नीतीश के शराबबंदी को सुप्रीम कोर्ट का समर्थन, देशभर में शराबबंदी का आदेश!!

आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है, जिसके तहत सभी राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे करीब पांच सौ मीटर दूर तक शराब की दुकानों को बंद रहेंगे।

गुरुवार को चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बेंच ने यह फैसला दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सभी राज्यों में नेशनल हाइवे पर या उसके आसपास पड़ने वाली शरीब की दुकानों के लिए लाइसेंस खत्म कर दिए जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद करवाने के लिए अगले साल एक अप्रैल तक की समयसीमा तय की गई है। इन शराब की दुकानों के लाइसेंस का एक अप्रैल के बाद रिन्युअल नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार में जदयू और राजद के नेताओं के बीच खुशी की लहर है। खासकर जदयू के नेताओं को इस फैसले से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति को अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है इससे बहुत बल मिला है। उनका कहना है कि अब नीतीश कुमार की मुहिम पूरे देश में क्रांति लाएगी।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कोर्ट के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि पार्टी ने शराबबंदी का फैसला किया और तमाम आलोचनाओं के बावजूद आज भी अडिग है। बिहार में गुजरात की तरह का माहौल नहीं है कि शराबबंदी का कानून बनाने के बाद भी राज्य में शराब की बिक्री हो रही है।
त्यागी ने कहा कि कोर्ट ने भी माना है कि शराबबंदी होनी चाहिए, नीतीश कुमार की मुहिम रंग ला रही है और हम इस फैसले से बहुत ही खुश हैं। बिहार सरकार की शराबबंदी की नीतियों पर कोर्ट ने मुहर लगाई है। हमारे फैसले को संवैधानिक स्वीकृति मिली है।

जदयू के नेता संजय सिंह ने कहा कि बिहार सरकार की नीतियों पर अब पूरे देश को चलना होगा। अब केंद्र सरकार को भी शराबबंदी पूरे देश में लागू करने के लिए सोचना होगा। हमारे मुख्यमंत्री जो मुहिम चला रहे हैं और शराबबंदी को पूरे देश में लागू करने की बात कर रहे हैं। आज सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे कानूनी समर्थन प्रदान किया है। इसके अलावा, राजद नेता आलोक मेहता ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अहम है।

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