कोई लिट्टी-चोखा का दीवाना तो कोई गोलघर देखना चाहता है

इंटरनेट पर सर्च कर महिला सिख श्रद्धालु पटना के मूड को जान रहीं हैं। विदेशी श्रद्धालु सबसे अधिक सर्च मुख्य खान-पान को लेकर कर रही हैं। बिहार का फेवरेट लिंट्टी-चोखा सभी को पसंद आ रहा है। वही कुछ महिलाएं गोलघर पर चढ़ना चाहती हैं। पंजाब और अमृतसर की महिलाएं लंगर में सेवा दे रही स्थानीय महिलाओं का मोबाइल नंबर ले रहीं हैं, साथ ही साथ स्वर्ण मंदिर घूमने का न्योता भी दे रहीं हैं।

केन्या से आई जस्सी कहती हैं कि- मैं कीनिया से आई हूं, साथ में पूरी फैमिली है। यहां की व्यवस्था और आयोजन को देखकर मन खुश हो गया। यहां के लिंट्टी-चोखे खाकर ही लौटूंगी।

दक्षिण अफ्रिका से आईं गगन कहती हैं कि- पहली बार बिहार आई हूं। प्रकाशोत्सव की तैयारी व पटना के बारे में नेट से जानकारी लेती रही हूं। दिल को भा गया है पटना। गुरुपर्व की तैयारी सराहनीय है।

अमृतसर की जसबीर कहती हैं कि- पटना की घुघनी मुड़ही का बहुत नाम सुना है। खाकर ही जाउंगी। इसके अलावा सिटी गुरुद्वारा के साथ टेंट सिटी बहुत आकर्षक है।

अमृतसर से आईं राजदीप कहती हैं कि- मुझे तो पटना में पंजाब की खुशबू आ रही है। मैं पहली बार यहां आई हूं। लोगों से सुना था, लेकिन देखने में यह ज्यादा सुंदर है। यहां की सड़कें बहुत अच्छी हैं।

हरियाणा से आईं देविन्द्र जुहार कह रही हैं कि- मैं चाहती हूं कि पटना से मेरा राबता बना रहे। लोगों के साथ बहुत अच्छी पटरी बैठ रही है। मैंने तो कितने ही मित्र बना लिए हैं और उनका मोबाइल नंबर भी ले लिया है।

लुधियाना से आईं बलविन्दर कौर कहती हैं कि- हमारे लिए इतनी अच्छी व्यवस्था करवाने के लिए सरकार और यहां के लोगों को बहुत-बहुत का धन्यवाद। यहां बार-बार आना चाहूंगी।

अमृतसर से आईं कलविंदर कहती है कि- मैंने सुन रखा था कि यहां की सफाई अच्छी नहीं है लेकिन यहां आकर मन खुश हो गया। लोग मददगार हैं।

अमृतसर से आईं परमजीत कहती हैं कि- मुझे यहां की बोली बहुत अच्छी लग रही है। लोगों का आवभगत देखकर गदगद हूं। यहां के लोग मिलनसार हैं। आगे भी आती रहूंगी। यह आयोजन दिल में आजीवन बसा रहेगा।

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