मिलिए निफ्ट प्रवेश परीक्षा में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बिहार की इस बेटी से

​बिहार मतलब टॉपर और टॉपर मतलब फर्जी। जी नहीं बिहार मतलब ये नहीं होता है। नजरिया बदलिए बिहार बदल रहा है। बिहार के टॉपर की कहानी सिर्फ रुबी रॉय और गणेश तक ही सीमित नहीं है। बिहार ने देश को हर क्षेत्र टॉपर दिया जो देश और दुनिया के तरक्की में अपनी अहम भुमिका निभा रहे हैं। आईये आज आपको मिलाते हैं निफ्ट प्रवेश परिक्षा में अॉल इंडिया कैटोगरी रैंकिंग एक प्राप्त करने वाली बिहार की बेटी मुस्कान से।

मुस्कान बिहार की राजधानी पटना से है, वह दिल्ली पब्लिक स्कूल, पटना से 12वीं की परिक्षा 93% अंक के साथ उत्तीण की है। मुस्कान को निफ्ट प्रवेश परिक्षा में कैटोगरी रैंकिंग में पहला तथा सामान्य रैंकिंग में देश में 11वां स्थान प्राप्त हुआ है। मुस्कान को नेशनल इंस्टीट्यूट अॉफ डिजाइन प्रवेश परिक्षा में देशभर में कैटोगरी रैंकिंग में 5वां स्थान प्राप्त हुआ है।

1. पटना जैसे छोटे शहर से निफ्ट अॉल इंडिया रैंक एक तक का सफर कैसा रहा ?

इस सफर की शुरुआत उस छोटी सी उम्र से ही हो गयी थी जब मैं अपना पहला ड्राईंग बनायी थी। कला और डिजाइन हमेशा मेरा जुनून था, हमेशा कुछ सिखते रहने में मैं विश्वास करती हूँ और समाज में बदलाव के लिए हमेशा कार्य करूंगी।

2.आजकल अभिभावकों में एक ट्रेंड चल गया है, उन्हें अपने बच्चों का सुनहरा भविष्य मेडिकल या इंजीनियरिंग सेक्टर में ही दिखता है। ऐसे आप अपने अभिभावक को कैसे समझा पाई की आप डिज़ाइन में एक बेहतर कैरियर बना सकती हैं ? 

उन्होंने हमेशा मुझे समर्थन दिया है, वे हमेशा शक्ति स्तंभ जैसे मेरे पीछे खड़े रहे। वे हमेशा यही चाहते थे की मुझे वही करना चाहिए जो मुझे पसंद है। उन्होंने मुझे कभी भी मजबूर नहीं किया वे हमेशा मेरी प्रतिभा में विश्वास करते थे। और वो हमेशा यही चाहते थे कि पहले मैं एक अच्छा इंसान बनूँ।

3.आप अपने इस सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगी ?

मैं अपने मम्मी-पापा, दोस्तों और शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहुंगी। आज मैं जो भी उन्हीं के बदौलत हूँ। मुख्यरुप से मैं संजय सिंह को धन्यवाद देना चाहुंगी, शायद उनके बिना ये संभव नहीं था। मुझे और रचनात्मक बनाने वाले संस्थान पहल का धन्यवाद देती हूँ। किसी चीज को सिखना तब मुश्किल नहीं लगता है जब आपके पास एक माहौल है जो पहल के रूप में मुझे मिला।

4.भविष्य में आप क्या करना चाहती हैं ?

मैं बदलाव को नया रुपरेखा देना चाहती हूँ। मैं एक प्रोडक्ट डिजाइनर बनना चाहती हूँ।

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