बिहार के आरा जैसे छोटे शहरों को जरूरत है ऐसे होनहार सपूतों की: मातृभूमि को कर रहे मॉडिफाई

बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है, ये बात दुहराना बिल्कुल वैसा ही है जैसे हम रोज़ सुबह किसी बच्चे को बताते हैं कि सूरज पूर्व से निकलता है और पश्चिम में जाकर डूबता है। मतलब अब बिहारी प्रतिभा का लोहा दुनिया मान चुकी है और इससे किसी को गुरेज़ भी नहीं। मगर इस बात की तकलीफ से बिहार की भूमि हमेशा गुजरी है कि बिहारियों ने एक बार नाम कमाकर या कमाने की चाहत में अगर बिहार छोड़ दिया तो फिर वो अपनी मातृभूमि की तरफ नहीं आते।
लेकिन कई बार ये लीक भी टूटता दिखाई देता है। पटना-गया जैसे बड़े शहरों को छोड़ दें तो कला-संस्कृति के लिहाज से बाकी छोटे शहरों में काम करना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में आज की ये स्टोरी वाकई प्रेरणा है उन लोगों के लिए जो अपने शहर के लिए कुछ करना चाहते हैं।
बिहार के भोजपुर जिले के आरा जैसे छोटे शहर से एक लड़का कोरियोग्राफर बनने का सपना पाले निकल पड़ता है। कड़ी मेहनत के बाद कई भोजपुरी फिल्मों में कोरियोग्राफी के बाद बॉलीवुड में रेमो डिसूजा और दीपक सावंत के साथ भी काम करता है और करता ही जाता है। मगर उसके लिए इतना ही काफी नहीं है। उसे अपने शहर को भी कलाकार बनाना है। उसे अपने शहरवासियों को भी ये बताना है कि सफलता के लिए सिर्फ इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की डिग्री नहीं होती, एक क्षेत्र कला का भी होता है, जहाँ दिल के सुकून के साथ काम किया और कमाया भी जा सकता है।

इसी सोच के साथ लगभग 11 साल पहले, करीब 19-20 की उम्र में लड़के ने अपने छोटे भाई के साथ अपने उसी छोटे शहर में नींव रखी एक प्रशिक्षण केंद्र RSDC की। बाद में इसी नाम से लोकल टीवी चैनल भी खोला, ताकि कला का प्रसार किया जा सके। इस प्रशिक्षण केंद्र में बच्चे गाना, डांस, मॉडलिंग, कुकिंग, बॉक्सिंग, स्टंट, पेंटिंग, ब्यूटी पार्लर सहित कंप्यूटर के भी डिप्लोमा कोर्सेस करते हैं। कुल मिलाकर एक छोटे शहर को मॉडिफाई करने की जिम्मेदारी निभा रहा है यह केंद्र और साथ ही बच्चों की पर्सनालिटी डेवलपमेंट में भी सहायक बन रहा है।

महज 19-20 साल की उम्र से अपनी मातृभूमि के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने वाले इन युवकों का नाम है ऋषिकल्प पाठक और विवेक दीप पाठक। दोनों एक संस्कृत विद्यालय के प्रधानाध्यापक और आयुर्वेदाचार्य पिता बृजकिशोर पाठक के बेटे हैं। ये दोनों ही अब अपनी-अपनी प्रतिभा के साथ एक बड़ी टीम बना चुके हैं और विभिन्न कलाओं में पारंगत प्रशिक्षकों के साथ बच्चों को प्रशिक्षित करते हैं। साथ ही एक छोटे शहर आरा में समर कैम्प लगा कर गर्मी की छुट्टियों का सदुपयोग करना भी सिखाते हैं।
ऋषिकल्प पाठक 2009 और 2010 में दो बार राष्ट्रपति भवन से सम्मान ग्रहण कर चुके हैं। करीब एक महीने वहाँ रहकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन भी किया है। देश की पहली महिला राष्ट्रपति ने इनकी प्रस्तुति से खुश होकर इनसे आगे भी उम्दा प्रदर्शन करते रहने की इच्छा प्रकट की थी। राजीव गांधी पुरस्कार और इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित ये शख्स करीब 7 साल की उम्र से डांस सीखना शुरू कर चुके थे। 8वीं में थे तब डुमराँव महाराजा कमल सिंह ने इनके नृत्य से प्रभावित हो कर राजगढ़ डुमराव में महारानी उषारानी विद्यालय के साथ-साथ इनसे ‘महारानी उषारानी नृत्य एवं संगीत विद्यालय’ खुलवाकर बतौर शिक्षक नियुक्त किया। इसके अलावे आजीवन विद्यालय चलाने का वचन दिया खुद महाराज कमलसिंह ने।

फ्री स्टाइल, कॉन्टेम्पररि, ब्रेक, कथक, हिपहॉप सहित हर स्टाइल को अपना बना चुके ऋषिकल्प
पाठक ने कई एलबम्स किये हैं। साथ ही भोजपूरी सिनेमा के सुपरस्टार्स पवन सिंह, रानी चटर्जी, मनोज तिवारी, विनय बिहारी समेत अन्य लोगों के एल्बम एवं फिल्मों में कोरियोग्राफ कर चुके हैं।

बड़े भाई के सानिध्य में कला जगत से रूबरू होते हुए छोटे भाई विवेक दीप पाठक ने स्टेट लेवल पर संगीत के क्षेत्र में कई सम्मान ग्रहण किया। 2011 में बरेली में हुए इंटरनेशनल फेस्टिवल में बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का अवार्ड का खिताब अपने नाम कर बिहार का नाम रौशन किया। पुनः न्यूज़ चैनल जॉइन करने के बाद। विवेकानंद अवार्ड 2017 और श्रवण कुमार अवार्ड 2015 से भी सम्मानित हुए। फिलहाल संगीत प्रशिक्षक के साथ-साथ ऑल इंडिया रिपोर्टर्स असोसिएशन के भोजपुर जिला प्रवक्ता भी हैं। आरा में प्रतिवर्ष श्रीधर शर्मा के निर्देशन में आयोजित होने वाले भव्य नाटक का मंचन भी करते हैं विवेक दीप पाठक।

प्रतिभा का लोहा मनवाने के अलावा बिहार के ये बेटे अपने सामाजिक कार्यों के लिए भी सराहना बटोरते आये हैं। विवेक दीप पाठक शहर के रमना मैदान को बचाने के लिए चलाये जा रहे ‘रमना बचाओ अभियान’ और भोजपुरी भाषा के लिए ‘अश्लीलता मुक्त भोजपुरी असोसिएशन’ के कोर सदस्य हैं। इतना ही नहीं ये 28 की उम्र में 22 बार ब्लड डोनेट कर आरा रेड क्रोस सोसाइटी को भी अपना मुरीद बना चुके हैं।

इनके जैसे बेटों पर ही मातृभूमि को गर्व होता है जो अपनी जिम्मेदारियों से भागते नहीं बल्कि उनके साथ अपने जुनून को जोड़कर आगे बढ़ते हैं। समाज के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन तन्मयता से करते हैं। ऐसे बेटों की कहानियाँ भी कही जानी चाहियें। गौरतलब हो ऋषिकल्प पाठक स्टार प्लस, etv, सोनी, डीडी नेशनल सहित करीब 10 चैनल्स के डांस शोज में भूमिका निभा चुकने के बाद अब वी टीवी चैनल पर आ रहे डांस प्रोग्राम के जज हैं। वहीं विवेक दीप पाठक ‘ज़ी पुरवैया’ के सिंगिंग शो में गायन कर चुकने के बाद साधना प्लस न्यूज़ चैनल के आरा से प्रमुख रिपोर्टर भी हैं।

नेहा नूपुर: पलकों के आसमान में नए रंग भरने की चाहत के साथ शब्दों के ताने-बाने गुनती हूँ, बुनती हूँ। In short, कवि हूँ मैं @जीवन के नूपुर और ब्लॉगर भी।