बिहार के बक्सर जिले में भगवान श्री राम ने खाया था लिट्टी-चोखा …

शैलेश कुमार || लिट्टी चोखा बिहार के लोगों को बहुत ही पसंद है, या यूं कहें पहली पसंद है। जैसे ही ठंड का मौसम आता है बिहार में सब के घर में लिट्टी चोखा बनना शुरू हो जाता है। लेकिन बिहार का एक ऐसा जिला है जहां हर घर में एक दिन लिट्टी चोखा ही बनता है।

जी हां, हम बात कर रहे हैं बक्सर जिले की, जहां इसके पीछे एक पौराणिक मान्यता भी है। बक्सर ही नहीं आस-पास के जिलों में भी लोग हिन्दी माह के अगहन
के कृष्ण पक्ष को लिट्टी-चोखा प्रसाद के रुप में ग्रहण करते हैं। लोग इस दिन को
पंचकोश के रूप में भी जानते हैं।
आपको बताते चलें कि इससे पहले बक्सर में
पांच दिनों का मेला लगता है और मेला जिस दिन समाप्त होता है उस दिन को
वहां के लोग पंचकोश के नाम से जानते है।
फिर वहां के लोग लिट्टी-चोखा खाते हैं।
इसे सनातन धर्म की आभा कहें या जिला वासियों का संस्कृति से लगाव।

कहा जाता है कि हिन्दी माह के अगहन के कृष्ण पक्ष को भगवान श्रीराम और लक्ष्मण जब सिद्धाश्रम पहुंचे तो इस क्षेत्र में रहने वाले पांच ऋषियों के आश्रम पर आर्शीवाद
लेने आए थे। वहीं विश्वामित्र मुनी ने
उनको लिट्टी-चोखा खाने के लिए दिया
था और भगवान राम ने इसे बड़े ही प्यार
से खाया था। माना जाता है कि तभी से यह परंपरा चली आ रही है।

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