बिहार में इन 80 हजार लोगों की चली जाएगी नौकरी, सरकार ने जारी किए आदेश

बिहार में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संविदा पर बहाल 80 हजार कर्मियों की की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है| पिछले 3 दिनों से हड़ताल पर बैठे कर्मी समान काम समान वेतन की मांग कर रहे हैं| लेकिन बिहार सरकार ने इनकी सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया है| स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनों इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिया है|

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन और राज्य स्वास्थ्य समिति के ईडी लोकेश कुमार सिंह ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में बताया कि राज्य में नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत कुल 70 हजार कर्मचारियों की नियुक्ति संविदा पर की गयी है| इनमें करीब नौ हजार कर्मचारी ही हड़ताल पर हैं|
कुछ हड़ताली कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से नियुक्त कर्मियों को काम करने से रोका जा रहा है| ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश सभी जिलों के डीएम को दिया गया है| उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में नियमित एएनएम की संख्या 13400 है, जबकि संविदा पर 6,800 की नियुक्ति की गयी है|
इसी तरह से नियमित जीएनएम की संख्या 5,600 है, जबकि संविदा पर नियुक्त जीएनएम सिर्फ 400 हैं| आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से संजीवनी कार्यक्रम में डाटा ऑपरेटरों को रखा गया है| आशा और ममता को हड़ताल पर जाने की कोई लिखित सूचना नहीं है| आशा और ममता को काम के आधार पर वेतन नहीं, बल्कि इनसेंटिव दिया जाता है|
गौरतलब है कि पिछले 4 दिसंबर से बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था ठप है| राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत बिहार में संविदा पर कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है| इनमें राज्य भर के लगभग 80 हजार कर्मी है जिनमें से 9 हजार कर्मी हड़ताल पर डटे है| शनिवार तक काम पर नहीं लौटने की स्थिति में अब ऐसे लोगों की नौकरी भी जा सकती है|
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