रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति बनना लगभग तय, नीतीश कुमार की पार्टी ने भी किया समर्थन

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद अब जीत के करीब पहुंच चुके हैं। बीजेपी की राह और आसान हो गई है क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू ने भी राष्ट्रपति के लिए कोविंद को समर्थन दे दिया है। यह फैसला आज नीतीश कुमार के घर पर पार्टी बैठक में लिया गया। आपको बता दें कि राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर विपक्ष की बैठक 22 जून को दिल्ली में होनी है लेकिन नीतीश ने इस बैठक से पहले ही एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दे दिया। हालांकि, इसकी औपचारिक घोषणा देर शाम पार्टी के सीनियर नेताओं की मीटिंग के बाद होगी।

 

नीतीश कुमार ने निष्पक्ष राज्यपाल के रूप में सेवा करने के लिए कोविंद के कार्यकाल के दौरान काफी प्रशंसा की है.रामनाथ कोविंद दलित समुदाय का प्रमुख चेहरा रहे हैं. उन्हें 2015 में बिहार का गवर्नर बनाकर भेजा गया गया. हालांकि जब रामनाथ कोविंद को बिहार भेजा गया था तो उनसे कोई परामर्श नहीं लिया गया था. लेकिन बाद में दोनों के बीच साथ काम करते हुए अच्छा रिश्ता विकसित हो गया था. इसलिए नीतीश के समर्थन की एक वजह यह भी बताई जा रही है. शायद यही वजह थी कि रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा होते ही नीतीश कुमार उनसे मिलने पहुंचे थे.हालांकि सहयोगी आरजेडी ने रामनाथ कोविंद का समर्थन न करने का फैसला किया हुआ है.

 

नीतीश कुमार ने निष्पक्ष राज्यपाल के रूप में सेवा करने के लिए कोविंद के कार्यकाल के दौरान काफी प्रशंसा की है.रामनाथ कोविंद दलित समुदाय का प्रमुख चेहरा रहे हैं. उन्हें 2015 में बिहार का गवर्नर बनाकर भेजा गया गया. हालांकि जब रामनाथ कोविंद को बिहार भेजा गया था तो उनसे कोई परामर्श नहीं लिया गया था. लेकिन बाद में दोनों के बीच साथ काम करते हुए अच्छा रिश्ता विकसित हो गया था. इसलिए नीतीश के समर्थन की एक वजह यह भी बताई जा रही है. शायद यही वजह थी कि रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा होते ही नीतीश कुमार उनसे मिलने पहुंचे थे.हालांकि सहयोगी आरजेडी ने रामनाथ कोविंद का समर्थन न करने का फैसला किया हुआ है.

 

हालांकि यह रोचक है कि विपक्ष की ओर से उम्मीदवार की घोषणा से पहले नीतीश ने समर्थन की घोषणा कर दी. चर्चा थी कि विपक्ष की ओर से मीरा कुमार के रूप में एक बिहारी और दलित नेता को कोविंद के सामने खड़ा किया जा सकता है. ऐसा होता तो नीतीश के लिए मोदी सरकार के उम्मीदवार का विरोध करने का रास्ता खुल सकता था.

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