केके पाठक का अधिसूचना जारी होतें ही बालू एवं खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया है

शराबबंदी कानून के प्रभावी होने के बाद से शराब के महकमे से हटाए गए केके पाठक को राज्य सरकार ने फिर महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी है। राज्य में बालू और खनन माफिया पर शिकंजा कसने का काम अब पाठक संभालेंगे। नई सरकार के गठन के महज 48 घंटे बाद सरकार ने प्रशासनिक सेवा में व्यापक उलट-फेर कर दी है। छह जिलों के डीएम समेत 28 अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। उधर, 43 आईपीएस का भी तबादला कर दिया गया है।

वही के के पाठक की अधिसूचना जारी होते ही बालू माफिया के सिंडिकेट में कंपकंपी छूटने लगी है। बिहार के नौकरशाही में सख्त फैसले लेने के लिए मशहूर केके पाठक को खान एवं भूतत्व विभाग में प्रधान सचिव बनाया गया है। सबको पता है कि पाठक इस मिजाज के IAS अधिकारी हैं कि जब वे सफाई ऑपरेशन शुरू करते हैं, तो किसी का नहीं सुनते। बिहार में 2016 में जब शराबबंदी लागू किया गया तो उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का प्रधान सचिव पाठक को ही बनाया गया था। तब वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में भारत सरकार के गृह मंत्रालय से होम कैडर में लौटे थे।

के के पाठक किसी भी ऑपरेशन को तुरंत शुरू करने वाले अधिकारी हैं। तय है कि जब पाठक शुरू होंगे तो बालू माफिया के सभी चेहरे नंगे होंगी।

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