रहे हैं। मजदूर दिवस हर साल बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

मजदूर दिवस को लेबर डे, मई दिवस श्रमिक दिवस भी कहा जाता है। मजदूर दिवस या मई दिवस हर साल दुनिया भर में 1 मई को मनाया जाता है। इस दिन देश की लगभग सभी कंपनियों में छुट्टी रहती है। सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के करीब 80 देशों में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। भारत में मजदूर दिवस कामकाजी लोगों के सम्मान में मनाया जाता है।

भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले चेन्नई में 1 मई 1923 को हुई थी। उस समय इसको मद्रास दिवस के तौर पर प्रामाणित कर लिया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई, जब अमेरिका में कई मजदूर यूनियन ने काम का समय 8 घंटे से ज्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी।

इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किस ने फेंका किसी का कोई पता नहीं। लेकिन प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोलियां चला दी और कई मजदूर मारे गए। शिकागो शहर में शहीद मजदूरों की याद में पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया।

इसके बाद पेरिस में 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में ऐलान किया गया कि हेमार्केट नरसंघार में मारे गये निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों और श्रमिकों का अवकाश रहेगा। तब से ही भारत समेत दुनिया के करीब 80 देशों में मजदूर दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाने लगा।

भारत में मजदूरों की जंग लड़ने के वाले कई बड़े नेता उभरे। इन सबमें सबसे बड़ा नाम हैं, दत्तात्रेय नारायण सामंत उर्फ डॉक्टर साहेब। डॉक्टर साहेब के नेतृत्व में ग्रेट बॉम्बे टेक्सटाइल स्ट्राइक हुआ, जिसने पूरे मुंबई के कपड़ा उद्योग को हिला कर रख दिया था। जिसके फलस्वरूप बॉम्बे औद्योगिक कानून 1947 का निर्माण हुआ।

इसके अलावा जॉर्ज फर्नांडिस भी बड़े मजदूर नेता थे। जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व देश में व्यापक रूप से रेल हड़ताल हुई। इन्हीं आदोलनों से उभरकर वह राष्ट्रीय राजनीति में आए। उनका नाम आपातकाल के दौरान क्रांति करने वाले बड़े नेताओं में गिना जाता है।

मजदूर दिवस पर मजदूरों के कल्याण के लिए विभिन्न संस्थाओं द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हर ओर लोग हमदर्द बनकर कल्याण की चर्चा में शामिल भी होंगे लेकिन वास्तविक तस्वीर कुछ और ही बयां करता है। ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में मजदूर प्रतिदिन रोजगार की तलाश में शहर आते हैं। चौक चौराहों पर मजदूरों का जमघट लग जाता है। किसी व्यक्ति को आते देख मजदूर उसी तरह उत्सुक हो जाते हैं जैसे कोई भूखा इंसान अपने पास उपलब्ध भोजन को देखकर हो जाता है। लेकिन निराशा तब होती है जब उसे वहां खड़े मजदूरों की जरूरत नहीं होती है मजदूरों को रोजगार तलाशने में काफी मशक्कत करना पड़ रहा है।

आज लेबर डे पे लोग मज़दूरों और श्रमिको के अधिकारों को याद कर रहे है लेकिन इस्लाम ने 1438 साल पहले ही तय कर दिए थे और उनको सिर्फ एक दिन याद करने के लिए नहीं बल्कि ज़िंदग में अमल करने के लिए प्रोत्साहित किया एक बार पैगंबर PBUH अपने साथियों के साथ बैठे हुए थे और सुबह के शुरुआती घंटों में काम करने में एक जवान आदमी व्यस्त था। साथियों ने उसे देखा और टिप्पणी की कि वह कितना फायदेमंद होगा यदि वह अल्लाह की इबादत में अपना वक़्त देता ,आप जब यह सुना, तो पैगंबर PBUH ने उनसे कहा: “ऐसा मत कहो! क्योंकि अगर वह स्वतंत्र और आत्मनिर्भर होने के लिए काम कर रहा है, तो वह अल्लाह के रास्ते में है। यहां तक कि अगर वह अपने परिवार का समर्थन करने के लिए जीवित रहने का प्रयास कर रहे हैं, तो भी यह एक महान कार्य होगा।

– सैय्यद आफिस इमाम काकवी

Syed Asifimam: What about me.i am chilled out ,fun loving character . I am very simple and down to earth. I believe on Almighty Allah and myself. I am very emotional by nature. i guess this is nice way to make friends and stay in touch with them .i love meeting new people . So i got to write things about myself. I'll try n pen down few things about myself so that you can have a bit idea about the kinda person . I am an extremely family oriented, loving, caring, mature, intelligent, confident, adventurous and moderately religious person. Apart from the adjectives stated above, i am beauty with brains and inevitably an interesting person to be with.I like true friends and meet good people,I am a straight forward and a practical person. i am handling one society my society name is Alrabta Educational welfare trust .i am joint secretary and handling this trust 9 years . i am handling one social group facebook kako jehanabad . my page is very active i am founder this page . I enjoy reading, photography, traveling, watching movies, cricket and spending time with my family.Motto in life: Well Achieve What ever ones Along My Way, Don't Fear Hurdles, & Always Keep Smiling.....