बिहार से उठी आवाज: सीता मां के बिना भगवान राम की मूर्ति, नारी शक्ति और मिथिला का अपमान

अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने को लेकर अभी देश में भूचाल मचा हुआ है| भगवान राम का नाम अज कल मंदिरों से ज्यादा सियासी अखारों में लिया जा रहे हैं| जहाँ राम का नाम होता है वहां सीता का नाम जरुर आता है, मगर आश्चर्य की बात है कि इस पुरे मामले से जगत जननी सीता को भगवान राम से अलग कर दिया गया है|

यूपी की योगी सरकार ने अयोध्या में भगवान श्री रामचंद्र की भव्य मूर्ति बनाने का निर्णय लिया है| पिछले शनिवार को मूर्ति का स्वरुप जारी किया गया| मगर इस स्वरुप में भी राम अकेले थे और माता सीता अभी भी वनवास पर थी|

आखिरकार सीता जन्मभूमि मिथिला से यह मुद्दा उठा| बिहार के दरभंगा के सांसद कृति आजाद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या में भगवान राम की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के निर्माण पर सवाल खड़े कर दिए हैं|

आजाद ने कहा है कि माता सीता के बिना भगवान राम की अयोध्या में मूर्ति की स्थापना करना न केवल मां सीता, बल्कि पूरे मिथिला और नारी शक्ति का अपमान है|

बिहार के मिथिला में हुआ था सीता का जन्म

बिहार के सीतामढ़ी जिला में सीता का जन्म हुआ था| रामायण के अनुसार, त्रेतायुग में एक बार मिथिला नगरी में भयानक अकाल पड़ा था। कई सालों तक बारिश न होने से परेशान राजा जनक ने पुराहितों की सलाह पर खुद ही हल चलाने का निर्णय लिया। जब राजा जनक हल चला रहे थे तब धरती से मिट्टी का एक पात्र निकला, जिसमें माता सीता शिशु अवस्था में थीं। इस जगह पर माता सीता ने भूमि में से जन्म लिया था, इसलिए उस जगह का नाम सीतामढ़ी पड़ गया।

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