बिहार के युवक ने अपनी पुस्तक से लोगों के जीने का नजरिया बदला

बच्चपन से ही सबसे अलग सोचने की क़ाबलियत, अलग करने की चाहत और भीड़ से अलग चलने की आदत, एक पेशेवर इंजिनियर को एक साहित्य प्रेमी बना देता है और वह एक उपन्यास की रचना कर लेखक बन जाता है| यह कहानी है ‘कॉरिडोर ऑफ लाइफ’ के लेखक अजय कुमार की|

अजय कुमार एक लेखक के साथ एक ब्लॉगर और एक ब्लॉगिंग वेबसाइट पेप ऑवर के संस्थापक हैं, जो समाज और सम्मान से संबंधित समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करता है। इसके साथ ही अभी तक एक प्रेरक वक्ता के रूप में युवा अधिवेशनों में आज तक 1200 से ज्यादा लोगों को प्रेरित कर चुके है| उनकी किताब ‘कॉरिडोर ऑफ लाइफ’ पढने के बाद बहुत से लोगों की जिन्दगी बदल गयी|

अजय एक एसे परिवार से आते हैं, जहाँ बचपन से ही जॉब लेने के लिए प्रोग्रामिंग होता था| वे भी भुवनेश्वर से इंजीनियरिंग की पढाई कियें| मगर भीड़ से कुछ अलग करने की जिद ने उन्हें लेखक बना दिया| वे मात्र 16 वर्ष की उम्र से ही लिखना शरू कर दिया था|

किस चीज़ पर आधारित है किताब ‘कॉरिडोर ऑफ लाइफ’?

  ये सच है कि जीवन में हम सभी के पास कभी ना कभी एक ऐसी परिस्थिति आती है, जब हमे किसी सहारे की जरुरत पड़ती है और तब ना जाने किस तरीके से लोग हमारे ज़िन्दगी में घर कर जाते हैं या अलग हो जाते हैं

आज के युग में अधिकतर लोग चिंतन में नहीं, चिंता में पड़े हुए हैं| चाहे वो कोई भी हो बस कुछ चीज़ो के कारण जिनका अस्तित्व सिर्फ एक धातु के रूप में है , हर तरफ पैसे की भूख, संबंधों से परेशानी, असफलता का गम और ना जाने क्याक्या?

‘इस पुस्तक के लिखे जाने का एक मुख्य मक़सद ये था कि जो लोग अपनी ज़िन्दगी में एक ऐसा साथी ढूंढ रहें, जो उन्हें जीने की वजह देगा, आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा , एक ऐसा एहसास देगा जिससे सब कुछ होने का एहसास हो, वो ये पुस्तक पढ़ सकते हैं।” – अजय कुमार, लेखक

 इस पुस्तक में लेखक की जीवन की सच्ची घटनाओं का जिक्र है, जो सभी को एक प्रेरणा देती है| युवाओं के लिए असीमित प्रेरणा का मार्ग बनकर ये पुस्तक भारत के हर शहर में अपनी एक यादगार पहचान बना रही है| भारत के साथ विदेशों में भी ये पुस्तक की प्रशंसा की गयी है।

अगर आप भी ज़िन्दगी के कुछ मसलो को हल करना चाहते हैं तो आप इस पुस्तक को जरुर पढ़े और खुद में खोये हुए  इंसान को जाने| शायद अन्य लोगों की तरह, आपकी ज़िन्दगी भी बदल जाये।   

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